पाकिस्तान बढ़ाएगा हरियाणा-पंजाब में प्रदूषण:लाहौर का AQI 1700 तक पहुंचा, हवा का रुख बदला तो दोनों राज्यों को दिक्कत होगी

पाकिस्तान बढ़ाएगा हरियाणा-पंजाब में प्रदूषण:लाहौर का AQI 1700 तक पहुंचा, हवा का रुख बदला तो दोनों राज्यों को दिक्कत होगी

पाकिस्तान में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण हरियाणा और पंजाब की हवा खराब करेगा। 2 दिन पहले लाहौर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 1700 के आसपास था। मंगलवार (5 नवंबर) सुबह भी लाहौर का AQI 666 दर्ज किया गया। अगर हवा का रुख बदलता है तो भारत के इन दोनों राज्यों में दिक्कत बढ़ेगी। दिवाली के बाद दोनों ही राज्यों के अधिकतर शहरों की हवा जहरीली हो गई है। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत के साथ आंखों में जलन की समस्या हो रही है। हरियाणा में फतेहाबाद और हिसार सबसे प्रदूषित शहर हैं। यहां AQI 500 तक पहुंच गया है। राज्य के 8 शहरों का AQI 400 से ऊपर है। पंजाब में अमृतसर और लुधियाना में प्रदूषण में सुधार देखने को मिला है। अमृतसर जो एक दिन पहले देश का सबसे प्रदूषित शहर था, वहां AQI 200 से भी नीचे आकर 188 पर पहुंच गया है। इसी तरह लुधियाना का AQI 184 दर्ज किया गया। लेकिन चंडीगढ़, जालंधर, खन्ना, मंडी गोबिंदगढ़ और पटियाला में AQI अभी भी 200 के पार है। हवा चलने से प्रदूषण का स्तर कम हुआ है, लेकिन रात में आगजनी की घटनाओं और उद्योगों से निकलने वाले धुएं के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। दिन में ट्रैफिक जाम और सड़कों से उड़ने वाली धूल प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रही है। हरियाणा में 0, पंजाब में सामने आए 13 मामले
पिछले 24 घंटों में हरियाणा में पराली जलाने का कोई मामला सामने नहीं आया। जबकि पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को खेतों में आग लगने की केवल 13 घटनाएं दर्ज की गईं। जिससे पराली जलाने के मामलों की कुल संख्या 4,145 हो गई। आग की घटनाएं फिरोजपुर में 5, संगरूर में 3, बठिंडा में 2, पटियाला में 2 और फरीदकोट में 1 सामने आई। 14 नवंबर को पंजाब-हरियाणा को देना है आंकड़ा
दिल्ली में प्रदूषण और पराली जलाने के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पंजाब और हरियाणा को पिछले 10 दिनों के दौरान पराली जलाने की घटनाओं का विवरण पेश करने के लिए 14 नवंबर तक शपथ पत्र दाखिल करना होगा। पंजाब सरकार की मांग केंद्र ने ठुकराई
पंजाब सरकार ने किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए उन्हें केंद्र की ओर से प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा सरकार की तरह ही अपने बजट से किसानों को प्रोत्साहन दे सकती है, ताकि पराली जलाने को मामलों में कमी लाई जा सके। पंजाब सरकार ने पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए 1200 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि की आवश्यकता बताई थी। बारिश का इंतजार हो रहा
प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार बारिश की उम्मीद लगाए बैठी हैं। मौसम विभाग के अनुसार मध्य नवंबर तक बारिश होने के आसार नहीं हैं। उत्तर भारत में सर्दियों में बारिश का बड़ा कारण वेस्टर्न डिस्टरबेंस होता है, लेकिन अभी तक वेस्टर्न डिस्टरबेंस बन ही नहीं पा रहा है। इसके पीछे एक तो ईस्ट की तरफ बह रही हवाएं हैं, वहीं बंगाल की खाड़ी में बना दबाव भी उत्तर भारत में मौसम परिवर्तन को रोक रहा है। यही कारण है कि हिमाचल में भी अभी तक ऊपरी इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई है। मौसम विभाग के अनुसार नवंबर में भी तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री तक अधिक रहने का अनुमान है। पाकिस्तान में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण हरियाणा और पंजाब की हवा खराब करेगा। 