पंजाब में पराली जलाने के मामलों में 70 फीसदी की कमी आई है। यह दावा पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने किया है। उनका कहना है कि 30 नवंबर खरीफ सीजन 2024 का अंतिम दिन था। इस समय में पराली जलाने के कुल 10,909 मामले सामने आए हैं। यह संख्या 2023-24 सीजन में दर्ज 36663 मामलों की तुलना में काफी कम है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने के मामले में पंजाब सरकार को फटकार लगाई थी। वहीं, पराली के धुएं का मुद्दा इस बार सरहद पार पाकिस्तान तक पहुंचा था। पंजाब पाकिस्तान की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने तो इस गंभीर मुद्दे पर भारत पंजाब सीएम भगवंत मान को पत्र लिखने की बात कहीं थी। इस वजह से पराली जलाने के केस हुए कम मंत्री बताया कि पराली जलाने के कमी के लिए कई कारक है। एक तो फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनरी के बढ़ते उपयोग के कारण पराली जलाने के मामलों में यह कमी आई है। किसानों को सब्सिडी पर 22582 सीआरएम मशीनों के लिए मंजूरी पत्र जारी किए गए, जिनमें से 16,125 मशीनें किसानों द्वारा खरीदी जा चुकी हैं। इसके अलावा, छोटे और सीमांत किसानों की सीआरएम मशीनों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 722 कस्टमर हायरिंग सेंटर (सीएचसी) स्थापित किए गए हैं। कई पंच हुए थे संस्पेंड पराली जलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी पंजाब और पड़ोसी राज्य हरियाणा को लताड़ लग चुकी है। अदालत ने कहा कि वहां पर किसानों पर केवल नाम के लिए कार्रवाई हो रही है। इसके बाद जब सुप्रीम कोर्ट सख्त हुआ था तो 950 से किसानों पर कार्रवाई हुई। उनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज की गई थी। कई अधिकारियों को नोटिस हुए हैं। जबकि कई पंच सस्पेंड हुए। तर्क दिया कि वह गांवों को पराली जलाने से रोकने में नाकाम रहे हैं। पंजाब में पराली जलाने के मामलों में 70 फीसदी की कमी आई है। यह दावा पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने किया है। उनका कहना है कि 30 नवंबर खरीफ सीजन 2024 का अंतिम दिन था। इस समय में पराली जलाने के कुल 10,909 मामले सामने आए हैं। यह संख्या 2023-24 सीजन में दर्ज 36663 मामलों की तुलना में काफी कम है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने के मामले में पंजाब सरकार को फटकार लगाई थी। वहीं, पराली के धुएं का मुद्दा इस बार सरहद पार पाकिस्तान तक पहुंचा था। पंजाब पाकिस्तान की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने तो इस गंभीर मुद्दे पर भारत पंजाब सीएम भगवंत मान को पत्र लिखने की बात कहीं थी। इस वजह से पराली जलाने के केस हुए कम मंत्री बताया कि पराली जलाने के कमी के लिए कई कारक है। एक तो फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनरी के बढ़ते उपयोग के कारण पराली जलाने के मामलों में यह कमी आई है। किसानों को सब्सिडी पर 22582 सीआरएम मशीनों के लिए मंजूरी पत्र जारी किए गए, जिनमें से 16,125 मशीनें किसानों द्वारा खरीदी जा चुकी हैं। इसके अलावा, छोटे और सीमांत