पानीपत के नेशनल हाईवे पर समालखा के सामुदायिक अस्पताल के सामने फ्लाईओवर पर पानीपत से दिल्ली की ओर जा रही एक आई-10 कार में अचानक धुआं उठने लगा और देखते ही देखते कार धू-धू कर जलने लगी। गनीमत रही की कार में सवार दम्पति सुरक्षित बाहर निकल गए। शुक्रवार देर रात साढ़े 12 बजे कार से धुआं उठने लगा यह देखकर ड्राइवर ने गाड़ी को फ्लाईओवर के ऊपर ही साइड में लगाया। ड्राइवर के साथ गाड़ी में एक महिला भी मौजूद थी। दोनों ने आनन-फानन में गाड़ी से सारा सामान बाहर निकाला। देखते ही देखते गाड़ी को बड़ी-बड़ी आग की लपटो ने अपनी चपेट में लिया। इसके बाद आगजनी की सूचना फायर बिग्रेड और पुलिस को दी गई। मौके पर समालखा हाईवे ट्रैफिक इंचार्ज मनोज अपनी टीम के साथ पहुंचे और रूट को डायवर्ट किया। इसके बाद फायर बिग्रेड की गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। आग बुझाने के बाद सुचारू रूप से ट्रैफिक को चलाया गया। समालखा हाईवे ट्रैफिक इंचार्ज मनोज कुमार ने बताया कि हमें कॉल आई थी कि हाईवे पर एक गाड़ी में आग लग गई है। जिसको मौके पर जाकर देखा तो हुंडई की आई-10 पेट्रोल गाड़ी में आग लगी हुई थी। गाड़ी में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई गई है। पानीपत के नेशनल हाईवे पर समालखा के सामुदायिक अस्पताल के सामने फ्लाईओवर पर पानीपत से दिल्ली की ओर जा रही एक आई-10 कार में अचानक धुआं उठने लगा और देखते ही देखते कार धू-धू कर जलने लगी। गनीमत रही की कार में सवार दम्पति सुरक्षित बाहर निकल गए। शुक्रवार देर रात साढ़े 12 बजे कार से धुआं उठने लगा यह देखकर ड्राइवर ने गाड़ी को फ्लाईओवर के ऊपर ही साइड में लगाया। ड्राइवर के साथ गाड़ी में एक महिला भी मौजूद थी। दोनों ने आनन-फानन में गाड़ी से सारा सामान बाहर निकाला। देखते ही देखते गाड़ी को बड़ी-बड़ी आग की लपटो ने अपनी चपेट में लिया। इसके बाद आगजनी की सूचना फायर बिग्रेड और पुलिस को दी गई। मौके पर समालखा हाईवे ट्रैफिक इंचार्ज मनोज अपनी टीम के साथ पहुंचे और रूट को डायवर्ट किया। इसके बाद फायर बिग्रेड की गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। आग बुझाने के बाद सुचारू रूप से ट्रैफिक को चलाया गया। समालखा हाईवे ट्रैफिक इंचार्ज मनोज कुमार ने बताया कि हमें कॉल आई थी कि हाईवे पर एक गाड़ी में आग लग गई है। जिसको मौके पर जाकर देखा तो हुंडई की आई-10 पेट्रोल गाड़ी में आग लगी हुई थी। गाड़ी में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई गई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हांसी में युवा दुकानदार ने आत्महत्या की:इकलौता बेटा था; सुसाइड नोट में लिखे 4 के नाम, नहीं लौटा रहे थे रुपए
हांसी में युवा दुकानदार ने आत्महत्या की:इकलौता बेटा था; सुसाइड नोट में लिखे 4 के नाम, नहीं लौटा रहे थे रुपए हरियाणा के हिसार के हांसी में एक युवा दुकानदार ने आत्महत्या कर ली। उसका शव घर में फंदे से लटका मिला। उसके पास से पुलिस को दो पेज का सुसाइड नोट भी मिला है। उसने दुकान में काम करने वाले एक युवक सहित 4 को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। ये उसके रुपए नहीं लौटा रहे थे, जिससे वह परेशान था। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। जानकारी अनुसार मृतक युवक की पहचान हांसी की मुलतान कॉलोनी के अरुण महता के रूप में हुई है। वह अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था। उसकी एसडी महिला महाविद्यालय के नजदीक श्री बाला जी कम्युनिकेशन के नाम से मोबाइल फोन की दुकान थी। अरुण ने दोपहर को सुसाइड किया। उस समय उसके पिता घर पर नहीं थे। अरुण मकान के फर्स्ट फ्लोर पर था। उसकी पत्नी नीचे घर का काम कर रही थी। अरुण सुबह से ही कमरे में था और मानसिक तौर पर परेशान भी चल रहा था। अरुण ने कमरे में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। जब उसके परिजन ऊपर गए तो उन्हें इस बारे में पता लगा। इसके बाद आस – पास के लोग वहां पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है। शव के पास से पुलिस को दो पेज का सुसाइड नोट मिला है। इसमें मृतक ने चार युवकों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। एक युवक उसकी दुकान पर काम करता था। अन्य तीन युवकों से पैसे का लेन देन था। अरुण के सुसाइड नोट के अनुसार यह चारों उसके पैसे वापस नहीं दे रहे थे। इसलिए वह परेशान था। इसके चलते उसने सुसाइड किया। सुसाइड नोट में बताई परेशानी युवक ने लिखा है कि प्रिय पापा मैं अपनी जिंदगी से बहुत दुखी हो चुका हूं। अब