पंजाब के तहसीलदारों ने सोमवार को अपनी हड़ताल वापस ले ली है। यह फैसला रविवार को कैबिनेट मंत्री ब्रह्म शंकर जिम्पा और तहसीलदार यूनियन के नेताओं के बीच हुई बैठक में लिया गया। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि तहसीलदारों की जायज मांगों को पूरा किया जाएगा। लेकिन सभी को नियमों का पालन करना होगा। पंजाब के तहसीलदारों ने पहले फैसला किया था कि वे 19 अगस्त से 21 अगस्त तक हड़ताल पर रहेंगे। क्योंकि कई ऐसे मुद्दे हैं। जिन पर अभी तक सुनवाई नहीं हुई है। जैसे ही यह मामला सामने आया तो मंत्री ने रविवार को यूनियन नेताओं के साथ बैठक की। मंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग सबसे महत्वपूर्ण है। ऐसे में हमारा प्रयास अधिकारियों की मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करना है। मंत्री ने पत्र जारी करने में देरी की बात मानी बैठक में मंत्री ने माना कि 16-17 तारीख को पंजाब रेवेन्यू ऑफिसर यूनियन की मीटिंग हुई थी। इसमें कई फैसले लिए गए हैं। लेकिन ऑफिस से पत्र जारी करने में देरी हुई है। इस कारण कम्युनिकेशन गैप हो गया है। जल्द ही पत्र जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अफसरों की जो भी मांगें हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। अफसरों की सुरक्षा को प्राथमिकता के आधार पर तय किया जाएगा। पंजाब के तहसीलदारों ने सोमवार को अपनी हड़ताल वापस ले ली है। यह फैसला रविवार को कैबिनेट मंत्री ब्रह्म शंकर जिम्पा और तहसीलदार यूनियन के नेताओं के बीच हुई बैठक में लिया गया। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि तहसीलदारों की जायज मांगों को पूरा किया जाएगा। लेकिन सभी को नियमों का पालन करना होगा। पंजाब के तहसीलदारों ने पहले फैसला किया था कि वे 19 अगस्त से 21 अगस्त तक हड़ताल पर रहेंगे। क्योंकि कई ऐसे मुद्दे हैं। जिन पर अभी तक सुनवाई नहीं हुई है। जैसे ही यह मामला सामने आया तो मंत्री ने रविवार को यूनियन नेताओं के साथ बैठक की। मंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग सबसे महत्वपूर्ण है। ऐसे में हमारा प्रयास अधिकारियों की मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करना है। मंत्री ने पत्र जारी करने में देरी की बात मानी बैठक में मंत्री ने माना कि 16-17 तारीख को पंजाब रेवेन्यू ऑफिसर यूनियन की मीटिंग हुई थी। इसमें कई फैसले लिए गए हैं। लेकिन ऑफिस से पत्र जारी करने में देरी हुई है। इस कारण कम्युनिकेशन गैप हो गया है। जल्द ही पत्र जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अफसरों की जो भी मांगें हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। अफसरों की सुरक्षा को प्राथमिकता के आधार पर तय किया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पहले दिन प्रशासन ने हररायपुर गोशाला में भिजवाया 200 क्विंटल मक्की अचार
पहले दिन प्रशासन ने हररायपुर गोशाला में भिजवाया 200 क्विंटल मक्की अचार भास्कर न्यूज | बठिंडा बेजुबान की आवाज बनी समाजसेवी संस्थाओं का संघर्ष रंग लाया, जिला प्रशासन ने ख्यालीवाला स्थित सरकारी गोशाला हररायपुर कैटल पौंड में गोवंश के लिए खुराक भिजवाना शुरू कर दिया है। शनिवार को पहले दिन जिला प्रशासन की ओर से 37 क्विंटल के बाद 125 फिर 43 क्विंटल मक्की अचार हररायपुर कैटल पौंड में भिजवाया। जिला पशु भलाई सोसायटी के चेयरमैन डीसी जसप्रीत सिंह के निर्देशानुसार गोवंश के लिए खुराक लेकर गोनियाना के बीडीपीओ अमनदीप शर्मा पहुंचे। समाजसेवी संस्थाओं ने भी रोजमर्रा की 