पंजाब पुलिस ने गैंगस्टर लॉरेंस और अनमोल बिश्नोई के 2 गुर्गों को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों को शहीद भगत सिंह नगर से पकड़ा है। आरोपियों के पास से 3देसी पिस्तौल और 15 कारतूस बरामद किए गए हैं। डीजीपी गौरव यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करके इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वे किस वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। पंजाब पुलिस ने गैंगस्टर लॉरेंस और अनमोल बिश्नोई के 2 गुर्गों को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों को शहीद भगत सिंह नगर से पकड़ा है। आरोपियों के पास से 3देसी पिस्तौल और 15 कारतूस बरामद किए गए हैं। डीजीपी गौरव यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करके इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वे किस वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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जालंधर को 11 जनवरी को मिलेगा नया मेयर:डिवीजनल कमिश्नर ने बुलाई मीटिंग, सभी पार्षद शपथ भी लेंगे, AAP की है 45 सीटें
जालंधर को 11 जनवरी को मिलेगा नया मेयर:डिवीजनल कमिश्नर ने बुलाई मीटिंग, सभी पार्षद शपथ भी लेंगे, AAP की है 45 सीटें पंजाब के जालंधर नगर निगम के नए मेयर बनाए जाने का इंतजार अब खत्म हो गया है। जालंधर के डिवीजनल कमिश्नर दलजीत सिंह मांगट (IAS) द्वारा जारी एक लेटर में मीटिंग बुला ली गई है। जानकारी के अनुसार जालंधर के रेड क्रॉस भवन में बुलाई गई बैठक में नगर निगम जालंधर में चुने गए सभी पार्षदों को उक्त मीटिंग के दौरान ही शपथ भी दिलवाई जाएगी। जिसके बाद मेयर, डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के नामों का ऐलान हो जाएगा। 11 जनवरी दिन शनिवार को ये मीटिंग दोपहर तीन बजे रखी गई है। 11 जनवरी के बाद स्थिति क्लियर हो जाएगी कि शहर का प्रतिनिधित्व कौन करेगा। बता दें कि पंजाब सरकार ने जालंधर के मेयर, डिप्टी मेयर, और सीनियर डिप्टी मेयर का नाम फाइनल कर लिया है। अब सिर्फ 11 जनवरी को ऐलान होना बाकी रह गया है। विजीन धीर के मेयर बनने की चर्चाएं आम आदमी पार्टी पार्षद विनीत धीर को जालंधर का मेयर बनाएगी। बस इसकी घोषणा बाकी है। उनके लिए मजबूत जमीन तैयार की जा रही है। जिसके चलते आज पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री और जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक मोहिंदर भगन ने भाजपा पार्षद सत्या रानी और उनके साथियों को AAP में शामिल कराया था। आपको बता दें कि आने वाले दिनों में पार्षद के नाम की घोषणा हाईकमान द्वारा की जाएगी। विनीत धीर शहर के बड़े कारोबारी हैं और वह आम आदमी पार्टी की बड़ी लीडरशिप के टच में भी हैं। 38 सीटें ही जीत पाई थी आम आदमी पार्टी बता दें कि जालंधर में नगर निगम चुनाव की वोटिंग के बाद 21 दिसंबर को वोटिंग हुई और उसी दिन नतीजे आ गए थे। जिसमें आम आदमी पार्टी को 38 सीटें मिली थी। इस वक्त आम आदमी पार्टी के पास 45 पार्षद है। जो बहुमत के आंकड़े से 2 पार्षद ज्यादा है। AAP ने कांग्रेस, बीजेपी और आजाद चुनाव जीतने वाले पार्षदों को पार्टी में शामिल किया था। जालंधर डिवीजनल कमिश्नर द्वारा जारी किया गया पत्र….
