पानीपत में प्रापर्टी टैक्स के डिफाल्टरों के खिलाफ नगर निगम की बड़े स्तर पर कार्रवाई जारी है। लगातार तीसरे दिन शनिवार को फिर टीम संयुक्त आयुक्त संजय कुमार के नेतृत्व में फील्ड में उतरी। टीम ने चार बड़े बकायदारों के यहां रेड की। जिस दौरान टीम ने जाटल रोड स्थित जगजीवन राम कॉलोनी में बकायदारों के यहां दस्तक दी। टीम ने फैशन क्रॉफ्ट गोदाम पर रेड़ की। रेड़ के दौरान टीम को यहां गोदाम मालिक मिले। यहां आशा नारंग और शकुंलता नारंग मालिकों पर नगर निगम ने 6 लाख 33 हजार 487 रुपए का टैक्स बकाया होने संबंधित नोटिस दिया। हालांकि आनन-फानन में मालिकों ने 3 लाख रुपए भी जमा करवाए। लेकिन निगम ने सीलिंग कार्रवाई करते हुए गोदाम को सील कर दिया। वहीं, बाकी तीन जगहों पर मालिक न मिलने के चलते किराएदारों को कहा गया कि वे निगम की कार्रवाई के बारे में उन्हें अवगत करवाते हुए टैक्स जमा करवाने को कहा गया। पहले दिन यहां हुई थी कार्रवाई
पहले दिन टीम महेंद्र शोरूम पहुंची। 10 लाख रुपए से अधिक की बकाया राशि जमा नहीं कराने पर जब सीलिंग की कार्रवाई शुरू की तो मालिक ने तुरंत प्रभाव से बकाया राशि निगम की टीम को उपलब्ध करा दी। इसी प्रकार आरती नर्सिंग होम, तलवार अस्पताल, प्रिंस टैक्सों फैब ने भी निगम की टीम के एक्शन मोड को देखते हुए बकाया प्रापर्टी टैक्स की राशि को जमा करा दिया। सीलिंग की कार्रवाई से बचने के लिए संस्थानों ने प्राथमिकता से राशि जमा करा दी, लेकिन उनको टैक्स में रिबेट नहीं दी गई। हालांकि त्रिपाठी मारबल का केस सेटल्ड तो हुआ, लेकिन बकाया राशि जमा नहीं हो पाई। गौरतलब है कि निगम आयुक्त ने टैक्स के बकायादारों की प्रापर्टी सील करने के लिए नोटिस जारी किए थे। निगम के मुताबिक शहर में 87 ऐसी प्रापर्टियां हैं जिन पर 30 करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स बकाया है। लगातार कार्रवाई के मूड़ में निगम, स्थायी पुलिस बल मिला
निगम ने प्रापर्टी टैक्स की वसूली के लिए स्थायी पुलिस सुरक्षा मांगी थी, जो मिल चुकी है। अब निगम रूटीन में इस कार्रवाई को जारी रखेगा। अक्सर समय पर पुलिस सुरक्षा नहीं मिलने के कारण प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी के लिए गठित टीमें कार्रवाई नहीं कर पाती थी। ऐसे में अब संभव है कि नगर निगम की यह कार्रवाई बड़े स्तर पर चलेगी। फिलहाल निगम ने एक लाख रुपए से ऊपर के बकायदारों की सूची बनाई हुई है। इसके बाद 50 हजार से ऊपर के डिफाल्टरों की सूची भी तैयार की जाएगी। छूट देने के बावजूद भी बकाया कर नहीं जमा कराते लोग
अब तक देखने को मिला है कि छूट घोषित होने के बाद भी लोगों ने प्रापर्टी टैक्स की बकाया राशि को जमा नहीं कराया है। छूट के बाद भी टैक्स वसूली का ज्यादा असर नहीं दिखा तो निगम ने एक्शन प्लान तैयार कर फील्ड में उतरना शुरू किया। हालांकि इस कार्रवाई के रिजल्ट भी सामने आ रहे रहे हैं। लोग प्रापर्टी सीलिंग के डर से बकाया टैक्स जमा करा रहे हैं। पानीपत में प्रापर्टी टैक्स के डिफाल्टरों के खिलाफ नगर निगम की बड़े स्तर पर कार्रवाई जारी है। लगातार तीसरे दिन शनिवार को फिर टीम संयुक्त आयुक्त संजय कुमार के नेतृत्व में फील्ड में उतरी। टीम ने चार बड़े बकायदारों के यहां रेड की। जिस दौरान टीम ने जाटल रोड स्थित जगजीवन राम कॉलोनी में बकायदारों के यहां दस्तक दी। टीम ने फैशन क्रॉफ्ट गोदाम पर रेड़ की। रेड़ के दौरान टीम को यहां गोदाम मालिक मिले। यहां आशा नारंग और शकुंलता नारंग मालिकों पर नगर निगम ने 6 लाख 33 हजार 487 रुपए का टैक्स बकाया होने संबंधित नोटिस दिया। हालांकि आनन-फानन में मालिकों ने 3 लाख रुपए भी जमा करवाए। लेकिन निगम ने सीलिंग कार्रवाई करते हुए गोदाम को सील कर दिया। वहीं, बाकी तीन जगहों पर मालिक न मिलने के चलते किराएदारों को कहा गया कि वे निगम की कार्रवाई के बारे में उन्हें अवगत करवाते हुए टैक्स जमा करवाने को कहा गया। पहले दिन यहां हुई थी कार्रवाई
पहले दिन टीम महेंद्र शोरूम पहुंची। 10 लाख रुपए से अधिक की बकाया राशि जमा नहीं कराने पर जब सीलिंग की कार्रवाई शुरू की तो मालिक ने तुरंत प्रभाव से बकाया राशि निगम की टीम को उपलब्ध करा दी। इसी प्रकार आरती नर्सिंग होम, तलवार अस्पताल, प्रिंस टैक्सों फैब ने भी निगम की टीम के एक्शन मोड को देखते हुए बकाया प्रापर्टी टैक्स की राशि को जमा करा दिया। सीलिंग की कार्रवाई से बचने के लिए संस्थानों ने प्राथमिकता से राशि जमा करा दी, लेकिन उनको टैक्स में रिबेट नहीं दी गई। हालांकि त्रिपाठी मारबल का केस सेटल्ड तो हुआ, लेकिन बकाया राशि जमा नहीं हो पाई। गौरतलब है कि निगम आयुक्त ने टैक्स के बकायादारों की प्रापर्टी सील करने के लिए नोटिस जारी किए थे। निगम के मुताबिक शहर में 87 ऐसी प्रापर्टियां हैं जिन पर 30 करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स बकाया है। लगातार कार्रवाई के मूड़ में निगम, स्थायी पुलिस बल मिला
निगम ने प्रापर्टी टैक्स की वसूली के लिए स्थायी पुलिस सुरक्षा मांगी थी, जो मिल चुकी है। अब निगम रूटीन में इस कार्रवाई को जारी रखेगा। अक्सर समय पर पुलिस सुरक्षा नहीं मिलने के कारण प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी के लिए गठित टीमें कार्रवाई नहीं कर पाती थी। ऐसे में अब संभव है कि नगर निगम की यह कार्रवाई बड़े स्तर पर चलेगी। फिलहाल निगम ने एक लाख रुपए से ऊपर के बकायदारों की सूची बनाई हुई है। इसके बाद 50 हजार से ऊपर के डिफाल्टरों की सूची भी तैयार की जाएगी। छूट देने के बावजूद भी बकाया कर नहीं जमा कराते लोग
अब तक देखने को मिला है कि छूट घोषित होने के बाद भी लोगों ने प्रापर्टी टैक्स की बकाया राशि को जमा नहीं कराया है। छूट के बाद भी टैक्स वसूली का ज्यादा असर नहीं दिखा तो निगम ने एक्शन प्लान तैयार कर फील्ड में उतरना शुरू किया। हालांकि इस कार्रवाई के रिजल्ट भी सामने आ रहे रहे हैं। लोग प्रापर्टी सीलिंग के डर से बकाया टैक्स जमा करा रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