2 दिन पहले लाहौर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 1700 के आसपास था। मंगलवार (5 नवंबर) सुबह भी लाहौर का AQI 666 दर्ज किया गया। अगर हवा का रुख बदलता है तो भारत के इन दोनों राज्यों में दिक्कत बढ़ेगी। दिवाली के बाद दोनों ही राज्यों के अधिकतर शहरों की हवा जहरीली हो गई है। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत के साथ आंखों में जलन की समस्या हो रही है। हरियाणा में फतेहाबाद और हिसार सबसे प्रदूषित शहर हैं। यहां AQI 500 तक पहुंच गया है। राज्य के 8 शहरों का AQI 400 से ऊपर है। पंजाब में अमृतसर और लुधियाना में प्रदूषण में सुधार देखने को मिला है। अमृतसर जो एक दिन पहले देश का सबसे प्रदूषित शहर था, वहां AQI 200 से भी नीचे आकर 188 पर पहुंच गया है। इसी तरह लुधियाना का AQI 184 दर्ज किया गया। लेकिन चंडीगढ़, जालंधर, खन्ना, मंडी गोबिंदगढ़ और पटियाला में AQI अभी भी 200 के पार है। हवा चलने से प्रदूषण का स्तर कम हुआ है, लेकिन रात में आगजनी की घटनाओं और उद्योगों से निकलने वाले धुएं के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। दिन में ट्रैफिक जाम और सड़कों से उड़ने वाली धूल प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रही है। हरियाणा में 0, पंजाब में सामने आए 13 मामले
पिछले 24 घंटों में हरियाणा में पराली जलाने का कोई मामला सामने नहीं आया। जबकि पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को खेतों में आग लगने की केवल 13 घटनाएं दर्ज की गईं। जिससे पराली जलाने के मामलों की कुल संख्या 4,145 हो गई। आग की घटनाएं फिरोजपुर में 5, संगरूर में 3, बठिंडा में 2, पटियाला में 2 और फरीदकोट में 1 सामने आई। 14 नवंबर को पंजाब-हरियाणा को देना है आंकड़ा
दिल्ली में प्रदूषण और पराली जलाने के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पंजाब और हरियाणा को पिछले 10 दिनों के दौरान पराली जलाने की घटनाओं का विवरण पेश करने के लिए 14 नवंबर तक शपथ पत्र दाखिल करना होगा। पंजाब सरकार की मांग केंद्र ने ठुकराई
पंजाब सरकार ने किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए उन्हें केंद्र की ओर से प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा सरकार की तरह ही अपने बजट से किसानों को प्रोत्साहन दे सकती है, ताकि पराली जलाने को मामलों में कमी लाई जा सके। पंजाब सरकार ने पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए 1200 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि की आवश्यकता बताई थी। बारिश का इंतजार हो रहा
प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार बारिश की उम्मीद लगाए बैठी हैं। मौसम विभाग के अनुसार मध्य नवंबर तक बारिश होने के आसार नहीं हैं। उत्तर भारत में सर्दियों में बारिश का बड़ा कारण वेस्टर्न डिस्टरबेंस होता है, लेकिन अभी तक वेस्टर्न डिस्टरबेंस बन ही नहीं पा रहा है। इसके पीछे एक तो ईस्ट की तरफ बह रही हवाएं हैं, वहीं बंगाल की खाड़ी में बना दबाव भी उत्तर भारत में मौसम परिवर्तन को रोक रहा है। यही कारण है कि हिमाचल में भी अभी तक ऊपरी इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई है। मौसम विभाग के अनुसार नवंबर में भी तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री तक अधिक रहने का अनुमान है।   पंजाब | दैनिक भास्कर