हरियाणा के पानीपत शहर की रहने वाली महिला के साथ करनाल स्थित उसकी ससुराल में दहेज के लिए प्रताड़नाएं की गई। महिला के साथ खूब मारपीट की गई। गाड़ी की मांग के लिए उस पर अत्याचार किया गया। ढाई साल की बेटी को सास मोबाइल फोन दिखा रही थी। जिसका विरोध महिला ने करते हुए कहा कि इसे फोन की आदत मत डालो। इस बात पर पति ने उसे खूब पीटा और घर से निकाल दिया। जिसके बाद महिला ने मामले की शिकायत पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। बता दें कि महिला और उसके पति की ये दूसरी शादी है, जोकि अब टूटने के कगार पर पहुंच चुकी है। गर्भवती हुई तो मायका भेज दिया, फिर 8 माह बेटी को भी नहीं देखने आए मॉडल टाउन थाना पुलिस को दी शिकायत में एक महिला ने बताया कि वह विराट नगर की रहने वाली है। अप्रैल 2021 में उसकी शादी हर्ष चड्ढा निवासी नीलोखेड़ी करनाल के साथ हुई थी। ये उसकी व उसके पति की दूसरी शादी है। महिला का आरोप है कि शादी के अगले दिन ही ससुराल वालों ने दहेज के लिए उसे तंग करना शुरू कर दिया था। प्रताड़ित करने में पति के अलावा ससुर भूपेंद्र, सास रीता के अलावा यमुनानगर की रहने वाली सीमा भाटिया, दीपा मुंजाल, वंदना मुंजाल भी शामिल है। सभी गाड़ी की मांग के चलते उसे ताना मारते थे। महिला का कहना है कि जून 2021 में जब वह गर्भवती हुई, तो आरोपियों ने उसे घर से निकाल दिया। जिसके बाद वह अपने मायका रही और यही पर 2 फरवरी 2022 में बड़ी को जन्म दिया। इसके 8 माह बाद तक वह अपने घर पर ही रही, लेकिन ससुराल वाले उनसे मिलने तक नहीं आए। इसके बाद एक पंचायत की गई, जिसमें ससुराल वालों ने गलती मानी और भविष्य में ऐसा न करने की बात कहते हुए उन्हें अपने साथ घर ले गए। जुलाई 2024 में निकाल दिया था घर से बाहर जहां 4 दिन बाद फिर उससे गाड़ी की मांग की गई। अब विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की जाने लगी। जुलाई 2024 में महिला किचन में काम कर रही थी, वह अपनी बेटी को सास को दे दी गई। दूध से भरी बोतल देते हुए कहा कि इसे दूध पिला दें, वह रसोई में काम कर रही है। कुछ देर बाद महिला कमरे में लौटी, तो देखा कि सास उसे सिर्फ मोबाइल फोन दिखा रही थी। जिस पर उसने कहा कि इसे मोबाइल फोन की आदत मत डालो, यह आगे बहुत परेशान करेगी। इस पर सास ने मोबाइल फोन पटका और वहां से चली गई। शाम को पति घर लौटा, तो सास ने उसे भड़काना शुरू कर दिया। पति ने उसे खूब पीटा। उसके मायका वालों को भी फोन कर खूब भला-बुरा कहा। इसके बाद महिला को घर से बाहर निकाल दिया। तब से महिला अपने मायका ही रह रही है। हरियाणा के पानीपत शहर की रहने वाली महिला के साथ करनाल स्थित उसकी ससुराल में दहेज के लिए प्रताड़नाएं की गई। महिला के साथ खूब मारपीट की गई। गाड़ी की मांग के लिए उस पर अत्याचार किया गया। ढाई साल की बेटी को सास मोबाइल फोन दिखा रही थी। जिसका विरोध महिला ने करते हुए कहा कि इसे फोन की आदत मत डालो। इस बात पर पति ने उसे खूब पीटा और घर से निकाल दिया। जिसके बाद महिला ने मामले की शिकायत पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। बता दें कि महिला और उसके पति की ये दूसरी शादी है, जोकि अब टूटने के कगार पर पहुंच चुकी है। गर्भवती हुई तो मायका भेज दिया, फिर 8 माह बेटी को भी नहीं देखने आए मॉडल टाउन थाना पुलिस को दी