पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) की सर्वोच्च बॉडी सीनेट का कार्यकाल समाप्त हो गया है। उप राष्ट्रपति और पीयू के चांसलर जगदीप धनखड़ के कार्यालय से अब तक नई सीनेट या गवर्निंग बॉडी को लेकर कोई आधिकारिक निर्देश जारी नहीं हुआ है। हालांकि, उम्मीद है कि जल्द ही सीनेट के गठन को लेकर नोटिफिकेशन जारी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, चांसलर कार्यालय ने पीयू प्रबंधन से सीनेट चुनावों की प्रक्रिया और इससे संबंधित कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है। संभावना जताई जा रही है कि इस बार नई सीनेट या सुप्रीम बॉडी का गठन नए सुधारों के साथ किया जा सकता है। वहीं, कैंपस में बोर्ड ऑफ गवर्नेंस बनाए जाने की चर्चा भी जोर पकड़ रही है। कोर्ट में भी मामला लंबित वर्ष 1882 में गठित पीयू की सीनेट का यह कार्यकाल समाप्त हो गया है। सीनेटरों का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है और कोर्ट से भी कोई राहत न मिलने के कारण सीनेटरों में निराशा है। गौरतलब है कि 2020 में कोरोना महामारी के कारण भी सीनेट चुनाव नहीं हो सके थे, और पीयू एक वर्ष तक बिना सीनेट और सिंडीकेट के ही चली थी। बोर्ड ऑफ गवर्नेंस बनने की संभावना, सीनेट की जगह ले सकता है कई शिक्षकों और सीनेटरों का मानना है कि पीयू की सुप्रीम बॉडी के रूप में अब बोर्ड ऑफ गवर्नेंस का गठन हो सकता है। यदि बोर्ड ऑफ गवर्नेंस का गठन होता है, तो सीनेट की तरह इसमें चुनाव नहीं होंगे। इसके सदस्य पीयू चांसलर ऑफिस द्वारा नामांकन के माध्यम से चयनित किए जाएंगे। कोर्ट की सुनवाई से मिल सकती है पुरानी सीनेट को राहत इस बीच, सीनेट के कार्यकाल को लेकर कोर्ट में मामला लंबित है, जिसकी सुनवाई नवंबर के अंत में होनी है। यदि कोर्ट सीनेट की एक्सटेंशन या चुनावों पर कोई रोक लगाता है, तो मौजूदा सीनेट को एक वर्ष का अतिरिक्त कार्यकाल मिल सकता है या फिर नई सीनेट के चुनाव कराने होंगे। पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) की सर्वोच्च बॉडी सीनेट का कार्यकाल समाप्त हो गया है। उप राष्ट्रपति और पीयू के चांसलर जगदीप धनखड़ के कार्यालय से अब तक नई सीनेट या गवर्निंग बॉडी को लेकर कोई आधिकारिक निर्देश जारी नहीं हुआ है। हालांकि, उम्मीद है कि जल्द ही सीनेट के गठन को लेकर नोटिफिकेशन जारी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, चांसलर कार्यालय ने पीयू प्रबंधन से सीनेट चुनावों की प्रक्रिया और इससे संबंधित कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है। संभावना जताई जा रही है कि इस बार नई सीनेट या सुप्रीम बॉडी का गठन नए सुधारों के साथ किया जा सकता है। वहीं, कैंपस में बोर्ड ऑफ गवर्नेंस बनाए जाने की चर्चा भी जोर पकड़ रही है। कोर्ट में भी मामला लंबित वर्ष 1882 में गठित पीयू की सीनेट का यह कार्यकाल समाप्त हो गया है। सीनेटरों का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है और कोर्ट से भी कोई राहत न मिलने के कारण सीनेटरों में निराशा है। गौरतलब है कि 2020 में कोरोना महामारी के कारण भी सीनेट चुनाव नहीं हो सके थे, और पीयू एक वर्ष तक बिना सीनेट और सिंडीकेट के ही चली थी। बोर्ड ऑफ गवर्नेंस बनने की संभावना, सीनेट की जगह ले सकता है कई शिक्षकों और सीनेटरों का मानना है कि पीयू की सुप्रीम बॉडी के रूप में अब बोर्ड ऑफ गवर्नेंस का गठन हो सकता है। यदि बोर्ड ऑफ गवर्नेंस का गठन होता है, तो सीनेट की तरह इसमें चुनाव नहीं होंगे। इसके सदस्य पीयू चांसलर ऑफिस द्वारा नामांकन के माध्यम से चयनित किए जाएंगे। कोर्ट की सुनवाई से मिल सकती है पुरानी सीनेट को राहत इस बीच, सीनेट के कार्यकाल को लेकर कोर्ट में मामला लंबित है, जिसकी सुनवाई नवंबर के अंत में होनी है। यदि कोर्ट सीनेट की एक्सटेंशन या चुनावों पर कोई रोक लगाता है, तो मौजूदा सीनेट को एक वर्ष का अतिरिक्त कार्यकाल मिल सकता है या फिर नई सीनेट के चुनाव कराने होंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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