पंजाब में रोकी जाएगी घर-घर राशन वितरण योजना:आटा की डिस्ट्रीब्यूशन होगी बंद, 3 की जगह 4 महीने का मिलेगा अनाज

पंजाब में रोकी जाएगी घर-घर राशन वितरण योजना:आटा की डिस्ट्रीब्यूशन होगी बंद, 3 की जगह 4 महीने का मिलेगा अनाज

पंजाब सरकार ने नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के लाभार्थियों को ‘आटा’ वितरण के लिए अपनी प्रमुख योजना घर-घर राशन को रोकने का फैसला किया है। लाभार्थियों को अब केवल गेहूँ ही दिया जाएगा। इसे लेकर मार्कफेड के सभी जिला प्रबंधकों की बैठक हुई, जिसे मार्कफेड के प्रबंध निदेशक गिरीश दयालन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। 1 जुलाई से गेहूं का वितरण पनग्रेन द्वारा किया जाएगा और राशन डिपो धारक भी गेहूं का वितरण करेंगे जैसा कि शुरू में किया गया था। यह भी निर्णय लिया गया है कि इस बार तीन महीने (प्रति लाभार्थी 5 किलो प्रति माह) का अनाज बांटने के बजाय चार महीने यानी जुलाई से अक्टूबर तक का गेहूँ वितरित किया जाएगा। दरअसल, अधिकारियों को तीन ‘आटा’ डिस्ट्रीब्यूटर्स पार्टनरों द्वारा चलाई जा रहे मॉडल, उचित मूल्य की दुकानों, का प्रभार लेने के लिए कहा गया है। जिसमें केंद्रीय भंडार, आरके एसोशिएट और बृंदावन फूड प्रोडक्ट्स शामिल हैं। जबकि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) द्वारा संचालित दुकानें उनके पास बनी रहेंगी। योजना के तहत राज्य में कुल 628 दुकानें स्थापित की गयी हैं। आदेश के बाद मार्कफेड के अधिकारियों ने दुकानों का कार्यभार संभालना शुरू कर दिया है। आटा डिस्ट्रीब्यूशन में देरी बना प्रमुख कारण गेहूँ वितरण को वापस शुरू करने का निर्णय AAP सरकार की घर-घर राशन वितरण योजना के तहत आटा या गेहूं के वितरण के मद्देनजर लिया गया। जिसे इस साल की शुरुआत में बहुत धूमधाम से शुरू किया गया था। गेहूँ को आटा बनाने में देरी और वितरण चैनलों में रुकावट इन लोकसभा चुनावों में एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गया। जिसके बाद AAP के लोकसभा उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ चुनाव समीक्षा बैठक में इसे उठाया था। सीनियर अधिकारियों ने साधी चुप्पी मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव के बाद सरकारी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान राज्य के उपायुक्तों से इस योजना पर फीडबैक भी लिया था। वहीं, सीनियर अधिकारी अभी इस योजना के बंद करने के निर्णय पर चुप्पी साधे हुए हैं। उनका कहना है कि इस संबंध में लिए गए निर्णय के बारे में जल्द ही आधिकारिक तौर पर जानकारी सांझा की जाएगी। पंजाब सरकार ने नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के लाभार्थियों को ‘आटा’ वितरण के लिए अपनी प्रमुख योजना घर-घर राशन को रोकने का फैसला किया है। लाभार्थियों को अब केवल गेहूँ ही दिया जाएगा। इसे लेकर मार्कफेड के सभी जिला प्रबंधकों की बैठक हुई, जिसे मार्कफेड के प्रबंध निदेशक गिरीश दयालन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। 1 जुलाई से गेहूं का वितरण पनग्रेन द्वारा किया जाएगा और राशन डिपो धारक भी गेहूं का वितरण करेंगे जैसा कि शुरू में किया गया था। यह भी निर्णय लिया गया है कि इस बार तीन महीने (प्रति लाभार्थी 5 किलो प्रति माह) का अनाज बांटने के बजाय चार महीने यानी जुलाई से अक्टूबर तक का गेहूँ वितरित किया जाएगा। दरअसल, अधिकारियों को तीन ‘आटा’ डिस्ट्रीब्यूटर्स पार्टनरों द्वारा चलाई जा रहे मॉडल, उचित मूल्य की दुकानों, का प्रभार लेने के लिए कहा गया है। जिसमें केंद्रीय भंडार, आरके एसोशिएट और बृंदावन फूड प्रोडक्ट्स शामिल हैं। जबकि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) द्वारा संचालित दुकानें उनके पास बनी रहेंगी। योजना के तहत राज्य में कुल 628 दुकानें स्थापित की गयी हैं। आदेश के बाद मार्कफेड के अधिकारियों ने दुकानों का कार्यभार संभालना शुरू कर दिया है। आटा डिस्ट्रीब्यूशन में देरी बना प्रमुख कारण गेहूँ वितरण को वापस शुरू करने का निर्णय AAP सरकार की घर-घर राशन वितरण योजना के तहत आटा या गेहूं के वितरण के मद्देनजर लिया गया। जिसे इस साल की शुरुआत में बहुत धूमधाम से शुरू किया गया था। गेहूँ को आटा बनाने में देरी और वितरण चैनलों में रुकावट इन लोकसभा चुनावों में एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गया। जिसके बाद AAP के लोकसभा उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ चुनाव समीक्षा बैठक में इसे उठाया था। सीनियर अधिकारियों ने साधी चुप्पी मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव के बाद सरकारी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान राज्य के उपायुक्तों से इस योजना पर फीडबैक भी लिया था। वहीं, सीनियर अधिकारी अभी इस योजना के बंद करने के निर्णय पर चुप्पी साधे हुए हैं। उनका कहना है कि इस संबंध में लिए गए निर्णय के बारे में जल्द ही आधिकारिक तौर पर जानकारी सांझा की जाएगी।   पंजाब | दैनिक भास्कर