पंजाब पुलिस एक तरफ जहां रोजाना नशा तस्करों को काबू करने के दावे करती है। वहीं, अब पुलिस की एक ऐसी करतूत सामने आई है कि जिसने सारी पुलिस फोर्स को ही शर्मसार कर दिया है। सुनने में मामला काफी हैरान करने वाला है। एक व्यक्ति को पुलिस सब इंस्पेक्टर ने सलाखों के पीछे केवल इसलिए डाल दिया, क्योंकि व्यक्ति ने उसकी गाड़ी को निकलने का रास्ता नहीं दिया। हालांकि जब मामले कि फोरेंसिक रिपोर्ट आई तो पता चला कि आरोपी की जेब से कोई नशे की गोली नहीं बल्कि पैरासिटामोल निकली थी। इस मामले में अब पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया है कि दो लाख रुपए का मुआवजा पीड़ित को दिया जाए। मुआवजे की 50 फीसदी राशि दोषी अधिकारी सब इंस्पेक्टर राजिंदर सिंह के वेतन से वसूली जाएगी। डिजिटल रिकार्ड में याची का नाम छिपाने के आदेश दिए गए हैं। इस तरह खुली इंस्पेक्टर की पोल कपूरथला निवासी याची की तरफ से उच्च अदालत में नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। उसने बताया कि उसे झूठा केस दर्ज कर फंसाया गया। क्योंकि उसने एक अधिकारी को साइड नहीं दी थी, जो कि उसके पीछे कार में चल रहा था। यह मामला 25 जून 2024 का है। जबकि एफआईआर दो दिन बाद 26 जून को दर्ज की गई। उसे अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया। परिवार को सूचना तक नहीं दी गई। 13 सितंबर को पंजाब सरकार ने फॉरेंसिक रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी। जिसमें पता चला कि जब्त सामग्री एसिटामिनोफेन (पेरासिटामोल) थी। दो महीने 15 दिन रखा हिरासत में याची ने बताया कि उसे दो महीने 15 दिन हिरासत में रखा गया। उसके बाद 13 सितंबर को हाईकोर्ट ने जमानत दी। हाईकोर्ट ने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट 31 अगस्त को उन्हें मिल गई थी। उसके बाद 17 सितंबर को हाईकोर्ट के आदेश पर उसे छोड़ा गया। पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि मामले में कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हाईकोर्ट ने की यह टिप्पणी हाईकोर्ट ने कहा कि हम पुलिस अधिकारियों की मनमानी से बहुत परेशान हैं। ऐसे घोर उल्लंघन को देखना भयावह है। जहां कानून के शासन को बनाए रखने का कर्तव्य का पालन करने में विफल रहे हैं। न्यायालय को यह आचरण अस्वीकार्य और अत्यंत चिंताजनक लगता है। पीठ ने कहा कि दोषी अधिकारियों के आचरण को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। पंजाब पुलिस एक तरफ जहां रोजाना नशा तस्करों को काबू करने के दावे करती है। वहीं, अब पुलिस की एक ऐसी करतूत सामने आई है कि जिसने सारी पुलिस फोर्स को ही शर्मसार कर दिया है। सुनने में मामला काफी हैरान करने वाला है। एक व्यक्ति को पुलिस सब इंस्पेक्टर ने सलाखों के पीछे केवल इसलिए डाल दिया, क्योंकि व्यक्ति ने उसकी गाड़ी को निकलने का रास्ता नहीं दिया। हालांकि जब मामले कि फोरेंसिक रिपोर्ट आई तो पता चला कि आरोपी की जेब से कोई नशे की गोली नहीं बल्कि पैरासिटामोल निकली थी। इस मामले में अब पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया है कि दो लाख रुपए का मुआवजा पीड़ित को दिया जाए। मुआवजे की 50 फीसदी राशि दोषी अधिकारी सब इंस्पेक्टर राजिंदर सिंह के वेतन से वसूली जाएगी। डिजिटल रिकार्ड में याची का नाम छिपाने के आदेश दिए गए हैं। इस तरह खुली इंस्पेक्टर की पोल कपूरथला निवासी याची की तरफ से उच्च अदालत में नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। उसने बताया कि उसे झूठा केस दर्ज कर फंसाया गया। क्योंकि उसने एक अधिकारी को साइड नहीं दी थी, जो कि उसके पीछे कार में चल रहा था। यह मामला 25 जून 2024 का है। जबकि एफआईआर दो दिन बाद 26 जून को दर्ज की गई। उसे अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया। परिवार को सूचना तक नहीं दी गई। 