पंजाब की लोहा इंडस्ट्री 5 दिन रहेगी बंद:प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आदेशों खिलाफ हड़ताल, पीएनजी पर इंडस्ट्री चलाने का विरोध

पंजाब की लोहा इंडस्ट्री 5 दिन रहेगी बंद:प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आदेशों खिलाफ हड़ताल, पीएनजी पर इंडस्ट्री चलाने का विरोध

फतेहगढ़ साहिब की मंडी गोबिंदगढ़ की लोहा इंडस्ट्री को एशिया की सबसे बड़ी इंडस्ट्री माना जाता है। यह इंडस्ट्री 11 से लेकर 15 दिसंबर तक बंद रहेगी। उद्योगपतियों ने अपनी यूनियन के बैनर तले 5 दिनों की हड़ताल की है। यह हड़ताल पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आदेशों खिलाफ की और इन आदेशों को नादरशाही फरमान बताया जा रहा है। इंडस्ट्री को पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) पर चलाने को लेकर एनजीटी में 17 दिसंबर की तारीख से ठीक पहले यह हड़ताल कर दी गई है। फरमान थोप रहा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड लोहानगरी के उद्योगपति जगमोहन डाटा ने कहा कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड उनके ऊपर फरमान थोप रहा है। कुछ समय पहले पंजाब में इंडस्ट्री को कोयले की बजाय पीएनजी पर चलाने का आदेश जारी हुआ तो मंडी गोबिंदगढ़ में हर यूनिट में 1 से डेढ़ करोड़ रुपए खर्च करके पीएनजी पर इसे शिफ्ट किया गया। लेकिन पीएनजी पर चलाने के बावजूद इलाके का एयर क्वालिटी इंडेक्स ज्यादा आने लगा। इसके बाद उनकी मांग पर सरकार ने उन्हें 1 साल का समय और दिया। इस दौरान कोयले पर इंडस्ट्री चलाने के बावजूद एयर क्वालिटी इंडेक्स ठीक आ रहा है। इंडस्ट्री से उतना प्रदूषण नहीं है जितना कि अन्य तरीकों से हो रहा है। उन तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा। कंपनी मनमानी से रेट तय कर रही जगमोहन डाटा ने कहा कि जिस समय पीएनजी यूनिट लगाई गई, तभी से एक ही कंपनी को इसका ठेका दे रखा है। यह कंपनी गैस के मनमाने रेट तय कर रही है। पहले 22 रुपए से शुरूआत की गई। आज 56 रुपए प्रति एससीएम रेट हो गया है। कोयले पर इंडस्ट्री कम बजट में चल रही है और प्रदूषण भी कम हो रहा है। इसके बावजूद उन पर जबरदस्ती फैसला थोपकर पीएनजी पर इंडस्ट्री चलवाना ठीक नहीं है। इसके विरोध में हड़ताल की गई है। जगमोहन ने कहा कि जब लोहा इंडस्ट्री को पीएनजी पर चलाने की बात हुई थी तो उन्होंने शुरू से मांग रखी थी कि गैस कीमतों को कंट्रोल करने के लिए रेगुलेटरी बनाई जाए। लेकिन गैस कीमतों पर कोई कंट्रोल नहीं है। कंपनी मनमानी से रेट बढ़ा रही है। अब 56 रुपए रेट हो गया है। जब तक गैस की कीमतों पर कोई कंट्रोल नहीं किया जाता तब तक इंडस्ट्री सरवाइव नहीं कर सकती। 250 मिलें रहेंगी बंद न्ना और इससे सटे मंडी गोबिंदगढ़ में ढाई सौ के करीब मिलें हैं। इस हड़ताल के चलते सभी मिलें बंद रहेंगी। वहीं आसपास के इलाके के हजारों लोगों का रोजगार इस इंडस्ट्री से जुड़ा है। सीधे तौर पर 15 हजार के करीब लोगों का काम 5 दिन ठप रहेगा। वहीं असीधे तौर पर देखें तो 5 से 8 हजार लोगों के काम पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। एक मिल में काम करने वाले मनिंदर सिंह ने कहा कि काम बंद होने से उन पर असर पड़ेगा। 