<p style=”text-align: justify;”><strong>Prashant Kishor News:</strong> बिहार लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थियों का हंगामा प्रदर्शन के बाद प्रशांत किशोर पर मामला दर्ज कर लिया गया है. प्रशांत किशोर के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती पर भी मामला दर्ज किया गया है. प्रशांत किशोर पर अभ्यर्थियों को उकसाने ने सड़क पर लाने और हंगामा करने का कई गंभीर धारा लगाई गई. प्रशांत किशोर सहित 19 से अधिक नाम जब लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. 600 से अधिक अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. गांधी मैदान में प्रशासन ने प्रदर्शन की इजाज़त नहीं दी थी.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Prashant Kishor News:</strong> बिहार लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थियों का हंगामा प्रदर्शन के बाद प्रशांत किशोर पर मामला दर्ज कर लिया गया है. प्रशांत किशोर के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती पर भी मामला दर्ज किया गया है. प्रशांत किशोर पर अभ्यर्थियों को उकसाने ने सड़क पर लाने और हंगामा करने का कई गंभीर धारा लगाई गई. प्रशांत किशोर सहित 19 से अधिक नाम जब लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. 600 से अधिक अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. गांधी मैदान में प्रशासन ने प्रदर्शन की इजाज़त नहीं दी थी.</p> बिहार देवास पुलिस का ‘ऑपरेशन त्रिनेत्रम’, 10 लाख के CCTV कैमरों से अपराध पर लगेगी लगाम
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हरियाणा BJP नेता कुलदीप बिश्नोई को झटका:मुकाम पीठाधीश्वर ने बिश्नोई महासभा का संरक्षक पद ठुकराया; इससे पहले प्रधान भी इनकार कर चुके
हरियाणा BJP नेता कुलदीप बिश्नोई को झटका:मुकाम पीठाधीश्वर ने बिश्नोई महासभा का संरक्षक पद ठुकराया; इससे पहले प्रधान भी इनकार कर चुके हरियाणा के BJP नेता कुलदीप बिश्नोई की राजनीति के बाद बिश्नोई समाज पर पकड़ भी कमजोर होती जा रही है। मुकाम धाम के पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद जी ने कुलदीप के अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद के ऑफर को ठुकरा दिया है। उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह बिश्नोई समाज के लोगों से कह रहे हैं कि उन्हें संरक्षक पद नहीं चाहिए। कुलदीप ने इस बारे में उनसे कोई बात भी नहीं की। इस पद पर किसी और की नियुक्ति होनी चाहिए। इससे पहले कुलदीप बिश्नोई ने देवेंद्र बूड़िया की जगह पर परसराम बिश्नोई को प्रधान बनाया था लेकिन परसराम ने भी पद लेने से इनकार कर दिया। मुकाम पीठाधीश्वर का यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि कुलदीप ने बूड़िया पर दबाव बनाने के लिए ही यह घोषणा की थी। यही नहीं, उन्हीं के संरक्षण में चुनाव कराने की भी सिफारिश की और 29 मेंबरी कमेटी की घोषणा भी कर दी थी। 7 दिसंबर को की थी संरक्षक पद पर नियुक्ति
कुलदीप बिश्नोई ने 7 दिसंबर को एक लेटर जारी किया था। उसमें उन्होंने कहा था कि समाज के भाईचारे और एकजुटता के लिए वह बिश्नोई समाज के सिरमौर मुकाम पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद जी को महासभा का संरक्षक मनोनीत कर रहे हैं। स्वामी जी सबके लिए पूजनीय हैं। उनका संरक्षक बनना समाज के लिए गौरव का क्षण है। संरक्षक पद ठुकराने से कुलदीप बिश्नोई के लिए 3 बड़े संदेश…. 1. मुकाम धाम साथ नहीं
स्वामी रामानंद जी ने संरक्षक पद लेने से मना कर दिया है और वह मुकाम धाम के बड़े पीठाधीश्वर हैं। वह ऐसे संत हैं जिनकी बात बिश्नोई समाज में हर कोई मानता है। ऐसे में यह संदेश गया है कि कुलदीप बिश्नोई की वैल्यू अब समाज में पहले जैसी नहीं रही। संत ने पद ठुकरा कर इस बात को सिद्ध कर दिया है। 2. चुनाव के लिए बनाई समिति बनी डमी
कुलदीप बिश्नोई ने बिश्नोई महासभा का चुनाव करवाने के लिए 29 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इस कमेटी को संरक्षक के नेतृत्व में काम करना था। ऐसे में रामानंद स्वामी के पद ठुकराने के बाद यह समिति अब किसके दिशा निर्देश पर काम करेगी, यह बड़ा सवाल बना हुआ है। 3. प्रधान देवेंद्र बूड़िया का वर्चस्व
