पटियाला के पसियाना थाना इलाके में चोरी के आरोपी को बुलाने के लिए गए पुलिस कर्मचारियों को घेरने के बाद उनकी वीडियो वायरल कर दी। वीडियो वायरल होते ही पसियाना पुलिस ने शनिवार को दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। आरोपियों की पहचान राजवीर सिंह और रिंकू के तौर पर हुई है जो भाखड़ा एन्क्लेव मालोमाजरा में रहते हैं। इन दोनों के खिलाफ एएसआई गविंदर सिंह की स्टेटमेंट के आधार पर केस रजिस्टर किया गया है। राजवीर के खिलाफ मिली थी शिकायत पुलिस के अनुसार, राजवीर सिंह के खिलाफ चोरी की एक शिकायत मिली थी। इस शिकायत के संबंध में आरोपी को पुलिस स्टेशन में बुलाने के लिए गविंदर सिंह और सिपाही हरमेश सिंह आरोपी के घर पहुंचे थे। जहां पर आरोपी राजवीर सिंह ने अपने दोस्त रिंकू को बुला लिया। जिन्होंने इन दोनों पुलिस कर्मचारियों को घेरने के बाद गालियां देते हुए इनका डंडा छीन कर हमला करने की कोशिश की। यही नहीं आरोपियों ने इस घटनाक्रम का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था। वीडियो वायरल होते ही आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पटियाला के पसियाना थाना इलाके में चोरी के आरोपी को बुलाने के लिए गए पुलिस कर्मचारियों को घेरने के बाद उनकी वीडियो वायरल कर दी। वीडियो वायरल होते ही पसियाना पुलिस ने शनिवार को दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। आरोपियों की पहचान राजवीर सिंह और रिंकू के तौर पर हुई है जो भाखड़ा एन्क्लेव मालोमाजरा में रहते हैं। इन दोनों के खिलाफ एएसआई गविंदर सिंह की स्टेटमेंट के आधार पर केस रजिस्टर किया गया है। राजवीर के खिलाफ मिली थी शिकायत पुलिस के अनुसार, राजवीर सिंह के खिलाफ चोरी की एक शिकायत मिली थी। इस शिकायत के संबंध में आरोपी को पुलिस स्टेशन में बुलाने के लिए गविंदर सिंह और सिपाही हरमेश सिंह आरोपी के घर पहुंचे थे। जहां पर आरोपी राजवीर सिंह ने अपने दोस्त रिंकू को बुला लिया। जिन्होंने इन दोनों पुलिस कर्मचारियों को घेरने के बाद गालियां देते हुए इनका डंडा छीन कर हमला करने की कोशिश की। यही नहीं आरोपियों ने इस घटनाक्रम का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था। वीडियो वायरल होते ही आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पटियाला के युवक की छत्तीसगढ़ में हत्या:कंबाइन मशीन पर करता था काम, पीठ पर मारपीट के निशान, FIR करने की मांग
पटियाला के युवक की छत्तीसगढ़ में हत्या:कंबाइन मशीन पर करता था काम, पीठ पर मारपीट के निशान, FIR करने की मांग पटियाला के गांव अदालतीवाला से धान का सीजन लगाने गए 35 साल के युवक का छत्तीसगढ़ में कत्ल होने का आरोप लगाया गया। मृतक जसपाल सिंह को अपने साथ लेकर जाने वालों ने चोट लगने की बात कहते हुए डेड बॉडी को गांव में छोड़ दिया था। जहां परिवार के लोगों ने बॉडी को देखा तो खुलासा हुआ कि जसपाल सिंह के साथ मारपीट कर उसे टॉर्चर किया गया था। जिस वजह से 35 साल के जसपाल सिंह की मौत हो गई। जुल्का पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने घटना छत्तीसगढ़ के जिला बिलासपुर का होने की वजह से जीरो एफआईआर रजिस्टर करते हुए केस छत्तीसगढ़ भेज दिया है। पुलिस ने इस मामले में