5 दिन की सेलरी नहीं मिलेगी। जो रोज की रोज कमाकर खाने वाले हैं, उनके लिए परिवारों का गुजारा बहुत मुश्किल होगा। सरकार को इसका हल निकालना चाहिए। फतेहगढ़ साहिब की मंडी गोबिंदगढ़ की लोहा इंडस्ट्री को एशिया की सबसे बड़ी इंडस्ट्री माना जाता है। यह इंडस्ट्री 11 से लेकर 15 दिसंबर तक बंद रहेगी। उद्योगपतियों ने अपनी यूनियन के बैनर तले 5 दिनों की हड़ताल की है। यह हड़ताल पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आदेशों खिलाफ की और इन आदेशों को नादरशाही फरमान बताया जा रहा है। इंडस्ट्री को पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) पर चलाने को लेकर एनजीटी में 17 दिसंबर की तारीख से ठीक पहले यह हड़ताल कर दी गई है। फरमान थोप रहा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड लोहानगरी के उद्योगपति जगमोहन डाटा ने कहा कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड उनके ऊपर फरमान थोप रहा है। कुछ समय पहले पंजाब में इंडस्ट्री को कोयले की बजाय पीएनजी पर चलाने का आदेश जारी हुआ तो मंडी गोबिंदगढ़ में हर यूनिट में 1 से डेढ़ करोड़ रुपए खर्च करके पीएनजी पर इसे शिफ्ट किया गया। लेकिन पीएनजी पर चलाने के बावजूद इलाके का एयर क्वालिटी इंडेक्स ज्यादा आने लगा। इसके बाद उनकी मांग पर सरकार ने उन्हें 1 साल का समय और दिया। इस दौरान कोयले पर इंडस्ट्री चलाने के बावजूद एयर क्वालिटी इंडेक्स ठीक आ रहा है। इंडस्ट्री से उतना प्रदूषण नहीं है जितना कि अन्य तरीकों से हो रहा है। उन तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा। कंपनी मनमानी से रेट तय कर रही जगमोहन डाटा ने कहा कि जिस समय पीएनजी यूनिट लगाई गई, तभी से एक ही कंपनी को इसका ठेका दे रखा है। यह कंपनी गैस के मनमाने रेट तय कर रही है। पहले 22 रुपए से शुरूआत की गई। आज 56 रुपए प्रति एससीएम रेट हो गया है। कोयले पर इंडस्ट्री कम बजट में चल रही है और प्रदूषण भी कम हो रहा है। इसके बावजूद उन पर जबरदस्ती फैसला थोपकर पीएनजी पर इंडस्ट्री चलवाना ठीक नहीं है। इसके विरोध में हड़ताल की गई है। जगमोहन ने कहा कि जब लोहा इंडस्ट्री को पीएनजी पर चलाने की बात हुई थी तो उन्होंने शुरू से मांग रखी थी कि गैस कीमतों को कंट्रोल करने के लिए रेगुलेटरी बनाई जाए। लेकिन गैस कीमतों पर कोई कंट्रोल नहीं है। कंपनी मनमानी से रेट बढ़ा रही है। अब 56 रुपए रेट हो गया है। जब तक गैस की कीमतों पर कोई कंट्रोल नहीं किया जाता तब तक इंडस्ट्री सरवाइव नहीं कर सकती। 250 मिलें रहेंगी बंद न्ना और इससे सटे मंडी गोबिंदगढ़ में ढाई सौ के करीब मिलें हैं। इस हड़ताल के चलते सभी मिलें बंद रहेंगी। वहीं आसपास के इलाके के हजारों लोगों का रोजगार इस इंडस्ट्री से जुड़ा है। सीधे तौर पर 15 हजार के करीब लोगों का काम 5 दिन ठप रहेगा। वहीं असीधे तौर पर देखें तो 5 से 8 हजार लोगों के काम पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। एक मिल में काम करने वाले मनिंदर सिंह ने कहा कि काम बंद होने से उन पर असर पड़ेगा। 5 दिन की सेलरी नहीं मिलेगी। जो रोज की रोज कमाकर खाने वाले हैं, उनके लिए परिवारों का गुजारा बहुत मुश्किल होगा। सरकार को इसका हल निकालना चाहिए।   पंजाब | दैनिक भास्कर