70 क्विंटल हरा चारा खिलाया। प्रशासन की इस पहल से गोवंश को अब भूखा नहीं रहना पड़ेगा। जिला पशु भलाई के मेंबर सचिव-कम-एडीसी डेवलपमेंट लवजीत कलसी की ओर से जारी हिदायतों के अनुसार पशु पालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर, डीडीपीओ प्रतिदिन हररायपुर कैटल पौंड का विजिट करेंगे, गोशाला के प्रबंध संबंधी रिपोर्ट डीसी को पेश करेंगे। नगर निगम का एक प्रतिनिधि और गोनियाना के बीडीपीओ बीमार पशुओं के उपचार का बंदोबस्त करेंगे। एडीसी दफ्तर का एक मुलाजिम वहां समस्याओं की रिपोर्ट तैयार करेगा। जिला प्रशासन की ओर से दिए सहयोग के लिए आभार जताते हुए सोनू माहेश्वरी ने बताया कि अब गोशाला में शाम के शेड्यूल में पशुओं को खिलाने के लिए पर्याप्त खुराक रहेगी, संस्था के 2-3 सदस्य शाम के समय भी गोवंश की सेवा करने जाते हैं। उन्होंने बताया कि गोशाला में एक सप्ताह तक अच्छी क्वालिटी के 15 कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए डीसी से बात करके एक विभागीय अफसर और दूसरा एनजीओ के मोबाइल में सीसीटीवी की रिकार्डिंग दिखेगी, जिससे वहां के हालात की मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
बिट्टू के बहाने पंजाब की 60% सिख आबादी पर नजर:बेअंत के पोते पगड़ीधारी सिख, 38% हिंदुओं की भी पसंद, बड़ा सवाल-राज्यसभा में कहां से जाएंगे
बिट्टू के बहाने पंजाब की 60% सिख आबादी पर नजर:बेअंत के पोते पगड़ीधारी सिख, 38% हिंदुओं की भी पसंद, बड़ा सवाल-राज्यसभा में कहां से जाएंगे पंजाब में BJP एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाई लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवनीत सिंह बिट्टू को अपनी कैबिनेट में शामिल कर एक बार फिर सिखों को साधने की कोशिश की है। बिट्टू लोकसभा चुनाव में लुधियाना सीट पर कांग्रेसी उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के सामने हार गए थे। पंजाब से आतंकवाद खत्म करने का श्रेय बिट्टू के दादा सरदार बेअंत सिंह को ही जाता है। बेअंत सिंह ने पंजाब का CM रहते हुए सुपर कॉप केपीएस गिल को आतंकियों के खात्मे के लिए फ्री हैंड दिया था। उनसे नाराज खालिस्तान समर्थकों ने 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ में पंजाब सेक्रेटेरिएट के बाहर बम विस्फोट करके बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी। उस धमाके में बेअंत सिंह के साथ 3 कमांडो समेत 17 लोगों की जान चली गई थी। राज्य में अमन-शांति स्थापित करने के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर देने वाले बेअंत संह और उनके परिवार को पंजाब के कुल 38.5% हिंदू पसंद करते रहे हैं। रवनीत बिट्टू को मंत्री बनाने का फायदा BJP को पंजाब में जल्दी होने वाले नगर निगम, पंचायत और पांच विधानसभा सीटों के उपचुनाव में मिल सकता है। रवनीत बिट्टू इस समय न तो लोकसभा सांसद हैं और न ही राज्यसभा के मेंबर। पंजाब विधानसभा में महज 2 विधायक होने के चलते BJP यहां से उन्हें राज्यसभा भेजने की पोजिशन में भी नहीं है। ऐसे में पार्टी उन्हें हरियाणा या किसी दूसरे स्टेट से राज्यसभा में भेज सकती है। हरियाणा में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा रोहतक सीट से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में उन्हें 15 दिन के अंदर अपनी राज्यसभा सीट खाली करनी होगी। हरियाणा में भाजपा की सरकार भी है। रवनीत बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करके भाजपा की पंजाब में जिन 4 चीजों पर नजर है, आइए उन्हें वन-बाई-वन समझते समझते हैं। 1. पोते के बहाने दादा की लीगेसी को भुनाने की अप्रोच
