पंजाब के सरकारी अस्पतालों और संस्थानों में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों से अब डॉक्टरों व स्टाफ को विनम्रता से व्यवहार रखना होगा। ताकि संस्थानों में लोगों के विश्वास को मजबूत किया जा सकें। इसके साथ ही नर्सिंग की छात्रों को ब्लड प्रेशर, एचबी स्तर और आंखों की जांच संबंधी ट्रेनिंग दी जाएगी। उनका प्रयोग अस्पतालों में मरीजों और उनके अटेंडेंट्स की सहायता के लिए किया जाना चाहिए। यह बात पंजाब के सेहत मंत्री बलबीर सिंह ने कही है। उन्होंने यह हिदायत सभी जिलों के सिविल सर्जनों को एक प्रोग्राम में दी है। हादसों में घायलों के मददगार बनेंगे स्टूडेंट्स सेहत मंत्री ने बताया कि स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को किसी दुर्घटना या आपातकाल स्थिति में दूसरों की सहायता करने के योग्य बनाने के लिए प्राथमिक सहायता संबंधी ट्रेनिंग दी जाएगी। वहीं, अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों की सराहना करते हुए उन्होंने अन्य जिलों के अधिकारियों को अपने जिलों में स्वास्थ्य और प्रशासनिक ढांचे का स्तर ऊंचा करने के लिए प्रेरित किया।पीएचएससी के चेयरमैन रमन बहल ने सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की देखभाल और सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। दवाइयों की कमी नहीं होनी चाहिए इसके साथ ही सेहत मंत्री ने कहा कि सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिए हैं कि वे सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जरूरी दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें ताकि इलाज के लिए आने वाले लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। पंजाब के सरकारी अस्पतालों और संस्थानों में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों से अब डॉक्टरों व स्टाफ को विनम्रता से व्यवहार रखना होगा। ताकि संस्थानों में लोगों के विश्वास को मजबूत किया जा सकें। इसके साथ ही नर्सिंग की छात्रों को ब्लड प्रेशर, एचबी स्तर और आंखों की जांच संबंधी ट्रेनिंग दी जाएगी। उनका प्रयोग अस्पतालों में मरीजों और उनके अटेंडेंट्स की सहायता के लिए किया जाना चाहिए। यह बात पंजाब के सेहत मंत्री बलबीर सिंह ने कही है। उन्होंने यह हिदायत सभी जिलों के सिविल सर्जनों को एक प्रोग्राम में दी है। हादसों में घायलों के मददगार बनेंगे स्टूडेंट्स सेहत मंत्री ने बताया कि स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को किसी दुर्घटना या आपातकाल स्थिति में दूसरों की सहायता करने के योग्य बनाने के लिए प्राथमिक सहायता संबंधी ट्रेनिंग दी जाएगी। वहीं, अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों की सराहना करते हुए उन्होंने अन्य जिलों के अधिकारियों को अपने जिलों में स्वास्थ्य और प्रशासनिक ढांचे का स्तर ऊंचा करने के लिए प्रेरित किया।पीएचएससी के चेयरमैन रमन बहल ने सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की देखभाल और सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। दवाइयों की कमी नहीं होनी चाहिए इसके साथ ही सेहत मंत्री ने कहा कि सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिए हैं कि वे सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जरूरी दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें ताकि इलाज के लिए आने वाले लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में क्रास बॉर्डर तस्करी गिरोह के 2 सदस्य गिरफ्तार:तुर्की और ऑस्ट्रिया मेड 8 पिस्टल बरामद; डिलीवरी देने पहुंचे थे
अमृतसर में क्रास बॉर्डर तस्करी गिरोह के 2 सदस्य गिरफ्तार:तुर्की और ऑस्ट्रिया मेड 8 पिस्टल बरामद; डिलीवरी देने पहुंचे थे पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस अमृतसर ने अवैध हथियारों की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी उस समय पुलिस की गिरफ्त में आए जब वे ग्राहक को डिलीवरी करने पहुंचे। आरोपियों के खिलाफ स्टेट स्पेशल ऑपरेशंस सेल (एसएसओसी) में मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों से 8 आधुनिक पिस्तौल बरामद की गई हैं। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पुलिस ने यह कार्रवाई अमृतसर के घरिंडा के अंतर्गत आने वाले गांव नूरपुर पधरी में की है। यहां दो आरोपी डिलीवरी करने के लिए ग्राहक का इंतजार कर रहे थे। लेकिन काउंटर इंटेलिजेंस को इसकी जानकारी पहले ही मिल गई थी। जिसके बाद प्लानिंग की गई और जाल तैयार किया गया। 