असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक और खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह के साथियों ने उन पर दोबारा लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले की (आज) मंगलवार को अदालत में सुनवाई होगी। वहीं, गुरिंदर पाल सिंह औजला ने अपनी जान को खतरा बताते हुए डिब्रूगढ़ जेल से किसी दूसरी जेल में शिफ्ट करने की याचिका लगाई है। इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से जवाब दाखिल किया जाएगा। कोई आपराधिक रिकॉर्ड न होने की दलील दी औजला कपूरथला जिले के फगवाड़ा का रहने वाला है। उसको 20 मार्च 2023 को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था और एनएसए के तहत डिब्रूगढ़ जेल में स्थानांतरित किया गया था। उन्होंने 25 सितंबर को जेल स्थानांतरण की मांग करते हुए अधिकारियों से शिकायत की थी। साथ ही अपनी जान को खतरा बताया था। उनका कहना है कि अमृतपाल मामले को छोड़कर उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। सारे अपने परिवारों से दूर हैं अमृतपाल सिंह समेत उनके सारे साथी डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। उनकी ओर से कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि एनएसए की अवधि एक साल बढ़ाना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने अपने खिलाफ की गई कार्रवाई को असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा कि वे एक साल से ज़्यादा समय से अपने राज्य, रिश्तेदारों और लोगों से दूर हैं। उनकी जिंदगी और आजादी को असामान्य और क्रूर तरीक़े से छीना गया है। असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक और खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह के साथियों ने उन पर दोबारा लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले की (आज) मंगलवार को अदालत में सुनवाई होगी। वहीं, गुरिंदर पाल सिंह औजला ने अपनी जान को खतरा बताते हुए डिब्रूगढ़ जेल से किसी दूसरी जेल में शिफ्ट करने की याचिका लगाई है। इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से जवाब दाखिल किया जाएगा। कोई आपराधिक रिकॉर्ड न होने की दलील दी औजला कपूरथला जिले के फगवाड़ा का रहने वाला है। उसको 20 मार्च 2023 को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था और एनएसए के तहत डिब्रूगढ़ जेल में स्थानांतरित किया गया था। उन्होंने 25 सितंबर को जेल स्थानांतरण की मांग करते हुए अधिकारियों से शिकायत की थी। साथ ही अपनी जान को खतरा बताया था। उनका कहना है कि अमृतपाल मामले को छोड़कर उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। सारे अपने परिवारों से दूर हैं अमृतपाल सिंह समेत उनके सारे साथी डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। उनकी ओर से कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि एनएसए की अवधि एक साल बढ़ाना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने अपने खिलाफ की गई कार्रवाई को असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा कि वे एक साल से ज़्यादा समय से अपने राज्य, रिश्तेदारों और लोगों से दूर हैं। उनकी जिंदगी और आजादी को असामान्य और क्रूर तरीक़े से छीना गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में AAP के दिग्गज धराशायी:4 मंत्री व 3 विधायक चुनाव हारे, CM और केजरीवाल की कैंपेन भी नहीं बचा पाई हार पंजाब के लोकसभा चुनाव में राज्य की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) को लोगों ने ढाई साल में ही आइना दिखा दिया है। चुनाव लड़ रहे पांच मंत्रियों से 4 चुनाव हार गए हैं, जबकि तीन विधायकों को भी हार का मुंह देखना पड़ा है। कई जगह तो पार्टी के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे हैं। जबकि चुनावी मुहिम को कामयाब बनाने में पार्टी के प्रधान व सीएम भगवंत मान करीब मार्च महीने से डटे हुए थे। पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने खुद रोड शो और जनसभाएं की। हालांकि जनवरी माह से ही सरकार चुनावी मोड में चल रही थी। कई बड़े फैसले भी लिए गए, लेकिन पार्टी चुनाव में इन्हें कैश नहीं कर पाई। साथ ही मन मुताबिक नतीजे नहीं मिले हैं। इन मंत्रियों और विधायकों को मिली हार चुनाव हारने वालों में पटियाला लोकसभा हलके से सेहत मंत्री बलबीर सिंह, खडूर साहिब से लालजीत सिंह भुल्लर, अमृतसर से कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और बठिंडा लोकसभा में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश सिंह बादल को चुनाव जीतने वाले गुरमीत सिंह खुडि्डयां शामिल थे। इसके अलावा तीन विधायक अमनदीप सिंह शेयरी कलसी, अशोक पराशर व जगदीप सिंह काका बराड़ भी चुनाव हारे हैं। मंत्रियों और विधायकों की फौज के हारने की वजह जानते है। आप के विधायकों से लोग नाराज पटियाला लोकसभा सीट से सेहत मंत्री बलबीर सिंह चुनाव हारने की कई वजह हैं। इस एरिया के अधीन आने वाली विधानसभाओं के आप विधायकों के मंत्रियों से लोग खुश नहीं थे। इस वजह से पार्टी को नुकसान झेलना पड़ा है। महिलाओं को हजार रुपये न देने वाली गारंटी का असर भी दिखा है। इसके अलावा इलाके में उस हिसाब से विकास नहीं हुआ। वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल व प्रियंका गांधी और प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों से भी आप का कुछ वोट खिसका है। मुआवजे में देरी पड़ी भारी बठिंडा लोकसभा सीट से उम्मीदवार गुरमीत सिंह खुडियां राज्य सरकार में कृषि मंत्री हैं। लेकिन चुनाव में उन्हें किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था। क्योंकि किसानों की फसलों काे हुए नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिला था। इस वजह से किसान नाराज चल रहे थे। इस इलाके में भी उचित तरीके से विकास नहीं हुआ। वहीं, सरकार की गारंटियां पूरी न होने का असर भी दिखा। हालांकि ढाई साल में ही सत्ता विरोधी लहर दिखी। विधायकों से नाराज, नशा व बेरोजगारी अमृतसर लोकसभा हलके से पार्टी ने तेज तर्रार नेता व मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को चुनावी मैदान में थे। उनकी चुनावी कैंपेन के लिए खुद पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल अमृतसर आए थे। साथ ही रोड शो से लेकर जनसभा तक की थी। लेकिन लोगों ने उन्हें नकार दिया। उसकी वजह यह है एक तो उनका वर्चस्व अपने हलके तक सीमित रहा। दूसरा इस लोकसभा हलके के आप के विधायकों की कारगुजारी भी बढ़िया नहीं थी। कई विधायक तो विधानसभा चुनाव के बाद हलकों में सक्रिय नहीं थे। आखिरी समय में पार्टी ने दूसरी पार्टियों के कई दिग्गज नेता जॉइन भी करवाए। लेकिन उसका कोई फायदा पार्टी को नहीं मिला है। नशा और बेरोजगारी से लोग काफी आहत थे। पंथक मुद्दे रहे भारी खडूर साहिब में लोकसभा हलके में आप के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर चुनावी मैदान में थे। यहां पर पर पार्टी तीसरे नंबर पर रही। हलके में पार्टी की हार की वजह है कि पार्टी के उम्मीदवारों को विधायकों का साथ नहीं मिला। वहीं, पंथक मुद्दे भी भारी रहे हैं। ढाई साल में पार्टी इन मुद्दों पर कुछ नहीं कर पाई। जबकि लोगों ने बड़े विश्वास से इस पार्टी