किसानों की सीआरएम मशीनों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 722 कस्टमर हायरिंग सेंटर (सीएचसी) स्थापित किए गए हैं। कई पंच हुए थे संस्पेंड पराली जलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी पंजाब और पड़ोसी राज्य हरियाणा को लताड़ लग चुकी है। अदालत ने कहा कि वहां पर किसानों पर केवल नाम के लिए कार्रवाई हो रही है। इसके बाद जब सुप्रीम कोर्ट सख्त हुआ था तो 950 से किसानों पर कार्रवाई हुई। उनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज की गई थी। कई अधिकारियों को नोटिस हुए हैं। जबकि कई पंच सस्पेंड हुए। तर्क दिया कि वह गांवों को पराली जलाने से रोकने में नाकाम रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब में ट्रक-बस की टक्कर..बिहार के 25 लोग घायल:सभी मजदूरी के लिए गए थे; ट्रांसफॉर्मर से भी टकराई, आग लगती तो बड़ा हादसा होता
पंजाब में ट्रक-बस की टक्कर..बिहार के 25 लोग घायल:सभी मजदूरी के लिए गए थे; ट्रांसफॉर्मर से भी टकराई, आग लगती तो बड़ा हादसा होता पंजाब के खन्ना में नेशनल हाईवे पर गुरुवार आधी रात को बड़ा हादसा हुआ। यहां एक बस को पीछे से तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी, जिससे बस करीब 150 मीटर दूर जाकर बिजली के ट्रांसफॉर्मर से टकरा गई। इस हादसे में करीब 25 लोग घायल हो गए। सभी बिहार के रहनेवाले हैं। बताया जा रहा है कि यह बस बिहार के बेतिया से मजदूर लेकर आ रही थी। घटना में घायल हुए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी हैं। इन्हें सिविल अस्पताल खन्ना में भर्ती कराया गया। हादसे के बाद सड़क पर पड़े यात्रियों के PHOTOS… लेबर उतारने रुकी थी बस
जानकारी के अनुसार, पंजाब में धान लगाने के लिए बिहार और यूपी से करीब 65 मजदूर बस में आ रहे थे। आधे लेबर को खन्ना में उतरना था। रात करीब साढ़े 12 बजे के बस नेशनल हाईवे पर गुरु अमरदास मार्केट के सामने बने कट पर रुकी। अभी कुछ मजदूर उतरे थे कि तभी पीछे से तेज रफ्तार ट्रक आकर बस से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दूर तक इसकी आवाज सुनाई दी। इस टक्कर से मजदूरों में चीख पुकार मच गई। साथ ही टक्कर लगने से बस आगे बढ़ गई और करीब डेढ़ सौ मीटर दूर जाकर एक ट्रांसफॉर्मर से टकराई। इससे भी जोरदार धमाका हुआ। पार्किंग ठेकेदार निजी एंबुलेंस लेकर पहुंचा
जोरदार धमाके की आवाज सुनकर पास ही सिविल अस्पताल में मौजूद पार्किंग ठेकेदार बलजिंदर सिंह टीटू अपने साथियों समेत मौके पर पहुंचे। उन्होंने एंबुलेंस बुलाई और घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू किया। साथ ही 108 एंबुलेंस और पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना दी। राहगीर भी घायलों की मदद के लिए रुके। सड़क सुरक्षा फोर्स ने सभी के सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। सिटी थाना-2 के SHO गुरमीत सिंह ने अपनी टीम समेत मौके पर पहुंच रोड क्लियर करवाया और घायलों की मदद की। ट्रक का टायर फटने से हादसा हुआ
