हरियाणा के पानीपत शहर में तीसरे दिन फिर भीषण आग लग गई। शहर के कृष्णपुरा स्थित एक धागा फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। यह आग रात को लगी थी। दस घंटे बाद भी सुबह 10 बजे तक आग सुलग रही है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आग पर पूरी तरह काबू पाने में जुटी हुई हैं। आग में भारी नुकसान की आशंका है। गनीमत रही कि आग में कोई जनहानि नहीं हुई है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां फैक्ट्री के चारों तरफ से पानी की बौछार कर आग बुझाने का प्रयास कर रही हैं। काफी देर आग लगने के बाद स्थानीय लोगों ने देखा जानकारी के अनुसार कृष्णपुरा में ये धागा फैक्ट्री है। जिसमें रात करीब 12 बजे संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट से चिंगारी उठी थी। जो चिंगारी धागों पर गिरी। जिसके बाद वह आग लग गई। चंद समय में ही आग ने विकराल रूप ले लिया। देखते ही देखते आग फैक्ट्री में फैलने लगी। काफी देर तक आग लगती रही, तो इसे देख इसकी जानकारी स्थानीय लोगों ने फैक्ट्री मालिक को दी। सूचना मिलते ही वह तुरंत मौके पर पहुंचा। जिसके बाद उसने दमकल को भी सूचित किया। सूचना मिलते ही दमकल मौके पर पहुंची। जो रातभर से ही आग को बुझाने की कोशिश कर रही है। हालांकि आग काबू में है। लेकिन पूरी तरह नहीं बुझी है। हरियाणा के पानीपत शहर में तीसरे दिन फिर भीषण आग लग गई। शहर के कृष्णपुरा स्थित एक धागा फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। यह आग रात को लगी थी। दस घंटे बाद भी सुबह 10 बजे तक आग सुलग रही है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आग पर पूरी तरह काबू पाने में जुटी हुई हैं। आग में भारी नुकसान की आशंका है। गनीमत रही कि आग में कोई जनहानि नहीं हुई है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां फैक्ट्री के चारों तरफ से पानी की बौछार कर आग बुझाने का प्रयास कर रही हैं। काफी देर आग लगने के बाद स्थानीय लोगों ने देखा जानकारी के अनुसार कृष्णपुरा में ये धागा फैक्ट्री है। जिसमें रात करीब 12 बजे संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट से चिंगारी उठी थी। जो चिंगारी धागों पर गिरी। जिसके बाद वह आग लग गई। चंद समय में ही आग ने विकराल रूप ले लिया। देखते ही देखते आग फैक्ट्री में फैलने लगी। काफी देर तक आग लगती रही, तो इसे देख इसकी जानकारी स्थानीय लोगों ने फैक्ट्री मालिक को दी। सूचना मिलते ही वह तुरंत मौके पर पहुंचा। जिसके बाद उसने दमकल को भी सूचित किया। सूचना मिलते ही दमकल मौके पर पहुंची। जो रातभर से ही आग को बुझाने की कोशिश कर रही है। हालांकि आग काबू में है। लेकिन पूरी तरह नहीं बुझी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद में यमुना में डूबे 3 युवक:2 को लोगों ने बचाया, एक की मौत, दादी की अस्थि विसर्जन के लिए गए थे फरीदाबाद से एक परिवार के 10 से 12 सदस्य अपने बुजुर्ग की अस्थियां बहाने के लिए यमुना गए थे। अस्थि विसर्जन के लिए पर परिवार के 3 लोग यमुना में घुसे थे जैसे ही वे कुछ दूरी पर गए तो गहरे पानी में डूबने लगे। शोर सुनकर अन्य लोगों ने उन्हें बचाने के लिए यमुना में छलांग लगा दी। जिनमें से 2 को लोगों ने बाहर निकाल लिया। वहीं एक युवक गहरे पानी में डूब गया। अस्थि विसर्जन के लिए गए थे परिवार के लोग बता दे कि गुरुवार को फरीदाबाद की इंदिरा कॉलोनी में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी। जिसकी अस्थियों को लेकर आज उसके तीन पोते सुमित, अमित और दीपक सहित घर के अन्य सदस्य छायासा इलाके से होकर गुजर रही यमुना में अपनी दादी की अस्थियों को लेकर बहाने के लिए गए थे। तीनों पोते अस्थियां लेकर यमुना में घुसे और कुछ दूर जाने के बाद डूबने लगे। शोर सुनकर पास के ग्रामीणों ने यमुना में छलांग लगा दी। सुमित और अमित को तो ग्रामीणों द्वारा बचा लिया गया। लेकिन 29 वर्षीय दीपक गहरे पानी में डूब गया। जिसका कुछ भी पता नहीं चल पाया। दीपक शादीशुदा था, जिसके दो बच्चे है। 6 घंटे बाद बरामद हुआ शव घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और एनडीआरएफ की टीम डूबे हुए दीपक की तलाश में जुटी गई है। 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद यमुना में डूबे हुए दीपक के शव को बरामद कर लिया गया। फिलहाल दीपक के शव को पोस्टमार्टम के लिए फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है।
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वहीं प्रदूषण फैलाने वाले कारणों पर सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। पराली के साथ-साथ इंडस्ट्रीज पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। सोनीपत में प्रदूषण फैलाने पर 2 इंडस्ट्रीज को सील किया गया है। वहीं 13 इंडस्ट्रीज को नोटिस दिया गया है। इसके अलावा 6 डीजी सेट को भी सील किया गया है। अन्य ईकाई पर 21 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। WHO के मुताबिक वायु प्रदूषण से इन बीमारियों का खतरा 1. अस्थमा: सांस लेने में कठिनाई होती है, छाती में दबाव महसूस होता है और खांसी भी आती है। ऐसा तब होता है जब व्यक्ति की श्वसन नली में रुकावट आने लगती है। यह रुकावट एलर्जी (हवा या प्रदूषण) और कफ से आती है। कई रोगियों में यह भी देखा गया है कि सांस लेने की नली में सूजन भी आ जाती है। 2. फेफड़ों का कैंसर: स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) प्रदूषण और धूम्रपान से होने वाला कैंसर है। इसका पता तब चलता है जब SCLC शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैल चुका होता है। साथ ही, नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) तीन तरह के होते हैं। एडेनोकार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और लार्ज सेल कार्सिनोमा। 3. हार्ट अटैक : वायु प्रदूषण से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। जहरीली हवा के PM 2.5 के बारीक कण खून में चले जाते हैं। इससे धमनियां सूज जाती हैं। 4. बच्चों में सांस की दिक्कत: बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है। यह नाक, गले और फेफड़ों को संक्रमित करता है, जो सांस लेने में मदद करने वाले अंग हैं। बच्चों को इस बीमारी का खतरा अधिक होता है। 5 साल से कम उम्र के बच्चे इस बीमारी से सबसे ज्यादा मरते हैं। 5. क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) : क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) एक सांस संबंधी बीमारी है जिसमें मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है। यह बहुत खतरनाक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सबसे ज्यादा लोग सीओपीडी से मरते हैं।
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