मृतक जसपाल सिंह के छोटे भाई लखबीर सिंह की स्टेटमेंट के आधार पर नरेंद्र सिंह उसके पिता सोहन सिंह मोहन सिंह के अलावा अंग्रेज सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 1 साल से काम पर जा रहा था जसपाल सिंह लखबीर सिंह ने बताया की उसका छोटा भाई जसपाल सिंह पिछले 1 साल से कंबाइन मशीन पर आरोपियों के साथ काम पर जाता था इस महीने वह धान का सीजन लगाने के लिए आरोपी नरेंद्र सिंह वगैरा की मशीन लेकर छत्तीसगढ़ उनके साथ गया था। 28 मई को नरेंद्र सिंह ने फोन करके बताया कि जसपाल सिंह के चोट लगी है और उसे वापस लेकर आ रहे हैं लेकिन इन लोगों ने मौत होने के बारे में नहीं बताया। जसपाल सिंह को गाड़ी में डालने के बाद यह लोग गांव में पहुंचे और डेड बॉडी को चुपचाप रखकर वापस लौट गए। लखबीर सिंह ने कहा कि जब उन्होंने अपने बड़े भाई की बॉडी देखी तो पीठ पर मारपीट के निशान देखे। शरीर पर कई जगह पर मारपीट के निशान थे, जिसे देखकर साफ तौर पर पता लग रहा था कि उनके भाई जसपाल सिंह के साथ बुरी तरह से मारपीट की गई और उनके गुदा में लाठी या लोहे की रॉड घुसाने कोशिश की गई थी। कत्ल केस दर्ज करें आरोपियों पर
उन्होंने भाई की डेड बॉडी को राजेंद्र अस्पताल में रखा है और उनकी मांग है कि जब तक कत्ल केस दर्ज नहीं होता वह पोस्टमॉर्टम नहीं करवाएंगे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन कत्ल का मामला दर्ज किया है जबकि उनकी मांग है कत्ल का मामला दर्ज किया जाए।
पंजाब में SAD बागी गुट ने लॉबिंग की शुरू:नाराज सीनियर अकाली लीडर्स से गुपचुप मुलाकात जारी; सुखबीर बादल होंगे अकाल तख्त साहिब पर पेश
पंजाब में SAD बागी गुट ने लॉबिंग की शुरू:नाराज सीनियर अकाली लीडर्स से गुपचुप मुलाकात जारी; सुखबीर बादल होंगे अकाल तख्त साहिब पर पेश शिरोमणि अकाली दल में फूट के बाद श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी हुकमों ने अध्यक्ष सुखबीर बादल की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। सुखबीर बादल ने ऐलान कर दिया है कि वे श्री अकाल तख्त साहिब पर जरूर पेश होंगे। वहीं दूसरी तरफ, विरोधी गुट अपने आप को मजबूत करने के लिए नाराज, सस्पेंड, एसजीपीसी व पूर्व जत्थेदारों से लॉबिंग में जुट गया है। सुखबीर बादल ने अपने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि वे श्री अकाल तख्त साहिब पर विनम्रता के साथ पेश होंगे। उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा- एक धर्मनिष्ठ और विनम्र सिख के रूप में, मैं श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज और मिरी पीरी के सर्वोच्च मंदिर, श्री अकाल तख्त साहिब के प्रति समर्पित हूं। श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के अनुसार, दास अपार श्रद्धा और विनम्रता के साथ सर्वोच्च तीर्थ पर मत्था टेकेंगे। बादल ने खुद दी प्रतिक्रिया बागी गुट की तरफ से शुरू की गई कोशिशों के बाद ये पहला मौका है जब अध्यक्ष सुखबीर बादल ने खुद कोई प्रतिक्रिया दी है। बागी गुट के विरोध और श्री अकाल तख्त साहिब पर माफीनामा सौंपने के बाद भी सुखबीर बादल ने अपनी तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया था। बागी गुट नाराज अकाली नेताओं से कर रहा मुलाकात