पंजाब के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के साथ-साथ बिजली विभाग के कर्मचारियों ने भी अपनी हड़ताल को आगे बढ़ा दिया है। 17 सितंबर तक वे सभी सामूहिक छुट्टी पर चले गए हैं। ज्वाइंट फोरम पंजाब, बिजली कर्मचारी एकता मंच और जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन ने सरकार पर मांगें ना मानने व उनकी मांगों को गंभीरता से ना लेने के आरोप लगाए हैं। परिणाम ये होगा कि अगर कहीं फाल्ट हुआ तो वे जल्दी ठीक नहीं होगा और उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ेगा। संगठनों के नेताओं की बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ, बिजली सचिव पंजाब और प्रबंधन के साथ बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन वे विफल रही। नेताओं का कहना है कि पंजाब सरकार और प्रबंधन उन्हें कुछ भी देने को तैयार नहीं है। सिर्फ बातें कर रहे हैं। इस बार जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, हड़ताल जारी रहेगी। बिजली कर्मचारी जो काम करते हुए अपनी कीमती जान गंवा देते हैं, उन्हें शहीद का दर्जा और करोड़ों रुपए की आर्थिक सहायता तक देने को सरकार तैयार नहीं है। 30 सितंबर तक वर्क टू रूल बिजली संगठनों का कहना है कि अगर इन मांगों का जल्द समाधान नहीं किया गया तो 30 सितंबर तक वर्क टू रूल लागू रहेगा। कोई भी एक्स्ट्रा काम नहीं करेगा। इसके अलावा सभी कर्मचारी 17 सितंबर तक सामूहिक अवकाश लेंगे और काम नहीं करेंगे। ये हैं बिजली कर्मचारियों की मांगें पंजाब के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के साथ-साथ बिजली विभाग के कर्मचारियों ने भी अपनी हड़ताल को आगे बढ़ा दिया है। 17 सितंबर तक वे सभी सामूहिक छुट्टी पर चले गए हैं। ज्वाइंट फोरम पंजाब, बिजली कर्मचारी एकता मंच और जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन ने सरकार पर मांगें ना मानने व उनकी मांगों को गंभीरता से ना लेने के आरोप लगाए हैं। परिणाम ये होगा कि अगर कहीं फाल्ट हुआ तो वे जल्दी ठीक नहीं होगा और उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ेगा। संगठनों के नेताओं की बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ, बिजली सचिव पंजाब और प्रबंधन के साथ बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन वे विफल रही। नेताओं का कहना है कि पंजाब सरकार और प्रबंधन उन्हें कुछ भी देने को तैयार नहीं है। सिर्फ बातें कर रहे हैं। इस बार जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, हड़ताल जारी रहेगी। बिजली कर्मचारी जो काम करते हुए अपनी कीमती जान गंवा देते हैं, उन्हें शहीद का दर्जा और करोड़ों रुपए की आर्थिक सहायता तक देने को सरकार तैयार नहीं है। 30 सितंबर तक वर्क टू रूल बिजली संगठनों का कहना है कि अगर इन मांगों का जल्द समाधान नहीं किया गया तो 30 सितंबर तक वर्क टू रूल लागू रहेगा। कोई भी एक्स्ट्रा काम नहीं करेगा। इसके अलावा सभी कर्मचारी 17 सितंबर तक सामूहिक अवकाश लेंगे और काम नहीं करेंगे। ये हैं बिजली कर्मचारियों की मांगें पंजाब | दैनिक भास्कर