शिकायत में एक महिला ने बताया कि वह विराट नगर की रहने वाली है। अप्रैल 2021 में उसकी शादी हर्ष चड्ढा निवासी नीलोखेड़ी करनाल के साथ हुई थी। ये उसकी व उसके पति की दूसरी शादी है। महिला का आरोप है कि शादी के अगले दिन ही ससुराल वालों ने दहेज के लिए उसे तंग करना शुरू कर दिया था। प्रताड़ित करने में पति के अलावा ससुर भूपेंद्र, सास रीता के अलावा यमुनानगर की रहने वाली सीमा भाटिया, दीपा मुंजाल, वंदना मुंजाल भी शामिल है। सभी गाड़ी की मांग के चलते उसे ताना मारते थे। महिला का कहना है कि जून 2021 में जब वह गर्भवती हुई, तो आरोपियों ने उसे घर से निकाल दिया। जिसके बाद वह अपने मायका रही और यही पर 2 फरवरी 2022 में बड़ी को जन्म दिया। इसके 8 माह बाद तक वह अपने घर पर ही रही, लेकिन ससुराल वाले उनसे मिलने तक नहीं आए। इसके बाद एक पंचायत की गई, जिसमें ससुराल वालों ने गलती मानी और भविष्य में ऐसा न करने की बात कहते हुए उन्हें अपने साथ घर ले गए। जुलाई 2024 में निकाल दिया था घर से बाहर जहां 4 दिन बाद फिर उससे गाड़ी की मांग की गई। अब विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की जाने लगी। जुलाई 2024 में महिला किचन में काम कर रही थी, वह अपनी बेटी को सास को दे दी गई। दूध से भरी बोतल देते हुए कहा कि इसे दूध पिला दें, वह रसोई में काम कर रही है। कुछ देर बाद महिला कमरे में लौटी, तो देखा कि सास उसे सिर्फ मोबाइल फोन दिखा रही थी। जिस पर उसने कहा कि इसे मोबाइल फोन की आदत मत डालो, यह आगे बहुत परेशान करेगी। इस पर सास ने मोबाइल फोन पटका और वहां से चली गई। शाम को पति घर लौटा, तो सास ने उसे भड़काना शुरू कर दिया। पति ने उसे खूब पीटा। उसके मायका वालों को भी फोन कर खूब भला-बुरा कहा। इसके बाद महिला को घर से बाहर निकाल दिया। तब से महिला अपने मायका ही रह रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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देश की सबसे अमीर महिला की कैसे अटकी कांग्रेस जॉइनिंग:नवीन जिंदल ने सेटिंग की; BJP ने उन्हीं से फोन करवा सावित्री को रुकवाया
देश की सबसे अमीर महिला की कैसे अटकी कांग्रेस जॉइनिंग:नवीन जिंदल ने सेटिंग की; BJP ने उन्हीं से फोन करवा सावित्री को रुकवाया देश की सबसे अमीर महिला और हरियाणा के कुरुक्षेत्र से BJP सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल विधानसभा चुनाव में हिसार सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। वह BJP से टिकट मांग रही थीं, लेकिन पार्टी ने अपने पुराने नेता और RSS से जुड़े रहे डॉ. कमल गुप्ता को ही टिकट दे दिया। भाजपा ने कमल गुप्ता को हिसार सीट से लगातार तीसरी बार टिकट थमाया है। इसके बाद सावित्री जिंदल के कांग्रेस में जाने और उन्हें हिसार से पार्टी टिकट मिलने की चर्चा शुरू हो गई। कांग्रेस हाईकमान से सावित्री को टिकट दिलाने की पूरी सेंटिंग उनके बेटे और भाजपा सांसद नवीन जिंदल ने की। हरियाणा में नॉमिनेशन की प्रक्रिया खत्म होने से एक दिन पहले, यानि 11 सितंबर की रात बेटे के कहने पर सावित्री जिंदल हिसार से नई दिल्ली रवाना भी हो गईं। इसी दौरान पूरे घटनाक्रम में BJP हाईकमान की एंट्री हुई और अंतत: सावित्री जिंदल को रास्ते से वापस लौटना पड़ा। इसके चंद घंटे बाद कांग्रेस ने हिसार से रामनिवास