प्रेम सिंह चंदूमाजरा की अध्यक्षता में अकाली दल बचाओ लहर के तहत सभी बागी लीडर लगातार नाराज नेताओं से मिल रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, अकाली दल के बागी गुट ने उन नेताओं से भी मुलाकात की है, जिन्हें बीते दिनों किसी ना किसी कारणवश सुखबीर बादल ने सस्पेंड किया था। इनमें उनके अपने जीजा आदेश प्रताप सिंह कैरों, रविकरण सिंह काहलों और मलूका परिवार भी शामिल है। लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, बागी गुट पहले ही कह चुका है कि वे हर नाराज अकाली लीडर से संपर्क करेंगे। इसके अलावा अकाली दल लगातार एसजीपीसी सदस्यों और पूर्व जत्थेदारों से मुलाकात कर रहा है। एक इंटरव्यू में पूर्व जत्थेदार रणजीत सिंह ने कहा कि उनसे भी संपर्क साधा गया था। लेकिन उन्होंने इससे मना कर दिया। उनका कहना था कि वे धर्म की सेवा में लगे हैं, राजसी सेवा वह नहीं करेंगे। जालंधर चुनावों के दौरान शुरू हुई थी बगावत अकाली दल के बीच बगावत जालंधर चुनावों के दौरान ही शुरू हो गई थी। सीनियर अकाली नेता चंदूमाजरा, ढींढसा परिवार, बीबी जगीर कौर व कई सीनियर अकाली नेताओं ने सुखबीर बादल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और अकाली दल को बादल परिवार से मुक्त करवाने की मांग उठने लगी। अकाली दल के नेताओं ने 2022 में सामने आई झूंदा रिपोर्ट को अमल में लाने की मांग की। जिसमें प्रधान को उतारने के लिए सीधे तौर पर नहीं लिखा गया था, लेकिन कहा गया था कि दो टर्म के बाद प्रधान रिपीट नहीं होना चाहिए। बागी श्री अकाल तख्त साहिब का रुख बागी गुट ने इस बगावत को अकाली दल बचाओ लहर नाम दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बागी गुट ने अपना विरोध तो जता दिया था, लेकिन दूसरी तरफ उन्होंने 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब का रुख कर सभी का ध्यान पुराने मुद्दे राम रहीम की माफी, बेअदबी की घटनाओं आदि की तरफ केंद्रित कर दिया। बागी गुट ने सीधे तौर पर सुखबीर बादल के खिलाफ शिकायत नहीं दी, उन्होंने इसे माफीनामा नाम दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि वे पार्टी की तरफ से हुई गलतियों का विरोध नहीं कर पाए, इसके लिए वे माफी मांगते हैं। चार आरोप, जो माफीनामा में सुखबीर के खिलाफ लिखे गए 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया था। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। बागी गुट झूंदा कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की कर रहा मांग बागी गुट लगातार झूंदा कमेटी, जिसे 2022 में भी लागू करने की मांग उठी थी, पर विचार करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इसमें पार्टी प्रधान बदलने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन ये लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होगा। झूंदा रिपोर्ट पर जब अमल नहीं हुआ तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। झूंदा ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी किया था कि 117 विधानसभा हलकों में 100 में जाकर उन्होंने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कुछ जानकारियां 2022 में सांझी की थी। तब अकाली