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NRI दंपती केस, हिमाचल DGP ने कंगना कनेक्शन नकारा:बोले- हस्तरेखा के बहाने जबरन महिलाओं के हाथ पकड़े; एनआरआई का आरोप- पंजाबी की वजह से पीटा हिमाचल के चंबा में पंजाब के NRI दंपती से मारपीट के मामले में नया ट्विस्ट आया है। हिमाचल पुलिस के DGP अतुल वर्मा ने मामले का मंडी से सांसद कंगना रनोट के थप्पड़ कांड से कनेक्शन से इनकार किया है। उन्होंने दंपती द्वारा पुलिस पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए नए खुलासा भी किया है। उन्होंने कहा कि NRI दंपती कंवलजीत सिंह, उनकी स्पेनिश पत्नी और उनके भाई जीवनजीत सिंह हस्तरेखा शास्त्र का अभ्यास करने के बहाने महिला पर्यटकों और स्थानीय महिलाओं का जबरन हाथ पकड़ रहे थे। इस दौरान NRI दंपती की वहां मौजूद पर्यटकों और स्थानीय लोगों के साथ कहासुनी हो गई। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और NRI दंपती को सुल्तानपुर पुलिस चौकी ले आए। पुलिस के अनुसार, इस मामले में दंपती और जीवनजीत सिंह ने कोई भी कानूनी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया और स्थानीय पुलिस के अनुरोध करने के बावजूद मेडिकल करवाने को मुकर गए। कंवलजीत सिंह का पुलिस को दिया बयान… इसे लेकर कंवलजीत सिंह का बयान भी पुलिस के पास दर्ज है। जिसमें उन्होंने मारपीट के मामले में कार्रवाई करने से इनकार किया। इस बयान को जीवनजीत सिंह ने भी तस्दीक किया। पुलिस बोली- झूठे हैं आरोप
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11 जून को चंबा के खजियार घूमने गए अमृतसर के एनआरआई दंपती के साथ मारपीट का मामला सामने आया था। इसमें पंजाब मूल का व्यक्ति, उसकी स्पेनिश पत्नी और साला घायल हो गए थे। NRI दंपती ने खजियार से लौटने के बाद पंजाब के अमृतसर पहुंचकर एक वीडियो जारी कर हिमाचल पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। कंवलजीत सिंह की स्पेनिश पत्नी ने बताया कि वह हिमाचल घूमने गई थी, जहां यह पूरी घटना हुई। हमें बुरी तरह पीटा गया, किसी ने हमें बचाया तक नहीं। उन्होंने मारपीट का वीडियो भी बनाया था, जिसे हिमाचल पुलिस ने उसके मोबाइल फोन से डिलीट कर दिया। पुलिस के हस्तक्षेप से वह बच गई, लेकिन उसकी आवाज नहीं सुनी गई। वहीं कंवलजीत ने कहा उन्हें पंजाबी होने पर पीटा गया। इस बीच पंजाब में चर्चा शुरू हो गई कि चंडीगढ़ में कंगना रनोट को CISF कॉन्स्टेबल द्वारा थप्पड़ मारने का हिमाचल में बदला लिया गया। इसके बाद पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप धालीवाल के हस्तक्षेप के बाद अमृतसर के थाना रणजीत एवेन्यू पुलिस ने मामले में जीरो एफआईआर दर्ज की है। मामले में आगे की कार्रवाई के लिए थाना चंबा भेजा। सांसद चन्नी ने हिमाचल सीएम को किया था फोन
इस मामले में पंजाब के पूर्व सीएम और जालंधर से नवनिर्वाचित सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने भी रोष जताया था। इस संबंध में उन्होंने हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से फोन पर बात की और आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की। चंडीगढ़ पुलिस के ASI मामले में भी सफाई
चंडीगढ़ से जुड़े एक अन्य मामले में भी हिमाचल पुलिस की सफाई आई है। इसमें कहां गया 9 जून को चंडीगढ़ पुलिस में ASI परमजीत सिंह खजियार घूमने आए। उन्होंने अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी नंबर CH-01-CE-8821 को सड़क के बीचो बीच गलत ढंग से पार्क कर दिया। जब गाड़ी को हटाने के लिए बोला गया तो वह नाराज होकर बहस करने व गाली-गलौज करने लगा। इस मामले की सदर थाना प्रभारी चंबा ने जांच की गई, जिसमें चंडीगढ़ पुलिस के एएसआई द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे पाए गए।