हादसे में बस को आग नहीं लगी, जिससे बड़ा बचाव हुआ है। जब ट्रक की टक्कर के बाद बस ट्रांसफॉर्मर से टकराई तो धमाके के साथ आग भी निकली। यह भी बचाव रहा कि बस में करंट नहीं आया। इससे भी बड़ा नुकसान हो सकता था। सिटी थाना-2 के SHO के अनुसार ट्रक का टायर फटने की वजह से हादसा हुआ है।
पीएपी सर्विस लेन से 7 मीटर चौड़ा 250 मीटर लंबा नया रैंप बनेगा
पीएपी सर्विस लेन से 7 मीटर चौड़ा 250 मीटर लंबा नया रैंप बनेगा वारिस मलिक| जालंधर पीएपी की बंद पड़ी सर्विस लेन को खोलने के लिए नई ड्राइंग तैयार की गई है। 7 मीटर चौड़ा और 250 मीटर लंबा नया रैप तैयार करके डेंजर जोन बने फ्लाईओवर और सर्विस रोड का हल निकाला जा रहा है। इसके लिए डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने नेशनल हाईवे अथारिटी के अधिकारियों के साथ मीटिंग करने के बाद इसका स्थाई हल निकाला है। जिस पर अब एनएचएआई की तरफ से फाइनल प्रोजेक्ट को तैयार करने के बाद डीसी पीएपी के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर इसे फाइनल करेंगे। पीएपी में यहां पर मौजूदा जगह से क्रैश बैरियर लगाकर मर्ज हुई जगह को ब्लाक किया गया है। वहां से नई लैग को करीब 7 मीटर चौड़ा करते हुए पीएपी फ्लाईओवर के साथ उठाया जाएगा। यहां से आगे 250 मीटर तक फाइनल में 5.50 मीटर तक करते हुए उसे मुख्य फ्लाईओवर के साथ मर्ज किया जाएगा। इससे पीएपी की तरफ जाने वाली सर्विस रोड़ का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे रामामंडी चौक पर बढ़ा हुआ ट्रैफिक का बोझ कम किया जाएगा। लोगों को अमृतसर, करतारपुर जाने के लिए करीब 4 किलोमीटर अतिरिक्त नहीं जाना पड़ेगा। इस नई व्यवस्था के बाद पीएपी फ्लाईओवर के नीचे लाइटों पर लगने वाला जाम भी कम होगा। गौर है कि फ्लाईओवर को चौड़ा करने और सर्विस रोड को खोलने के लिए 6 से अधिक बार ड्राइंग बन चुकी है। लेकिन रेलवे की तरफ से फाइनल नहीं की गई। लेकिन अब इसका हल निकाला गया है। इससे जमीन भी एक्वायर नहीं करनी पड़ेगी और न मिनिस्ट्री आफ रोड़ ट्रांसपोर्ट से इसकी मंजूरी की जरूरत है। सिर्फ एनएचएआई की मंजूरी के बाद इसे शुरू किया जाएगा। हालांकि, शुरूआत में यह भी कहा जा रहा था कि पीएपी फ्लाईओवर के साथ एक नया रेलवे ओवर ब्रिज तैयार किया जाना था। जिसके लिए पीएपी की जमीन एक्वायर करने के साथ रेलवे, पीएसपीसीएल सहित रोड़ ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री से मंजूरी की जरूरत थी। इसके लिए करीब 16 करोड़ रुपए का प्रस्ताव था। लेकिन पीएपी फ्लाईओवर पार करने पर बीबीएमबी का 220 केवी की तारें गुजर रही है, जिन्हें शिफ्ट करने पर ही 18 करोड़ रुपए का खर्चा है। इसके अलावा पीएपी की ट्री लाइन जिसे वह नेचुरल डिफेंस लाइन मानते हैं। उसे भी एक्वायर किया जाना था। जिस पर काफी खर्च होना था। लेकिन नई व्यवस्था के बाद करीब 3 से 4 करोड़ की लागत से 250 मीटर की नई लैग तैयार कर ट्रैफिक को मर्ज किया जाएगा। 