रवनीत सिंह बिट्टू के परिवार का पंजाब में अलग सियासी रसूख है। उनके दादा स्व. बेअंत सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे। पंजाब में आतंकवाद खत्म करने की कीमत अपनी जान देकर चुकाने वाले बेअंत सिंह को पंजाबी, खासकर हिंदू बिरादरी आज भी याद करती है।
भाजपा की कोशिश बिट्टू के बहाने उनके दादा की लीगेसी को भुनाने की है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में रवनीत बिट्टू ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने दादा बेअंत सिंह के फोटो होर्डंग्स और बैनर में लगाए थे। 2. 60% सिख आबादी पर नजर
पंजाब में 60% आबादी सिखों की है। बिट्टू पगड़ीधारी सिख हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पार्टी इस आबादी के करीब जाने की कोशिश कर रही है। बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करके BJP ने उन लोगों को जवाब देने की कोशिश की है जो उसे पंजाब विरोधी बताते हैं।
पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि बिट्टू के मंत्री बनने से पंजाबियों में उसे लेकर सकारात्मक संदेश जाएगा। पार्टी की रणनीति सिख चेहरों को आगे रखते हुए ग्रामीण एरिया में पैठ बनाने की है। 3. सिख चेहरे की कमी पूरी, अकाली दल से आगे निकली पार्टी
पंजाब के अंदर BJP का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसी लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को पीछे छोड़ते हुए भाजपा वोट शेयर के मामले में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 9% के आसपास था जो 2014 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 18.56% पर पहुंच गया। दूसरी तरफ 2019 के लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल का वोट शेयर 27.45% था, जो 2024 में गिरकर 13.42% रह गया। वोट शेयर के मामले में BJP से आगे सिर्फ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी रही। प्रत्याशियों की जमानत जब्त होने के मामले में भी भाजपा का प्रदर्शन अकाली दल के मुकाबले बेहतर रहा। अकाली दल के 13 में से 10 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। बठिंडा से हरसिमरत कौर बादल, फिरोजपुर से नरदेव सिंह बॉबी मान और अमृतसर से अनिल जोशी ही अपनी जमानत बचा पाए। इसके मुकाबले भाजपा के 13 में से सिर्फ 4 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। इनमें खडूर साहिब के मंजीत सिंह मन्ना मियाविंड, बठिंडा से परमपाल कौर सिद्धू, संगरूर से अरविंद खन्ना और फतेहगढ़ साहिब से गेजाराम शामिल रहे। भाजपा पंजाब की 13 सीटों में से 3 सीटों पर तो दूसरे स्थान पर रही। इनमें लुधियाना, जालंधर और गुरदासपुर सीट शामिली है। पार्टी 6 सीटों-अमृतसर, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, होशियारपुर व पटियाला में तीसरे स्थान पर रही। इसके अलावा, नवजोत सिद्धू के पार्टी छोड़ जाने के बाद भाजपा के पास पंजाब में कोई सिख चेहरा नहीं बचा। BJP ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को साथ जोड़कर इस कमी को पूरा करना चाहा लेकिन बढ़ती उम्र के कारण कैप्टन सक्रिय राजनीति से लगभग किनारा कर चुके हैं। ऐसे में रवनीत बिट्टू के आने से पार्टी की सिख चेहरे की तलाश खत्म होती नजर आ रही है। 4. 2027 पर नजर, बिट्टू में देख रही फ्यूचर लीडरशिप