नेताओं ने कहा था कि झूंदा रिपोर्ट में 42 सुझाव दिए गए हैं। पार्टी प्रधान को बदले जाने का रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन, भविष्य में पार्टी प्रधान के चुने जाने की तय सीमा जरूर तय की गई है। ये भी बात उठाई गई कि अकाली दल अपने मूल सिद्धांतों से भटका है और राज्य सत्ता में रहने के मकसद से कई कमियां आई हैं। सुखबीर बादल का शक्ति प्रदर्शन पूरे घटनाक्रम में सुखबीर बादल ने एक भी शब्द अपनी सफाई व विरोधी गुट के लिए नहीं कहा। लेकिन अकाल तख्त साहिब से सम्मन पर उन्होंने पहली बार कुछ कहा है। वहीं, दूसरी तरफ सुखबीर बादल लगातार बिना कुछ कहे अपना शक्ति प्रदर्शन करते रहे। बागी गुट एक तरफ विरोध तेज कर रहा था, वहीं सुखबीर बादल लगातार बैठकें बुलाकर समर्थन अपने पक्ष में कर रहे थे।
पुलिस की नई टेंशन बना अमेरिका बैठा गैंगस्टर पासिया:पुलिस चौकी के बाहर ग्रेनेड से धमाका कराया, थाने पर IED रखी; आतंकी रिंदा से कनेक्शन
पुलिस की नई टेंशन बना अमेरिका बैठा गैंगस्टर पासिया:पुलिस चौकी के बाहर ग्रेनेड से धमाका कराया, थाने पर IED रखी; आतंकी रिंदा से कनेक्शन पंजाब में खालिस्तानी आतंकियों ने अब पुलिस थानों को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इसी बीच हाल ही में हुई दो आपराधिक घटनाओं की जिम्मेदारी लेने वाला अमेरिका में बैठा आतंकी हैप्पी पासिया पंजाब पुलिस के लिए एक नई चुनौती बन गया है। बीते गुरुवार को अमृतसर की गुरबख्श नगर चौकी में हुए धमाके की जिम्मेदारी लेकर हैप्पी ने पंजाब सरकार और पुलिस को चेतावनी दी है। बब्बर खालसा इंटरनेशनल नाम के एक सोशल मीडिया पेज पर किए गए पोस्ट में लिखा की- हमारी जंग जारी रहेगी वैट एंड वॉच। हालांकि दैनिक भास्कर इस पोस्ट की पुष्टि नहीं करता है। वहीं इससे पहले अमृतसर के अजनाला थाने के बाहर आईईडी रखवाया गया था। इसकी भी जिम्मेदारी पासिया ने ही ली थी। अब पंजाब पुलिस इसे लेकर अलर्ट पर है, क्योंकि 5 दिनों के अंतराल में थानों पर अटैक की ये दूसरी घटना थी, जिसमें पंजाब पुलिस को निशाना बनाया गया। हालांकि दोनों ही वारदातों में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। पुलिस चौकी पर फेंका गया हैंड ग्रेनेड
अमृतसर में बीते गुरुवार को रात करीब 3 बजे हैंड ग्रेनेड फेंका गया था। बीते साल बंद की जा चुकी गुरबख्श नगर चौकी में हुए इस बम धमाके से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। हालांकि पुलिस द्वारा इसे लेकर कोई भी पुष्टि नहीं की है कि ये हैंड ग्रेनेड ही था या कुछ और। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में चुप्पी साधी हुई है। पंजाब पुलिस के फोरेंसिक टीम से जुड़े सूत्रों की मानें तो उक्त जगह पर कई संदिग्ध चीजें मिली हैं, जोकि हैंड ग्रेनेड होने की आशंकाओं को बढ़ाता है। जल्द अमृतसर पुलिस के अधिकारी इसे लेकर खुलासा कर सकते हैं। हैप्पी पासिया ने ली इस हमले की जिम्मेदारी सोशल मीडिया पर साझा की गई पोस्ट में इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी हैप्पी पासिया ने ली। पोस्ट में लिखा गया- आज देर रात (गुरुवार) झबल रोड गुरबख्श नगर (अमृतसर) चौकी में खड़े कर्मचारियों पर ग्रेनेड हमले की जिम्मेदारी हैप्पी पासिया, जीवन फौजी और गोपी नवांशरिया लेता है। 