पानीपत जिले के समालखा कस्बे के गांव मनाना अड्डे पर एक स्कूटी सवार युवती का रास्ता रोकर बाइक सवार तीन बदमाशों ने उसे खूब पीटा। बदमाशों ने उसके सिर पर कई बार डंडे मारे। सिर के अलावा भी उसको कई जगह से पीटा गया। खून से लथपथ हालत में युवती को जान से मारने की धमकी देते हुए बदमाश फरार हो गए। मामले की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। युवती, फिलहाल एक निजी अस्पताल के आईसीयू में एडमिट है। बदमाशों में से एक गांव का रहने वाला नेहा ने समालखा थाने में दी शिकायत में बताया कि वह गांव मनाना, तहसील समालखा की रहने वाली है। उसने समालखा में सनराइज इंग्लिश जंक्शन नाम से कोचिंग सेंटर खोल रखा है। 13 दिसंबर की शाम करीब 6 बजे वह सेंटर से स्कूटी पर घर लौट रही थी। रास्ते में जब वह गांव मनाना के बस स्टैंड पर पहुंची तो बाइक सवार तीन युवक उसके सामने आ गए। उन्होंने उसका रास्ता रोक लिया। जैसे ही वह नीचे उतरी तो बदमाशों ने उस पर हमला कर दिया। उन्होंने उसे डंडों से पीटा। बदमाशों ने उसके सिर पर कई बार डंडे मारे। जिससे वह खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर गई। इसके बाद बदमाश उसे जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। उसने बदमाशों में से एक को पहचान लिया। जो उसके ही गांव का काली था। पानीपत जिले के समालखा कस्बे के गांव मनाना अड्डे पर एक स्कूटी सवार युवती का रास्ता रोकर बाइक सवार तीन बदमाशों ने उसे खूब पीटा। बदमाशों ने उसके सिर पर कई बार डंडे मारे। सिर के अलावा भी उसको कई जगह से पीटा गया। खून से लथपथ हालत में युवती को जान से मारने की धमकी देते हुए बदमाश फरार हो गए। मामले की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। युवती, फिलहाल एक निजी अस्पताल के आईसीयू में एडमिट है। बदमाशों में से एक गांव का रहने वाला नेहा ने समालखा थाने में दी शिकायत में बताया कि वह गांव मनाना, तहसील समालखा की रहने वाली है। उसने समालखा में सनराइज इंग्लिश जंक्शन नाम से कोचिंग सेंटर खोल रखा है। 13 दिसंबर की शाम करीब 6 बजे वह सेंटर से स्कूटी पर घर लौट रही थी। रास्ते में जब वह गांव मनाना के बस स्टैंड पर पहुंची तो बाइक सवार तीन युवक उसके सामने आ गए। उन्होंने उसका रास्ता रोक लिया। जैसे ही वह नीचे उतरी तो बदमाशों ने उस पर हमला कर दिया। उन्होंने उसे डंडों से पीटा। बदमाशों ने उसके सिर पर कई बार डंडे मारे। जिससे वह खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर गई। इसके बाद बदमाश उसे जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। उसने बदमाशों में से एक को पहचान लिया। जो उसके ही गांव का काली था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पूर्व मंत्री अनिल विज का कांग्रेस पर अटैक:बोले- हिसाब मांगने निकले, कारनामें इनके सामने आए; बापू-बेटे को हिंद महासागर में फेंकेगी लहर
पूर्व मंत्री अनिल विज का कांग्रेस पर अटैक:बोले- हिसाब मांगने निकले, कारनामें इनके सामने आए; बापू-बेटे को हिंद महासागर में फेंकेगी लहर हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री एवं विधायक अनिल विज ने रविवार को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को घेरा। मजाकिया लहजे में तंज कसते हुए विज ने कहा कि “कांग्रेस के बापू-बेटे (भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा) को एक लहर महसूस हो रही है, जो इनको उड़ाकर हिंद महासागर में फेंक देगी”। विज ने