को मौका दिया था। इस वजह से भी पार्टी को नुकसान हुआ है। कांग्रेस और भाजपा ने बिगाड़ा गणित गुरदासपुर लोकसभा सीट से AAP ने बटाला के विधायक अमन शेर सिंह कलसी को आखिरी में जाकर उम्मीदवार बनाया था। यहां पर पार्टी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी। दूसरा कांग्रेस ने दिग्गज व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और भाजपा ने दिनेश बब्बू को चुनावी मैदान में उतारा था। ऐसे में वह शुरू से ही गिर गए। इस लोकसभा हलके में कांग्रेस काफी मजबूत है। पांच विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। वहीं, आप के इस हलके से मंत्री भी विवादों में रहे हैं। पार्टी से नाराजगी का असर फिरोजपुर लोकसभा हलके से आप ने मुक्तसर के विधायक को जगदीप सिंह काका बराड़ को चुनाव मैदान में उतारा था। यहां पर राय सिख बिरादरी का फायदा कांग्रेस को मिला। पार्टी के खिलाफ नाराजगी का भी काका बराड़ को नुकसान हुआ है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक व राम मंदिर का अंडर करंट भी लोगों में देखने को मिला। विधायकों का नहीं मिला साथ लुधियाना से आप ने विधायक अशोक पराशर पप्पी को चुनावी मैदान में उतारा था। उन्हें आखिरी समय में टिकट दी गई थी। लेकिन यहां पर पार्टी में बिखराव था। सभी विधायकों का समर्थन उस हिसाब से नहीं मिला है। विरोधियों ने पार्टी की नीतियों व कमजोरियों पर जबरदस्त हमला बोला। इसके अलावा कांग्रेस के राहुल गांधी और भाजपा नेता अमित शाह की रैली से काफी समीकरण बदले। यहां कुछ स्थानीय मुद्दे भी हावी रहे हैं।
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पटियाला में दादी-ताई ने कराया नाबालिग से रेप:पड़ोसी युवक जबरन उठाकर ले गया, मां और भाई बहन गए थे काम पर पटियाला के भादसों थाना इलाके में रिश्तों को तार-तार करती एक घटना सामने आई है। यहां एक नाबालिग लड़की ने अपनी दादी और ताई पर पड़ोसियों द्वारा रेप करवाने के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने लड़की के स्टेटमेंट रिकॉर्ड करते हुए उसकी दादी चरणजीत कौर, ताई सरोज बाला, पड़ोसी गुरविंदर सिंह और करनवीर सिंह के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर कर ली है। फिलहाल इस केस के संबंध में किसी भी आरोपी की अरेस्ट नहीं हुई है। दादी की मौजूदगी में जबरन उठा ले गया था पड़ोसी पीड़ित लड़की ने स्टेटमेंट दी है कि वह अपने भाई के साथ बचपन से ही दादी चरणजीत कौर के पास रहती थी और परिवार में ताई सरोज बाला भी रहती है। उसकी दादी और ताई हमेशा ही गैर मर्दों के साथ संबंध बनाने के लिए दबाव बनाती रहती थी, लेकिन वह मना कर देती थी। दादी और ताई जब नरेगा के तहत काम करने चली जाती तो उनकी गैर मौजूदगी में पड़ोस में रहने वाला गुरविंदर सिंह और करनवीर सिंह घर पर आकर बिजली के काम के बहाने उसके साथ अश्लील हरकतें करते थे। 14 अक्टूबर को पीड़ित लड़की के भाई, बहन और मां काम पर गए हुए थे और घर पर दादी के अलावा ताई मौजूद थी। इन दोनों के कहने पर सुबह तकरीबन 12 बजे करनवीर सिंह बाइक पर आया और धमकियां देते हुए कहने लगा कि उसके साथ जाए, ऐसा नहीं करने पर वह गुरविंदर सिंह से वीडियो बनवाने के बाद उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। दादी और ताई की शह पर करनवीर सिंह उसे जबरन चासवाल गांव के एक होटल में ले गया, जहां उसके साथ रेप करने के बाद गांव दितुपुर के अड्डे पर छोड़कर फरार हो गया था। जल्दी गिरफ्तार होंगे आरोपी – एसएचओ भादसों पुलिस स्टेशन के एसएचओ रणदीप कुमार ने कहा कि आरोपियों की अरेस्ट के लिए उनकी टीम इलाके में रेड कर रही है।