पंजाब के रुके हुए ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) के मामले में राज्य की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जुबानी हमला बोला है। आप विधायक दिनेश चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर आरडीएफ रोककर पंजाब की मंडी बोर्ड व्यवस्था को खत्म करने की कोशिश कर रही है। आप विधायक दिनेश चड्ढा ने कहा कि वे चाहते हैं कि उनके मित्र कॉरपोरेट घराने पंजाब की मंडियों पर कब्जा कर लें। लेकिन उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं होने देंगे। साथ ही उन्होंने भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ और केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू से सवाल किया है कि वे इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं। उन्होंने पंजाब के नवनिर्वाचित सांसदों से मांग की है कि वे इस मामले को संसद में प्रमुखता से उठाएं। 66 हजार किमी सड़कों का मामला लटका चड्ढा ने बताया कि केंद्र सरकार ने पहले किसानों के लिए तीन कृषि कानून लागू किए थे, लेकिन जब किसानों के संघर्ष के चलते सरकार इसमें कामयाब नहीं हो पाई तो यह चाल चली गई । केंद्र की तरफ से करीब 6700 करोड़ रुपए का फंड रोका गया। क्योंकि RDF का सारा पैसा गांवों के लिए खर्च होता है। उससे ग्रामीण एरिया की 66 हजार किलोमीटर सड़क बनाई जानी थी। लेकिन जानबूझकर ऐसा किया गया। उन्होंने कहा कि पंजाब के खिलाफ जानबूझकर साजिश रची जा रही है। मंडी बोर्ड को तबाह किया जा रहा है। सरकार पहुंच चुकी है सुप्रीम कोर्ट चड्ढा ने बताया कि उनकी सरकार RDF को हासिल करने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है। सरकार की तरफ से RDF मामले में सुप्रीम कोर्ट में केस डाला गया है। उम्मीद है कि जल्दी ही फैसला उनके पक्ष में आएगा। उन्होंने पंजाब के नए चुने गए सांसदों से अपील की है कि वह इस मामले को प्रमुखता से संसद में उठाए। ताकि यह पैसा पंजाब को मिल पाए। पंजाब के रुके हुए ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) के मामले में राज्य की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जुबानी हमला बोला है। आप विधायक दिनेश चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर आरडीएफ रोककर पंजाब की मंडी बोर्ड व्यवस्था को खत्म करने की कोशिश कर रही है। आप विधायक दिनेश चड्ढा ने कहा कि वे चाहते हैं कि उनके मित्र कॉरपोरेट घराने पंजाब की मंडियों पर कब्जा कर लें। लेकिन उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं होने देंगे। साथ ही उन्होंने भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ और केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू से सवाल किया है कि वे इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं। उन्होंने पंजाब के नवनिर्वाचित सांसदों से मांग की है कि वे इस मामले को संसद में प्रमुखता से उठाएं। 66 हजार किमी सड़कों का मामला लटका चड्ढा ने बताया कि केंद्र सरकार ने पहले किसानों के लिए तीन कृषि कानून लागू किए थे, लेकिन जब किसानों के संघर्ष के चलते सरकार इसमें कामयाब नहीं हो पाई तो यह चाल चली गई । केंद्र की तरफ से करीब 6700 करोड़ रुपए का फंड रोका गया। क्योंकि RDF का सारा पैसा गांवों के लिए खर्च होता है। उससे ग्रामीण एरिया की 66 हजार किलोमीटर सड़क बनाई जानी थी। लेकिन जानबूझकर ऐसा किया गया। उन्होंने कहा कि पंजाब के खिलाफ जानबूझकर साजिश रची जा रही है। मंडी बोर्ड को तबाह किया जा रहा है। सरकार पहुंच चुकी है सुप्रीम कोर्ट चड्ढा ने बताया कि उनकी सरकार RDF को हासिल करने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है। सरकार की तरफ से RDF मामले में सुप्रीम कोर्ट में केस डाला गया है। उम्मीद है कि जल्दी ही फैसला उनके पक्ष में आएगा। उन्होंने पंजाब के नए चुने गए सांसदों से अपील की है कि वह इस मामले को प्रमुखता से संसद में उठाए। ताकि यह पैसा पंजाब को मिल पाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल तनखैया करार:अकाल तख्त ने दी धार्मिक सजा, जत्थेदार बोले- गुनाहों की माफी मांगें, राम रहीम को दी थी माफी
अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल तनखैया करार:अकाल तख्त ने दी धार्मिक सजा, जत्थेदार बोले- गुनाहों की माफी मांगें, राम रहीम को दी थी माफी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुना दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दे दिया है। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने का आरोप लगा था। ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी सीएम रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप को अकसर को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।” अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सुखबीर बादल एक साधारण सिख की तरह अकाल तख्त पर आकर अपने गुनाहों की माफी मांगें। सुखबीर बादल 15 दिन के भीतर अकाल तख्त पर पेश हों। अकाली दल के प्रवक्ता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि अब सुखबीर बादल अकाल तख्त में पेश होंगे। उसके बाद उन्हें गुनाह बताए जाएंगे, जिस पर सुखबीर बादल अपना पक्ष रखेंगे। बैठक से पहले अकाली दल ने बनाया कार्यकारी प्रधान
अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से पहले ही बीते दिन बलविंदर सिंह भूंदड़ को कार्यकारी प्रधान नियुक्त कर दिया। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है। कई सिख जत्थेबंदियों ने श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचकर सुखबीर बादल के इस्तीफे की मांग की थी। कार्यकारी प्रधान नियुक्त किए गए बलविंदर सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी रहे हैं। अब सिलसिलेवार पढ़िए पूरा मामला…. अकाली दल के बागी गुट ने सौंपा था माफीनामा
अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त पहुंचा था। इस दौरान यहां जत्थेदार को माफीनामा दिया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई। बागी गुट के अकाल तख्त को सौंपे माफीनामे में कबूली 4 गलतियां… 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत: 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी: श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई: 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ: SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया था। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। 14 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया
इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। ये दिया था स्पष्टीकरण…
सुखबीर बादल ने लिखा था कि पंजाब का प्रशासनिक मुखिया होने के नाते मुझे इस तरह की अप्रत्याशित घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी है। मैंने सौंपे गए कर्तव्यों का पूरी लगन और परिश्रम से पालन करने की कोशिश की है, लेकिन अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते समय कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है, जो अचानक घटित होता है। इससे आपका मन गहरी पीड़ा से गुजरता है और आप आत्मिक रूप से परेशान हो जाते हैं। इस मामले में हमारी पश्चाताप की भावना प्रबल है। ऐसे समय में वे आंतरिक पीड़ा से भी गुजर रहे हैं, ऐसी भावना के साथ, वे गुरु को नमन कर रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं कि गुरु साहब शक्ति और दया प्रदान करें।
फरीदकोट में पुलिस-बदमाशों के बीच चली गोलियां:पुलिस फायरिंग में एक बदमाश घायल, दूसरा बाइक से गिरा, अवैध हथियार बरामद
फरीदकोट में पुलिस-बदमाशों के बीच चली गोलियां:पुलिस फायरिंग में एक बदमाश घायल, दूसरा बाइक से गिरा, अवैध हथियार बरामद पंजाब के फरीदकोट में सीआईए स्टाफ ने गुरुवार देर शाम मुठभेड़ के बाद बाइक सवार दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान लवप्रीत सिंह और रविंद्र सिंह के रूप में हुई जिनके खिलाफ फरीदकोट समेत आसपास के जिलों में कई आपराधिक दर्ज हैं। इनसे 32 बोर की देसी पिस्टल व 2 कारतूस बरामद किए गए है। मुठभेड़ में घायल होने की वजह से दोनों को इलाज के लिए फरीदकोट के गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। इनमें से एक गोली लगने से घायल हुआ, जबकि दूसरे को बाइक से गिरने की वजह से चोट लगी। इस दौरान पुलिस कर्मचारी भी घायल हुए हैं। जानकारी के मुताबिक सीआईए स्टाफ को सूचना मिली थी कि दो बाइक सवार बदमाश् शहर के जहाज ग्राउंड के आसपास धूम रहे हैं। सूचना के बाद सीआईए स्टाफ की पुलिस पार्टी मौके पर पहुंची तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में एक आरोपी के गोली लगी, जबकि दूसरा आरोपी मोटरसाइकिल पर गिरने की वजह से घायल हो गया। कम्मेआना केस में वांछित : एसएसपी इस मामले में एसएसपी डाक्टर प्रज्ञा जैन ने बताया कि दोनों आरोपी कम्मेआना केस में वांछित चल रहे थे। उन्होंने बताया कि इनके खिलाफ फरीदकोट और फिरोजपुर जिले में केस दर्ज है। फिलहाल दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है और उनके ठीक होने के बाद इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।
फाजिल्का में लड़की से छेड़छाड़-मारपीट:विरोध करने पर पिता और भाई को किया घायल, कंप्यूटर सेंटर से लौट रही थी घर
फाजिल्का में लड़की से छेड़छाड़-मारपीट:विरोध करने पर पिता और भाई को किया घायल, कंप्यूटर सेंटर से लौट रही थी घर फाजिल्का के बॉर्डर रोड पर गांव करनीखेड़ा के नजदीक कंप्यूटर सेंटर से घर जा रही एक लड़की से छेड़छाड़ का विरोध करने पर झगड़ा हो गया। आरोपियों ने न केवल लड़की के साथ मारपीट की, बल्कि लड़की के पिता और भाई पर तेजधार हथियार से हमला कर घायल कर दिया। गंभीर रुप से घायल भाई को हायर सेंटर रेफर किया गया है। सरकारी अस्पताल में पहुंचे गांव आसफवाला निवासी जोगिंदर सिंह ने बताया कि उसकी बेटी फाजिल्का से कंप्यूटर सेंटर पर कोचिंग ले रही है l कोचिंग लेने के बाद वह स्कूटी पर सवार होकर अपने घर वापस गांव आसफवाला लौट रही थी l रास्ते में गांव करनीखेड़ा बस अड्डे पर युवकों ने उसके साथ छेड़छाड़ की और उसे रुकने का इशारा किया l जब वह नहीं रुकी तो आरोपियों ने उसे जबरदस्ती रोक लिया। लड़की के विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की l युवक हायर सेंटर रेफर लड़की ने इसकी सूचना अपने परिजनों को दी तो जोगिंदर सिंह अपने बेटे के साथ मौके पर पहुंचा, और छेड़छाड़ का विरोध किया। जिस पर आरोपियों ने उन पर तेजधार हथियारों से हमला बोल दिया। इस हमले में दोनों गंभीर रुप से घायल हो गए। घायलों में लड़की के भाई की हालत नाजुक बनी है, जिसे उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है। मामले की जानकारी पुलिस को दे दी गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।