पंजाब में आज भी हाईवे जाम:सीएम ने गृहमंत्री और प्रहलाद जोशी से की बात; बोले- सड़कों पर बैठना समस्या का समाधान नहीं

पंजाब में आज भी हाईवे जाम:सीएम ने गृहमंत्री और प्रहलाद जोशी से की बात; बोले- सड़कों पर बैठना समस्या का समाधान नहीं

पंजाब में सड़कों पर सफर करने वाले लोगों को आज भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। मंडियों में धान की खरीद न होने और डीएपी की कमी के मुद्दे पर राज्य के किसान संगठनों ने 4 हाईवे अनिश्चितकाल के लिए जाम कर दिए हैं। इन हाईवे में फगवाड़ा में एनएच पर शुगर मिल के सामने, मोगा-फिरोजपुर हाईवे, संगरूर-बरनाला हाईवे और गुरदासपुर-श्री हरगोबिंदपुर मार्ग शामिल हैं। आज (रविवार) किसानों का संघर्ष दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है। वहीं, सीएम भगवंत मान ने इस मामले में फिर से गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से संपर्क किया है। साथ ही इस दिशा में पहल के आधार पर कार्रवाई की मांग की है। सीएम ने किसानों से कहा है कि सड़कों पर बैठना समस्या का समाधान नहीं है। रोजाना होने वाले विरोध प्रदर्शनों से आम लोग परेशान हैं। जरूरत से ज्यादा कुछ भी बुरा होता है। हम समस्या को समझते हैं। वहीं, किसानों ने साफ कर दिया है कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो विरोध प्रदर्शनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। 30 जून के बाद राज्य में धान का उठाव होगा सीएम ने कहा कि धान के उठाव को लेकर सरकार आज गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से बात कर रही है। चावल के उठाव का मुद्दा उठाया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब की मंडियों में जो धान आ रहा है, उसका उठाव हो रहा है। किसानों को भुगतान किया जा रहा है। हालांकि, बाद में पता चलेगा कि किस किस्म का धान सूख रहा है। हमने जो समझौता किया है, उसमें हम यह कहने को तैयार हैं कि अगर केंद्र सरकार 30 जून तक धान का उठाव नहीं करती है, तो हम उठाव करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। डीएपी को लेकर केंद्र से सकारात्मक जवाब सीएम मान ने शनिवार शाम केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की। उनके साथ पंजाब के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। मुलाकात के बाद सीएम ने बताया कि पंजाब में 1.5 लाख मीट्रिक टन डीएपी का गैप है। देश के अनाज भंडार में पंजाब का योगदान 50 फीसदी गेहूं का है। गेहूं के लिए डीएपी का जितना स्टॉक चाहिए, उतना हमें दिया जाए। हमारी जरूरत 4 लाख 80 मीट्रिक टन है। 3.30 लाख मीट्रिक टन डीएपी आ चुकी है। 1.5 लाख टन का गैप है। यहां गेहूं की बिजाई का समय 10 से 15 नवंबर तक है। ऐसे में पंजाब को प्राथमिकता के आधार पर डीएपी दिया जाना चाहिए। अन्य राज्यों को डीएपी बाद में दिया जा सकता है। इस पर सकारात्मक जवाब मिला है। पंजाब में सड़कों पर सफर करने वाले लोगों को आज भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। मंडियों में धान की खरीद न होने और डीएपी की कमी के मुद्दे पर राज्य के किसान संगठनों ने 4 हाईवे अनिश्चितकाल के लिए जाम कर दिए हैं। इन हाईवे में फगवाड़ा में एनएच पर शुगर मिल के सामने, मोगा-फिरोजपुर हाईवे, संगरूर-बरनाला हाईवे और गुरदासपुर-श्री हरगोबिंदपुर मार्ग शामिल हैं। आज (रविवार) किसानों का संघर्ष दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है। वहीं, सीएम भगवंत मान ने इस मामले में फिर से गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से संपर्क किया है। साथ ही इस दिशा में पहल के आधार पर कार्रवाई की मांग की है। सीएम ने किसानों से कहा है कि सड़कों पर बैठना समस्या का समाधान नहीं है। रोजाना होने वाले विरोध प्रदर्शनों से आम लोग परेशान हैं। जरूरत से ज्यादा कुछ भी बुरा होता है। हम समस्या को समझते हैं। वहीं, किसानों ने साफ कर दिया है कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो विरोध प्रदर्शनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। 30 जून के बाद राज्य में धान का उठाव होगा सीएम ने कहा कि धान के उठाव को लेकर सरकार आज गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से बात कर रही है। चावल के उठाव का मुद्दा उठाया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब की मंडियों में जो धान आ रहा है, उसका उठाव हो रहा है। किसानों को भुगतान किया जा रहा है। हालांकि, बाद में पता चलेगा कि किस किस्म का धान सूख रहा है। हमने जो समझौता किया है, उसमें हम यह कहने को तैयार हैं कि अगर केंद्र सरकार 30 जून तक धान का उठाव नहीं करती है, तो हम उठाव करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। डीएपी को लेकर केंद्र से सकारात्मक जवाब सीएम मान ने शनिवार शाम केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की। उनके साथ पंजाब के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। मुलाकात के बाद सीएम ने बताया कि पंजाब में 1.5 लाख मीट्रिक टन डीएपी का गैप है। देश के अनाज भंडार में पंजाब का योगदान 50 फीसदी गेहूं का है। गेहूं के लिए डीएपी का जितना स्टॉक चाहिए, उतना हमें दिया जाए। हमारी जरूरत 4 लाख 80 मीट्रिक टन है। 3.30 लाख मीट्रिक टन डीएपी आ चुकी है। 1.5 लाख टन का गैप है। यहां गेहूं की बिजाई का समय 10 से 15 नवंबर तक है। ऐसे में पंजाब को प्राथमिकता के आधार पर डीएपी दिया जाना चाहिए। अन्य राज्यों को डीएपी बाद में दिया जा सकता है। इस पर सकारात्मक जवाब मिला है।   पंजाब | दैनिक भास्कर