2018 में जब पीएपी फ्लाईओवर बनकर तैयार हुआ था और एक दिन बाद ही उसे बंद करना पड़ा था क्योंकि यहां से जालंधर का ट्रैफिक मर्ज किया हुआ था वहां पर लगातार एक्सीडेंट होने लगे थे। उसके बाद प्रशासन ने सर्विस रोड खोलने के लिए एनएचएआई से सुझाव मांगे थे। तब एनएचएआई ने जिस कंपनी को ठेका दिया था। तब उसने 7 मीटर चौड़ा और 250 मीटर लंबा रैंप तैयार करने की बात कही गई थी, जिस पर तब सहमति नहीं बनी थी और नया आरओबी बनाने के लिए कहा जा रहा था लेकिन अब दोबारा से शुरु पांच साल पहले वाली प्रपोजल को ही अपनाया जा रहा है। पीएपी के अधिकारियों का कहना है कि जिस ड्राइंग के हिसाब से इस सर्विस रोड को खोलने के की तैयारी की जा रही है। वह स्थाई हल नहीं है। इसके लिए अलग से लैग तैयार करनी है या फिर फोर लेन फ्लाईओवर को चौड़ा दोनों तरफ से करना होगा। इसके लिए पीएपी की जगह एक्वायर करते हुए नया प्रोजेक्ट तैयार किया जा सकता है। इसके अलावा फ्लाईओवर के उपर ग्रीन बेल्ट जो करीब 6 फुट चौड़ी है उसको छोटा करके भी मौजूदा फ्लाईओवर को चौड़ा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से लाभ मिलेगा।
अबू-धाबी में दिलजीत दोसांझ:शेख की वेशभूषा में आए नजर, पगड़ी की तारीफ सुनकर हुए खुश; दिल-लुमिनाटी टूर का था कार्यक्रम
अबू-धाबी में दिलजीत दोसांझ:शेख की वेशभूषा में आए नजर, पगड़ी की तारीफ सुनकर हुए खुश; दिल-लुमिनाटी टूर का था कार्यक्रम पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ इन दिनों अपने दिल-लुमिनाटी टूर के लिए अबू धाबी में हैं। इस टूर के दौरान दिलजीत ने अबू धाबी के शेख जायद ग्रैंड मस्जिद का एक वीडियो अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर शेयर किया है। दिलजीत मस्जिद की खूबसूरती को देख काफी खुश हुए। इसके साथ ही वे स्थानीय ड्रेस और सिर पर अफगानी साफा पहने नजर आ रहे हैं। दजलीत के साथ स्थानीय लोग भी हैं। इसी दौरान एक शेख ने दिलजीत के साथ उनकी टीम के सदस्य की पगड़ी की तारीफ कर दी। जिसे सुन दिलजीत काफी खुश हुए और कहा कि कहिए, दो मिनट में बांध देते हैं। भारत में शो की सक्सेस के बाद अब उनके विदेश में शो हैं। अबू धाबी में हो रहे इस शो के टिकट भी बहुत तेजी से बिक गए। दुबई और पड़ोसी खाड़ी देशों से लेकर भारत से भी बड़ी संख्या में फैंस इस शो को देखने के लिए आए। इस शो के कारण शहर के कई होटलों में बुकिंग फुल हो गई, साथ ही फ्लाइट टिकटों में भी भारी मांग देखी गई। दिलजीत का टूर और आगामी शहर दिलजीत दोसांझ ने अपने दिल-लुमिनाटी टूर की शुरुआत 26 अक्टूबर को नई दिल्ली से की थी। जहां उन्होंने प्रशंसकों का दिल जीत लिया। इसके बाद जयपुर में उन्होंने अपनी अद्भुत प्रस्तुति से फैंस का दिल जीता। अब 9 नवंबर को अबू धाबी में वह अपने फैंस के लिए परफॉर्म किया। इसके बाद दिलजीत का यह टूर भारत में वापस आएगा, जहां वह 15 नवंबर को हैदराबाद में प्रस्तुति देंगे। हैदराबाद के बाद, दिलजीत अहमदाबाद, लखनऊ, पुणे, कोलकाता, बैंगलोर, इंदौर, चंडीगढ़ और गुवाहाटी सहित अन्य प्रमुख शहरों में परफॉर्म करेंगे। दिल लुमिनाटी ने बढ़ाई फैन फॉलोइंग इस दिल-लुमिनाटी टूर ने दिलजीत दोसांझ की फैन फॉलोइंग को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। उनके शो के लिए प्रशंसकों में काफी अधिक उत्साह देखने को मिल रहा है। दिलजीत के इस टूर के जरिए पंजाबी म्यूजिक और उनकी पॉपुलैरिटी को दुनियाभर में नया विस्तार मिल रहा है।