पंजाब को किसान आंदोलन से 20 हजार करोड़ का नुकसान:उद्यमी बोले- 60% कारोबार घटा, कई इंडस्ट्री बंद; हरियाणा को 4 गुना फायदा पंजाब में CM भगवंत मान की अगुआई वाली आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने किसानों पर सख्ती दिखाते हुए 13 महीने से बंद पड़े शंभू और खनौरी बॉर्डर को पुलिस मदद से खुलवा दिया। सरकार के तमाम मंत्रियों और AAP नेताओं ने एक सुर में कहा कि इस आंदोलन से पंजाब को आर्थिक नुकसान हो रहा था। उद्योग जगत ने भी इस एक्शन का स्वागत किया है। दैनिक भास्कर ने पंजाब की माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंडस्ट्री (MSME), लुधियाना की वूलन इंडस्ट्री और जालंधर की स्पोर्ट्स मार्केट एसोसिएशन के प्रधानों से समझा कि बॉर्डर बंद रहने का उन पर क्या इंपैक्ट पड़ा? इन कारोबारियों का दावा है कि 13 महीने में राज्य की इंडस्ट्री को तकरीबन 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। व्यापारियों का यहां तक कहना है कि किसानों का आंदोलन पहली बार साल 2020 में शुरू हुआ और तब से अब तक, पंजाब में इंडस्ट्री स्टेबल नहीं हो पाई है। कई कारोबारी तो पंजाब से सबकुछ समेट कर हरियाणा और दूसरे राज्यों में शिफ्ट हो गए। उनका अनुमान है कि पिछले दो-तीन बरसों में हरियाणा का बिजनेस 4 गुना बढ़ चुका है। अब दोनों बॉर्डर खुलने पर पंजाब में फिर से व्यापारिक गतिविधियां तेज होने की आस बंधी है। अब पढ़ें किस सेक्टर के कारोबारियों ने क्या कहा… 1. पंजाब की माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंडस्ट्री (MSME) के प्रधान बदीश जिंदल से बातचीत सवाल: पंजाब सरकार के बॉर्डर खुलवाने पर क्या कहेंगे?
जवाब: लुधियाना की साइकिल इंडस्ट्री और उससे जुड़े छोटे उद्योगों को हर महीने 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो रहा था। हमारी सारी सप्लाई शंभू-खनौरी बॉर्डर से आती-जाती है। दोनों हाईवे बंद रहने से प्रोडक्शन लागत बढ़ गई। पंजाब में जो MSME यूनिट चल रहे हैं, उनका 95% माल दूसरे राज्यों में बिकता है। एक साल से यह सप्लाई ब्लॉक पड़ी थी। पंजाब के छोटे यूनिट बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके हैं। हमारी पूरी इंडस्ट्री सरकार के कदम का स्वागत करती है। सवाल: इस पूरे एपिसोड में हरियाणा को क्या फायदा हुआ?
जवाब: पंजाब की साइकिल इंडस्ट्री का 95%, हौजरी का 80%, हैंडटूल का 70%, फास्टर (नट बोल्ट जैसे अन्य स्पेयर पार्ट्स) का 80% और ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्री का 90% कच्चा माल बाहरी राज्यों से आता है। दिल्ली के कारोबारियों से भी बड़े ऑर्डर पंजाब को मिलते थे। जब से किसानों का धरना शुरू हुआ, दिल्ली का व्यापारी पंजाब से टूट गया। उसने हरियाणा के कारोबारियों से व्यापार शुरू कर दिया। इससे हरियाणा की इंडस्ट्री तेजी से ग्रो हुई। सवाल: आंदोलन से आम जनता को भी कोई नुकसान हुआ क्या?
जवाब: पंजाब और दिल्ली के बीच अलग-अलग वजहों से रोजाना 50 हजार से ज्यादा लोग आते-जाते हैं। कई बीमार लोगों की मौत सिर्फ इसलिए हो गई क्योंकि वह बंद हाईवे के कारण समय पर दिल्ली के बड़े अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाए। गांवों के कच्चे रास्तों पर चलने से गाड़ियों का जो नुकसान हुआ, उसे मापना ही मुश्किल है। सवाल: जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई में कितना समय लगेगा?
जवाब: पिछले पांच बरसों में पंजाब के छोटे उद्योगों को जो नुकसान हुआ, उससे उभरने में 2 साल तक लग जाएंगे। सरकार को कारोबार के लिए अच्छा और सुरक्षित माहौल देना चाहिए। उसके बाद ही जो उद्योग पंजाब से चले गए, वह शायद वापस यहां आने के बारे में सोचें। 2. लुधियाना की वूलन इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान दर्शन डावर से बात सवाल: पंजाब सरकार के एक्शन को आप कैसे देखते हैं?
