पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का पंजाब सरकार को नोटिस:PCS नियुक्ति पर महिला अधिकारी ने दायर की थी याचिका; 8 जनवरी तक जवाब मांगा

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का पंजाब सरकार को नोटिस:PCS नियुक्ति पर महिला अधिकारी ने दायर की थी याचिका; 8 जनवरी तक जवाब मांगा

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने नियमों का उल्लंघन कर कथित तौर पर की गई पीसीएस (रजिस्ट्रार) के पद पर नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। अदालत ने मामले में 8 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। बता दें कि ये याचिका एक महिला अधिकारी राजवंत कौर द्वारा लगाई गई थी। जिसके बाद इस पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। महिला अधिकारी राजवंत कौर के एडवोकेट विकास चतरथ द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उन्होंने 10 नवंबर 2022 को जारी विज्ञापन के तहत पीसीएस पद के लिए आवेदन किया था। चयन प्रक्रिया में नियमानुसार उन्हें कुल 58.415 अंक मिलने चाहिए थे। लेकिन मात्र 56.325 अंक ही दिए गए। जस्टिस दीपक मनचंदा की पीठ ने जारी किया नोटिस याचिका में कहा गया है कि चुनाव के लिए एसीआर को आधार बनाया गया। नियमानुसार यदि एक वर्ष में 2 एसीआर प्राप्त होती हैं तो दोनों को मिलाकर अंक दिए जाने चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके विपरीत उनसे कम अंक पाने वाले एक अन्य अभ्यर्थी को पीसीएस (रजिस्ट्रार) के पद पर नियुक्त कर दिया गया। जिसके बाद हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक मनचंदा की अध्यक्षता वाली पीठ ने पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। पंजाब सरकार को मामले में जवाब देने के लिए 8 जनवरी तक का समय दिया गया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने नियमों का उल्लंघन कर कथित तौर पर की गई पीसीएस (रजिस्ट्रार) के पद पर नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। अदालत ने मामले में 8 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। बता दें कि ये याचिका एक महिला अधिकारी राजवंत कौर द्वारा लगाई गई थी। जिसके बाद इस पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। महिला अधिकारी राजवंत कौर के एडवोकेट विकास चतरथ द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उन्होंने 10 नवंबर 2022 को जारी विज्ञापन के तहत पीसीएस पद के लिए आवेदन किया था। चयन प्रक्रिया में नियमानुसार उन्हें कुल 58.415 अंक मिलने चाहिए थे। लेकिन मात्र 56.325 अंक ही दिए गए। जस्टिस दीपक मनचंदा की पीठ ने जारी किया नोटिस याचिका में कहा गया है कि चुनाव के लिए एसीआर को आधार बनाया गया। नियमानुसार यदि एक वर्ष में 2 एसीआर प्राप्त होती हैं तो दोनों को मिलाकर अंक दिए जाने चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके विपरीत उनसे कम अंक पाने वाले एक अन्य अभ्यर्थी को पीसीएस (रजिस्ट्रार) के पद पर नियुक्त कर दिया गया। जिसके बाद हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक मनचंदा की अध्यक्षता वाली पीठ ने पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। पंजाब सरकार को मामले में जवाब देने के लिए 8 जनवरी तक का समय दिया गया है।   पंजाब | दैनिक भास्कर