कहा कि “कांग्रेस बाहर निकली है भाजपा का हिसाब मांगने, लेकिन सामने आ रहा है कांग्रेस का हिसाब, जो उन्होंने किया है”। इसी प्रकार, उन्होंने कहा कि “आम आदमी पार्टी अब जमानत जब्त पार्टी हो चुकी है। हर प्रदेश में जाकर लोगों को लालच देते हैं, लेकिन लोगों ने इन्हें ठुकरा दिया है”। अनिल विज आज अंबाला में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। आप द्वारा सभी 90 विधानसभा सीटों पर अकेले लड़ने और सुनीता केजरीवाल द्वारा 24 घंटे मुफ्त बिजली और हर महिला को 1 हजार रुपए सहित केजरीवाल की 5 गारंटी पर अनिल विज ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि आप अब जमानत जब्त पार्टी हो गई है और इनके लालच देने वाले फार्मूले को अब जनता ने ठुकरा दिया है। दिल्ली में ये पूरी तरह साफ हो गई और पंजाब में भी उन्हें सफलता नहीं मिली है। पूरे देश में जहां जहां भी इन्होंने अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, उनकी जमानतें जब्त हुई हैं। अब इस पार्टी का कोई किरदार नहीं रह गया क्योंकि जो बातें करके ये सत्ता में आए थे उससे ये यू टर्न हो गए हैं। सोनीपत से कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को ईडी द्वारा गिरफ्तार करने पर पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने अपने ही अंदाज में गीत गुनगुनाकर तंज कसते हुए कहा कि “सरकता जा रहा कांग्रेस के चेहरे से नकाब आहिस्ता आहिस्ता, सामने आ रहा है कांग्रेस की लूट का हिसाब आहिस्ता आहिस्ता”। कांग्रेस बाहर निकली है, भाजपा का हिसाब मांगने, लेकिन सामने आ रहा है कांग्रेस का हिसाब। इनके कई लोग अंदर जा चुके हैं। उनसे करोड़ों की अर्जित की हुई संपत्ति सामने आई है। ईडी द्वारा कांग्रेस विधायक पर की गई कार्यवाही पर दीपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि कांग्रेस की एक लहर चल रही है, जिससे भाजपा डर रही है और ईडी का उपयोग कर रही है। इस पर तंज कसते हुए विज ने कहा कि “हां एक लहर चल रही है जो कांग्रेस के बापू बेटे को उड़ा कर हिंद महासागर में फेंक देगी, वो आंधी और तूफान चल रहा हैं, जो इनको यहां से उखाड़ के फेंक देगी”।
हरियाणा में पूर्व MLA ने हार का गुस्सा निकाला:रिजल्ट आते ही लड़कियों की 18 फ्री बसें बंद की; बोले- अब नया विधायक चलाए
हरियाणा में पूर्व MLA ने हार का गुस्सा निकाला:रिजल्ट आते ही लड़कियों की 18 फ्री बसें बंद की; बोले- अब नया विधायक चलाए हरियाणा में रोहतक की महम सीट से चुनाव हारने वाले पूर्व MLA बलराज कुंडू ने लड़कियों के लिए मुफ्त बस सेवा बंद कर दी है। हरियाणा जनसेवक पार्टी के नेता कुंडू ने कहा कि नए MLA अब से बसें चलाएं। कुंडू ने हार के बाद समर्थकों की मीटिंग बुलाई थी। जिसमें इलाके के वोटरों को लेकर गुस्सा जाहिर किया गया। उनका कहना था कि कुंडू ने मुफ्त बसें चलाईं, इसके बावजूद उन्हें हरवा दिया गया। वहीं कुंडू का कहना है कि समर्थकों का गुस्सा था कि लड़कियों को स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी ले जाने वाली फ्री बसें बंद की जाएं। लोगों ने उनकी समाज सेवा का गलत नतीजा दिया है। इसलिए सभी 18 बसें बंद कर दी गई हैं। बलराज कुंडू महम विधानसभा क्षेत्र के गांवों से महम और रोहतक के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों तक बेटियों को लाने और ले जाने के लिए 18 बसें बंद कर दी हैं। बलराज कुंडू ने कहा कि उनका मन बहुत दुखी है। उसने समाज सेवा को राजनीति के लिए नहीं चुना था। मगर, कार्यकर्ताओं का कहना है कि कुछ साल नए विधायक को बेटियों के लिए बसें चलाने का मौका दिया जाना चाहिए। बसों में 40-42 गांवों की लड़कियां करती हैं सफर