प्रधान के बाद अब संरक्षक पद ठुकराए जाने के बाद कुलदीप बिश्नोई का वर्चस्व अब धीरे-धीरे समाज में खत्म हो रहा है। आदमपुर में हार के बाद समाज की नजरों में अब उनकी वैल्यू कम हो रही है। मौजूदा प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप के खिलाफ समाज के सामने जो बातें रखीं, उससे समाज उनके खिलाफ हो रहा है। 12 साल बाद कुलदीप ने संरक्षक पद छोड़ा था
बता दें कि हाल ही में कुलदीप बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर संरक्षक पद छोड़ने की घोषणा की थी। कुलदीप बिश्नोई पूर्व CM चौधरी भजनलाल के देहांत के बाद अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक बनाए गए थे। 12 साल तक इस पद पर रहने के बाद हाल ही में उन्होंने समाज के नाम एक संदेश जारी किया और संरक्षक के पद से इस्तीफा दे दिया। **************** ये खबरें भी पढ़ें… कुलदीप बिश्नोई का महासभा संरक्षक के पद से इस्तीफा:बोले- पद का लालच नहीं, मैंने केंद्रीय मंत्री-डिप्टी CM पद ठुकराया; प्रधान से विवाद हुआ था मुझे पद की लालसा नहीं है। मुझे केंद्रीय मंत्री और हरियाणा का डिप्टी CM पद देने की कोशिश की गई, लेकिन मैंने समाज के लिए यह ठुकरा दिया (पढ़ें पूरी खबर…)
57 साल बाद ढहा भजनलाल परिवार का किला:आदमपुर विधानसभा में भव्य बिश्नोई हारे; दादा से लेकर पोते तक 13 चुनाव लड़े हरियाणा की आदमपुर सीट 57 साल बाद भजनलाल परिवार हार गया है। इस सीट पर पहली बार 1967 में चौधरी भजनलाल जीते थे। तब से लेकर अब तक इस सीट पर भजनलाल परिवार से ही उम्मीदवार चुनाव लड़ते और जीतते आए हैं (पढ़ें पूरी खबर…)
हाथ जोड़े, पैर छूए कान पकड़कर माफी भी मांगी, नहीं मानी पत्नी, महोबा में हुआ हाईवोल्टेज ड्रामा
हाथ जोड़े, पैर छूए कान पकड़कर माफी भी मांगी, नहीं मानी पत्नी, महोबा में हुआ हाईवोल्टेज ड्रामा <div id=”:3o7″ class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:3qm” aria-controls=”:3qm” aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश के महोबा के रोडवेज परिसर में ससुराल जाने के विवाद में पति-पत्नी ने जमकर हाई वोल्टेज ड्रामा किया. पति अपनी पत्नी को ससुराल ले जाने के लिए मिन्नते कर मनाता रहा लेकिन पत्नी ने न जाने की जिद पकड़ ली. पति-पत्नी के बीच होते इस हाई-वोल्टेज ड्रामे के चलते तमाशबीन यात्रियों की भी भीड़ लग गई तो वहीं डिपो के एआरएम भी पहुंच गए और दोनों को समझाकर मामला शांत कराने की कोशिश भी कि लेकिन पत्नी-पति के साथ ससुराल जाने के लिए तैयार नहीं हुई. मामले को बढ़ता हुए देखकर मौके पर पुलिस भी पहुंच गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पत्नी ने पति के साथ जाने से किया इंकार</strong><br />दरअसल ये पूरा मामला महोबा रोडवेज परिसर की है. जहां तीन बच्चों की मां अपने पति के साथ ससुराल न जाने की जिद पर अड़ गई और देखते ही देखते पति-पत्नी का हाई वोल्टेज ड्रामा देख रोडवेज परिसर में लोगों की भीड़ जमा हो गई. दरअसल जनपद कानपुर के थाना बिधनू के ग्राम कठरुआ निवासी अजय कुशवाहा अपने तीन बच्चों और पत्नी को घर लेकर जा रहा था मगर रोडवेज में पत्नी ने पति के साथ ससुराल जाने से ही मना कर दिया. बस इसी बात के बाद से पति अपनी पत्नी को मनाने के लिए काफी कोशिश करने लगा लेकिन पत्नी मानी नहीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पति अजय ने बताया कि उसकी पत्नी बच्चों को लेकर 10 दिनों के लिए अपने जीजा गोरे के यहां मध्यप्रदेश के ग्राम बारीगढ़ गई हुई थी मगर दो महीने बीत जाने के बाद भी वह घर नहीं लौटी. ऐसे में पति अजय अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर साढू के घर से महोबा रोडवेज में कानपुर जाने वाली बस का इंतजार करने लगा. लेकिन जैसी ही बस आई पत्नी ने साथ जाने से मना कर दिया. अचानक पत्नी द्वारा ससुराल जाने से मना करने पर पति मायूस हो गया और उसे साथ चलने के लिए मानने लगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पति ने लगाया अपने साढू पर आरोप</strong><br />पति ने उसके पैर तक छुए और हाथ जोड़े यही नहीं कान पकड़कर उठक-बैठक भी करने लगा लेकिन पत्नी ने ससुराल चलने के लिए मानी नहीं. इसके बाद पति बच्चों समेत कानपुर वाली बस में बैठ गया लेकिन जब बस चलने लगी तो पति फिर से उतरकर पत्नी को साथ चलने के लिए मानने लगा. पति की बेबसी और लाचारी देख लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई जो महिला को समझाने की कोशिश करने लगी मगर महिला पति के साथ जाने के लिए राजी नहीं हुई. पति ने