अमृतपाल व साथियों की NSA 1 साल बढ़ी:लोकसभा चुनावों के परिणाम से 1 दिन पहले जारी हुआ ऑर्डर; खडूर साहिब से है सांसद
अमृतपाल व साथियों की NSA 1 साल बढ़ी:लोकसभा चुनावों के परिणाम से 1 दिन पहले जारी हुआ ऑर्डर; खडूर साहिब से है सांसद पंजाब के खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह की नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) की मियाद को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। अमृतपाल के साथ-साथ उसके सभी 9 साथियों पर भी ऑर्डर लागू किया गया है। फिलहाल, अमृतपाल सिंह अपने साथियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है और लोकसभा चुनावों में भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की है। पंजाब सरकार के सूत्रों के अनुसार इन आदेशों को लोकसभा चुनावों के दो दिन बाद व परिणाम के एक दिन पहले ही 3 जून को जारी कर दिया गया था। फिलहाल परिवार व अमृतपाल के वकील को भी इसकी पूरी जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि अमृतपाल सिंह को NSA से बाहर निकालने के लिए प्रयास जारी हैं। मार्च 2023 से डिब्रूगढ़ जेल में बंद है अमृतपाल अमृतपाल सिंह की बात करें तो मार्च 2023 से NSA के तहत असम के डिब्रूगढ़ में जेल में हैं। NSA एक ऐसा कानून है जो सरकार को औपचारिक आरोपों के बिना 12 महीने तक व्यक्तियों को हिरासत में रखने की अनुमति देता है। लेकिन अमृतपाल सिंह को अब एक साल से भी अधिक हो चुका है। चुनावों से पहले परिवार ने अमृतपाल सिंह और उसके 9 साथियों को पंजाब शिफ्ट करने की कई कोशिशें की, जो नाकामयाब रहीं। अंत में परिवार ने अमृतपाल सिंह को लोकसभा चुनावों में उतारने की कोशिश की दी। हैरानी की बात है कि खडूर साहिब के लोंगो ने रिवायती पार्टियों को इस कदर निकारा कि अमृतपाल 1.97 लाख वोटों के अंतर से जीत गया। 6 महीने के अंदर-अंदर शपथ लेगा अमृतपाल नियमों अनुसार अमृतपाल सिंह को 6 महीने के अंदर-अंदर संसद पहुंच शपथ लेनी होगी। इसके लिए उसे 1 दिन की पैरोल मिल सकती है। इसी साल मार्च में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, जो उस समय मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में तिहाड़ में कैद थे, को एक अदालत ने दूसरे कार्यकाल के लिए राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेने की अनुमति दी थी। ट्रायल कोर्ट ने जेल सुपरिंटेंडेंट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उसे पर्याप्त सुरक्षा के साथ संसद तक ले जाया जाए और वापस जेल में ले जाया जाए। 2021 में, असम के सिबसागर से जीतने के बाद एक NIA अदालत ने अखिल गोगोई को असम विधान सभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए अस्थायी रूप से जेल छोड़ने की अनुमति दी थी। 12 मामले हैं अमृतपाल पर सरकार चुनावों के परिणाम देखते हुए अगर NSA हटा देती है तो भी अमृतपाल सिंह को अदालतों के फेर में फंसे रहना पड़ेगा। अमृतपाल सिंह पर अजनाला थाने पर अवैध हथियारों के साथ हमला करने सहित 12 मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। इतना ही नहीं, एक मामला उस पर असम के थाने में भी दर्ज है। जिसमें उससे पुलिस ने सर्च के दौरान डिब्रूगढ़ जेल से इलेक्ट्रानिक गैजेट्स बरामद किए थे।
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी। राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा। हाईकोर्ट के फैसले पर डेरा सच्चा सौदा ने कहा कि हमें न्यायपालिका पर हमेशा पूर्ण विश्वास रहा है और माननीय न्यायालय से हमें न्याय मिला है। 22 साल पहले हत्या, 19 साल बाद हुई थी सजा, 3 साल बाद बरी
कुरुक्षेत्र के रहने वाले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी पुलिस जांच हुई, लेकिन डेरे को क्लीन चिट दे दी गई। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की थी। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच CBI को सौंपी गई। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को शामिल किया गया। इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। 19 साल के बाद अक्टूबर 2021 में डेरा मुखी समेत 5 आरोपियों को दोषी करार दिया गया। जिसके बाद CBI ने इन्हें उम्रकैद की सजा दे दी। सजा मिलने के तीन साल बाद राम रहीम हाईकोर्ट से बरी हो गया। रणजीत का पूरा परिवार डेरे से जुड़ा था, चिट्ठी के बाद इस्तीफा दिया
