हरियाणा की फरीदाबाद विजिलेंस की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। भावन पुर थाने में तैनात एसआई लक्ष्मण सिंह को हरियाणा के हथीन क्षेत्र से दो लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। टीम निर्देश पर शिकायतकर्ता ने किया संपर्क जानकारी के अनुसार हथीन के जावेद हुसैन ने विजिलेंस को शिकायत दी थी कि एसआई लक्ष्मण सिंह उनके और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज अपहरण के एक मामले को रफा-दफा करने के लिए दो लाख रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। शिकायत के आधार पर विजिलेंस टीम ने एक जाल बिछाया। टीम के निर्देश पर शिकायतकर्ता जावेद हुसैन ने एसआई से संपर्क किया। रिश्वत की राशि का लेन-देन हथीन के उटावड़ रोड पर होना तय हुआ। फरीदाबाद लेकर पहुंची विजिलेंस टीम जैसे ही एसआई ने रिश्वत की राशि ली, विजिलेंस की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आरोपी एसआई को फरीदाबाद ले जाया गया, जहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामला पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कानून का दुरुपयोग कर रिश्वत की मांग कर रहा था। विजिलेंस कार्रवाई से स्पष्ट हुआ कि कानून के रखवाले ही अगर कानून तोड़ेंगे, तो उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा। हरियाणा की फरीदाबाद विजिलेंस की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। भावन पुर थाने में तैनात एसआई लक्ष्मण सिंह को हरियाणा के हथीन क्षेत्र से दो लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। टीम निर्देश पर शिकायतकर्ता ने किया संपर्क जानकारी के अनुसार हथीन के जावेद हुसैन ने विजिलेंस को शिकायत दी थी कि एसआई लक्ष्मण सिंह उनके और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज अपहरण के एक मामले को रफा-दफा करने के लिए दो लाख रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। शिकायत के आधार पर विजिलेंस टीम ने एक जाल बिछाया। टीम के निर्देश पर शिकायतकर्ता जावेद हुसैन ने एसआई से संपर्क किया। रिश्वत की राशि का लेन-देन हथीन के उटावड़ रोड पर होना तय हुआ। फरीदाबाद लेकर पहुंची विजिलेंस टीम जैसे ही एसआई ने रिश्वत की राशि ली, विजिलेंस की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आरोपी एसआई को फरीदाबाद ले जाया गया, जहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामला पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कानून का दुरुपयोग कर रिश्वत की मांग कर रहा था। विजिलेंस कार्रवाई से स्पष्ट हुआ कि कानून के रखवाले ही अगर कानून तोड़ेंगे, तो उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में नए चीफ सेक्रेटरी ने किया जॉइन:IAS विवेक जोशी ने सीएम नायब सैनी से की मुलाकात, 31 अक्टूबर से खाली था पद
हरियाणा में नए चीफ सेक्रेटरी ने किया जॉइन:IAS विवेक जोशी ने सीएम नायब सैनी से की मुलाकात, 31 अक्टूबर से खाली था पद 1989 बैच के IAS अधिकारी विवेक जोशी ने हरियाणा के नए चीफ सेक्रेटरी (CS) का पद संभाल लिया है। आज पद संभालने से पहले उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की और हरियाणा को लेकर बातचीत की। विवेक जोशी इससे पहले PMO में कार्यरत थे। उनकी हरियाणा में दोबारा एंट्री खासकर चीफ सेक्रेटरी के पद पर जॉइनिंग को काफी अहम माना जा रहा है। दिवाली के दिन शाम को उनकी नियुक्ति के ऑर्डर जारी हुए थे, लेकिन उनकी जॉइनिंग की डेट तय नहीं हुई थी। उनकी जगह अनुराग रस्तोगी को कार्यवाहक चीफ सेक्रेटरी बनाया गया था। अब विवेक जोशी के आने के बाद वह अपने आप रिलीव हो जाएंगे। अब अनुराग रस्तोगी को सरकार कहां भेजती है यह देखने वाली बात होगी। रस्तोगी 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं। घर बैठे रिटायर्ड हो गए थे चीफ सेक्रेटरी 1988 बैच के IAS अफसर टीवीएसएन प्रसाद दिवाली के दिन (31 अक्टूबर) चीफ सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए। दिवाली की छुट्टी होने के चलते वह घर बैठे-बैठे ही रिटायर हो गए। उनके रिटायर होने के बाद विवेक जोशी को राज्य का नया चीफ सेक्रेटरी बनाया गया था। जोशी को 26 अक्टूबर को ही केंद्र से अपने मूल कैडर में वापस भेजा गया था। तभी से माना जा रहा था कि जोशी ही राज्य के नए चीफ सेक्रेटरी बन सकते हैं। विवेक जोशी केंद्र में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सेक्रेटरी की जिम्मेदारी देख रहे थे। इससे पहले वह वित्त मंत्रालय में सेक्रेटरी की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। विवेक जोशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुड लिस्ट में रहे हैं। हरियाणा सरकार के साथ काम कर चुके विवेक जोशी ने हरियाणा सरकार के साथ निगरानी और समन्वय के प्रमुख सचिव, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के CEO के रूप में भी काम किया है। 2014-2017 के दौरान उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया है। इस दौरान वह सार्वजनिक खरीद नीति तैयार करने में सरकार को सलाह देना का काम किया करते थे। उन्होंने भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (2010-2014) में संयुक्त सचिव के रूप में भी काम किया है। संजीव कौशल भी घर बैठे-बैठे ही रिटायर हुए टीवीएसएन प्रसाद से पहले हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव IAS ऑफिसर संजीव कौशल रिटायर्ड हुए थे। वह भी छुट्टी वाले दिन 31 जुलाई को घर बैठे-बैठे रिटायर्ड हो गए थे। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बनने के बाद ही वह छुट्टी पर चले गए थे।सेवा के अंतिम समय में वह पेड लीव थे। इसके बाद टीवीएसएन प्रसाद को हरियाणा का CS बनाया गया था।
पानीपत में कैंटर की टक्कर से युवक की मौत:कोहरे के कारण हादसा, सड़क पार कर रहा, रोजाना पैदल जाता था फैक्ट्री
पानीपत में कैंटर की टक्कर से युवक की मौत:कोहरे के कारण हादसा, सड़क पार कर रहा, रोजाना पैदल जाता था फैक्ट्री हरियाणा के पानीपत में घने कोहरे के कारण सड़क पार कर रहे एक युवक को तेज रफ्तार कैंटर से टक्कर मार दी। हादसे के बाद आरोपी ड्राइवर मौके से फरार हो गया। मौके पर पहुंचे राहगीरों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही एंबुलेंस और पुलिस मौके पर पहुंची। यह घटना पेप्सी पुल के पास हुई। जहां से युवक को अचेत अवस्था में सिविल अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में चेकअप के बाद डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। शव का पंचनामा भरवाकर शवगृह में रखवा दिया गया। वहीं, पुलिस ने मृतक की पहचान कर परिजनों तक सूचना दी। पुलिस मामले में आगामी कार्रवाई कर रही है। रोजाना की तरह पैदल ही जा रहा था फैक्ट्री
मृतक की पहचान 18 वर्षीय असविंदर रूप में हुई है। वह मूल रूप से यूपी के एटा जिला का रहने वाला था। हाल में वह पानीपत के गांव गांजबड़ में रहता था। वह एक धागा फैक्ट्री में काम करता था। रोजाना की तरह शनिवार सुबह भी वह काम के लिए घर से निकला था और पैदल ही फैक्ट्री जा रहा था। जब वह पेप्सी पुल के पास पहुंचा और जीटी रोड को क्रॉस करने लगा, लेकिन कोहरा ज्यादा होने की वजह दूसरी ओर से आ रहे कैंटर को नहीं देख सका और तेज रफ्तार कैंटर ने उसे टक्कर मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई। हादसे के बाद आरोपी कैंटर ड्राइवर मौके से फरार हो गया।
हरियाणा में पराली जलाई तो मंडी में फसल बिक्री बंद:2 सीजन रोक, FIR भी दर्ज होगी; कांग्रेस बोली- MSP खत्म करने का फरमान
