पंजाब के बरनाला में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने आमरण अनशन खत्म करने के बाद बड़ी किसान रैली को संबोधित किया। एंबुलेंस में बिस्तर पर लेटे हुए डल्लेवाल ने रैली में अपना संबोधन दिया। इस रैली में बड़ी संख्या में किसान और महिलाएं शामिल हुए। जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि मेरी जिंदगी मेरे लोगों की अमानत है और मैं अपनी जिंदगी की आखिरी सांस तक लोगों के हकों के लिए लड़ता रहूंगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा किसानों व मजदूरों पर किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ पूरे पंजाब में जुल्म विरोधी कांफ्रेंस की जा रही है, जिसकी कड़ी के तहत आज धनौला में जुल्म विरोधी कांफ्रेंस की गई है, इसलिए पंजाब सरकार यह न समझे कि वह लोगों को अपने हकों के लिए आवाज उठाने से रोकने के लिए उनके साथ मारपीट करेगी और उन्हें जेल में बंद कर देगी। पंजाब सरकार ने किसानों की पीठ में छुरा घोंपा किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पंजाब सरकार पर किसानों की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि 13 फरवरी को दिल्ली कूच के दौरान हरियाणा की भाजपा सरकार ने केंद्र के इशारे पर सड़कों पर दीवारें खड़ी कर दीं। सड़कों में गड्ढे खोद दिए और किले बना दिए। उन्होंने कहा कि 13, 14 और 21 फरवरी को किसानों पर आंसू गैस के गोले, रासायनिक गैस और एसएलआर का प्रयोग किया गया। इस कार्रवाई में चार किसानों की आंखों की रोशनी चली गई। करीब 435 किसान घायल हुए। डल्लेवाल ने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस ने प्रीतपाल सिंह को घायल कर बोरी में बंद कर दिया और उसे अमानवीय यातनाएं दीं। 13 फरवरी से खनौरी और शंभू बॉर्डर पर शांतिपूर्ण आंदोलन चल रहा था। उन्होंने कहा कि, 19 मार्च को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ बैठक के बाद पंजाब की भगवंत मान सरकार ने मोर्चों से लौट रहे किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। खनौरी और शंभू बॉर्डर पर भारी पुलिस बल भेजकर किसानों के डेरे नष्ट कर दिए गए। किसान नेता ने किसानी मांगों को लेकर संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया। किसानों का सामान चोरी किया गया पुलिस के आदेश पर किसानों के ट्रैक्टर, ट्रॉलियां, एसी कूलर, गैस सिलेंडर, बिस्तर, बिछावन आदि तथा खाने-पीने का राशन खुलेआम लूटा व चुराया गया तथा किसानों पर जुल्म ढाते हुए उन्हें जेलों में बंद कर दिया गया। विश्व के इतिहास में पहली बार हुआ है कि वार्ता के लिए आए किसी प्रतिनिधि मंडल को गिरफ्तार किया गया हो। उन्होंने आगे कहा कि जब पंजाब सरकार ने हजारों की संख्या में पुलिस बल भेजकर मोर्चे पर हमला किया था और किसानों को गिरफ्तार किया था, तब मोर्चे पर हजारों की संख्या में मौजूद पुलिस की जिम्मेदारी थी कि वह किसानों की सारी संपत्ति की रक्षा करे, क्योंकि वह सारी संपत्ति पुलिस प्रशासन की निगरानी में थी और जो भी संपत्ति चोरी हुई थी, वह पंजाब सरकार और पुलिस प्रशासन की मदद से हुई थी। अब प्रशासन किसानों की ट्रालियां चुराने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बजाय प्रभावित किसानों व किसानों की ट्रालियां ढूंढने में मदद करने वालों के खिलाफ ही मामला दर्ज कर धक्केशाही कर रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को हुए नुकसान की एक-एक पाई पंजाब सरकार से ली जाएगी। पंजाब के बरनाला में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने आमरण अनशन खत्म करने के बाद बड़ी किसान रैली को संबोधित किया। एंबुलेंस में बिस्तर पर लेटे हुए डल्लेवाल ने रैली में अपना संबोधन दिया। इस रैली में बड़ी संख्या में किसान और महिलाएं शामिल हुए। जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि मेरी जिंदगी मेरे लोगों की अमानत है और मैं अपनी जिंदगी की आखिरी सांस तक लोगों के हकों के लिए लड़ता रहूंगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा किसानों व मजदूरों पर किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ पूरे पंजाब में जुल्म विरोधी कांफ्रेंस की जा रही है, जिसकी कड़ी के तहत आज धनौला में जुल्म विरोधी कांफ्रेंस की गई है, इसलिए पंजाब सरकार यह न समझे कि वह लोगों को अपने हकों के लिए आवाज उठाने से रोकने के लिए उनके साथ मारपीट करेगी और उन्हें जेल में बंद कर देगी। पंजाब सरकार ने किसानों की पीठ में छुरा घोंपा किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पंजाब सरकार पर किसानों की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि 13 फरवरी को दिल्ली कूच के दौरान हरियाणा की भाजपा सरकार ने केंद्र के इशारे पर सड़कों पर दीवारें खड़ी कर दीं। सड़कों में गड्ढे खोद दिए और किले बना दिए। उन्होंने कहा कि 13, 14 और 21 फरवरी को किसानों पर आंसू गैस के गोले, रासायनिक गैस और एसएलआर का प्रयोग किया गया। इस कार्रवाई में चार किसानों की आंखों की रोशनी चली गई। करीब 435 किसान घायल हुए। डल्लेवाल ने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस ने प्रीतपाल सिंह को घायल कर बोरी में बंद कर दिया और उसे अमानवीय यातनाएं दीं। 13 फरवरी से खनौरी और शंभू बॉर्डर पर शांतिपूर्ण आंदोलन चल रहा था। उन्होंने कहा कि, 19 मार्च को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ बैठक के बाद पंजाब की भगवंत मान सरकार ने मोर्चों से लौट रहे किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। खनौरी और शंभू बॉर्डर पर भारी पुलिस बल भेजकर किसानों के डेरे नष्ट कर दिए गए। किसान नेता ने किसानी मांगों को लेकर संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया। किसानों का सामान चोरी किया गया पुलिस के आदेश पर किसानों के ट्रैक्टर, ट्रॉलियां, एसी कूलर, गैस सिलेंडर, बिस्तर, बिछावन आदि तथा खाने-पीने का राशन खुलेआम लूटा व चुराया गया तथा किसानों पर जुल्म ढाते हुए उन्हें जेलों में बंद कर दिया गया। विश्व के इतिहास में पहली बार हुआ है कि वार्ता के लिए आए किसी प्रतिनिधि मंडल को गिरफ्तार किया गया हो। उन्होंने आगे कहा कि जब पंजाब सरकार ने हजारों की संख्या में पुलिस बल भेजकर मोर्चे पर हमला किया था और किसानों को गिरफ्तार किया था, तब मोर्चे पर हजारों की संख्या में मौजूद पुलिस की जिम्मेदारी थी कि वह किसानों की सारी संपत्ति की रक्षा करे, क्योंकि वह सारी संपत्ति पुलिस प्रशासन की निगरानी में थी और जो भी संपत्ति चोरी हुई थी, वह पंजाब सरकार और पुलिस प्रशासन की मदद से हुई थी। अब प्रशासन किसानों की ट्रालियां चुराने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बजाय प्रभावित किसानों व किसानों की ट्रालियां ढूंढने में मदद करने वालों के खिलाफ ही मामला दर्ज कर धक्केशाही कर रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को हुए नुकसान की एक-एक पाई पंजाब सरकार से ली जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
