जगराओं में शनिवार रात प्रॉपर्टी एडवाइजर्स एंड बिल्डर्स एसोसिएशन की बैठक एसोसिएशन के अध्यक्ष रितेश कुमार भट्ट की अध्यक्षता में सिधवां बेट स्थित एक निजी मीटिंग हॉल में हुई। बैठक में एसोसिएशन के सदस्यों व पदाधिकारियों ने अपने-अपने विचार रखे। बैठक को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष रितेश कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार ने 1 दिसंबर से बिना एनओसी के रजिस्ट्रेशन की अनुमति देने की अधिसूचना जारी कर दी है। जो प्रॉपर्टी से जुड़े बिजनेस के लिए बेहद फायदेमंद रहेगा। इससे पहले तहसील के राजस्व विभाग में बिना एनओसी के रजिस्ट्री कराने में दिक्कतें आ रही थीं और जनता को परेशानी उठानी पड़ रही थी। अब इस अधिसूचना के जारी होने से रजिस्ट्रेशन करने में तेजी आएगी और सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। 500 गज के प्लाटों की रजिस्ट्री की अनुमति एडवोकेट एसएस छाबड़ा और एडवोकेट राहुल गुप्ता ने कहा कि पंजाब सरकार ने 500 गज तक के प्लॉटों की रजिस्ट्री कराने अनुमति दी है, लेकिन शर्तों को पूरा करना होगा। अधिसूचना की शर्तों के अनुसार, उसी क्षेत्र का पंजीकरण या 31 जुलाई से पहले इकरारनामा या पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर किया जा सकता है। सरकार की ओर से यह सुविधा 1 दिसंबर से 28 फरवरी 2025 तक के लिए दी गई है। बैठक में एसोसिएशन के सदस्यों ने तहसील कार्यालय के अंदर आने वाली परेशानियों पर भी चर्चा की। जिस पर सभी सदस्यों ने एकजुट होकर कार्यालय के अंदर होने वाली भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का ऐलान किया। हरजीत सिंह सोनू, राहुल गुप्ता एडवोकेट, एसएस छाबड़ा रोमी एडवोकेट, राजकुमार राजू, कृष्ण लाल, परवीन धवन, रामदत पप्पू, प्रदीप कुमार दुआ, अनिल कुमार काका, जगजीत सिंह जनागल, प्रदीप सेखो, चरणजीत सिंह, करमजीत सिंह उप्पल, पाल सिंह, बिट्टू शर्मा और सुरिंदर कुमार आदि मौजूद रहे। जगराओं में शनिवार रात प्रॉपर्टी एडवाइजर्स एंड बिल्डर्स एसोसिएशन की बैठक एसोसिएशन के अध्यक्ष रितेश कुमार भट्ट की अध्यक्षता में सिधवां बेट स्थित एक निजी मीटिंग हॉल में हुई। बैठक में एसोसिएशन के सदस्यों व पदाधिकारियों ने अपने-अपने विचार रखे। बैठक को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष रितेश कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार ने 1 दिसंबर से बिना एनओसी के रजिस्ट्रेशन की अनुमति देने की अधिसूचना जारी कर दी है। जो प्रॉपर्टी से जुड़े बिजनेस के लिए बेहद फायदेमंद रहेगा। इससे पहले तहसील के राजस्व विभाग में बिना एनओसी के रजिस्ट्री कराने में दिक्कतें आ रही थीं और जनता को परेशानी उठानी पड़ रही थी। अब इस अधिसूचना के जारी होने से रजिस्ट्रेशन करने में तेजी आएगी और सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। 500 गज के प्लाटों की रजिस्ट्री की अनुमति एडवोकेट एसएस छाबड़ा और एडवोकेट राहुल गुप्ता ने कहा कि पंजाब सरकार ने 500 गज तक के प्लॉटों की रजिस्ट्री कराने अनुमति दी है, लेकिन शर्तों को पूरा करना होगा। अधिसूचना की शर्तों के अनुसार, उसी क्षेत्र का पंजीकरण या 31 जुलाई से पहले इकरारनामा या पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर किया जा सकता है। सरकार की ओर से यह सुविधा 1 दिसंबर से 28 फरवरी 2025 तक के लिए दी गई है। बैठक में एसोसिएशन के सदस्यों ने तहसील कार्यालय के अंदर आने वाली परेशानियों पर भी चर्चा की। जिस पर सभी सदस्यों ने एकजुट होकर कार्यालय के अंदर होने वाली भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का ऐलान किया। हरजीत सिंह सोनू, राहुल गुप्ता एडवोकेट, एसएस छाबड़ा रोमी एडवोकेट, राजकुमार राजू, कृष्ण लाल, परवीन धवन, रामदत पप्पू, प्रदीप कुमार दुआ, अनिल कुमार काका, जगजीत सिंह जनागल, प्रदीप सेखो, चरणजीत सिंह, करमजीत सिंह उप्पल, पाल सिंह, बिट्टू शर्मा और सुरिंदर कुमार आदि मौजूद रहे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कैप्टन अमरिंदर सिंह जन्म 11 मार्च 1942 को हुआ। कैप्टन एक भारतीय राजनीतिज्ञ, सैन्य इतिहासकार, पूर्व शाही और भारतीय सेना के दिग्गज हैं, जिन्होंने पंजाब के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया हुआ है। कैप्टन पंजाब के पूर्व विधानसभा सदस्य और लोकसभा के सांसद भी रह चुके है। वे पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने इससे पहले 2002 से 2007 और 2017 से 2021 तक पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया है। उनके पिता पटियाला रियासत के अंतिम महाराजा थे। कैप्टन ने 1963 से 1966 तक भारतीय सेना में भी काम किया है । 