पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने चंडीगढ़ के सेक्टर-17 स्थित डायरैक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट-कम-एमडी पनबस के कार्यालय में तैनात सुपरिंटेंडेंट जगजीवन सिंह को 20 हजार रुपए, रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। अमृतसर जिले के गांव धरड़ के निवासी और एक निजी ट्रांसपोर्टर द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत विजिलेंस ब्यूरो के पुलिस स्टेशन फ्लाइंग स्क्वायड-1 में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में लगी है कि क्या उच्च अधिकारी इस जबरन वसूली में शामिल थे। इस काम के बदले मांगी राशि
शिकायत में आरोप था कि उक्त आरोपी सुपरिंटेंडेंट विभाग के पास उसकी (शिकायतकर्ता) 2 लाख रुपए की सिक्योरिटी जमा राशि जारी करने की मंजूरी देने के लिए 5 हजार रुपए प्रति बस (कुल 20 हजार रुपए) की मांग कर रहा था। शिकायतकर्ता ने मांग के ठोस सबूत के तौर पर रिकॉर्ड की गई बातचीत को पेश किया। शिकायत के अनुसार रिफंड का पैसा शिकायतकर्ता की चार बसों से संबंधित है, जिन्हें वर्ष 2014 से 2020 के बीच किलोमीटर स्कीम के तहत पनबस को लीज पर दिया गया था। आवश्यक दस्तावेज जमा करने और मई 2023 में डिपो मैनेजर, अमृतसर से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने के बावजूद, उनकी फाइल को जानबूझकर तीन साल से छोटे-मोटे बहाने बनाकर देरी की गई थी। दो गवाहों की मौजूदगी में पकड़ा
इस शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद, विजिलेंस ब्यूरो की फ्लाइंग स्क्वायड टीम ने एक जाल बिछाया। जिसके दौरान आरोपी सुपरिंटेंडेंट को उसके कार्यालय के बाहर दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में शिकायतकर्ता से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने चंडीगढ़ के सेक्टर-17 स्थित डायरैक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट-कम-एमडी पनबस के कार्यालय में तैनात सुपरिंटेंडेंट जगजीवन सिंह को 20 हजार रुपए, रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। अमृतसर जिले के गांव धरड़ के निवासी और एक निजी ट्रांसपोर्टर द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत विजिलेंस ब्यूरो के पुलिस स्टेशन फ्लाइंग स्क्वायड-1 में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में लगी है कि क्या उच्च अधिकारी इस जबरन वसूली में शामिल थे। इस काम के बदले मांगी राशि
शिकायत में आरोप था कि उक्त आरोपी सुपरिंटेंडेंट विभाग के पास उसकी (शिकायतकर्ता) 2 लाख रुपए की सिक्योरिटी जमा राशि जारी करने की मंजूरी देने के लिए 5 हजार रुपए प्रति बस (कुल 20 हजार रुपए) की मांग कर रहा था। शिकायतकर्ता ने मांग के ठोस सबूत के तौर पर रिकॉर्ड की गई बातचीत को पेश किया। शिकायत के अनुसार रिफंड का पैसा शिकायतकर्ता की चार बसों से संबंधित है, जिन्हें वर्ष 2014 से 2020 के बीच किलोमीटर स्कीम के तहत पनबस को लीज पर दिया गया था। आवश्यक दस्तावेज जमा करने और मई 2023 में डिपो मैनेजर, अमृतसर से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने के बावजूद, उनकी फाइल को जानबूझकर तीन साल से छोटे-मोटे बहाने बनाकर देरी की गई थी। दो गवाहों की मौजूदगी में पकड़ा
इस शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद, विजिलेंस ब्यूरो की फ्लाइंग स्क्वायड टीम ने एक जाल बिछाया। जिसके दौरान आरोपी सुपरिंटेंडेंट को उसके कार्यालय के बाहर दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में शिकायतकर्ता से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