8 अधुनिक हथियार व गोलियां बरामद – 4 ऑस्ट्रिया निर्मित ग्लॉक पिस्टल्स – 2 तुर्की निर्मित 9mm पिस्टल्स – 2 जिगाना .30 बोर पिस्टल्स – 10 राउंड गोलियां एसएसओसी में मामला दर्ज पुलिस ने इन व्यक्तियों के खिलाफ स्टेट स्पेशल ऑपरेशंस सेल (SSOC) अमृतसर में आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। जांच जारी है, जिसमें इनके पीछे की नेटवर्किंग का पता लगाया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस गैंग के और भी सदस्य काबू कर लिए जाएंगे।
हरियाणा BJP सांसद बोले-किसान कसाई, नशे के सौदागर:आंदोलन वाली जगह 700 लड़कियां गायब हुईं; व्यक्ति की हत्या की, इनकी हैसियत क्या है
हरियाणा BJP सांसद बोले-किसान कसाई, नशे के सौदागर:आंदोलन वाली जगह 700 लड़कियां गायब हुईं; व्यक्ति की हत्या की, इनकी हैसियत क्या है हरियाणा में भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने किसानों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने किसानों को नशे का सौदागर और कसाई बताया। सांसद ने कहा कि जहां किसान आंदोलन हुआ, वहां पर 700 लड़कियां गायब हुई थीं। पंजाब के किसानों ने हरियाणा में नशा फैलाया। पिछले आंदोलन में एक व्यक्ति की हत्या कर सड़क पर टांग दिया। राकेश टिकैत और गुरनाम चढ़ूनी के चुनाव हारने पर उन्होंने कहा कि इनकी हैसियत क्या है?। जांगड़ा ने ये बयान गुरुवार (12 दिसंबर) को रोहतक के महम शुगर मिल में गन्ना पेराई सत्र के शुभारंभ पर दिया। यहां प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा भी मौजूद थे। उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सांसद जांगड़ा ने कहीं 5 बड़ी बातें… 1. बॉर्डर पर बैठे पंजाब के नशेड़ियों ने नशे का नेटवर्क फैलाया
जांगड़ा ने कहा कि 2021 के बाद से गांव-गांव में बच्चे बेमौत मर रहे हैं। कोई नशे का इंजेक्शन लगा रहा तो कोई चिट्टा (हेरोइन), भुक्की, अफीम और कोकीन खा रहा। कई स्मैक भी पी रहे हैं। 2021 में एक साल तक टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के जो नशेड़ी बैठे रहे, उन्होंने सारा नशे का नेटवर्क हरियाणा प्रदेश में फैला दिया। 2. 700 लड़कियां गायब, कहां गईं, कोई पता नहीं
उन्होंने कहा कि चाहे सीआईडी की रिपोर्ट पूछ लेना, सिंघु बॉर्डर व बहादुरगढ़ बॉर्डर के पास के गांव की 700 लड़कियां गायब हैं। वे कहां पर गई, यह किसी को पता नहीं। एक व्यक्ति की हत्या कर सड़क के बीच में टांग दिया। ये किसान नहीं, बल्कि कसाई हैं। 3. लोगों को बहकाने के लिए आ जाते हैं
राज्यसभा सांसद ने आगे कहा कि राकेश टिकैत ने दो चुनाव लड़े, यूपी में दोनों बार जमानत जब्त हुई। गुरनाम सिंह चढूनी ने अभी पिहोवा से चुनाव लड़ा। 1170 वोट मिले। इनकी हैसियत क्या है और लोगों को बहकाने के लिए आ जाते हैं। चंदा इकट्ठा करके ले जाते हैं। भाईचारा खराब करके कलायत चले जाते हैं। 4. भाईचारा खराब हुआ, युवक नशे का शिकार हुए
उन्होंने कहा कि कुंडली बॉर्डर पर 100 फैक्ट्रियां बंद हो गईं। बहादुरगढ़ बॉर्डर पर एक साल तक 100 फैक्ट्रियां बंद हो गई। नुकसान किसका हुआ, हरियाणा प्रदेश का। भाईचारा किसका खराब हुआ, हमारा हुआ। चंदा हमारा गया, खीर-हलवे हमारे गए। बेटियां हमारी गायब हुईं और हमारे युवक नशे का शिकार हुए। इतना बड़ा नुकसान हमारे प्रदेश को सहन करना पड़ा। 5. केंद्र और सैनी सरकार अच्छा काम कर रही
जांगड़ा ने कहा कि इन लोगों से सचेत रहें और उन्हें बता दें कि प्रदेश में सैनी सरकार व केंद्र में मोदी सरकार इतना अच्छा काम कर रही है कि हमें कोई आंदोलन व धरना प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं। अपना समय व पैसा बर्बाद करने की जरूरत नहीं है। पंधेर बोले- लोगों की भीड़ देखकर भाजपा चिंतित है
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने जांगड़ा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा- हरियाणा के सांसद गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं और मैं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से आग्रह करता हूं कि उन्हें पार्टी से निष्कासित करें और उनके खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जांगड़ा समुदायों में फूट डालने का काम कर रहे हैं वो उचित नहीं है। किसान आंदोलन से काफी लोग जुड़ रहे हैं, इसलिए भाजपा सरकार चिंतित है। AAP बोली- BJP को अन्नदाता दिख रहा नशेड़ी
आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने भी जांगड़ा के बयान के सहारे बीजेपी को घेरा है। उन्होंने कहा- बीजेपी के सांसदों को देश के अन्नदाता नशेड़ी नजर आने लगे हैं। किसानों को नशेड़ी और 700 लड़कियों के गायब होने जैसे गैर-जिम्मेदाराना बयान देना न केवल शर्मनाक है बल्कि बेहद निंदनीय भी है। वहीं, नेहरा खाप के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप नेहरा ने कहा कि रामचंद्र जांगड़ा का मानसिक संतुलन खराब है। उनके परिवार को उनका अच्छे डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए। साथ ही संदीप ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जांगड़ा ने किसानों पर दिए बयान पर माफी नहीं मांगी तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।
BJP सांसद कंगना रनोट ने कहा था- किसान आंदोलन के दौरान रेप-मर्डर हुए
करीब 4 महीने पहले हिमाचल से BJP सांसद एवं एक्ट्रेस कंगना रनोट ने किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया था। जिस पर बवाल हुआ था। उन्होंने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। किसान बिल को वापस ले लिया गया वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। कृषि कानूनों की वापसी वाले बयान पर भी हुआ था बवाल
सितंबर महीने में सांसद कंगना रनोट ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। हालांकि इसका विरोध होने के बाद उन्होंने माफी मांग ली थी।
पंजाब की केंद्र से कर्ज सीमा बढ़ाने की मांग:वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा, 10 हजार करोड़ बढ़ोतरी की डिमांड, पहले हुई थी कटौती
पंजाब की केंद्र से कर्ज सीमा बढ़ाने की मांग:वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा, 10 हजार करोड़ बढ़ोतरी की डिमांड, पहले हुई थी कटौती पंजाब सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में अपने कर्ज की सीमा बढ़ाने की मांग केंद्र सरकार के सामने रखी है। सरकार ने कर्ज सीमा 10 हजार करोड़ बढ़ोतरी की मांग की है। इसके लिए सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा गया । वित्तीय संकट से जूझ रही सरकार ने पत्र में अपने खर्च का हवाला दिया है। सरकार को लगता है कि मौजूदा सालाना कर्ज सीमा से मौजूदा वित्तीय साल की भरपाई नहीं होगी। सरकार अधिक कर्ज उठाकर अपने खर्चों की पूर्ति करना चाहती है। विरासत में मिले कर्ज और ब्याज का दिया हवाला साल 2024-25 के लिए पंजाब में कर्ज की सीमा 30,464, 92 करोड़ रुपए है। जिसमें जुलाई तक सरकार 13,094 करोड़ का कर्जा उठा लिया है। इसके अलावा सरकार ने चालू वित्तीय साल में दस हजार करोड़ कर्ज सीमा की और जरूरत है। वित्तीय साल 2023-24 में सूबा सरकार ने कर्ज लेने की सीमा 45,730 करोड़ थी। गत साल एक बार केंद्र सरकार पंजाब की कर्ज सीमा मे 2387 करोड़ की कटौती की थी। अगस्त महीने में हुई कैबिनेट मीटिंग में केंद्रीय वित्त मंत्रायल को कर्ज सीमा बढ़ाने के लिए पत्र लिखने को मंजूरी दी थी। राज्य सरकार ने पत्र में दलील दी है कि गत सरकारों से उन्हें कर्ज विरासत के रूप में मिला है। जिसे वापस किया जाना है। पंजाब सरकार की तरफ से 69, 867 करोड़ रुपए कर्ज की अदायगी की जानी है। 23,900 करोड़ की राशि केवल कर्ज और ब्याज की अदायगी है। गत दिनों में वित्तीय संकट के मद्देनजर पंजाब सरकार ने कई फैसले लिए हैं। इसमें सात किलोवाट पर तीन रुपए बिजली सब्सिडी खत्म करने, तेल कीमतों में बढ़ोतरी, ग्रीन टैक्स लगाना शामिल है। इससे सरकार को आमदन होगी। सरकार को समय से मुलाजिमों को उनके बेतन देने की है। अगस्त माह को बेतन चार सितंबर को देनी है। मंत्रालय ने नहीं सुनी तो पीएम के समक्ष उठाएंगे मुद्दा अगर वित्त मंत्रालय कर्ज की सीमा को बढ़ाने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई तो ऐसे में सीएम भगवंत मान इस मामले को प्रधानमंत्री भगवंत मान के समक्ष उठा सकते है। क्योंकि केंद्र सरकार ने नेशनल सेहत मिशन व ग्रामीण विकास फंड की बकाया राशि जारी नहीं की है। साथ ही जीएसटी लागू होने मुआवजा भी बंद है। इसी तरह वित्त कमीशन द्वारा दी गई राजस्व घाटा ग्रांट चालू वित्तीय साल के लिए कम होकर 1995 करोड़ रुपए रह गई ।