पंजाब में अच्छे खिलाड़ी तैयार करने के लिए सरकार ने 260 खेल नर्सरियां बनाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। नए साल की शुरुआत में खेल नर्सरियां लोगों को समर्पित कर दी जाएंगी। इसके बाद युवाओं को अपने घर के नजदीक ही खेलों के अच्छे अवसर मिल सकेंगे। इन नर्सरियों में खिलाड़ियों को कोचिंग, खेल उपकरण और रिफ्रेशमेंट आदि की सुविधाएं मिलेंगी। राज्य सरकार की ओर से शहरी और बाकी ग्रामीण क्षेत्रों में 200 से अधिक खेल नर्सरियां स्थापित की जा रही हैं। इसके लिए कोच और सुपरवाइजर की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस दौरान 28 से अधिक प्रकार के खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पहले पंजाब सरकार की ओर से खेल नीति लागू की गई थी। इसके अलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। 22 खिलाड़ियों को 3.30 करोड़ रुपए दिए गए इस साल पेरिस ओलंपिक में भारत के कुल 100 खिलाड़ियों में से 19 अकेले पंजाब से थे। इनमें 10 हॉकी खिलाड़ी, छह शूटिंग, दो एथलेटिक्स और एक गोल्फ खिलाड़ी शामिल थे। इसके अलावा पेरिस पैरालिंपिक में तीन पंजाबी खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, जिनमें एक पैरा एथलीट, एक पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी और एक पैरा पावर लिफ्टर शामिल है। नई खेल नीति के तहत 22 खिलाड़ियों को तैयारी के लिए 15 लाख रुपए प्रति खिलाड़ी के हिसाब से कुल 3.30 करोड़ रुपए दिए गए। पंजाब में अच्छे खिलाड़ी तैयार करने के लिए सरकार ने 260 खेल नर्सरियां बनाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। नए साल की शुरुआत में खेल नर्सरियां लोगों को समर्पित कर दी जाएंगी। इसके बाद युवाओं को अपने घर के नजदीक ही खेलों के अच्छे अवसर मिल सकेंगे। इन नर्सरियों में खिलाड़ियों को कोचिंग, खेल उपकरण और रिफ्रेशमेंट आदि की सुविधाएं मिलेंगी। राज्य सरकार की ओर से शहरी और बाकी ग्रामीण क्षेत्रों में 200 से अधिक खेल नर्सरियां स्थापित की जा रही हैं। इसके लिए कोच और सुपरवाइजर की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस दौरान 28 से अधिक प्रकार के खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पहले पंजाब सरकार की ओर से खेल नीति लागू की गई थी। इसके अलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। 22 खिलाड़ियों को 3.30 करोड़ रुपए दिए गए इस साल पेरिस ओलंपिक में भारत के कुल 100 खिलाड़ियों में से 19 अकेले पंजाब से थे। इनमें 10 हॉकी खिलाड़ी, छह शूटिंग, दो एथलेटिक्स और एक गोल्फ खिलाड़ी शामिल थे। इसके अलावा पेरिस पैरालिंपिक में तीन पंजाबी खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, जिनमें एक पैरा एथलीट, एक पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी और एक पैरा पावर लिफ्टर शामिल है। नई खेल नीति के तहत 22 खिलाड़ियों को तैयारी के लिए 15 लाख रुपए प्रति खिलाड़ी के हिसाब से कुल 3.30 करोड़ रुपए दिए गए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे परमजीत सिंह सरना:राहुल गांधी के बयान का किया समर्थन, बोले- अगर प्रधान बचेगा तो अकाली दल होगा
श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे परमजीत सिंह सरना:राहुल गांधी के बयान का किया समर्थन, बोले- अगर प्रधान बचेगा तो अकाली दल होगा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान व शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) इकाई के प्रधान परमजीत सिंह सरना आज श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि वह अपना फर्ज समझ कर आए हैं और राय दी है कि सिख समुदाय के साथ गद्दारी करने वालों को एक साथ बुलाकर सजा दी जाए। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया। कहा कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। परमजीत सरना ने कहा कि जत्थेदार से मिलना और अपनी बात रखना वह अपना कर्तव्य समझते हैं। उन्होंने अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। सरना ने कहा कि सिख समुदाय के साथ जिन लोगों ने गद्दारी की है उन्हें सजा मिलनी चाहिए। जिन गुरुद्वारों में नुकसान हुआ है उसकी भरपाई वहां के प्रबंधकों से होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बादल साहब के मंत्रालय में कई कैबिनेट मंत्री रहे, जिन्हें आज तक चिट्ठी नहीं भेजी गई और ना ही बुलाया। अकाली दल के हर जिम्मेदार व्यक्ति को फिर वो चाहे कैबिनेट मंत्री हो या ना हो, उसे श्री अकाल तख्त साहिब पर बुलाया जाना चाहिए और सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अकाली दल के कई जिम्मेदार व्यक्ति थे उन्होंने उस समय अपनी राय क्यों नहीं दी। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा दोषी वो लोग हैं, जिन्होंने अपनी जीत के लिए राम रहीम के तलवे चाटे। इसलिए इन सबको इक्कठे बुलाकर एक जैसी सजा देनी चाहिए। राहुल गांधी के बयान का किया समर्थन परमजीत सिंह सरना ने राहुल गांधी के बयान जिसमें सिखों को पगड़ी नहीं पहने दी, कड़े नहीं पहनने दिए वो बयान गलत नहीं है। राहुल गांधी ने खबरों में पढ़ा कि सिख बच्चों के रूमाले उतार दिए, कड़े उतार दिए, इनके बिना जाओ। इस मसले में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को एक्शन लेना चाहिए था। उनहोंने कहा कि सिख कौम बहुत बड़े संकट से गुजर रहा है। इस मसले का हल श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने निकालना है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि श्री अकाल तख्त साहिब ऐसा फैसला देगा जो सिख कौम को मंजूर होगा। प्रधान बचेगा तो ही होगा अकाली दल सुखबीर सिंह बादल के प्रधानगी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ अकाली दल दूसरी तरफ सुखबीर सिंह बादल है। पार्टी प्रधान बचेगा तो अकाली दल बचेगा। पार्टी में ऐसा कौन सा चेहरा है जिसे प्रधान बना सकते हो। ढींडसा प्रधान नहीं बनेंगे, मैं प्रधान नहीं बन सकता क्योंकि मैं जाट फैमिली से नहीं हू। मैं जियोग्राफिकल कंडीशन से भी फिट नहीं बैठता हूं और ना ही शहरी सिख होने के नाते काम कर पाउंगा। उन्होंने कहा कि मजाक में कहा कि वह भापा है इसीलिए प्रधान नहीं बन सकते। जिसकी बिरादरी ज्यादा होती है वही प्रधान बनते हैं।