जवाब: यह इंडस्ट्री के लिए बहुत अच्छा है। किसानों के धरने से पूरे पंजाब में दुविधा की स्थिति थी। दिल्ली जाना मुश्किल हो गया था। बाहर के व्यापारी पंजाब आने से डरने लगे थे। सवाल: हाईवे बंद रहने का कारोबार पर क्या कुछ असर पड़ा?
जवाब: व्यापार तो लगभग ठप हो चुका है। कई राज्यों के व्यापारियों ने पंजाब से बिजनेस बंद कर दिया। इस बार वूलन इंडस्ट्री के लिए पूरा विंटर सीजन फ्लॉप गया। लोग सुख-दुख में अपनों से मिलने तक नहीं जा पाए। गाड़ियां 3-3 घंटे सड़कों पर फंसी रहती थीं। सवाल: कौन-कौन से स्टेट के कारोबारी अब पंजाब नहीं आ रहे?
जवाब: हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश जैसे कई राज्यों के व्यापारी पंजाब से बिजनेस खत्म कर चुके हैं। ये लोग अब दूसरी जगहों से माल खरीद रहे हैं। अब हाईवे खुलने के बाद उम्मीद है कि व्यापारियों का खोया भरोसा लौटेगा। 3. जालंधर स्पोर्ट्स मार्केट एसोसिएशन के प्रधान रविंदर धीर से बात सवाल: पंजाब के बॉर्डर दोबारा खुलने के बाद क्या कुछ उम्मीद है?
जवाब: हाईवे चालू रहे तो पंजाब की इंडस्ट्री को जरूर फायदा मिलेगा। लंबे समय तक सड़कें बंद रहने का नेगेटिव इंपैक्ट तो पड़ा ही है। वैसे भी जो नुकसान हो चुका, उसकी भरपाई तो संभव नहीं है। सवाल: पंजाब की इंडस्ट्री को ओवरऑल कैसा और क्या नुकसान हुआ?
जवाब: रोज-रोज धरने लगने से पंजाब की इमेज खराब हो गई। दूसरे राज्यों के व्यापारी यहां आना ही नहीं चाहते। ग्राहक भी पंजाब में बने सामान को खरीदने में प्राथमिकता नहीं दिखाते क्योंकि उन्हें डर है कि पता नहीं, कब सप्लाई बंद हो जाए। सवाल: बाहरी राज्यों के साथ कारोबार बढ़ाने में सरकार की क्या भूमिका देखते हैं?
जवाब: अगर पंजाब के हालात नॉर्मल होंगे तो पूरे देश में पॉजिटिव मैसेज जाएगा। दूसरे स्टेट के कारोबारी फिर से पंजाब के बाजार का रुख करेंगे। सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह हाईवे जाम न हों। 4. जालंधर में बोल्ट बनाने वाले इंडस्ट्रियलिस्ट पुनीत चेतल से बातचीत सवाल: पंजाब सरकार के एक्शन पर क्या कहेंगे?
जवाब: सरकार को यह कदम काफी पहले उठा लेना चाहिए था। पूरा उद्योग जगत हाईवे बंद रहने से परेशान था क्योंकि उसे लॉस हो रहा था। जब हमारा कारोबार ही बंद हो जाएगा तो राज्य सरकार को भी रेवेन्यू कहां से मिलेगा। हम सीएम सरदार भगवंत सिंह मान का हाईवे खुलवाने के लिए धन्यवाद करते हैं। सवाल: इंडस्ट्री को कैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा?
जवाब: पहले दिल्ली वगैरह से जो कारोबारी पंजाब आते थे, उन्होंने आना बंद कर दिया। हाईवे बंद रहने से ट्रांसपोर्टेशन महंगा हो गया। 5. जालंधर में ऑटो पार्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग करने वाले तुषार जैन से बातचीत सवाल: बॉर्डर खुलवाने पर क्या कहेंगे?
जवाब: हमारी पूरी ऑटो पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री बॉर्डर खुलवाने का स्वागत करती है। मुख्यमंत्री का ये एक्शन इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद साबित होगा। पहले माल घूमकर जाता था तो उसकी कीमत बढ़ जाती थी। ***************** ये खबर भी पढ़ें :- शंभू-खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाने की इनसाइड स्टोरी:72 घंटे पहले प्लानिंग, टकराव टालने को मीटिंग का दिन, पंधेर-डल्लेवाल की गैरमौजूदगी में एक्शन शंभू और खनौरी बॉर्डर को 13 महीने बाद पंजाब पुलिस ने खाली करा लिया है। अफसरों ने इसके लिए 72 घंटे पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। योजना बनाने के साथ ही 18 मार्च को पंजाब के DGP गौरव यादव और स्पेशल DGP लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला की अध्यक्षता में हाईलेवल मीटिंग हुई। पढ़ें पूरी खबर