पंजाब में साल 2030 तक वन क्षेत्र को 7.5 % बढ़ाया जाएगा। इस टागरेट को हासिल करने के लिए जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी की मदद ली जाएगी। पंजाब के वन एवं वन्य जीव संरक्षण मंत्री लाल चंद कटारूचक ने बताया कि राज्य सरकार की मंजूरी के बाद भारत सरकार का पर्यावरण मंत्रालय उपरोक्त जापानी एजेंसी और पंजाब का वन विभाग मिलकर विस्तार से प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करेंगे। यह प्रोजेक्ट वित्तीय वर्ष 2025-26 से पांच वर्षों की अवधि के लिए लागू किया जाएगा। 792.88 करोड़ रुपए की आएगी लागत राज्य में एग्रोफॉरेस्ट्री के माध्यम से पेड़ों के नीचे का क्षेत्र बढ़ाना और जैव विविधता को संरक्षित और बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है। इन चुनौतियों को हल करने के लिए वन विभाग द्वारा इस जापानी एजेंसी से संपर्क किया गया है। इस एजेंसी की सहायता से राज्य में एग्रोफोरेस्ट्री और जैव विविधता से संबंधित प्रोजेक्ट लागू करने का प्रस्ताव है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 792.88 करोड़ रुपए होगी। प्रोजेक्ट में चार चीजों पर रहेगा फोकस इस प्रोजेक्ट में कुछ मुख्य उद्देश्य में राज्य में एग्रोफोरेस्ट्री के माध्यम से पेड़ों के नीचे का क्षेत्र बढ़ाना, भूजल संरक्षण, किसानों की आय में वृद्धि करना और पराली से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकना। इसके अलावा शिवालिक क्षेत्र में एकीकृत वॉटरशेड प्रबंधन भी शामिल है। इस उद्देश्य के लिए पर्यावरण और वन संरक्षण में सुधार के साथ-साथ लोगों की आय के लिए कृषि और पशुपालन को विकसित किया जाएगा। इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ ही वेटलैंड्स में सुधार करना भी इस प्रोजेक्ट का एक अहम हिस्सा हैं। पंजाब में साल 2030 तक वन क्षेत्र को 7.5 % बढ़ाया जाएगा। इस टागरेट को हासिल करने के लिए जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी की मदद ली जाएगी। पंजाब के वन एवं वन्य जीव संरक्षण मंत्री लाल चंद कटारूचक ने बताया कि राज्य सरकार की मंजूरी के बाद भारत सरकार का पर्यावरण मंत्रालय उपरोक्त जापानी एजेंसी और पंजाब का वन विभाग मिलकर विस्तार से प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करेंगे। यह प्रोजेक्ट वित्तीय वर्ष 2025-26 से पांच वर्षों की अवधि के लिए लागू किया जाएगा। 792.88 करोड़ रुपए की आएगी लागत राज्य में एग्रोफॉरेस्ट्री के माध्यम से पेड़ों के नीचे का क्षेत्र बढ़ाना और जैव विविधता को संरक्षित और बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है। इन चुनौतियों को हल करने के लिए वन विभाग द्वारा इस जापानी एजेंसी से संपर्क किया गया है। इस एजेंसी की सहायता से राज्य में एग्रोफोरेस्ट्री और जैव विविधता से संबंधित प्रोजेक्ट लागू करने का प्रस्ताव है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 792.88 करोड़ रुपए होगी। प्रोजेक्ट में चार चीजों पर रहेगा फोकस इस प्रोजेक्ट में कुछ मुख्य उद्देश्य में राज्य में एग्रोफोरेस्ट्री के माध्यम से पेड़ों के नीचे का क्षेत्र बढ़ाना, भूजल संरक्षण, किसानों की आय में वृद्धि करना और पराली से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकना। इसके अलावा शिवालिक क्षेत्र में एकीकृत वॉटरशेड प्रबंधन भी शामिल है। इस उद्देश्य के लिए पर्यावरण और वन संरक्षण में सुधार के साथ-साथ लोगों की आय के लिए कृषि और पशुपालन को विकसित किया जाएगा। इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ ही वेटलैंड्स में सुधार करना भी इस प्रोजेक्ट का एक अहम हिस्सा हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में 19 उम्मीदवार नहीं लड़ पाएंगे निकाय चुनाव:बीजेपी-शिअद और कांग्रेस के उम्मीदवार शामिल; नामांकन रद्द, फाइल वापस लेने की आखिरी तारीख आज पंजाब के लुधियाना में 21 दिसंबर को नगर निगम चुनाव हैं। सभी राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सभी उम्मीदवारों ने 12 दिसंबर को नामांकन पत्र दाखिल कर दिए हैं। चुनाव आयोग द्वारा देर रात जिला प्रशासन को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार कुल 19 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द किए गए हैं। इन उम्मीदवारों में भाजपा के 4, शिअद के 3 और कांग्रेस का 1 उम्मीदवार शामिल है। आज नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन है। फिलहाल चुनावी मैदान में कुल 663 उम्मीदवार बचे हैं। नामांकन दाखिल करने वालों के कागजात की जब जांच की गई तो कुछ कागजातों में कमियां बताते हुए नामांकन रद्द कर दिए गए। रद्द किए गए उम्मीदवारों में भाजपा के वार्ड नंबर 5, वार्ड नंबर 32, वार्ड नंबर 45, वार्ड नंबर 85 के उम्मीदवार शामिल हैं। शिअद के वार्ड नंबर 12, 17 और 24 के उम्मीदवारों के नामांकन भी रद्द किए गए हैं। इसी प्रकार, वार्ड नंबर 34 से कांग्रेस उम्मीदवार अनमोल दत्त का नामांकन भी कागजात में कमियां पाए जाने के बाद खारिज कर दिया गया, जबकि अनमोल दत्त के भाई ने कविंदर उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया था, जो सही पाया गया। चुनाव खर्च की सीमा तय, 1 महीने में देना होगा ब्यौरा इस बार आयोग ने निकाय चुनाव के दौरान किए जाने वाले खर्च की सीमा भी तय कर दी है। इसके तहत नगर निगम के लिए चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार 4 लाख रुपए तक खर्च कर सकेगा। इसी तरह नगर परिषद वर्ग 1 के लिए खर्च की सीमा 3 लाख 60 हजार रुपए तय की गई है। नगर परिषद में वर्ग 2 के लिए 2 लाख 30 हजार और वर्ग 3 के लिए 2 लाख की सीमा रहेगी। हर उम्मीदवार को चुनाव खत्म होने के 30 दिन के अंदर खर्च का ब्यौरा देना होगा। हर नगर निगम में एक सामान्य पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा।