लुधियाना से पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची एक गर्भवती महिला ने बेटे को जन्म दिया। डॉक्टरों ने बच्चे को बीमार बताया तो महिला ने इलाज के लिए पैसे न होने की बात कहते हुए छुट्टी कर बच्चा सौंपने की बात कही, लेकिन अस्पताल प्रबंधकों ने बच्चा बीमार होने पर छुट्टी नहीं दी। बेबस महिला अपने बच्चे को छोड़कर निकल गई क्योंकि महिला की देखभाल करने वाला भी कोई नहीं था। महिला के लापता होते ही डॉक्टरों ने अपने स्तर पर इलाज शुरू कर दिया लेकिन जन्म के दूसरे दिन 25 मई की दोपहर तीन बजे बच्चे ने दम तोड़ दिया। नवजात की मौत होते ही पुलिस को सूचित किया तो पुलिस ने बच्चे को जन्म देने वाली महिला श्रृति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। यह महिला लुधियाना के मनी रोड की रहने वाली बताई जा रही है। 22 मई को दाखिल हुई थी अस्पताल में पुलिस ने राजिंदरा अस्पताल के जूनियर डॉक्टर मिसल अली की स्टेटमेंट के आधार पर यह एफआईआर रजिस्टर की है। डॉक्टर के अनुसार आरोपी महिला 22 मई को राजिंदरा अस्पताल में दाखिल हुई थी, जिसने 23 मई की सुबह पांच बजे बेटे को जन्म दिया था। बेटे के जन्म के कुछ घंटे के बाद महिला ने डॉक्टरों से कहा कि उसकी व बच्चे की देखभाल करने वाला कोई नहीं है और न ही उसके पास पैसे हैं। सुबह दस बजे महिला को उसका बच्चा नहीं दिया तो वह अस्पताल से चली गई। स्टाफ ने इस महिला को तलाश किया लेकिन कुछ पता नहीं चला तो पुलिस को सूचित किया। माडल टाउन पुलिस स्टेशन से एक महिला पुलिस कर्मचारी को इस बच्चे की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया। 25 मई को दोपहर तीन बजे बच्चे ने आखिरी सांस ली, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली। बच्चे को दफन कर दिया है- इन्वेस्टिगेशन अफसर मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन के इन्वेस्टिगेशन अफसर नराता राम ने कहा कि बच्चे का पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद इसे दफन कर दिया है। बच्चे की मां की तलाश जारी है, जिसकी गिरफ्तारी के बाद क्लियर होगा कि बच्चे को बीमारी था या किसी अन्य कारण के चलते अस्पताल में छोड़ दिया था। लुधियाना से पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची एक गर्भवती महिला ने बेटे को जन्म दिया। डॉक्टरों ने बच्चे को बीमार बताया तो महिला ने इलाज के लिए पैसे न होने की बात कहते हुए छुट्टी कर बच्चा सौंपने की बात कही, लेकिन अस्पताल प्रबंधकों ने बच्चा बीमार होने पर छुट्टी नहीं दी। बेबस महिला अपने बच्चे को छोड़कर निकल गई क्योंकि महिला की देखभाल करने वाला भी कोई नहीं था। महिला के लापता होते ही डॉक्टरों ने अपने स्तर पर इलाज शुरू कर दिया लेकिन जन्म के दूसरे दिन 25 मई की दोपहर तीन बजे बच्चे ने दम तोड़ दिया। नवजात की मौत होते ही पुलिस को सूचित किया तो पुलिस ने बच्चे को जन्म देने वाली महिला श्रृति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। यह महिला लुधियाना के मनी रोड की रहने वाली बताई जा रही है। 22 मई को दाखिल हुई थी अस्पताल में पुलिस ने राजिंदरा अस्पताल के जूनियर डॉक्टर मिसल अली की स्टेटमेंट के आधार पर यह एफआईआर रजिस्टर की है। डॉक्टर के अनुसार आरोपी महिला 22 मई को राजिंदरा अस्पताल में दाखिल हुई थी, जिसने 23 मई की सुबह पांच बजे बेटे को जन्म दिया था। बेटे के जन्म के कुछ घंटे के बाद महिला ने डॉक्टरों से कहा कि उसकी व बच्चे की देखभाल करने वाला कोई नहीं है और न ही उसके पास पैसे हैं। सुबह दस बजे महिला को उसका बच्चा नहीं दिया तो वह अस्पताल से चली गई। स्टाफ ने इस महिला को तलाश किया लेकिन कुछ पता नहीं चला तो पुलिस को सूचित किया। माडल टाउन पुलिस स्टेशन से एक महिला पुलिस कर्मचारी को इस बच्चे की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया। 