बलराज कुंडू ने 2017-18 में लड़कियों के लिए निशुल्क बसें शुरू की थी। शुरू में 8 बसें चलाई थी और बाद में लगातार बसों की संख्या बढ़ाई गई और अब 18 बसें चल रही थी। इन बसों से लगभग 40-42 गांवों की लड़कियां स्कूल-कॉलेज व यूनिर्सिटी में आती-जाती थी। जिससे लड़कियों को भी सुविधा मिली हुई थी और परिवार पर कोई आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ता था। वहीं सुरक्षित स्कूल, कॉलेज व यूनिवर्सिटी में पढ़ने पहुंच पाती और वापस घर लौट पाती। हर रोज 100 किलोमीटर से ज्यादा सफर करती हैं प्रत्येक बस
इन बसों में लड़कियां हर रोज रोहतक अपने कॉलेज व यूनिवर्सिटी आती-जाती थीं। रोहतक शहर से लड़कियों के गांव 30-40 किलोमीटर पड़ते है ओर लगभग एक बस प्रतिदिन 100 किलोमीटर का सफर करती थी। बसें बंद होने के बाद लड़कियों के पास रोडवेज बसें, प्राइवेट बसें, ऑटो या निजी वाहन में पढ़ने जाने का ऑप्शन बचा हैं। ऐसे में पढ़ने के लिए रोहतक आने वाली लड़कियों को परेशान होना पड़ेगा। निर्दलीय उम्मीदवार बोलीं- कुंडू की सच्चाई सामने आई
महम से निर्दलीय उम्मीदवार रहीं राधा अहलावत ने कहा कि एक चुनाव हार जाने के बाद ही हजपा प्रत्याशी रहे बलराज कुंडू ने बेटियों के लिए चलाई जा रही बसों को बंद कर दिया है। जबकि हमारा परिवार तो 5 चुनाव हार चुका है, इसके बावजूद उनके पति शमशेर खरकड़ा और वे परिवार के साथ हलके के लोगों की सेवा में लगे रहेंगे। भले ही चुनाव हार गए हैं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है। लोगों की सेवा और राजनीति में बदलाव को लेकर वे महम में राजनीति करने आए थे। हजपा नेता बलराज कुंडू की सच्चाई लोगों के सामने आ गई है।
गन्नौर में तिकोने मुकाबले में फंसी BJP- कांग्रेस:कुलदीप- कौशिक को लेकर ब्राह्मण वोटर्स उलझन में; निर्दलीय देवेंद्र ने बनाया चुनाव रोचक
गन्नौर में तिकोने मुकाबले में फंसी BJP- कांग्रेस:कुलदीप- कौशिक को लेकर ब्राह्मण वोटर्स उलझन में; निर्दलीय देवेंद्र ने बनाया चुनाव रोचक हरियाणा के सोनीपत में गन्नौर विधानसभा सीट पर भाजपा-कांग्रेस तिकोने मुकाबले में फंस गई है। इस सीट पर भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे देवेंद्र कादियान ने जाट वोट बैंक और पिछड़े वर्ग में सेंध लगा कर BJP के देवेंद्र कौशिक और कांग्रेस के कुलदीप शर्मा को कड़ी चुनौती दी है। गन्नौर सीट पर हर चुनाव में प्रत्याशियों में कड़ा मुकाबला रहा है। 13 चुनाव में से 6 चुनाव में प्रत्याशी 2 हजार वोटों से कम के अंतर में जीते हैं। कुलदीप व देवेंद्र के लिए एक समस्या यह भी है कि दोनों ही ब्राह्मण समाज से हैं और अपने समाज को अपने पक्ष में करने के लिए दोनों का पूरा जोर लगा है। इन सबके बीच हलके में या तो भीड़ कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा की सभाओं में देखने को मिल रही है या फिर निर्दलीय देवेंद्र कादियान की सभा में। भीड़ को वोट मे कौन बदल पाता है, ये यहां देखने वाली बात होगी। गन्नौर विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा ने निर्वतमान विधायक निर्मल चौधरी की टिकट काट कर नए चेहरे देवेंद्र कौशिक को मैदान में उतारा है। देवेंद्र कौशिक के भाई रमेश कौशिक सांसद एवं विधायक रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने यहां से विधायक व स्पीकर रह चुके कुलदीप शर्मा पर ही दांव खेला है। भाजपा सरकार में युवा आयोग के चेयरमैन रहे देवेंद्र कौशिक टिकट कटने के बाद भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा पर टिकट 100 करोड़ में बेचने के सनसनीखेज आरोप तक लगा चुके हैं। गन्नौर विधानसभा में कुल 1 लाख 95 हजार के करीब वोटर हैं। राजनीतिक दलों के नेताओं की मानें तो यहां पर जाट वोटरों की संख्या 60 हजार से ज्यादा है। मुस्लिम समाज भी यहां करीब 17-18 हजार वोटों के साथ निर्णायक की भूमिका में है। वहीं ब्राह्मण समाज के वोटों की संख्या 22 हजार से ज्यादा मानी जा रही है। पट्टी ब्राह्मण, खेड़ी तगा, सनपेड़ा जैसे कई गांव में ब्राह्मण बाहुल्य हैं। अन्य वोट एससी-बीसी समाज के हैं। हुड्डा पर बाजी पलटने का दारोमदार गन्नौर हलके में जाट समाज को कांग्रेस अपना सबसे मजबूत कैडर मान कर चली रही है। इसका सबसे बड़ा कारण भूपेंद्र सिंह हुड्डा को माना जा रहा है। कभी दीपेंद्र हुड्डा के खास रहे देवेंद्र कादियान ही अब कांग्रेस को इस वर्ग में चुनौती दे रहे हैं। करनाल में रहने वाले पूर्व विधायक कुलदीप शर्मा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस के परम्परागत वोट बैंक के साथ अपने समाज के वोट बैंक को अपने पक्ष में मान रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा यहां लगातार दौरे कर कुलदीप के लिए वोट की अपील कर रहे हैं। भाजपा वरिष्ठ नेता प्रचार से दूर भाजपा गन्नौर में तिकोने मुकाबले में तो खड़ी है, लेकिन फिलहाल इसकी स्थिति चुनाव जीतने जैसी नहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेता फिलहाल गन्नौर में वोट की अपील के लिए नहीं पहुंचे हैं। देवेंद्र कौशिक व इनके भाई पूर्व सांसद रमेश कौशिक लोगों के बीच में है। भाजपा के सीएम चेहरे व कार्यकारी सीएम नायब सैनी यहां भाजपा प्रत्याशी का नामांकन कराने आए थे। पूर्व विधायक निर्मल चौधरी जरूर साथ खड़ी है। पूर्व जिला प्रधान तीरथ राणा भी कभी कभार प्रचार को आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में मिली 1700 की बढ़त लोकसभा चुनाव की बात करें तो सोनीपत लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मोहन लाल बड़ौली ने गन्नौर हलके से करीब 1700 वोटों से बढ़त ली थी। बड़ौली ने तत्कालीन विधायक निर्मल चौधरी पर खिलाफत के आरोप लगाए थे। निर्मल के पति के नाम से कई ऑडियो भी वायरल हुए थे। उस समय बागी देवेंद्र कादियान भी भाजपा के साथ थे। वोटों का ये अंतर अब भाजपा को विधानसभा चुनाव में चिंतित किए हुए है। गन्नौर में हर चुनाव में कड़ा मुकाबला, निर्दलीय भी जीते गन्नौर में वर्ष 1967 से अब तक विधानसभा के 13 चुनाव हो चुके हैं। गन्नौर विधानसभा सीट 2005 में अस्तित्व में आई है। इससे पहले इसे कैलाना हलके के नाम से जाना जाता था। इस सीट पर हर बार प्रत्याशियों में मुकाबला कड़ा व आमने सामने का रहा है। 6 चुनाव में तो प्रत्याशी की जीत का अंतर 2000 वोटों से नीचे रहा है। यहां पर 1972 व 1982 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं। 1987 में लोकदल के वेद सिंह ने निर्दलीय राजिंद्र सिंह को 17,614 वोटों से हराया और यह गन्नौर के इतिहास में आज तक की सबसे बड़ी जीत है। वर्ष 2009 व 2019 के चुनाव में जीत की अंतर 10 हजार से थोड़ा उपर रहा। 2000 के चुनाव में कांग्रेस के जितेंद्र मलिक इनेलो से मात्र 740 वोटों से जीते थे। गन्नौर (2005 तक कैलाना) सीट का इतिहास…