1980 में, उन्होंने पहली बार लोकसभा में एक सीट जीती। नवंबर 2022 तक, सिंह पंजाब उर्दू अकादमी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करते हैं। कैप्टन सिंह ने 18 सितंबर 2021 को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 19 सितंबर 2022 को उन्होंने अपनी पार्टी पीएलसी का भाजपा में विलय कर दिया और उसी दिन भाजपा में शामिल हो गए।
पंजाब भाजपा के नए अध्यक्ष हो सकते हैं रवनीत बिट्टू:जाखड़ को लेकर नेताओं में नाराजगी, पत्र लिखकर हटाने की मांग
पंजाब भाजपा के नए अध्यक्ष हो सकते हैं रवनीत बिट्टू:जाखड़ को लेकर नेताओं में नाराजगी, पत्र लिखकर हटाने की मांग पंजाब बीजेपी में जल्द ही बड़े बदलाव हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू को पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। मौजूदा पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ को उस पद से हटाया जा सकता है। दरअसल पिछले कुछ समय से सुनील जाखड़ के इस्तीफे की चर्चा तेज हो गई थी। जिसके बाद पंजाब बीजेपी में काफी उथल-पुथल मच गई थी। हालांकि बीजेपी के वरिष्ठ नेतृत्व ने जाखड़ के इस्तीफे की बात से इनकार किया था। बीजेपी ने अभी तक इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई बयान जारी नहीं किया है। लेकिन बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू को जल्द ही पंजाब बीजेपी का प्रधान बनाया जा सकता है। जाखड़ के इस्तीफे की खबर के बाद से ही पंजाब बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता उनसे नाराज थे। जिसके चलते यह फैसला लिया गया है। इस बारे में हाईकमान को एक पत्र भी भेजा गया था। जिसमें सुनील जाखड़ को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की गई थी। बीजेपी नेता गरेवाल बोले- केंद्र लेगी अध्यक्ष पद पर फैसला पंजाब बीजेपी के वरिष्ठ नेता हरजीत गरेवाल ने कहा- केंद्रीय नेतृत्व सोच विचार कर नए अध्यक्ष के बारे में फैसला लेगा। लेकिन जब तक जाखड़ अध्यक्ष रहेंगे तब तक वे उनके साथ काम करेंगे। हरजीत गरेवाल ने दावा किया कि जाखड़ बीजेपी के साथ बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि कई बार अध्यक्ष पर कार्यकर्ता जल्दबाजी कर देते हैं। वेरका बोले- बिट्टू नकारात्मक व्यक्ति
पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता राज कुमार वेरका ने कहा कि बीजेपी ने रवनीत बिट्टू को नियुक्त किया है, इससे पंजाब की सामुदायिक हिस्सेदारी को नुकसान होगा। वेरका ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिट्टू एक नकारात्मक व्यक्ति हैं। वे नफरत भरी बातें करते हैं। इसलिए बिट्टू को अध्यक्ष नहीं बनाया जाना चाहिए। जाखड़ ने 2 साल पहले जॉइन की पार्टी जाखड़ ने दो साल पहले पार्टी जॉइन की थी। जून 2024 में आए लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर प्रधान पद छोड़ने की इच्छा जता दी थी। लेकिन पार्टी ने उन्हें कमान जारी रखने को कहा था। मीडिया में अब ऐसे समय से उनके इस्तीफे की खबर आई है। जब पंचायत चुनाव और चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं। इस्तीफे को लेकर सुनील जाखड़ से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं इस खुलासे से पंजाब BJP में बड़ी हलचल मची हुई है। पंजाब भाजपा के जनरल सेक्रेटरी अनिल सरीन का कहना है कि सुनील जाखड़ ने इस्तीफा नहीं दिया है। अफवाह फैलाई गई है। पीएम से मिलकर पद छोड़ने की इच्छा जता चुके हैं जाखड़ जानकारी के मुताबिक वह रवनीत सिंह बिट्टू को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज चल रहे थे। बिट्टू लोकसभा चुनाव हार गए थे। हालांकि, बाद में उन्हें राजस्थान से राज्यसभा भेजा गया। इसके अलावा वह पंजाब में भाजपा नेताओं के कामकाज के तरीके से भी नाराज हैं। इस बारे में जाखड़ पिछले हफ्ते PM नरेंद्र मोदी से भी एक मीटिंग के दौरान पद छोड़ने की इच्छा जता चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक जाखड़ ने जुलाई महीने से ही पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। हालांकि, भाजपा की मेंबरशिप मुहिम की शुरुआत के समय वह मौजूद रहे थे।