राड़ा की उम्मीदवारी अनाउंस कर दी। पढ़िए इस पूरे घटनाक्रम की इनसाइड स्टोरी… कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक 11 सितंबर की शाम नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में हरियाणा विधानसभा की पेंडिंग 49 सीटों पर टिकटों को लेकर मीटिंग चल रही थी। इस बैठक में पार्टी की केंद्रीय लीडरशिप के साथ-साथ हरियाणा के प्रमुख नेता भी मौजूद थे। उसी दौरान बैठक में मौजूद एक सीनियर लीडर के पास नवीन जिंदल की कॉल आई। उन्होंने मां सावित्री को हिसार सीट से पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ाने का आग्रह किया। कांग्रेस के उस सीनियर लीडर ने सामने से जवाब दिया कि किसी भी नेता को कांग्रेस पार्टी जॉइन करने के बाद ही टिकट दी जा सकती है। इस पर उस सीनियर लीडर को बताया गया कि सावित्री जिंदल कांग्रेस में ही हैं और उन्होंने कभी पार्टी की प्राइमरी मेंबरशिप नहीं छोड़ी। इसके बाद कांग्रेस कैंडिडेट्स की लिस्ट होल्ड कर ली गई और उस सीनियर लीडर ने बैठक में ही हिसार सीट से सावित्री जिंदल का नाम बढ़ाया। सावित्री जिंदल का नाम सुनकर बैठक में मौजूद पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा भी चौंक गईं। चूंकि सावित्री जिंदल का नाम सीधे पार्टी हाईकमान की तरफ से आ रहा था, इसलिए हरियाणा कांग्रेस के किसी नेता ने कोई प्रतिरोध नहीं किया। 11 की रात को दिल्ली के लिए निकलीं सावित्री
कांग्रेस हाईकमान से बात होने के बाद 11 सितंबर की रात तकरीबन 8 बजे सावित्री जिंदल को उनके बेटे ने फोन कर दिल्ली पहुंचने के लिए कहा। सावित्री जिंदल हिसार से दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। इस बीच हिसार स्थित जिंदल हाउस में मौजूद सभी लोगों से कहा गया कि यह खबर बाहर नहीं निकलनी चाहिए कि माताजी दिल्ली जा रही हैं। जब तक सबकुछ सिरे न चढ़ जाए, तब तक किसी को भनक नहीं लगनी चाहिए। चंडीगढ़ में चल रही थी सैनी कैबिनेट की मीटिंग
दूसरी ओर भाजपा में 11 सितंबर की शाम को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपनी कैबिनेट की बैठक बुला रखी थी। इस बैठक का एजेंडा था- गवर्नर को प्रदेश विधानसभा भंग करने की सिफारश करना। सैनी कैबिनेट की इस मीटिंग में उनके मंत्री और हिसार सीट से BJP उम्मीदवार डॉ. कमल गुप्ता मौजूद थे। तब तक BJP कमल गुप्ता का नाम हिसार सीट से बतौर कैंडिडेट अनाउंस कर चुकी थी। अपनी उम्मीदवारी घोषित होने के बाद कमल गुप्ता को यह अहसास भी हो चुका था कि सावित्री जिंदल कांग्रेस में जा सकती हैं। वह ये भी समझ चुके थे कि अगर सावित्री जिंदल ने कांग्रेस जॉइन करके उनके सामने चुनाव लड़ा तो वह कड़े मुकाबले में फंस सकते हैं। गुप्ता ने सरकार में शामिल बड़े चेहरे को दी जानकारी चंडीगढ़ में बैठे कमल गुप्ता को जैसे ही सावित्री जिंदल के हिसार से दिल्ली रवाना होने की खबर मिली, उन्होंने तुरंत ये सूचना सरकार में शामिल एक सीनियर नेता को दी जिसने दिल्ली में पार्टी हाईकमान को अलर्ट किया। इसके बाद BJP हाईकमान की तरफ से नवीन जिंदल को फोन करके कहा गया कि अगर आपकी माताजी निर्दलीय चुनाव लड़ती हैं तो BJP को कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अगर वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव में उतरीं तो दिक्कत हो जाएगी। इसके बाद नवीन जिंदल की ओर से सावित्री जिंदल को दोबारा फोन किया गया और वह रास्ते से ही वापस हिसार लौट आईं। हिसार में वैश्य बिरादरी के तीसरे चेहरे के खिलाफ था जिंदल हाउस
इस पूरे डवलपमेंट के बाद नवीन जिंदल कैंप ने कांग्रेस के उसी सीनियर नेता से दोबारा संपर्क साधा। आग्रह किया गया कि हिसार सीट से वैश्य बिरादरी का उम्मीदवार न उतारा जाए। जिंदल हाउस के करीबी सूत्रों के मुताबिक, BJP से टिकट नहीं मिलने के बाद जिंदल हाउस की ओर से हिसार हलके में एक सर्वे करवाया गया। उसी सर्वे में यह जानकारी भी प्रमुख तौर पर सामने आई कि कांग्रेस इस बार व्यापारी नेता बजरंग दास गर्ग को टिकट दे सकती है। जिंदल हाउस नहीं चाहता था कि कांग्रेस का टिकट वैश्य समाज के किसी प्रत्याशी को मिले। अगर ऐसा हो जाता तो हिसार सीट पर इसी बिरादरी के तीन चेहरे आमने-सामने हो जाते। इससे न सिर्फ वोटों का बंटवारा होता बल्कि आगे की राजनीति भी प्रभावित हो सकती थी। इसलिए जिंदल हाउस ने कांग्रेस हाईकमान से वैश्य बिरादरी के किसी चेहरे को टिकट न देने का आग्रह किया। उधर कांग्रेस में हिसार सीट से 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ चुके रामनिवास राड़ा टिकट मांग रहे थे। राड़ा ओबीसी बिरादरी से आते हैं और उन्हें इस बात का अहसास था कि कांग्रेस उनकी जगह वैश्य बिरादरी का उम्मीदवार उतार सकती है इसलिए वह निर्दलीय चुनाव लड़ने का पूरा मन बना चुके थे। उनके समर्थकों की ओर से बनवाए गए पोस्टरों से कांग्रेस नेताओं की फोटो भी गायब हो चुकी थी। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम के बाद जब कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट आई तो उसमें हिसार सीट से रामनिवास राड़ा का नाम था। रामनिवास राड़ा की ओर से बनवाए गए पोस्टर वैश्य बिरादरी को टिकट न दिलवाने के 3 बड़े कारण… वैश्य वोट बैंक में सेंध का खतरा : अगर कमल गुप्ता के सामने कांग्रेस वैश्य समाज के किसी दूसरे व्यक्ति को टिकट दे देती तो इससे जिंदल हाउस के वोटबैंक में सेंध लग सकती थी। भाजपा से नाराज वर्ग का वोट भी वैश्य बिरादरी के कैंडिडेट को चला जाता। नाराज वोटर्स का साथ मिलेगा : जिंदल हाउस का मानना है कि अगर कांग्रेस ने वैश्य बिरादरी के किसी उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया तो इस समाज के जो वोटर कमल गुप्ता से नाराज है, वह कांग्रेस की तरफ जाने की जगह उनके पाले में आ सकते हैं। चुनावी सीजन में तीसरा चेहरा उभरने से नुकसान : हिसार में पिछले छह-सात महीने में व्यापारियों से रंगदारी मांगने और धमकाने की कई घटनाएं हो चुकी थीं। शहर के व्यापारियों ने इसे लेकर सैनी सरकार के खिलाफ धरने-प्रदर्शन भी किए थे। इन धरनों में व्यापारी नेता बजरंग दास गर्ग ने सक्रिय रोल अदा किया। हिसार में वैश्य बिरादरी का अच्छा-खासा वोटबैंक है और इस समाज की नुमाइंदगी जिंदल हाउस और कमल गुप्ता करते रहे हैं। कमल गुप्ता को जिंदल हाउस बड़ा खतरा नहीं मानता क्योंकि उनके खिलाफ अच्छी-खासी नाराजगी है। ऐसे में वह नहीं चाहता कि चुनावी सीजन में उनके सामने बिरादरी का कोई तीसरा चेहरा उठे।
कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह राठौर ने किया खुलासा:बोले हमारे नेताओं ने भाजपा का दिया साथ, वे तीनों कांग्रेस में रहे तो मैं छोड दूंगा पार्टी
कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह राठौर ने किया खुलासा:बोले हमारे नेताओं ने भाजपा का दिया साथ, वे तीनों कांग्रेस में रहे तो मैं छोड दूंगा पार्टी हरियाणा विधानसभा में हार के बाद कांग्रेस की आंतरिक फूट और गुटबाजी की परते धीरे-धीरे खुलने लगी है। घरौंडा से कांग्रेस के प्रत्याशी वीरेंद्र राठौर ने अपनी हार का ठीकरा ईवीएम काउंटिंग में धांधली और कांग्रेस के ही तीन नेताओं पर फोड़ा है। राठौर ने यहां तक कह दिया कि पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान, कांग्रेस नेता भूप्पी लाठर और कांग्रेस नेता रघबीर संधू ने भाजपा का साथ दिया और घरौंडा में कांग्रेस को हराने की साजिश रची। अब कांग्रेस में न तो नरेंद्र सांगवान, न ही भूप्पी लाठर और न ही रघबीर संधू रहेंगे। अगर ये तीनों कांग्रेस में रहते है तो वीरेंद्र सिंह राठौर कांग्रेस में नहीं रहेगा, कांग्रेस को छोड़ देगा। सड़कों पर करेंगे लड़ने का काम गुरूवार को बसताड़ा के नजदीक अपने फार्म हाउस पर वीरेंद्र राठौर ने प्रेसवार्ता की। जिसमें उन्होंने सबसे पहले कार्यकर्ताओं की मेहनत को सराहा और हरियाणा व घरौंडा में भाजपा की जीत पर बधाई बीजेपी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह हमारा दुर्भाग्य है कि यहां पर हम थोड़ी सी वोटो से हार गए है। हम विधानसभा में नहीं बैठ पाए, लेकिन सड़कों पर लोगों की लड़ाई लड़ने का काम किया जाएगा। काउंटिंग के दौरान धांधली के आरोप राठौर ने काउंटिंग में धांधली के आरोप लगाए है। राठौर का कहना है कि काउंटिंग की प्रक्रिया फेयर तरीके से नहीं हुई। काउंटिंग से एक दिन पहले रिटर्निंग अधिकारी को तीन दरखास्त दी गई थी। जिसमें पहली यह थी कि कैंडिडेट के मोबाइल फोन को अलाउड किए जाए। हालांकि रिटर्निंग अधिकारी ने काउंटिंग सेंटर पर कम्यूनिकेशन रूम बनाने की बात कही थी, लेकिन अगले दिन हमारे मोबाइल को गेट के पास ही जब्त कर लिया गया, जबकि रिटर्निंग अधिकारी मोबाइल फोन लेकर काउंटिंग हाल में बैठे रहे और मोबाइल का इस्तेमाल करते रहे, जो कि गैर कानूनी है। जब पूछा गया तो पता चला कि डीसी ने अलाउड किया हुआ है। डीसी को अथोरिटी ही नहीं है कि वह फोन अलाउड कर दे। फॉर्म 17 का नंबर नहीं हुआ मैच दूसरा, जब तक एक राउंड का रिजल्ट डिक्लेयर होकर पब्लिश न हो जाए, तब तक दूसरे राउंड के लिए मशीने स्ट्रांग रूम से न निकाली जाए। उसके बावजूद भी तीन-तीन चार-चार राउंड के लिए मशीने एडवांस में रख ली। कई मशीनों का सीरियल नंबर और फॉर्म 17 का नंबर मैच नहीं हो रहा था। इसकी शिकायत रिटर्निंग अधिकारी को दी गई और निवेदन किया गया कि उन बूथों की गिनती को रोका जाए। लेकिन हमारी अपील को रिजेक्ट कर दिया। चुनाव में धांधली को रोकने के लिए फॉर्म-17सी ईशू किया जाता है। ईवीएम की बैटरी पर सवाल राठौर ने ईवीएम की बैटरी को भी लेकर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि जब सुबह छह बजे मॉक पोल शुरू हुआ और शाम तक वोटिंग होने के बावजूद भी ईवीएम में बैटरी 99 प्रतिशत रही। ऐसा कैसे संभव हो सकता है। 99 प्रतिशत बैटरी कब जरूरत होती है, वह तब होती है जब आपने किसी डाटा को रेडियो फ्रिकवेंसी से चेंज करना हो। उसके लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं होती। बैटरी से मशीन को मैनेज किया जा सकता है।