हरियाणा के पानीपत आगामी नगर निगम चुनाव को लेकर सोमवार को निगम के विभिन्न वार्डों का ड्रा निकाला गया। यह ड्रा उपायुक्त डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया की उपस्थिति में निकाला गया, जिसकी वीडियो रिकार्डिंग भी की गई। ड्रा के समय निगमायुक्त डॉ. पंकज यादव वार्डबंदी को लेकर बनाई गई कमेटी के सदस्य अशोक कटारिया, रामकुमार सैनी, संजीव दहिया, सुनील सोनी और विमल बंसल सहित डीएमसी अरूण भार्गव भी उपस्थित रहे। ड्रा निकलने के बाद उपायुक्त डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया ने बताया कि BC-A के लिए 14, 18, 8 और 26 का ड्रा निकाला गया है। BC-B (महिला) के लिए वार्ड 11 और अनुसूचित जाति महिला के लिए वार्ड 25, BC-A (महिला) के लिए वार्ड 26 और 8 का ड्रा निकाला गया है। वार्ड 22, 25 और 7 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सामान्य महिला के लिए वार्ड 24, 19, 2, 16 और 17 का ड्रा निकाला गया। वार्ड 22, 25 और 7 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। जिनमें से वार्ड 25 अनुसूचित जाति महिला के लिए ड्रा निकाला गया। उपायुक्त की उपस्थिति में सभी वार्डों का ड्रा निकालने के बाद उन्हें सील बंद लिफाफे में बंद करके रिकार्ड के लिए आयुक्त नगर निगम को सौंपा गया। कुल 26 वार्डों में से 9 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं, बाकी बचे हुए सभी वार्ड सामान्य वर्ग के लिए रहेंगे। हरियाणा के पानीपत आगामी नगर निगम चुनाव को लेकर सोमवार को निगम के विभिन्न वार्डों का ड्रा निकाला गया। यह ड्रा उपायुक्त डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया की उपस्थिति में निकाला गया, जिसकी वीडियो रिकार्डिंग भी की गई। ड्रा के समय निगमायुक्त डॉ. पंकज यादव वार्डबंदी को लेकर बनाई गई कमेटी के सदस्य अशोक कटारिया, रामकुमार सैनी, संजीव दहिया, सुनील सोनी और विमल बंसल सहित डीएमसी अरूण भार्गव भी उपस्थित रहे। ड्रा निकलने के बाद उपायुक्त डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया ने बताया कि BC-A के लिए 14, 18, 8 और 26 का ड्रा निकाला गया है। BC-B (महिला) के लिए वार्ड 11 और अनुसूचित जाति महिला के लिए वार्ड 25, BC-A (महिला) के लिए वार्ड 26 और 8 का ड्रा निकाला गया है। वार्ड 22, 25 और 7 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सामान्य महिला के लिए वार्ड 24, 19, 2, 16 और 17 का ड्रा निकाला गया। वार्ड 22, 25 और 7 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। जिनमें से वार्ड 25 अनुसूचित जाति महिला के लिए ड्रा निकाला गया। उपायुक्त की उपस्थिति में सभी वार्डों का ड्रा निकालने के बाद उन्हें सील बंद लिफाफे में बंद करके रिकार्ड के लिए आयुक्त नगर निगम को सौंपा गया। कुल 26 वार्डों में से 9 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं, बाकी बचे हुए सभी वार्ड सामान्य वर्ग के लिए रहेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भाजपा ने बोगस पोलिंग पर जिला प्रमुखों से मांगी रिपोर्ट:मतदान के दिन बीजेपी के कंट्रोल रूम में आईं हजारों शिकायतें, धीमी वोटिंग कराने का आरोप
