पंजाब सरकार द्वारा सरकारी और प्राइवेट स्कूलों का समय बदल दिया है। यह फैसला राज्य में बढ़ती हुई ठंड को देखते हुए लिया गया है। सोमवार से स्कूल सुबह 9 बजे शुरू होंगे और दोपहर तीन बजे तक खुलेंगे। यह आदेश पंजाब के सरकारी, प्राइवेट, एडेड और मान्यता प्राप्त स्कूलों में लागू होगा। शिक्षा विभाग द्वारा बीते दिनों इस संबंध में आदेश जारी किए गए थे। हालांकि ये आदेश 1 नवंबर से लागू हुए हैं। मगर, सोमवार को पहला दिन स्कूल लगेगा, तो सोमवार से ही इसकी शुरुआत होगी। पूरे पंजाब में 19 हजार से अधिक स्कूल हैं। जिन पर उक्त आदेश लागू होंगे। सेशन में 3 बार बदलता है स्कूलों का समय पंजाब में स्कूल का समय सेशन में 3 बार बदलता है। एक अप्रैल से 30 सितंबर तक स्कूलों कास सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहता है। जबकि एक अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक का प्राइमरी स्कूलों का समय सुबह साढ़े 8 से ढाई बजे और मिडिल से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक का समय सुबह साढ़े 8 बजे से दोपहर 2.50 बजे तक रहता है। एक नवंबर से 28 फरवरी तक प्राइमरी स्कूलों का समय सुबह 9 बजे से 3 बजे तक और मिडिल से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 3.20 बजे तक रहता है। पंजाब सरकार द्वारा सरकारी और प्राइवेट स्कूलों का समय बदल दिया है। यह फैसला राज्य में बढ़ती हुई ठंड को देखते हुए लिया गया है। सोमवार से स्कूल सुबह 9 बजे शुरू होंगे और दोपहर तीन बजे तक खुलेंगे। यह आदेश पंजाब के सरकारी, प्राइवेट, एडेड और मान्यता प्राप्त स्कूलों में लागू होगा। शिक्षा विभाग द्वारा बीते दिनों इस संबंध में आदेश जारी किए गए थे। हालांकि ये आदेश 1 नवंबर से लागू हुए हैं। मगर, सोमवार को पहला दिन स्कूल लगेगा, तो सोमवार से ही इसकी शुरुआत होगी। पूरे पंजाब में 19 हजार से अधिक स्कूल हैं। जिन पर उक्त आदेश लागू होंगे। सेशन में 3 बार बदलता है स्कूलों का समय पंजाब में स्कूल का समय सेशन में 3 बार बदलता है। एक अप्रैल से 30 सितंबर तक स्कूलों कास सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहता है। जबकि एक अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक का प्राइमरी स्कूलों का समय सुबह साढ़े 8 से ढाई बजे और मिडिल से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक का समय सुबह साढ़े 8 बजे से दोपहर 2.50 बजे तक रहता है। एक नवंबर से 28 फरवरी तक प्राइमरी स्कूलों का समय सुबह 9 बजे से 3 बजे तक और मिडिल से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 3.20 बजे तक रहता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
बठिंडा में युवक पर जानलेवा हमला:बाजू तोड़ी- सड़क पर पड़ा तड़पता रहा, हत्या मामले में जमानत पर हुआ था रिहा
बठिंडा में युवक पर जानलेवा हमला:बाजू तोड़ी- सड़क पर पड़ा तड़पता रहा, हत्या मामले में जमानत पर हुआ था रिहा बठिंडा जिले के कसबा मौड़ मंडी में ट्रक यूनियन आफिस के पास एक युवक पर कुछ युवकों ने तेजधार हथियारों से ताबड़तोड़ हमला कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। इस दौरान आसपास सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए, लेकिन किसी ने युवक को अस्पताल नहीं पहुंचाया। घायल नौजवान काफी देर तक सड़क पर पड़ा तड़पता रहा। बाद में घायल युवक को बचाते कुछ लोगों ने एक प्राइवेट अस्पताल में दाखिल करवाया जहां उसकी हालत गंभीर बनी है। घायल की पहचान जसपाल सिंह चनवी निवासी मौड़ के तौर पर हुई है। घायल जसपाल सिंह तलवंडी साबों में हुए एक मर्डर के केस में आरोपी था और कुछ दिन पहले ही जमानत पर बाहर आया था। माना जा रहा है कि हमला करने वाले लोग पहले मरे व्यक्ति के जानकार व परिजन थे, जिन्होंने पुरानी रंजिश में बदला लेने के लिए युवक पर जानलेवा हमला किया। पुरानी रंजिश में बोला हमला इस घटना की वायरल हो रही वीडियों में दो युवक जसपाल सिंह पर ताबड़तोड़ हथियारों से बीच सड़क में हमला कर रहे हैं। इस दौरान आसपास के कुछ लोग युवक को बचाने की कोशिश करते हैं। इस दौरान हमलावरों ने जसपाल की टांगों व बाजू पर वार किए जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद बचाने वाले लोगों ने ही युवक को सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे बठिंडा सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। घायल युवक जसपाल सिंह के भाई सुखपाल सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले एक हत्या हुई थी। इस हत्याकांड के आरोपी जेल में हैं। रविवार को इसी हत्याकांड की रंजिश में उनके भाई को बुरी तरह पीटा गया है और एक हाथ तोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह घटना के बाद पुलिस को जानकारी दी, लेकिन कोई भी पुलिस कर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। एसएसपी दीप पारिक ने कहा कि घटना के बाद पुलिस जांच कर रही है। इस मामले में आरोपी लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो जाएगी।