साल 2002 में रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर थे। रणजीत सिंह कुरुक्षेत्र के रहने वाले थे। उनका पूरा परिवार भी डेरे से जुड़ा हुआ था। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक एक गुमनाम चिठ्ठी की वजह से डेरा सच्चा सौदा में हंगामा खड़ा हो गया था। उस गुमनाम खत में एक साध्वी का यौन शोषण किए जाने का खुलासा था। चिठ्ठी सामने आते ही डेरा सच्चा सौदा पर सवाल उठने लगे। डेरे में यौन शोषण के आरोप सामने आने के बाद रणजीत सिंह आहत हो गए। इसी बात को लेकर उन्होंने डेरे के मैनेजर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ परिवार के लोग भी डेरे से अलग हो गए। गुमनाम चिट्ठी के शक में मारी गई थी गोली
रणजीत सिंह की हत्या का मामला गुमनाम चिट्ठी से जुड़ा हुआ है, जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। ये वह चिट्ठी थी, जो तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई थी। CBI ने दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से साध्वियों के यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है। CBI ने जांच के बाद कोर्ट में कहा था कि राम रहीम को शक था कि गुमनाम चिट्ठी के पीछे रणजीत का हाथ है। इस चिट्ठी में रणजीत की बहन का भी जिक्र था। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद रणजीत को डेरे में बुलाया गया। जहां उसे गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, रणजीत ने कहा कि इस चिट्ठी के पीछे उसकी कोई भूमिका नहीं है। जिसके बाद उसकी हत्या हो गई। यह चिट्ठी बाद में सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में छापी थी। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को 24 अक्टूबर को गोली मारी गई थी। इसके बाद उसे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 21 नवंबर को उनकी मौत हो गई थी। छत्रपति की हत्या के केस में भी राम रहीम उम्रकैद काट रहा है। ये खबरें भी पढ़ें… वह गुमनाम चिट्ठी, जिसके बाद रणजीत का मर्डर हुआ:इसी केस में राम रहीम बरी हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। यह चिट्ठी 13 मई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संबोधित कर लिखी गई थी।इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ (पूरी खबर पढ़ें) गुरमीत के राम रहीम बनने की पूरी कहानी:17 की उम्र में शादी, 23 में संन्यासी बना; एक पोशाक से हिंसा फैली, रेप-मर्डर में सजा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 22 साल पुराने रणजीत सिंह मर्डर केस में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। राम रहीम अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। वह जेल से बाहर नहीं आएगा। एक सामान्य इंसान से डेरा सच्चा का प्रमुख बनने तक राम रहीम की कहानी दिलचस्प है। राम रहीम का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की गुरुसर मोडिया गांव में जट सिख परिवार में हुआ। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता मघर सिंह गांव के जमींदार थे। माता का नाम नसीब कौर है। (पूरी खबर पढ़ें) रणजीत का परिवार जाएगा सुप्रीम कोर्ट:राम रहीम को बरी किए जाने से परिवार मायूस, बेटा और जीजा बोले-मरते दम तक लड़ेंगे लड़ाई हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह के मर्डर केस में हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को बरी कर दिया है। इस फैसले से रणजीत सिंह का परिवार मायूस है। परिवार का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए वकीलों से राय ली जा रही है। जल्द ही इसके लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करेंगे। (पूरी खबर पढ़ें)