अपने साढू पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह तंत्र विद्या जानता है और पत्नी को कुछ खिला-पिला दिया है जिससे पत्नी उसके वश में है. इसी वजह से उसके साथ नहीं जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महिला के पुलिसवाले भी हार मान गए</strong><br />वहीं जब महिला से उसके ना जाने का कारण पूछा तो उसने कहा उसका पति उसकी पिटाई करता है. इसलिए वह उसके साथ नहीं जा रही है. यदि लिखित में समझौता होगा तभी वह पति के साथ जाएगी. पत्नी को छोटे-छोटे बच्चों पर भी तरस नहीं आया और वह अपनी बात पर अड़ी रही. तो वही एआरएम डीके चौबे समेत तमाम यात्रियों ने पत्नी को समझाया की ससुराल चली जाओ पर वह जाने को तैयार नहीं हुई. एआरएम ने कहा कि मैंने और अन्य स्टाफ ने महिला को काफी समझाया की ससुराल चली जाओ पर वह नहीं मानी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी. वहीं पत्नी का कहना था कि वह अपने गांव विश्रामपुर झारखंड जाएगी लेकिन पति के साथ किसी भी हालत में ससुराल नहीं जाएगी. इस दौरान पुलिस ने भी महिला को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन वह अपने पति के साथ ससुराल जाने के लिए मानी नहीं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/sambhal-violence-police-made-ziaur-rahman-barq-accused-number-one-2830666″> पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान को आरोपी नंबर 1 बनाया, दूसरे पर सुहेल का नाम</a></strong></p>
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सीएम योगी आज मंत्रियों के साथ करेंगे बैठक:उपचुनाव की तैयारी की होगी समीक्षा, सरकार के 16 मंत्रियों को दी गई जिम्मेदारी
सीएम योगी आज मंत्रियों के साथ करेंगे बैठक:उपचुनाव की तैयारी की होगी समीक्षा, सरकार के 16 मंत्रियों को दी गई जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में उन मंत्रियों को बुलाया गया है जिनकी ड्यूटी इन सीटों पर लगाई गई है। मुख्यमंत्री सभी मंत्रियों से चुनावी तैयारी की समीक्षा करेंगे। 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में मंत्रियों और संगठन के नेताओं की ड्यूटी बता दे की लोकसभा चुनाव में सांसद बने 9 विधायकों की सीटों के साथ ही सिसामऊ सीट पर भी उपचुनाव होना है यह सीट सपा विधायक के अयोग्य घोषित होने के बाद रिक्त हुई थी। वहीं जिन सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें मिल्कीपुर, कटेहरी, फूलपुर, मंझवा, गाजियाबाद सदर, मीरापुर, खैर और कुंदरकी शामिल है। बता दें कि भाजपा के संगठन के द्वारा इन सभी सीटों पर चुनावी तैयारी के लिए प्रदेश सरकार के मंत्रियों और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है। बता दें की 10 सीटो पर होने वाले उपचुनाव के लिए संगठन के पदाधिकारियों के साथ ही यूपी सरकार के 16 मंत्रियों की टीम का गठन कर सभी को अपनी-अपनी सीटों पर जीत दर्ज करने की जिम्मेदारी दी गई। मंत्रियों की टीम में भाजपा के अलावा सहयोगी दलों के मंत्रियों को भी शामिल किया गया है । कुछ सीटों पर दो तो कुछ एक मंत्री को जिम्मेदारी दी गई है। इनके साथ संगठन के भी पदाधिकारियों को लगाया जाएगा। अब आपको बताते हैं 10 विधानसभा सीटों पर 16 मंत्रियों के नाम जिनका मिली है कमान… •करहल-जयवीर सिंह •मिल्कीपुर- सूर्य प्रताप शाही व मयंकेश्वर शरण सिंह •कटेहरी- स्वतंत्र देव सिंह व आशीष पटेल •सीसामऊ- सुरेश खन्ना व संजय निषाद •फूलपुर- दयाशंकर सिंह व राकेश सचान •मझवां-अनिल राजभर •ग़ाज़ियाबाद सदर- सुनील शर्मा •मीरापुर- अनिल कुमार व सोमेन्द्र तोमर •खैर- लक्ष्मी नारायण चौधरी •कुंदरकी- धर्मपाल सिंह व जेपीएस राठौर दरअसल उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में जीत हासिल करना भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल होने के साथ ही लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए मरहम का भी काम करेगा। इसलिए मंत्रियों को हर हाल में जीत दर्ज करने के अभी से क्षेत्रों में डटे रहने को कहा गया है। वहीं, उप चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द होने की संभावना को देखते हुए भाजपा में टिकट के लिए भी भागदौड़ शुरू हो गई है। विधायक से सांसद बनने वाले नेता जहां अपने परिवार के किसी सदस्य को टिकट दिलाने में जुटे हैं। वहीं कई पूर्व सांसद और विधायक भी टिकट के दौड़ में शामिल हैं।