13 सितंबर को पंजाब सरकार ने फॉरेंसिक रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी। जिसमें पता चला कि जब्त सामग्री एसिटामिनोफेन (पेरासिटामोल) थी। दो महीने 15 दिन रखा हिरासत में याची ने बताया कि उसे दो महीने 15 दिन हिरासत में रखा गया। उसके बाद 13 सितंबर को हाईकोर्ट ने जमानत दी। हाईकोर्ट ने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट 31 अगस्त को उन्हें मिल गई थी। उसके बाद 17 सितंबर को हाईकोर्ट के आदेश पर उसे छोड़ा गया। पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि मामले में कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हाईकोर्ट ने की यह टिप्पणी हाईकोर्ट ने कहा कि हम पुलिस अधिकारियों की मनमानी से बहुत परेशान हैं। ऐसे घोर उल्लंघन को देखना भयावह है। जहां कानून के शासन को बनाए रखने का कर्तव्य का पालन करने में विफल रहे हैं। न्यायालय को यह आचरण अस्वीकार्य और अत्यंत चिंताजनक लगता है। पीठ ने कहा कि दोषी अधिकारियों के आचरण को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान ने सुसाइड किया:डल्लेवाल जहां 45 दिन से आमरण अनशन कर रहे, वहां गीजर फटने से आंदोलनकारी झुलसा
हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान ने सुसाइड किया:डल्लेवाल जहां 45 दिन से आमरण अनशन कर रहे, वहां गीजर फटने से आंदोलनकारी झुलसा हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान गुरुवार को एक किसान ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। किसानों ने बताया- गुरुवार सुबह लंगर स्थल के पास ही तरनतारन जिले के पहूविंड गांव में रहने वाले रेशम सिंह (55) ने सल्फास खाया। उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। किसान नेता तेजबीर सिंह ने कहा कि रेशम शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 11 महीने से आंदोलन के बावजूद सरकार की तरफ से इसका समाधान न निकालने से नाराज था। इससे पहले भी 14 दिसंबर को किसान रणजोध सिंह ने भी सल्फास खा लिया था। वह उस दिन दिल्ली कूच न करने देने से नाराज हुआ था। करीब 4 दिन बाद उसकी पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में मौत हो गई थी। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने इस आंदोलन को समर्थन दे दिया है। गुरुवार (9 जनवरी) को मोगा में हुई महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत और जोगिंदर उगराहां ने कहा कि कल उनकी 6 मेंबरी कमेटी की अगुआई में 101 किसानों का जत्था खनौरी बॉर्डर जाएगा। जहां वे सरवण पंधेर और जगजीत डल्लेवाल की सहमति लेंगे। खनौरी बॉर्डर पर झुलसा किसान
उधर, खनौरी बॉर्डर पर 45वें दिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है। उनकी हालत गंभीर है। यहीं गीजर फटने से गुरुवार को एक किसान झुलस गया। उसे पटियाला के समाना स्थित सरकारी अस्पताल में लाया गया। उसके हाथ और पैर झुलसे हैं। किसान की पहचान गुरदयाल के रूप में हुई है। डल्लेवाल से मिलने पहुंचे पटियाला के SSP
पटियाला के SSP नानक सिंह और सरकारी डॉक्टरों की टीम जगजीत सिंह डल्लेवालसे मिलने पहुंची। बुधवार को डल्लेवाल का मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए डॉक्टरों ने कहा था कि उनके पैरों को अगर शरीर के अन्य हिस्सों के बराबर करते हैं तो उनका ब्लड प्रेशर काफी कम हो जाता है। ब्लड प्रेशर थोड़ा स्थिर करने के लिए उनके पैरों को ऊंचाई पर रखना पड़ रहा है। उन्हें बोलने में भी दिक्कत हो रही है। बुधवार को पूरा दिन वह अपनी ट्रॉली में ही रहे। उन्होंने किसी से भी मुलाकात करने से मना कर दिया है। सपा के सांसद डल्लेवाल से मिलने पहुंचे थे
समाजवादी पार्टी से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से सांसद हरेंद्र मलिक ने बुधवार को डल्लेवाल से मुलाकात की थी। उन्होंने किसानों से पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव से फोन पर बात कराई। अखिलेश ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि वह सभी राजनीतिक पार्टियों से बात करेंगे और प्रयास करेंगे कि सभी राजनीतिक पार्टियां आपसी मतभेद भुलाकर MSP गारंटी कानून के मुद्दे पर एकजुट हों, ताकि किसानों की आत्महत्याओं को रोका जा सके। किसान नेता बोले- कृषि मंत्री डल्लेवाल से बात क्यों नहीं करते