25 मई को दोपहर तीन बजे बच्चे ने आखिरी सांस ली, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली। बच्चे को दफन कर दिया है- इन्वेस्टिगेशन अफसर मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन के इन्वेस्टिगेशन अफसर नराता राम ने कहा कि बच्चे का पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद इसे दफन कर दिया है। बच्चे की मां की तलाश जारी है, जिसकी गिरफ्तारी के बाद क्लियर होगा कि बच्चे को बीमारी था या किसी अन्य कारण के चलते अस्पताल में छोड़ दिया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में GNDH डॉक्टर हड़ताल पर:कोलकाता रेप-मर्डर केस पर आक्रोश जारी, डॉ. निज्जर ने सुनी समस्याएं कोलकाता अस्पताल में डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में अमृतसर मेडिकल कॉलेज और गुरु नानक देव अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल आज तीसरे दिन भी जारी है। गुरु नानक देव अस्पताल की ओपीडी में बैठे डॉक्टरों ने सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। वहीं दूरदराज से आए मरीजों को सोमवार को बिना इलाज के लौटना पड़ा। सोमवार को डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर और हाथों में न्याय के पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन किया। आज ओपीडी बंद रखी गई, जबकि एजेंसी में आए मरीजों का ही इलाज किया गया। डॉक्टर मांग कर रहे हैं कि केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम लागू किया जाए। ताकि कोलकाता जैसी घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। वहीं घटना का शिकार बने डॉक्टर के आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की है। शाम को डॉक्टरों की ओर से कैंडल मार्च निकाला जाएगा। बीते दिन डॉ. निज्जर ने किया अस्पताल का दौरा पंजाब में रविवार आम आदमी पार्टी के विधायकों ने गवर्नमेंट कॉलेजों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कॉलेजों में सुरक्षा का जायजा भी लिया। डॉक्टर्स को विश्वास दिलाया कि उनकी सुरक्षा को हमेशा पहल पर रखा जाएगा। पंजाब के पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर व विधायक डॉ. इंद्रबीर सिंह निज्जर अमृतसर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों से मिलने पहुंचे थे। स्टूडेंट्स को दिलाया सुरक्षा का अहसास डॉ. निज्जर ने डॉक्टरों और विद्यार्थियों को आश्वासन दिया कि पंजाब सरकार आपकी सुरक्षा की गारंटी लेती है और कल पंजाब के मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्री ने सभी कॉलेजों की सुरक्षा को लेकर एक विशेष बैठक बुलाई है। स्थानीय स्तर पर जो भी समस्याएं हैं उन्हें पुलिस कमिश्नर रणजीत सिंह के साथ बैठकर सुलझाया जाएगा। राज्य स्तर की समस्याओं का समाधान स्वास्थ्य मंत्री द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता है। इस क्षेत्र में प्रगति तभी हो सकती है जब हमारे डॉक्टर और हमारे शिक्षक एक मजबूत टीम के रूप में काम करेंगे। पंजाब गुरुओं और पीरों की धरती है, यहां डॉक्टर को भगवान माना जाता है । 16 अगस्त से हड़ताल पर हैं डॉक्टर्स अमृतसर रेजिडेंट डॉक्टर असोसिएशन ने भी कोलकाता की घटना के विरोध में हड़ताल रखी हुई है। सभी गैर जरूरी सेवाओं,ओपीडी ओटी, वार्ड में सेवाओं को 16 अगस्त से अगले आदेश तक बहिष्कार करने का ऐलान किया गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि पहले पढ़ाई के दौरान डॉक्टर्स सुरक्षित नहीं है। पढ़ाई के बाद अगर अस्पताल खोले जाते हैं तो वहां आए दिन उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
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