हरियाणा के पानीपत में आज रेलवे ट्रैक पर लोहे की एंगल रखकर ट्रेन पलटने की साजिश रची गई। हालांकि इंजन के लोको पायलट की नजर इस एंगल पर पड़ गई, जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया। लोको पायलट ने एंगल को रेलवे ट्रैक से हटाया और मामले की सूचना स्टेशन पर दी। इसकी सूचना राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) तक पहुंची। इसके बाद GRP टीम मौके पर पहुंची और सभी एंगल से जांच की। बाद में रेलवे के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ रेलवे एक्ट 150 के तहत केस दर्ज किया गया। यह साजिश ठीक उसी जगह जगह रची गई, जहां करीब 18 साल पहले भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट हुआ था। अब इस ताजा मामले की जांच शुरू कर दी गई है। डाउन लाइन पर रखा गया था एंगल
GRP प्रभारी SI बलवान सिंह ने बताया है कि सुबह करीब 6:42 बजे एक लिखित मीमो स्टेशन मास्टर की ओर से थाने में मिला था। इसमें लिखा था कि ब्लॉक सेक्शन पानीपत-दीवाना के बीच डीएन लाइन पर लोहे का एक टुकड़ा ट्रैक पर रखा हुआ पाया गया है। इस संबंध में उचित कार्रवाई की जाएगी। मीमो से मामला स्पष्ट न होने के चलते मौके पर GRP की टीम पहुंची। वहां जांच के दौरान पता लगा कि एक लोहे का त्रिकोणीय एंगल ट्रैक पर मिला था। उसकी लंबाई करीब 20 फुट थी। उसकी मोटाई करीब 2 इंच थी। यह एंगल डाउन मेन लाइन पर रखी थी। लोको पायलट की पड़ी नजर
पानीपत से दीवाना स्टेशन जा रहे पावर इंजन के लोको पायलट की नजर इस एंगल पर पड़ी। स्पीड ज्यादा न होने के चलते इंजन को रोका गया। इसके बाद पायलट ने उस एंगल को उठाकर साइड में रख दिया था। साथ ही स्टेशन मास्टर को सूचना दी। थाना प्रभारी बलवान के अनुसार, यह एंगल दोनों ट्रैक पर रखा गया था। इसके पीछे रेलगाड़ी को नुकसान पहुंचाने की नीयत थी। इसके बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। साथ ही मौके के सभी CCTV कैमरे खंगाले जा रहे हैं। आरोपियों की तलाश की जा रही है। पानीपत के दीवाना स्टेशन के पास हुआ था ट्रेन में धमाका
बता दें कि, 18 फरवरी 2007 को उस समय भारत-पाकिस्तान के बीच सप्ताह में 2 दिन चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में रात करीब 11:53 बजे बम धमाका हुआ था। ब्लास्ट में 68 लोगों की मौत हो गई थी और 13 लोग घायल हो गए थे। धमाके में जान गंवाने वालों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे। मारे गए 68 लोगों में 16 बच्चों समेत 4 रेलवे कर्मी भी शामिल थे। यह हादसा पानीपत के दीवाना स्टेशन के पास ही हुआ था। इंदौर से जुड़े थे ब्लास्ट के तार
इस मामले में 15 मार्च 2007 को हरियाणा पुलिस ने इंदौर से 2 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। यह इन धमाकों के सिलसिले में की गई पहली गिरफ्तारी थी। पुलिस इन तक सूटकेस के कवर के सहारे पहुंच पाई थी। सूटकेस के कवर इंदौर के एक बाजार से घटना के चंद दिनों पहले ही खरीदे गए थे। बाद में इसी तर्ज पर हैदराबाद की मक्का मस्जिद, अजमेर दरगाह और मालेगांव में भी धमाके हुए। इन सभी मामलों के तार आपस में जुड़े हुए बताए गए थे। हरियाणा के पानीपत में आज रेलवे ट्रैक पर लोहे की एंगल रखकर ट्रेन पलटने की साजिश रची गई। हालांकि इंजन के लोको पायलट की नजर इस एंगल पर पड़ गई, जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया। लोको पायलट ने एंगल को रेलवे ट्रैक से हटाया और मामले की सूचना स्टेशन पर दी। इसकी सूचना राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) तक पहुंची। इसके बाद GRP टीम मौके पर पहुंची और सभी एंगल से जांच की। बाद में रेलवे के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ रेलवे एक्ट 150 के तहत केस दर्ज किया गया। यह साजिश ठीक उसी जगह जगह रची गई, जहां करीब 18 साल पहले भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट हुआ था। अब इस ताजा मामले की जांच शुरू कर दी गई है। डाउन लाइन पर रखा गया था एंगल
GRP प्रभारी SI बलवान सिंह ने बताया है कि सुबह करीब 6:42 बजे एक लिखित मीमो स्टेशन मास्टर की ओर से थाने में मिला था। इसमें लिखा था कि ब्लॉक सेक्शन पानीपत-दीवाना के बीच डीएन लाइन पर लोहे का एक टुकड़ा ट्रैक पर रखा हुआ पाया गया है। इस संबंध में उचित कार्रवाई की जाएगी। मीमो से मामला स्पष्ट न होने के चलते मौके पर GRP की टीम पहुंची। वहां जांच के दौरान पता लगा कि एक लोहे का त्रिकोणीय एंगल ट्रैक पर मिला था। उसकी लंबाई करीब 20 फुट थी। उसकी मोटाई करीब 2 इंच थी। यह एंगल डाउन मेन लाइन पर रखी थी। लोको पायलट की पड़ी नजर
पानीपत से दीवाना स्टेशन जा रहे पावर इंजन के लोको पायलट की नजर इस एंगल पर पड़ी। स्पीड ज्यादा न होने के चलते इंजन को रोका गया। इसके बाद पायलट ने उस एंगल को उठाकर साइड में रख दिया था। साथ ही स्टेशन मास्टर को सूचना दी। थाना प्रभारी बलवान के अनुसार, यह एंगल दोनों ट्रैक पर रखा गया था। इसके पीछे रेलगाड़ी को नुकसान पहुंचाने की नीयत थी। इसके बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। साथ ही मौके के सभी CCTV कैमरे खंगाले जा रहे हैं। आरोपियों की तलाश की जा रही है। पानीपत के दीवाना स्टेशन के पास हुआ था ट्रेन में धमाका
बता दें कि, 18 फरवरी 2007 को उस समय भारत-पाकिस्तान के बीच सप्ताह में 2 दिन चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में रात करीब 11:53 बजे बम धमाका हुआ था। ब्लास्ट में 68 लोगों की मौत हो गई थी और 13 लोग घायल हो गए थे। धमाके में जान गंवाने वालों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे। मारे गए 68 लोगों में 16 बच्चों समेत 4 रेलवे कर्मी भी शामिल थे। यह हादसा पानीपत के दीवाना स्टेशन के पास ही हुआ था। इंदौर से जुड़े थे ब्लास्ट के तार
इस मामले में 15 मार्च 2007 को हरियाणा पुलिस ने इंदौर से 2 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। यह इन धमाकों के सिलसिले में की गई पहली गिरफ्तारी थी। पुलिस इन तक सूटकेस के कवर के सहारे पहुंच पाई थी। सूटकेस के कवर इंदौर के एक बाजार से घटना के चंद दिनों पहले ही खरीदे गए थे। बाद में इसी तर्ज पर हैदराबाद की मक्का मस्जिद, अजमेर दरगाह और मालेगांव में भी धमाके हुए। इन सभी मामलों के तार आपस में जुड़े हुए बताए गए थे। हरियाणा | दैनिक भास्कर