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली के किसानों से मीटिंग करके कहते हैं कि हमारी योजनाओं का लाभ आपको नहीं मिल रहा है, इसलिए वो दुखी हैं, लेकिन दूसरी तरफ उन्हें 13 फरवरी 2024 से सड़कों पर बैठे किसान एवं आमरण अनशन कर रहे डल्लेवाल का संघर्ष नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि जनगणना 2016 के अनुसार दिल्ली में 21000 किसान थे, जिनकी संख्या पिछले 8 साल में घट चुकी है। डल्लेवाल की बिगड़ती हालत के मद्देनजर केंद्र सरकार को गंभीर होकर किसानों की समस्याओं का हल करना चाहिए। किसानों की आगे क्या रणनीति… 1. PM के पुतले जलाएंगे
किसानों ने 10 जनवरी को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। इस दौरान प्रधानमंत्री का पुतला जलाया जाएगा। जबकि 13 जनवरी को लोहड़ी वाले दिन केंद्र सरकार की एग्रीकल्चर मार्केटिंग पॉलिसी के ड्राफ्ट की कॉपियां जलाई जाएंगी। 2. 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे
26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी की है। किसान नेताओं ने लोगों से आह्वान किया है वह ज्यादा संख्या में आंदोलन में शामिल हों। सुप्रीम कोर्ट बोल चुका- हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही
सुप्रीम कोर्ट में डल्लेवाल को लेकर 8 सुनवाई हो चुकीं हैं। पहली सुनवाई 13 दिसंबर को हुई थी। इसमें कोर्ट पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कह चुका है कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए मोहलत भी दी थी। इस मामले में अब अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी। ———————- किसानों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
संयुक्त किसान मोर्चा का आंदोलन को समर्थन:SKM ने पंजाब में महापंचायत की; कल पंधेर-डल्लेवाल की सहमति लेंगे पंजाब के मोगा में आज संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की महापंचायत की गई। इसमें फैसला लिया गया है कि सभी किसान संगठन शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का सहयोग एकजुटता के साथ करेंगे। इसके लिए महापंचायत में प्रस्ताव पेश किया गया, जिस पर सभी यूनियनों के नेताओं ने सहमति जताई। पढ़ें पूरी खबर डल्लेवाल को बात करने में दिक्कत, ट्रीटमेंट नहीं ले रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत नाजुक है। वह किसी के साथ बात भी नहीं कर पा रहे हैं। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि यदि डल्लेवाल के साथ कुछ अनहोनी हो गई तो शायद उसके बाद जो स्थिति पैदा होगी, उसे केंद्र सरकार संभाल नहीं पाएगी। पूरी खबर पढ़ें…
अमृतसर में गणतंत्र दिवस से पहले सुरक्षा अलर्ट:एडीजीपी ट्रैफिक ने चेक किए सीसीटीवी, रेलवे स्टेशन पर विशेष चेकिंग अभियान
अमृतसर में गणतंत्र दिवस से पहले सुरक्षा अलर्ट:एडीजीपी ट्रैफिक ने चेक किए सीसीटीवी, रेलवे स्टेशन पर विशेष चेकिंग अभियान अमृतसर में गणतंत्र दिवस की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पंजाब पुलिस अलर्ट है। एडीजीपी ट्रैफिक एएस राय ने डीजीपी पंजाब के निर्देश पर अमृतसर का दौरा किया और पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर के साथ सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की। एडीजीपी ने छेहरटा और इस्लामाबाद पुलिस स्टेशनों का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने कैमरा सिस्टम और एक्सेस कंट्रोल व्यवस्था की जांच की। गांधी मैदान में गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियों का भी जायजा लिया गया। विशेष रूप से, अमृतसर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नाइट डोमिनेशन ऑपरेशन की सराहना की गई, जो डीसीपी, एडीसीपी और एसीपी के नेतृत्व में संचालित किया जा रहा है। एडीजीपी ने पिछले साल की उपलब्धियों का भी जिक्र किया, जिसमें अमृतसर पुलिस द्वारा 128 किलोग्राम हेरोइन की बरामदगी शामिल है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शहर में किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और गणतंत्र दिवस को पूरी सुरक्षा के साथ मनाया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर भी विशेष जांच अभियान चलाया गया।