भाजपा ने बोगस पोलिंग पर जिला प्रमुखों से मांगी रिपोर्ट:मतदान के दिन बीजेपी के कंट्रोल रूम में आईं हजारों शिकायतें, धीमी वोटिंग कराने का आरोप हरियाणा में बोगस पोलिंग पर पूर्व CM मनोहर लाल के बयान के बाद पूरी भाजपा एक्टिव हो गई है। इस पर हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी ने सभी भाजपा जिलाध्यक्षों से रिपोर्ट तलब की है। नायब सिंह सैनी ने 31 जून को सभी जिलाध्यक्षों को रिपोर्ट लेकर पंचकुला बुलाया है। इस रिपोर्ट में जिलाध्यक्षों को यह बताना होगा कि 25 मई को मतदान वाले दिन किस जगह पर कितना बोगस पोल हुआ, किन अधिकारियों ने धीमा मतदान करवाया, भाजपा को अधिक वोट मिलने वाले बूथों पर मतदान प्रतिशत में गिरावट क्यों हुई। इसके अलावा भी कई बिंदु हैं जिस पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रिपोर्ट मांगी है। आपको बता दें कि हरियाणा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का पद अब भी नायब सिंह सैनी के पास ही है। भाजपा जिलाध्यक्ष हिसार आशा खेदड़ का कहना है कि वह रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। 31 जून को वह मीटिंग में अपनी रिपोर्ट रखेंगी। हर जिले में हेल्पलाइन नंबर जारी किया था
आपको बता दें भाजपा ने चुनाव से ठीक पहले एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया था। यह हेल्पलाइन नंबर हर जिले में वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जोड़ा गया था। इन हेल्पलाइन नंबरों पर 1000 से अधिक फोन आए हैं जिन पर बोगस पोलिंग और धीमा मतदान की सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई। इसके अलावा सिरसा, फतेहाबाद, अंबाला, सोनीपत और कुरुक्षेत्र से धीमा मतदान करवाने की शिकायतें सबसे अधिक आईं। प्रदेश संगठन से इशारा मिलने के बाद जिलाध्यक्षों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है। हिसार के उदाहरण से समझिये…इस तरह कंट्रोल रूम के जरिये आई शिकायतें
भाजपा ने चुनाव से पहले 18001038437 टोल फ्री नंबर जारी किया था। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति मतदान से संबंधित शिकायत दर्ज करवा सकता था। इस कंट्रोल रूम में बैठे भाजपा के कार्यकर्ता हर जिलों के हिसाब से बनाए वॉट्सऐप ग्रुप में एक्टिव रहे। जैसे हिसार से कोई शिकायत टोल फ्री नंबर पर गई तो उस शिकायत को लॉक करके हिसार भाजपा के ग्रुप में डाला गया और शिकायत पर संज्ञान लेने को कहा। इसके बाद हिसार बैठी एक टीम उन एरिया के पन्ना प्रमुख व कार्यकर्ताओं से संपर्क कर बूथ पर पहुंच रही थी और शिकायत को क्रॉस चेक कर रही थी। हिसार में टोल फ्री नंबर पर बूथ कैप्चरिंग, धीमा मतदान जैसी शिकायतें आई। सबसे ज्यादा शिकायत आदमपुर, उचाना और हांसी से दर्ज की गई। सरकार जल्द ले सकती है एक्शन
चुनावों में भाजपा को हराने का सपना देखने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की रिपोर्ट सरकार जिलाध्यक्ष के मार्फत लेकर उन पर जल्द कार्रवाई कर सकती है। सरकार इस मामले में कर्मचारियों पर कार्रवाई कर सकती है। इसमें नूंह में तबादला, डेपुटेशन पर भेजने और गृह जिले से दूर तैनाती जैसी कार्रवाई हो सकती है, ताकि अधिकारियों को सबक सिखाया जा सके। आपको बता दें कि हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी से CM नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर नाराज चल रहे हैं। उनकी ये नाराजगी लगातार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिखाई भी दी थी। पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और अब सीएम नायब सैनी लगातार अफसरों को निशाने पर ले रहे हैं। सही से काम करने की चेतावनी भी दे रहे हैं। चुनाव में विरोधियों की मदद का शक