युवक से मारपीट करने वाले 7 लोगों पर केस
युवक से मारपीट करने वाले 7 लोगों पर केस भास्कर न्यूज | अमृतसर थाना घरिंडा पुलिस ने अवतार सिंह निवासी राणीके की शिकायत पर उससे मारपीट करने के आरोप में 7 लोगों पर केस दर्ज किया है। इसमें जागीर सिंह, जुगराज सिंह, रुपपाल सिंह और जगरूप सिंह निवासी पधरी और 3 अज्ञात शामिल हैं। शिकायतकर्ता में बताया कि 11 जुलाई को सुबह करीब 7:30 बजे घर पर परिवार के साथ बैठा था। तभी उसे हरभजन सिंह निवासी राणीके का फोन आया कि जगीर सिंह निवासी पधरी और उसके साथ दो-तीन अज्ञात लोग उसके खेत में लगे पानी को अपने खेत में लगा रहे हैं। इसके बाद वह गुरभाग सिंह को साथ लेकर बाइक से खेत पर गया। वहां जागीर सिंह, जगरूप सिंह, रूपपाल सिंह निवासी पधरी के अलावा तीन अज्ञात युवक खड़े थे। इनसे जाकर पूछा कि उसके खेत से पानी क्यों निकाला तो उन्होंने उससे मारपीट की।
अकाली दल के बागी धड़े का बड़ा आरोप:सुखबीर बादल और दलजीत चीमा ने डेरा मुखी को माफी दिलाई, अकाली दल ने आरोप नकारे
अकाली दल के बागी धड़े का बड़ा आरोप:सुखबीर बादल और दलजीत चीमा ने डेरा मुखी को माफी दिलाई, अकाली दल ने आरोप नकारे शिरोमणि अकाली दल (SAD) के बागी धडे़ ने आरोप लगाया है कि डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को माफी दिलाने में शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल और डॉ. दलजीत सिंह चीमा की अहम भूमिका रही है। उन्होंने ही डेरा प्रमुख को माफी दिलाई है। जस्टिस रणजीत सिंह की किताब में इस चीज का दावा है । सिंह साहिबानों को चंडीगढ़ बुलाकर दवाब बनाया गया। इसके बाद डेरा मुखी को माफी दलाई गई। साथ ही सिख परंपराओं का ध्यान नहीं रखा गया है। जबकि अकाली दल का कहना है कि यह सारी झूठी बयानबाजी है। पार्टी के सीनियर नेता व प्रवक्ता एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर ने बागी ग्रुप के नेताओं से सवाल किया अगर ऐसी क्या मजबूरी थी कि जो उन्होंने साल 2017, 19, 22 और 24 चुनाव लड़े। इनमें से कुछ नेता डेरे में वोट मांगने गए थे। जब पार्टी और लीडरशिप ने विरोध किया तो इन्हें माफी मांगनी पड़ी और इन्हें तनखैया घोषित किया गया। उन्होंने कुछ नेताओं का नाम पर लेकर उनसे सवाल किया। किसी तरह का कोई ऐसा सबूत नहीं है इससे पहले अकाली दल के सीनियर नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जो राम रहीम काे माफी दी गई थी, वह उसका पहले दिन से ही विरोध करते आए हैं। उन्होंने कहा कि जो माफी संबंधी बातें कहीं जा रही है। सीएम हाउस में आने से जाने तक सबका रिकॉर्ड होता है। जसिस्ट रणजीत सिंह गिल की रिपोर्ट में इसका लिंक साबित नहीं हुआ है। अकाली दल से जो बाहर जाता है, वह इस तरह की बात करना शुरू कर देता है। अगर यह सही है तो यह नेता पहले बचाव क्यों करते रहे। अब श्री अकाल तख्त साहिब के पास चले गए, मामला जत्थेदार साहिब के पास है। वह विदेश में है। उनका जो भी फैसला आएगा उन्हें मंजूर होगा। उन्होंने कहा कि ज्ञानी गुरबचन सिंह ने राम रहीम को माफी दी थी, उन्होंने ही वापस ली थी। वहीं, पद छोड़ते हुए उन्होंने इसके लिए माफी मांगी थी। साथ ही इसे अपनी सबसे बड़ी गलती बताया था। बागी ग्रुप की हताशा आई सामने वहीं,शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप सिंह ने कहा कि बागी ग्रुप किस तरह से हताश है यह उसकी बयानबाजी से ही पता चलता है। कुछ दिन पहले जो लोग कहते थे कि हम अकाल तख्त साहिब को समर्पित है। आज उस अकाल तख्त साहिब पर सवाल खड़ा कर दिया। जत्थेदार को बयान देने तो देते, जिस तरह झूठी बयानबाजी की गई। उससे पता चलता है केंद्रीय एजेंसियों के इशारे पर अकाली दल को तोड़ने वह बुरी तरफ फेल हुए है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में किसी तरह कोई जिक्र नहीं है। राम रहीम को जब भाजपा पैरोल देती है तो तो यह लोग कुछ नहीं बाेलते है। यह था सारा विवाद डेरा प्रमुख राम रहीम कई विवादों में रहे हैं। साल 2007 उनकी एक तस्वीर सामने आई थी। इसमें वह सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह वेशभूषा में थे। सिखों ने इस चीज का विरोध किया। फिर सिखों और डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों में हिंसक झड़पे तक हुईं। इस दौरान कई लोग जख्मी व एक व्यक्ति की जान तक की गई। साल 2015 में डेरे की तरफ से श्री अकाल तख्त से माफी मांग ली है। साथ ही माफी नामे में लिखा कि कि जो आरोप लगे हैं, ऐसा उन्होंने नहीं किया गया और भविष्य में ऐसा करने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। इसके बाद उन्हें माफ कर दिया गया था। लेकिन इसका विरोध हुआ था। सिख संगठनों ने इसका विरोध किया था।