अमृतसर के मेयर पर आज लग सकती है मुहर:राजा वडिंग और प्रताप बाजवा करेंगे मीटिंग, कांग्रेस के दो चेहरे दौड़ में
अमृतसर के मेयर पर आज लग सकती है मुहर:राजा वडिंग और प्रताप बाजवा करेंगे मीटिंग, कांग्रेस के दो चेहरे दौड़ में अमृतसर नगर निगम चुनाव में 40 सीटें जीतने के बावजूद अभी तक कांग्रेस मेयर का नाम फाइनल नहीं कर पाई है। आज कांग्रेस के प्रदेश प्रधान राजा वडिंग और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा अमृतसर पहुंच रहे हैं, जो नगर निगम मेयर के लिए राजकंवल प्रीत सिंह लक्की या फिर विकास सोनी के नाम पर मुहर लगा सकते हैं। विधानसभा भी है टारगेट जो भी अमृतसर का मेयर होगा वह विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को मजबूती देगा। अगर ईमानदार छवि रहेगी और नगर निगम की आम समस्याएं बखूबी हल होंगी तो कांग्रेस को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनावों की लड़ाई भी मेयर के कंधों पर लड़ सकती है। कल भी रहेगा बैठकों का दौर आज कांग्रेस के प्रधान राजा वडिंग और नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा पहुंच रहे हैं, तो कल आब्जर्वर हरीश चौधरी पहुंच रहे हैं। आज मेयर के नाम पर मुहर लगने के बावजूद कांग्रेस को अभी पांच कौंसलरों का सपोर्ट चाहिए। बता दें कि, चुनावी नतीजों में कांग्रेस को 85 में से 40 सीटें मिलीं थीं। जिसके बाद वार्ड नंबर 64 से विजेता रहे। आजाद कौंसलर नीतू टांगरी ने भी कांग्रेस को सपोर्ट किया है। वहीं आम आदमी पार्टी को 24, भाजपा को 9 और अकाली दल 4 पार्षद सीट मिली हैं, जबकि आजाद 8 जीते। ऐसे में कांग्रेस और AAP ही हाउस गठन के लिए आमने-सामने हैं। आम आदमी पार्टी जहां आजाद और अकाली दल को लुभाने में लगी है, वहीं कांग्रेसी खेमें में भी सेंधमारी की जुगत भिड़ा रही है। दूसरी तरफ पुराने कांग्रेसी रहे विजेताओं और आजाद पार्षदों से संपर्क कर रही है। मेयर के लिए पहली पसंद राजकंवल लक्की मेयर के नाम के लिए शहरवासियों की पहली पसंद राजकंवल प्रीत सिंह लक्की हैं। राजकंवल चौथी बार पार्षद बने हैं और पहली बार में ही उनकी बेटी भी 9 नंबर वार्ड से पार्षद बनी हैं। राजकंवल एक ईमानदार छवि है जिसका फायदा कांग्रेस को शहर में अपनी छवि मजबूत बनाने के लिए मिल सकता है। वहीं शहर में इस समय नगर निगम की कारगुजारी से लोग परेशान है लेकिन अगर राजकंवल लक्की मेयर बनते हैं तो बहुत हद तक यह समस्याएं हल हो सकती हैं, क्योंकि वार्ड नंबर 14 में तीन बार पार्षद रहे लक्की ने अपनी जेब से पैसे खर्च कर कई बार काम करवाए हैं। लक्की कांग्रेस के किसानों के समर्थन में दिल्ली में किए गए धरने में भी लगातार शामिल रहे हैं, वहीं लक्की पंजाब वाटर सीवर सप्लाई बोर्ड के सीनियर वाइस चेयरमैन रहे हैं और अमृतसर प्लानिंग कमेटी के भी चेयरमैन रहे हैं। 2012 से 2017 तक लक्की नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं। विकास सोनी भी है दौड़ में शामिल दूसरी तरफ पूर्व डिप्टी सीएम ओम प्रकाश सोनी के भतीजे विकास सोनी भी दौड़ में शामिल हैं। विकास सोनी दूसरी बार पार्षद हैं और कांग्रेस के कई पार्षदों का साथ उनके साथ है। विकास सोनी के लिए शहर के लोग भी चर्चा कर रहे हैं और वह कांग्रेस के जिला य़ूथ प्रधान भी रहे हैं। विकास सोनी ने भी वार्ड की कई समस्याओं को हल करवाया है और उनके इलाके के लोग उन्हें पसंद भी करते हैं।