लोकसभा चुनाव में कुछ अधिकारियों के द्वारा विरोधियों खासकर कांग्रेस और जजपा को मदद करने का भी इनपुट भाजपा की रिव्यू मीटिंग में मिला है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस इनपुट के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी चर्चा की है। बताया जा रहा है कि इस चुनाव में पूर्व सीएम खट्टर को केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा फ्री हैंड दिया गया था, इसलिए सभी सीटों का चुनावी प्रबंधन भी वही देख रहे थे। इस लापरवाही से यदि चुनाव में भाजपा को कुछ भी नुकसान होता है तो सरकार इसमें सख्त फैसला लेगी। अधिकारियों से सरकार स्पष्टीकरण मांगेगी
भाजपा की रिव्यू मीटिंग में लोकसभा कैंडिडेट्स ने CM को इनपुट दिया कि अधिकारियों का फील्ड में रवैया ठीक नहीं था। लोगों के प्रति और भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रति उनका रवैया नकारात्मक रहा। इससे कई बार चुनाव में असहज स्थिति बनी। इसको भी सरकार ने गंभीरता से लिया है और सभी कैंडिडेट्स को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत देने को कहा है। 4 जून के बाद ऐसे अधिकारियों से सरकार स्पष्टीकरण मांगेगी।
रेवाड़ी में फुफेरे भाई ने युवक को मारी गोली:प्लाट के विवाद में वारदात; 5 राउंड गोलियां चलीं, 1 गोली जांघ के आर-पार
रेवाड़ी में फुफेरे भाई ने युवक को मारी गोली:प्लाट के विवाद में वारदात; 5 राउंड गोलियां चलीं, 1 गोली जांघ के आर-पार हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव भवाड़ी में प्लाट के विवाद में एक युवक को उसकी बुआ के बेटों ने गोली मार दी। गोली उसकी जांघ के आर-पार हो गई। आरोपियों ने पांच राउंड फायर किए, जिससे वहां मौजूद अन्य लोगों की जान बाल-बाल बच गई। घायल युवक को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मॉडल टाउन थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। दरअसल, शहर से सटे गांव भवाड़ी निवासी मनीष (36) ने बताया कि सोमवार शाम को वह अपने छोटे भाई नितिन और गुरुग्राम के कादरपुर निवासी बिल्लू, बीरेंद्र उर्फ कालू के साथ भवाड़ी में रिलायंस ऑयल डिपो के पास भूपेंद्र के प्लाट के पास बैठकर हुक्का पी रहा था। उसी समय उसकी बुआ का बेटा रविंद्र स्कॉर्पियो गाड़ी लेकर आया और उनके पास खड़ा हो गया। पांच मिनट बाद उसका छोटा भाई दीपक अपनी बुलेट बाइक और राजकुमार उर्फ राजू बोलेरो गाड़ी लेकर आ गया। बुआ के बेटे हैं तीनों आरोपी मनीष के अनुसार तीनों उसकी बुआ के बेटे हैं। उसके पास आते ही राजू ने बिल्लू से झगड़ा शुरू कर दिया और कहा कि दो मिनट रुको, अभी तेरे को जान से खत्म करता हूं। यह कहते हुए राजू ने अपनी बोलेरो गाड़ी से पिस्तौल निकाली और बिल्लू के सीने पर लगा दी। मनीष ने राजू की पिस्तौल पर हाथ मारा तो वह नीचे गिर गई। उसी समय दीपक ने अपनी पिस्तौल निकाली और मनीष को जान से मारने की नीयत से गोली मार दी। आरोपी दीपक ने भी उस पर 3 गोलियां चलाईं। तीन गोलियां चलाई, एक जांघ में लगी आरोपी द्वारा चलाई गई तीन गोलियों में एक गोली उसके कान के पास से गुजरी और दूसरी गोली उसकी पीठ को छूती हुई निकल गई। तीसरी गोली उसके पैर में लगी, यह गोली उसकी जांघ से आर-पार गई। आरोपी राजू ने इस दौरान पिस्टल से दो राउंड फायर भी किए। हालांकि यह गोली किसी को नहीं लगी। गोली लगने से मनीष लहूलुहान हो गया। घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। मनीष के साथ मौजूद अन्य लोगों ने उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया। सूचना के बाद पुलिस टीम पहले मौके पर पहुंची और फिर अस्पताल पहुंचकर घायलों का बयान दर्ज किया। प्लाट के विवाद में वारदात पुलिस ने मनीष की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। घायल मनीष ने बताया कि कुछ दिन पहले गांव भवाड़ी में ही एक प्लॉट को लेकर उनका विवाद हुआ था। वे प्लाट की चारदिवारी करा रहे थे। तभी आरोपी पहुंचे और काम को रूकवा दिया। इसके बाद से ही आरोपी उसे जान से मारने की फिराक में घूम रहे थे। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। फिलहाल आरोपी फरार है।
ओपी चौटाला को आखिरी विदाई आज:सुबह 8 बजे से अंतिम दर्शन; 5 बार हरियाणा के CM रहे, 89 साल की उम्र में निधन हुआ
ओपी चौटाला को आखिरी विदाई आज:सुबह 8 बजे से अंतिम दर्शन; 5 बार हरियाणा के CM रहे, 89 साल की उम्र में निधन हुआ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला का अंतिम संस्कार आज शनिवार सिरसा के गांव तेजा खेड़ा में बने फार्म हाउस में होगा। सुबह 8 बजे से उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। फिर दोपहर राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई दी जाएगी। उनका पार्थिव शरीर रात करीब 10 बजे फार्म हाउस पहुंचा था। उनके पार्थिव शरीर के साथ सिर्फ अभय चौटाला थे। पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे ओपी चौटाला 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। 89 साल की उम्र में उनका कल (19 दिसंबर) गुरुग्राम के अस्पताल में निधन हुआ। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। वे पहले से ही दिल और शुगर समेत कई बीमारियों से ग्रस्त थे। चौटाला के निधन पर हरियाणा सरकार ने 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। आज 21 दिसंबर की छुट्टी घोषित की गई है। PM नरेंद्र मोदी ने भी चौटाला के साथ पुरानी फोटो शेयर कर शोक व्यक्त किया। ओपी चौटाला 5 दिन से 5 साल तक कार्यकाल वाले CM बने 2 दिसंबर 1989 को चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने। राज्यसभा सांसद होने की वजह से उन्हें 6 महीने में विधायक बनना जरूरी था। वे महम सीट से उपचुनाव लड़े। मगर वहां हिंसा–बूथ कैप्चरिंग की वजह से विवाद हुआ। इसे महम कांड के नाम से जाना जाता है। उन्हें साढ़े 5 महीने बाद ही इस्तीफा देना पड़ा। कुछ समय बाद वे दड़बा से चुनाव जीत विधायक बन गए। तब 51 दिन बाद ही बनारसी दास को हटा चौटाला दोबारा सीएम बन गए। मगर तब के प्रधानमंत्री वीपी सिंह इससे नाराज हो गए। मजबूरन चौटाला ने 5 दिन में सीएम कुर्सी छोड़ दी। मास्टर हुकुम सिंह फोगाट को नया सीएम बनाया गया। इसी साल 1990 में BJP के राम मंदिर आंदोलन के चलते समर्थन वापसी से प्रधानमंत्री वीपी सिंह की सरकार गिर गई। चंद्रशेखर नए पीएम बने। देवीलाल को फिर उपप्रधानमंत्री बनाया गया। उन्होंने चौटाला को तीसरी बार मुख्यमंत्री बना दिया। मगर, इससे विधायक नाराज हो गए और सरकार गिर गई। चौटाला को 15 दिन में सीएम कुर्सी छोड़नी पड़ी। 