अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 31 पंजाबियों के मामले में पंजाब पुलिस ने बड़ा एक्शन किया है। पुलिस 8 ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं। जिन्होंने लोगों को अवैध तरीके से अमेरिका भेजकर लाखों रुपए ठगे थे। इनमें से दो एफआईआर जिला पुलिस के पास और छह एफआईआर पंजाब पुलिस के एनआरआई मामलों के विंग के पास दर्ज की गई हैं। वहीं, सरकार द्वारा इस मामले में गठित एसआईटी अपनी जांच कर रही है। एसआईटी में एडीजीपी (एनआरआई मामले) प्रवीन सिन्हा के नेतृत्व में काम कर रही है। एसआईटी में एडीजीपी (आंतरिक सुरक्षा) शिवे कुमार वर्मा, आईजीपी (प्रोविजनिंग) डॉ. एस. बूपति और डीआईजी (बार्डर रेंज) सतिंदर सिंह शामिल हैं। सीनियर अधिकारियों ने सुना लोगों का पक्ष पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने रिपोर्ट किए गए लोगों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। विभिन्न जिलों और कमिश्नरेटों के पुलिस आयुक्त व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसआईटी के साथ मिलकर काम कर हे है। ताकि इन धोखेबाज अपराधियों को कानून के कटघरे में लाया जा सके। डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने धोखाधड़ी करने वाले इमिग्रेशन नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने और ट्रैवल एजेंटों द्वारा पंजाब के युवाओं के शोषण को खत्म करने के लिए पंजाब पुलिस की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि एसआईटी अवैध मानव तस्करी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जवाबदेही तय करने और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। पंजाब में डिर्पोटेशन के मामले में गर्माई हुई है राजनीति अमेरिका से डिपोर्ट किए गए पंजाब के लोगों के मामले में राजनीति भी गर्माई हुई है। आम आदमी पार्टी कांग्रेस इस इस मामले को केंद्र की भाजपा सरकार को घेर रही है। वहीं, कांग्रेस इस मामले को लेकर प्रदर्शन कर रही है। चंडीगढ़ के सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी का उनका कहना है कि देश के विदेश मंत्री ने जिस तरह से राज्यसभा और लोकसभा में बयान दिया है। उससे यह साफ नहीं हो रहा है कि वह भारत के विदेश मंत्री हैं या ट्रंप सरकार के प्रवक्ता। जिस तरह से भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर लाया गया है, उससे ऐसा लग रहा है जैसे भारत की आजादी के समय अंग्रेज स्वतंत्रता सेनानियों को काला पानी ले जाते थे। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 31 पंजाबियों के मामले में पंजाब पुलिस ने बड़ा एक्शन किया है। पुलिस 8 ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं। जिन्होंने लोगों को अवैध तरीके से अमेरिका भेजकर लाखों रुपए ठगे थे। इनमें से दो एफआईआर जिला पुलिस के पास और छह एफआईआर पंजाब पुलिस के एनआरआई मामलों के विंग के पास दर्ज की गई हैं। वहीं, सरकार द्वारा इस मामले में गठित एसआईटी अपनी जांच कर रही है। एसआईटी में एडीजीपी (एनआरआई मामले) प्रवीन सिन्हा के नेतृत्व में काम कर रही है। एसआईटी में एडीजीपी (आंतरिक सुरक्षा) शिवे कुमार वर्मा, आईजीपी (प्रोविजनिंग) डॉ. एस. बूपति और डीआईजी (बार्डर रेंज) सतिंदर सिंह शामिल हैं। सीनियर अधिकारियों ने सुना लोगों का पक्ष पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने रिपोर्ट किए गए लोगों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। विभिन्न जिलों और कमिश्नरेटों के पुलिस आयुक्त व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसआईटी के साथ मिलकर काम कर हे है। ताकि इन धोखेबाज अपराधियों को कानून के कटघरे में लाया जा सके। डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने धोखाधड़ी करने वाले इमिग्रेशन नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने और ट्रैवल एजेंटों द्वारा पंजाब के युवाओं के शोषण को खत्म करने के लिए पंजाब पुलिस की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि एसआईटी अवैध मानव तस्करी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जवाबदेही तय करने और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। पंजाब में डिर्पोटेशन के मामले में गर्माई हुई है राजनीति अमेरिका से डिपोर्ट किए गए पंजाब के लोगों के मामले में राजनीति भी गर्माई हुई है। आम आदमी पार्टी कांग्रेस इस इस मामले को केंद्र की भाजपा सरकार को घेर रही है। वहीं, कांग्रेस इस मामले को लेकर प्रदर्शन कर रही है। चंडीगढ़ के सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी का उनका कहना है कि देश के विदेश मंत्री ने जिस तरह से राज्यसभा और लोकसभा में बयान दिया है। उससे यह साफ नहीं हो रहा है कि वह भारत के विदेश मंत्री हैं या ट्रंप सरकार के प्रवक्ता। जिस तरह से भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर लाया गया है, उससे ऐसा लग रहा है जैसे भारत की आजादी के समय अंग्रेज स्वतंत्रता सेनानियों को काला पानी ले जाते थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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