हरियाणा से गया था पंजाब की पटाखा फैक्ट्री में बारुद:करनाल से पकड़ा गया सप्लायर, लाइसेंस मिलने से पहले शुरू किया काम पंजाब में मुक्तसर जिले के गांव सिंघेवाला में अवैध रूप से चल रही पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके के बाद एकाएक खुलासे होने लगे हैं। आरोपी संचालक ने प्रशासन से अनुमति मिलने तक का इंतजार नहीं किया। इससे पहले पटाखे बनाने शुरू कर दिए और माल भी सप्लाई करने लगा। यहीं नहीं बारूद भी पंजाब के बजाय हरियाणा से खरीदा गया। इस पटाखा फैक्ट्री को शुरू कराने से लेकर कामयाब करवाने तक अलग-अलग मोहरे हैं। संचालक तरसेम सिंह ने सिर्फ फैक्ट्री खोली थी। इसके लिए लेबर उपलब्ध करवाने वाला सहयोगी दूसराऔर पटाखों के लिए बारूद उपलब्ध करवाने वाला सहयोगी अलग है, ताकि तरसेम सिंह को दिक्कत न हो। जब यह हादसा हुआ तो जांच में हरियाणा से बारुद उपलब्ध कराए जाने की बात सामने आई। पुलिस और प्रशासन की गठित कमेटी ने सभी की गिरफ्तारी के लिए धरपकड़ शुरू का दी है। पुलिस ने फैक्ट्री संचालक तरसेम सिंह और नवराज सिंह को पहले ही गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद फैक्ट्री चलाने में मदद करने वाला सहयोगी राजकुमार को गिरफ्तार किया, जिसने उत्तर प्रदेश से लेबर उपलब्ध करवाई थी। फोरेंसिक टीम ने भारी मात्रा में बारूद व केमिकल बरामद किया था। करनाल के असंध से पकड़ा सप्लायर, जिसने बारूद दिया था पंजाब पुलिस की कार्रवाई यहीं नहीं रूकी। इसके बाद जांच और तेजी से बढ़ी। इन पकड़े गए तीनों आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस हरियाणा से करनाल जिले के असंध निवासी प्रशांत गोयल (सप्लायर) को गिरफ्तार किया, जिसने संचालक तरसेम सिंह को पटाखा फैक्ट्री में पटाखे बनाने के लिए बारूद उपलब्ध करवाया। यह भी अपराध की श्रेणी में माना गया। अब आरोपी सप्लायर प्रशांत गोयल को कोर्ट में पेश कर दो दिन के लिए पुलिस रिमांड पर लिया है। वहीं बाकी तीनों आरोपियों को चार दिन के पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद जेल भेज दिया है। बारूद और बरामद सामान की फोरेंसिक रिपोर्ट आने का इंतजार मुक्तसर के एसएसपी डॉ. अखिल चौधरी ने मीडिया को बताया कि एसपी (डी) के नेतृत्व में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से घटना की जांच की जा रही है। फैक्ट्री में घटनास्थल से जो बारूद, केमिकल और अन्य सामान बरामद किया था, उसकी फोरेंसिक रिपोर्ट आने का इंतजार है। अब तक इस मामले में चार आरोपी पकड़े जा चुके हैं। हादसे में इन लोगों की हुई थी मौत उत्तर प्रदेश हाथरस जिले के नेहराजितर सिकंदरन निवासी नवराज, निसुलीगडू से गांव सरकार निवासी नीरज, सफेदपुरा निवासी दानवीर, दिवासा से गांव टाबरी निवासी अखिलेश और राहुल का नाम शामिल है। घायल बोले- देखते ही देखते मंजर बदल गया घायल अमित, मोहित, अजय और सुनील ने बताया कि किसी को भनक नहीं थी कि ऐसा हो जाएगा। सभी अपना-अपना काम करने के लिए सोए हुए थे। रात करीब 12.30 से एक बजे के आसपास ऐसा धमाका हुआ कि किसी को भागने तक का मौका नहीं मिल सका। फैक्ट्री, जिस ईंटों के ऊपर लगे शेड के नीचे बनी थी, वो मंजर बदलते समय नहीं लगा। सब कुछ मलबे में बदल गया। जब होश आया तो कुछ मलबे के नीचे दबे थे तो किसी को ईंट व पत्थरों की चोटें लगी थी। हर कोई चिल्ला रहा था। अभी मामले में जांच जारी : थाना प्रभारी मुक्तसर से किल्लियांवाली थाना एसएचओ करमजीत कौर ने बताया कि यह जमीन तरसेम सिंह के नाम है और उसी ने लाइसेंस के लिए आवेदन अप्लाई किया था। अप्रैल से वेरिफिकेशन शुरू हुई थी। अभी अनुमति नहीं आई थी। इससे पहले इसने पटाखे बनाने काम शुरू कर लिया। अभी मामले में जांच जारी है। चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आर्थिक मदद के लिए रिपोर्ट सरकार को भेजी : एसडीएम बराड़
मुक्तसर से एसडीएम जसपाल सिंह बराड़ ने बताया कि बादल के सरकारी अस्पताल में दाखिल लगभग सभी घायलों को प्रशासन की ओर से बस में बैठाकर उनके घर उत्तर प्रदेश भिजवा दिया है। अभी तीन घायल बठिंडा एआईआईएमएस में दाखिल है, जिनका इलाज चल रहा है और एक को छुट्टी मिल गई है। फैक्ट्री में कुल 49 वर्कर काम कर रहे थे। उसमें 44 वर्कर घायल हुए थे और पांच की मौत हो गई थी। घायल व मृतक वर्करों की आर्थिक मदद के लिए वित्तीय संबंधित स्टेट्स रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज दी है। इसके बाद ही उनको वित्तीय सहायता दी जाएगी। घायलों को प्रशासन ने भी अपने स्तर पर कपड़ा व अन्य आर्थिक सहायता की है। पटाखा फैक्ट्री को किया सील एसडीएम जसपाल सिंह बराड़ ने बताया कि पटाखा फैक्ट्री को सील कर दिया है। तरसेम सिंह मालिक है, जिसने एनओसी लेने के लिए अप्लाई किया था। पहले यह फर्जीवाड़े से ही कोल्ड ड्रिंक बनाने का काम करता था। यह काम ठप होने के बाद उसने पटाखे बनाने की फैक्ट्री बना ली। अब प्रशासन की लगातार उस पर नजर है।