1996 में बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी ने BJP के समर्थन से सरकार बनाई। हालांकि मतभेदों के चलते 3 साल बाद 1999 में भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया। तब कांग्रेस ने बंसीलाल को समर्थन देकर सरकार बचा ली लेकिन बंसीलाल ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय की शर्त नहीं मानी। जिसके बाद ओपी चौटाला ने बंसीलाल के विधायक तोड़ दिए और 24 जुलाई 1999 को दोबारा सीएम बन गए। साल 2000 में ओपी चौटाला बिजली फ्री देने के वादे पर 90 में से 47 सीटें जीत गए। फिर वे 5वीं बार मुख्यमंत्री बने। हालांकि बाद में वादा पूरा न करने पर किसानों ने विरोध किया। जिसके बाद कंडेला में फायरिंग हुई और 9 किसानों की मौत हुई। इसे कंडेला कांड के नाम से जाना जाता है। हालांकि चौटाला ने सीएम का 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। चौटाला ने जेल में रहकर पढ़ाई की, उन पर फिल्म बनी
ओपी चौटाला ने स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ दी। उनका कहना था कि वे अपने पिता से ज्यादा नहीं पढ़ना चाहते थे। हालांकि जब वे टीचर घोटाले में जेल में रहे तो 2017 से 2021 के बीच उन्होंने 10वीं और 12वीं क्लास पास की। इसको लेकर उन पर ‘दसवीं’ फिल्म बनी। जिसमें उनका किरदार अभिषेक बच्चन ने निभाया। टीचर घोटाले में 10 साल की सजा हुई, 2 साल पहले माफी मिली
साल 1999–2000 में चौटाला टीचर भर्ती घोटाले में फंसे। 2004 में CBI जांच के बाद ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत 62 लोगों पर FIR दर्ज हुई। जनवरी 2013 में दिल्ली की स्पेशल CBI कोर्ट ने भ्रष्टाचार का कसूरवार मानते हुए चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को 10 साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि केंद्र की 60 साल से ज्यादा उम्र और आधे से ज्यादा कैद काटने के बाद सजा माफी वाले नियम से वे करीब 2 साल पहले ही 2 जुलाई 2021 को जेल से रिहा हो गए। चौटाला के जेल जाते ही परिवार में राजनीतिक फूट पड़ी
ओपी चौटाला के टीचर घोटाले में जेल जाने के बाद उनके परिवार में फूट पड़ गई। एक तरफ छोटे बेटे ने इनेलो की कमान संभाल ली। वहीं पिता संग जेल गए अजय चौटाला ने विदेश में पढ़ रहे बेटों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को वापस बुला लिया। जिसके बाद अभय और उनके भतीजों में इनेलो को लेकर खींचतान शुरू हो गई। ओपी चौटाला जब 2018 में पैरोल पर बाहर आए तो 7 अक्टूबर को गोहाना रैली में दुष्यंत को सीएम बनाने के नारे लगे। जिससे ओपी खफा हो गए। इसके बाद इनेलो से बड़े बेटे अजय और उनके दोनों बेटों को निकाल दिया गया। जिन्होंने जननायक जनता पार्टी बना ली। हालांकि इस फूट के बाद इनेलो कभी सत्ता में नहीं आ पाई। जजपा जरूर 2019–24 में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार में रही। हालांकि 2024 के विधानसभा चुनाव में जजपा एक भी सीट नहीं जीत पाई। इनेलो ने 2 सीटें जीतीं लेकिन अभय चौटाला चुनाव हार गए। ———————— पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- हरियाणा का आखिरी धोती-कुर्ते वाला CM, PHOTOS:गुरुग्राम को साइबर सिटी बनाने के पीछे इन्हीं का दिमाग, सरकार लोगों के द्वार पहुंचाने का श्रेय हरियाणा के पूर्व CM ओम प्रकाश चौटाला का 20 दिसंबर को निधन हो गया। 1968 में उनकी सियासत में एंट्री हुई थी। इस दौरान उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे। वह प्रदेश की सत्ता संभालने के साथ जेल भी गए। चौटाला हरियाणा में धोती-कुर्ता पहनने वाले आखिरी CM थे। उनके बाद भूपेंद्र हुड्डा, मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी CM बने, लेकिन उन्होंने कभी सार्वजनिक कार्यक्रम में धोती नहीं पहनी। पढ़ें पूरी खबर