भाजपा बेशक इस लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई लेकिन उसका टारगेट 2027 में होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव है। इसकी शुरुआत पार्टी ने एक तरह से 2022 के विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद शुरू कर दी थी। अपना जनाधार बढ़ाने और रूरल एरिया में पैठ बनाने के लिए सिलसिलेवार ढंग से कांग्रेस और अकाली दल के बड़े चेहरों को पार्टी जॉइन करवाई गई। इनमें कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, परनीत कौर, रवनीत सिंह बिट्टू, केवल सिंह ढिल्लों, सुशील रिंकू, अरविंद खन्ना, पूर्व कांग्रेसी सांसद संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी, अकाली दल के पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर शामिल हैं। 2027 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन ढाई साल पड़े हैं। रवनीत बिट्टू अभी जवान हैं। आनंदपुर साहिब और लुधियाना लोकसभा सीट से 3 बार कांग्रेस का सांसद रहने के अलावा वह पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान भी रहे हैं। भाजपा नेतृत्व को लगता है कि यदि उन्हें पार्टी की रीति-नीति के हिसाब से ढाल लिया जाए तो वह आने वाले कई बरसों तक पंजाब में पार्टी के लिए काम कर सकते हैं। पार्टी के बड़े चेहरे चुनाव हारे
भाजपा ने पहली बार पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। इनमें कुछ बड़े चेहरे भी थे। पार्टी एक भी सीट जीत नहीं पाई। होशियारपुर लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश की पत्नी अनीता सोमप्रकाश तीसरे स्थान पर खिसक गईं। अमृतसर सीट पर पार्टी उम्मीदवार तरनजीत सिंह संधू और पटियाला सीट पर पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर भी तीसरे स्थान पर रहीं।
लुधियाना में पेड़ से टकराई स्कूल वैन:हादसे में एक बच्चे की मौत, 3 गंभीर घायल, लापरवाही से चला रहा था ड्राइवर
लुधियाना में पेड़ से टकराई स्कूल वैन:हादसे में एक बच्चे की मौत, 3 गंभीर घायल, लापरवाही से चला रहा था ड्राइवर लुधियाना जिले के जगराओं में मंगलवार की सुबह बच्चों को घर से स्कूल लेकर आ रही शहर के नामी प्राइवेट स्कूल की तेज रफ्तार वैन पेड़ से जा टकराई। जिससे एक बच्चे की मौके पर मौत हो गई, जबकि कई बच्चे घायल हो गए है। मृतक बच्चा गांव अखाडा का रहने वाला बताया जा रहा है। क्षतिग्रस्त हुई स्कूल वैन जानकारी के अनुसार, मंगलवार की सुबह रायकोट रोड पर गांव अखाडा समेत अन्य गांवों से स्कूली बच्चों को लेकर स्कूल आ रही स्कूल वैन की रफ्तार इतनी तेज थी कि पेड़ से टकराने के बाद पूरी वैन चकनाचूर हो गई। हादसे में 3 बच्चे गंभीर घायल हो गए है। जिन्हें एम्बुलेंस की सहायता से अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उनका इलाज चल रहा है। घटना स्थल पर लगा जाम हादसे के बाद वैन में सवार बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। हादसे की जानकारी मिलते ही गांवो से बच्चो के परिजन मौके पर पहुंचे और अपने अपने बच्चे को लेकर चले गए। हादसे के कारण एक किलो मीटर तक जाम लग गया बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि वैन का ड्राइवर तेज रफ्तार में काफी दूर से डोलता आ रहा था। तनावपूर्ण हुआ माहौल हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रैफिक निकालना शुरू कर दिया। वही बच्चे की मौत की खबर मिलते ही गांव अखाडा के लोग मौके पर पहुंचे और बेटे का शव देख बेसुध होने लगे। हादसा इतना जबरदस्त था कि बच्चे का सिर का एक हिस्सा अलग हो गया। बच्चे का हाल देखकर माहौल तनावपूर्ण बन गया और गांव निवासी बच्चे की मौत को लेकर इस कदर गुस्से में आ गए कि बस को आग लगाने की बात करने लगे।