हरियाणा में पराली जलाई तो मंडी में फसल बिक्री बंद:2 सीजन रोक, FIR भी दर्ज होगी; कांग्रेस बोली- MSP खत्म करने का फरमान हरियाणा में पराली जलाने वाले किसानों पर अब सीधी FIR होगी। यही नहीं, ऐसे किसान अगले 2 सीजन मंडियों में फसल भी नहीं बेच पाएंगे। इसके लिए उनके ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ के रिकॉर्ड में रेड एंट्री की जाएगी। कृषि और किसान कल्याण विभाग के निदेशक ने इस बारे में सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों और कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टरों को आदेश जारी किए हैं। सरकार ने इसका मकसद पराली जलाने की घटनाओं को रोकना बताया है। यह आदेश CM नायब सैनी की अगुआई वाली नई सरकार के शपथग्रहण के दिन यानी 17 अक्टूबर को जारी किए गए हैं। वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हरियाणा में भाजपा सरकार बनने के पहले दिन ही किसान की MSP खत्म करने का फरमान जारी किया गया है। FIR भी अलग दर्ज होगी। BJP को वोट न देने की सजा दी जा रही है। सरकार इस तुगलकी आदेश को वापस ले, वरना आंदोलन होगा। आदेश में लिखी 2 अहम बातें 1. पराली जला चुके या जलाने वालों पर हो केस
पराली जलाने और जला चुके किसानों के खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए। उनके खिलाफ संबंधित कानून के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए। यह कार्रवाई 15 सितंबर 2024 से लागू होगी। 2. रेड एंट्री हो ताकि ई-खरीद पर फसल न बेच पाएं
पराली जलाने वाले किसानों के मेरी फसल-मेरा ब्यौरा (MFMB) रिकॉर्ड में रेड एंट्री करनी चाहिए। इस बारे में डिप्टी डायरेक्टर के लॉगइन में पहले ही प्रोविजन दिए जा चुके हैं। ऐसा करने से किसान अगले 2 सीजन के लिए ई-खरीद पोर्टल से मंडी में अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे। यह अनिवार्य है। आदेश की कॉपी… कैथल जिले में 97 मामले आए सामने
इस पूरे मामले पर कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बाबु लाल ने जानकारी देते हुए कहा- कैथल जिले में इसके लिए ब्लॉक और गांव लेवल पर टीमें गठित कर दी गई हैं। ये टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक कर रही हैं, इसके अलावा हमारी मोबाइल वैन भी चल रही हैं जो जागरूकता अभियान चला रही हैं। अभी तक कैथल जिले में 97 मामले सामने आए हैं। 59 पर हमने फाइन लगा दिया है और 32 की रिपोर्ट हेडक्वार्टर को भेज दी गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों को लगातार जागरूक कर रहे हैं फिर भी किसान कहीं ना कहीं जला देते है तो उनपर कार्रवाई कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद सुरजेवाला ने सरकार से 7 सवाल पूछे
रणदीप सुरजेवाला ने इस बारे में CM नायब सैनी से इस बारे में 7 सवाल पूछे हैं। सुरजेवाला ने पूछा कि क्या MSP की गारंटी को खत्म करने का यह सीधा षड्यंत्र नहीं? 2 साल तक MSP पर खरीद ना करने का क्या औचित्य है?। पराली ना जलाने का क्या विकल्प है?। कितने किसानों को हैपी सीडर मशीन दी गई हैं?। 50% सब्सिडी देने के बाद भी किसान को हैपी सीडर मशीन का 80 हजार रुपए देना पड़ता है, किसान ये पैसा कैसे देगा?। क्या BJP सरकार नहीं जानती कि हैपी सीडर मशीन के लिए 65 हॉर्स पॉवर से बड़े ट्रैक्टर की जरूरत है, तो किसान इतना बड़ा ट्रैक्टर कहां से लाए?। क्या BJP सरकार नहीं जानती कि अगर पराली में पार्शियल (आंशिक) नमी भी है तो हैपी सीडर मशीन 15-20 मीटर के बाद रुक जाती है, तो किसान क्या करे?। क्या BJP सरकार नहीं जानती कि हरियाणा-पंजाब का किसान बार-बार कहता आया है कि हैपी सीडर मशीन से खेती की उत्पादकता पर असर पड़ता है? क्या सरकार ने इस पर कोई जांच या शोध करवाया? क्या ये सही है कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने यह शुरू में स्वीकार किया था?