पंजाब सरकार ने पूर्व IAS करनैल सिंह को पंजाब राज्य पावर रेगुलेटरी कमीशन का सेक्रेटरी नियुक्त किया है। उन्होंने इस पद को संभाल लिया है। शुरू में उनका कार्यकाल 3 साल के लिए रहेगा। हालांकि बाद में इसे बढ़या जा सकता है। जो कि 5 वर्ष तक हो सकता है। करनैल सिंह ने कुछ दिन पहले VRS ली थी, हालांकि सितंबर में उनकी रिटायरमेंट थी। उन्होंने इस मौके कहा था कि उनके पास अपनी सेवाकाल का अच्छा अनुभव है। ऐसे में परिवार के साथ समय बिताना चाहता हूं। राजनीति में आने की कोई दिलचस्पी नहीं है। पंजाब सरकार ने पूर्व IAS करनैल सिंह को पंजाब राज्य पावर रेगुलेटरी कमीशन का सेक्रेटरी नियुक्त किया है। उन्होंने इस पद को संभाल लिया है। शुरू में उनका कार्यकाल 3 साल के लिए रहेगा। हालांकि बाद में इसे बढ़या जा सकता है। जो कि 5 वर्ष तक हो सकता है। करनैल सिंह ने कुछ दिन पहले VRS ली थी, हालांकि सितंबर में उनकी रिटायरमेंट थी। उन्होंने इस मौके कहा था कि उनके पास अपनी सेवाकाल का अच्छा अनुभव है। ऐसे में परिवार के साथ समय बिताना चाहता हूं। राजनीति में आने की कोई दिलचस्पी नहीं है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कपूरथला में भांजे ने व्यक्ति को मारी गोली:मामा की बेटी से था अवैध संबंध, किसी और से शादी होने पर किया हमला पंजाब के कपूरथला में एक युवक ने अपने ही मामा पर जानलेवा हमला कर दिया। युवक का अपने मामा की बेटी के साथ अवैध संबंध था, जिसकी सच्चाई पता चलने पर उन्होंने अपनी बेटी की शादी करवा दी। इसी बात से युवक नाराज था, जिसे लेकर उसने अपने मामा पर बीते सोमवार की रात पिस्तल से फायरिंग कर दी। हमले में घायल व्यक्ति का फिलहाल इलाज चल रहा है। घटना के बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस को दी है, जिसमें उसने बताया कि उनका भांजा सुखवंत सिंह तरनतारन के गांव दुग्गल का रहने वाला है। वह उनके ही घर में पिछले 6 महीने तक रह रहा था। इस दौरान उसने उनकी बेटी के साथ अवैध संबंध बना लिए। जब यह बात सामने आई, तो पीड़ित ने उसे घर से निकाल दिया और बाद में अपनी बेटी की शादी कर दी। जिसके बाद युवक इस बात से खफा हो गया। 13 जनवरी की रात करीब 12-1 बजे आरोपी युवक खिड़की से घर में घुस आया। जब पीड़ित ने उसे पकड़ने की कोशिश की, तो आरोपी ने पिस्तौल निकालकर उस पर गोली चला दी, जिससे व्यक्ति घायल हो गय। गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोगों के इकट्ठा होने लगे, जिसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। वहीं घायल व्यक्ति को परिजन सिविल हॉस्पिटल कपूरथला ले गए, जहां उनका इलाज चल रहा है। थाना कोतवाली पुलिस ने पीड़ित के बयान और हॉस्पिटल की एमएलआर रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
दिलजीत की फिल्म ‘पंजाब-95’ 7 फरवरी को रिलीज होगी:पूरी फिल्म, कोई कट नहीं, भारत में नहीं दिखाई जाएगी, जसवंत खालड़ा के संघर्ष पर आधारित
दिलजीत की फिल्म ‘पंजाब-95’ 7 फरवरी को रिलीज होगी:पूरी फिल्म, कोई कट नहीं, भारत में नहीं दिखाई जाएगी, जसवंत खालड़ा के संघर्ष पर आधारित पंजाबी सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ की नई चर्चित फिल्म “पंजाब-95” अगले महीने 7 फरवरी को रिलीज होगी। इस बात की जानकारी खुद दिलजीत दोसांझ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दी है। फिल्म की रिलीज की जानकारी देते हुए दिलजीत ने लिखा- फुल मूवी, नो कट्स। हालांकि यह फिल्म इंडिया में रिलीज नहीं हो रही है। फिल्म को सेंसर बोर्ड ने 120 कट लगाने के लिए कहे थे, लेकिन फिल्म प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और खालड़ा के परिवार के लोग इसके लिए तैयार नहीं हुए। जिस कारण फिल्म की रिलीज इंडिया में रोक दी गई है। इस फिल्म को रिलीज होने के लिए करीब 1 साल का इंतजार करना पड़ा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने पहले फिल्म में 120 कट्स की मांग की थी, जिस पर विवाद खड़ा हो गया था। दिलजीत की पोस्ट से साफ है कि यह फिल्म अब बिना कट्स के रिलीज हो रही है। यह फिल्म मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालड़ा के जीवन पर आधारित है