80 और 90 के दशक में जो सिख आत्मसमर्पण नहीं करते थे, उन्हें उठाकर शहीद कर दिया जाता था या उनके साथ क्रूरता की जाती थी। अब वही काम फिर से शुरू हो गया है। पुलिस और पंजाब के सीएम सरदार भगवंत सिंह मान को चेतावनी है कि अगर उन्होंने परिवारों को उठाकर परेशान करने और लड़कों का फर्जी एनकाउंटर करने जैसी कार्रवाई की तो जवाब उतना ही बड़ा और भयानक होगा। जैसी कार्रवाई की जा रही है, वैसी ही कार्रवाई हम भी करेंगे। हम भी परिवारों को टारगेट करेंगे। फिर चाहे वह किसी नेता का परिवार हो या मंत्री का। हम कमलों को नहीं कमलों को पैदा करने वालों को टारगेट करेंगे। देखें शेयर की गई पोस्ट… अजनाला थाने के बाहर रखवाया था आईईडी
अमृतसर के अजनाला थाने में रविवार को मिले बम के पीछे बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकी हैप्पी पासियां और गोपी नवांशहरिया का नाम सामने आया था। बम में आरडीएक्स का प्रयोग किया गया था। बम का वजन करीब 800 ग्राम था। पुलिस थाने की सीसीटीवी भी सामने आई थी, जिसमें दो युवक आए और आईईडी थाने के एक साइड पर रख कर उसका डेटोनेटर थाने के दरवाजे पर लगा दिया था। जिससे कोई भी थाने का दरवाजा खोले तो ब्लास्ट हो जाए। मगर गनीमत रही थी कि उक्त बम तकनीकी कारण के चलते फटा नहीं और कई मुलाजिमों की जान बच गई। डल्ला की गिरफ्तारी के बाद ज्यादा एक्टिव हुआ पासिया कनाडा के सरे में मारे गए खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के आतंकी संगठन को चला रहे अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला को 28 अक्टूबर को कनाडा के मिल्टन शहर में एक शूटआउट के दौरान गोली लगी थी। जिसके बाद उसे वहां पर गिरफ्तार कर लिया गया था। डल्ला खालिस्तानी टाइगर फोर्स के लिए काम कर रहा था। मगर उसकी गिरफ्तारी के बाद पंजाब में खालिस्तानी गतिविधियां पासिया द्वारा तेज कर दी गई। डल्ला की गिरफ्तारी के बाद पासिया और गोपी नवांशहरिया ने खालिस्तानी गतिविधियों को अंजाम दिलवाना शुरू कर दिया है। हालांकि डल्ला को कनाडा में जमानत मिल गई है। आतंकी रिंदा के लिए काम कर रहा गैंगस्टर हैप्पी पासिया
खालिस्तान समर्थक और गैंगस्टर हैप्पी पासिया का नाम पहली बार तब चर्चा में आया जब उसने चंडीगढ़ के पॉश इलाके सेक्टर-10 में हैंड ग्रेनेड हमला करवाया था। जांच में पता चला था कि पाकिस्तान में छिपे खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा के लिए काम करने वाले यूएसए में बैठे गैंगस्टर हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया ने ये हमला करवाया था। जांच में ही खुलासा हुआ था कि जालंधर के पूर्व एसपी जसकीरत सिंह चहल और उनका परिवार पासिया के निशाने पर था। ये खबरें भी पढ़ें… कनाडा में आतंकी अर्श डल्ला को जमानत, कोर्ट ने 30 हजार डॉलर डिपॉजिट पर छोड़ा, भारत प्रत्यर्पण करवाने की तैयारी में था खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला को कनाडा कोर्ट ने जमानत दे दी है। हॉल्टन में हुई शूटआउट मामले में आतंकी अर्श डल्ला को गिरफ्तार किया गया था। अर्श डल्ला की जमानत के लिए 30,000 कनाडाई डॉलर (18 लाख 11 हजार रुपए) की जमानत राशि जमा कराई गई है। (पूरी खबर पढ़ें)