और आतंकवाद के दौर को दर्शाती है। कट्स का खालड़ा के परिवार ने किया था विरोध बीते साल जब इस फिल्म की रिलीज को रोका गया तो जसवंत सिंह खालड़ा की पत्नी परमजीत कौर खालड़ा ने सेंसर बोर्ड की निंदा की थी। उन्होंने कहा कि यह फिल्म उनके पति के जीवन पर बनी एक सच्ची बायोपिक है, जिसे उनके परिवार की सहमति से बनाया गया और इसे बिना किसी कट के रिलीज किया जाना चाहिए। परमजीत कौर खालड़ा ने यह भी बताया था कि लगभग चार साल पहले उनके परिवार ने इस फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ी थी और निर्देशक हनी त्रेहन को फिल्म बनाने की अनुमति दी थी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दिलजीत दोसांझ को जसवंत सिंह खालड़ा की भूमिका निभाने के लिए चुना गया था और इस चयन से परिवार पूरी तरह संतुष्ट था। उन सिखों की कहानी, जिन्हें फर्जी मुठभेड़ में मारा गया जसवंत सिंह खालड़ा एक साहसी और समर्पित मानवाधिकार कार्यकर्ता थे। जिन्होंने 1980 और 1990 के दशक के दौरान पंजाब में सिखों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने खुलासा किया कि उस दौर में हजारों सिख युवाओं को अवैध हिरासत में लिया गया, फर्जी मुठभेड़ों में मार दिया गया और उनके शवों का गुप्त अंतिम संस्कार कर दिया गया। श्मशान घाटों से फर्जी मुठभेड़ों का लिया था आंकड़ा खालड़ा ने पंजाब पुलिस और प्रशासन द्वारा की जा रही इन गुमशुदगी और हत्याओं को उजागर किया था। उन्होंने उस समय में अमृतसर के श्मशान घाटों का दौरा कर यह जानकारी जुटाई कि वहां 6,000 से अधिक शवों का गुप्त रूप से अंतिम संस्कार किया गया था। यह जानकारी उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी साझा की, जिससे भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर सवाल खड़े हुए। परिवार का आरोप- हिरासत में लेकर की हत्या खालड़ा को सिखों के हकों के लिए लड़ने का खामियाजा अपनी जान देकर चुकाना पड़ा था। परिवार का आरोप है कि 6 सितंबर 1995 को पुलिस ने खालड़ा का उनके घर से अपहरण कर लिया। इसके बाद उन्हें पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज नहीं की। जिसके बाद, जसवंत की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दी और कोर्ट ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया था।
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जालंधर में 2 वरिष्ठ कांग्रेस नेता बर्खास्त:पार्टी विरोधी गतिविधि करने का आरोप, अकाली दल से मांग रहे थे टिकट, जिला प्रधान ने हटाया जालंधर में कांग्रेस द्वारा पार्टी विरोध गतिविधियां करने के मामले में दो वरिष्ठ नेताओं को 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया गया है। जालंधर कांग्रेस के जिला प्रधान रजिंदर बेरी ने आज दोपहर एक लेटर जारी कर इस बारे में जानकारी सांझा की। जिसमें उन्होंने कहा कि, अमरीक सिंह केपी और गुरकृपाल सिंह भट्टी को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के कारण उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से बर्खास्त किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, दोनों नेता अकाली दल के लोकसभा उम्मीदवार मोहिंदर सिंह केपी के संपर्क में थे और अकाली दल से टिकट मांग रहे थे। इसकी भनक जब कांग्रेस को लगी तो कांग्रेस द्वारा कार्रवाई कर दी गई। उप चुनाव से पहले कांग्रेस ने की कार्रवाई आपको बता दें कि कांग्रेस द्वारा उप चुनाव की वोटिंग के से पहले ये बड़ी कार्रवाई की गई है। कांग्रेस आलाकमान को भनक थी कि उक्त दोनों नेता शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं और टिकट की मांग कर रहे हैं। जिसके चलते कांग्रेस ने तुरंत दोनों को बर्खास्त कर दिया। यह भी बता दें कि, उप चुनाव को लेकर बीजेपी ने पूर्व एमएलए शीतल अंगुराल और आप ने पूर्व बीजेपी मंत्री भगत चुन्नी लाल के बेटे मोहिंदर भगत को टिकट दिया है। कांग्रेस भी जल्द टिकट का ऐलान कर देगी। कांग्रेस में सुरिंदर कौर का नाम फाइनल है। उप चुनाव में कांग्रेस को कोई नुकसान न हो, इसलिए पार्टी द्वारा ये फैसला उप चुनाव से पहले लिया गया है। पढ़ें कांग्रेस द्वारा जारी किया गया पत्र….