जीने का मन नहीं करता। इतना परेशान हो चुका हूं कि अब जीने का मन नहीं करता। मेरी सबसे बड़ी परेशानी का कारण है मेरे पैसे गुम होना और दुकान से पैसे चोरी होना। दूसरी परेशानी हे कि मैंने जिस जिस को उधार दी, उसके पैसे वापस नहीं आए। वो मुझे मारने की धमकी देते हैं। ुदकान पर काम कम हुआ है औ पैसे न होने की वजह से मैं परेशान हूं। जिसके मैंने नाम लिखे हैं ये मुझे बहुत धमकी देते हैं। पुलिस अधिकारियों की तरफ से परिजनों के बयान पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। अरुण अपने माता पिता का इकलौता बेटा था। अरुण की बहन पानीपत में विवाहित है। अरुण ही घर को संभाले हुए था। सुसाइड के बाद से परिजनों का बुरा हाल है। अरुण के शव को हांसी नागरिक अस्पताल के मोर्चरी हाउस में रखवाया गया है। वहां पर उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस इस मामले में गहनता से छानबीन कर रही है।
पानीपत में अवैध अंग्रेजी शराब से भरा ट्रक पकड़ा:हिमाचल से बिहार में तस्करी; 60 लाख की 970 पेटियां बरामद, चालक-परिचालक गिरफ्तार
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इंस्पेक्टर दीपक ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन दोनों को बिहार के वैशाली में एक युवक ने खाली ट्रक देकर इसमें अवैध शराब लाने के लिए हिमाचल के पौंटा साहिब भेजा था। इस काम के लिए युवक ने उनको 10-10 हजार रुपए दिए थे। पौंटा साहिब पहुंचने पर एक अन्य युवक मिला और उनसे खाली ट्रक ले गया था। युवक ट्रक में अवैध शराब भरकर 2 दिन बाद उनको वहीं पर ट्रक देकर चला गया था। वह दोनों शराब से भरे ट्रक को पौंटा साहिब से बिहार के वैशाली लेकर जा रहे थे। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
हरियाणा की रीना स्नो लेपर्ड मिशन पर:7000 मीटर से ऊंची 5 चोटियों की चढ़ाई पर मिलती है उपाधि, पहली बाधा पार
हरियाणा की रीना स्नो लेपर्ड मिशन पर:7000 मीटर से ऊंची 5 चोटियों की चढ़ाई पर मिलती है उपाधि, पहली बाधा पार हरियाणा के हिसार के बालक गांव की रहने वाली पर्वतारोही रीना भट्टी स्नो लेपर्ड का खिताब जीतने के मिशन पर हैं। रीना ने 2 महीने पहले ही दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट और दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से पर महज 20 घंटे 50 मिनट में चढ़ाई कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है। अब रीना की नजर स्नो लेपर्ड के खिताब पर है। रीना का दावा है कि आज तक किसी भारतीय ने यह खिताब नहीं जीता है। इस खिताब को जीतने के लिए रीना को 7000 फीट ऊंची 5 पर्वत चोटियों पर चढ़ना होगा। रीना ने 1 चोटी पर चढ़ाई पूरी कर ली है। उन्होंने 23,406 फीट (7,134 मीटर) ऊंची इब्न सिना पीक (लेनिन पीक) को फतह किया है। रीना ने बताया कि “मैंने कैंप से साढ़े 6 घंटे की चढ़ाई के बाद यह चोटी फतह की। मैं 14 जुलाई को दिल्ली से गई थी। मैंने 18 जुलाई को चढ़ाई शुरू की और 26 जुलाई को चोटी पूरी कर ली। आज तक कोई भारतीय इस चोटी पर नहीं चढ़ सका है।” क्या है स्नो लेपर्ड की उपाधि यह उपाधि भूतपूर्व सोवियत संघ द्वारा शुरू की गई थी। स्नो लेपर्ड की उपाधि सोवियत संघ के विभिन्न देशों में 5 चोटियों पर चढ़ने के लिए दी जाती है। ताजिकिस्तान में पामीर पर्वतों में 3 चोटियां हैं, इस्माइल समानी पीक (पूर्व में कम्युनिज्म पीक) 7,495 मीटर (24,590 फीट), पीक कोरझेनेव्स्काया 7,105 मीटर (23,310 फीट), और इब्न सिना पीक (पूर्व में लेनिन पीक) 7,134 मीटर (23,406 फीट) किर्गिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा पर। तियान शान में 2 चोटियां हैं, किर्गिस्तान में जेंगिश चोकुसु (पूर्व में पीक पोबेडा) 7,439 मीटर (24,406 फीट) और खान तेंगरी किर्गिस्तान-कजाकिस्तान सीमा पर 7,010 मीटर (23,000 फीट) ऊंची है। खान तेंगरी की ऊंचाई 6,995 मीटर (22,949 फीट) है, लेकिन इसकी हिमनदी की चोटी 7,010 मीटर (23,000 फीट) तक बढ़ जाती है। इस कारण से, इसे 7,000 मीटर (23,000 फीट) की चोटी माना जाता है। इनमें से, पीक पोबेडा चढ़ाई के लिए अब तक की सबसे कठिन और खतरनाक है, इसके बाद खान तेंगरी, इस्माइल समानी पीक, पीक कोरझेनेव्स्काया और लेनिन (इब्न सिना) पीक हैं। स्नो लेपर्ड में ये 5 पीक शामिल हैं
1. इस्मोइल सोमोनी पीक 24,590 फीट (7,500 मीटर)
2. जेंगीश चोकसु 24,406 फीट (7,439 मीटर)
3. इब्न सिना पीक 23,406 फीट (7,134 मीटर)
4. शिखर कोरझेनेव्स्काया 23,310 फीट (7,100 मीटर)
5. खान तेंगरी 22,999 फीट (7,010 मीटर) रीना बना चुकी हैं नेशनल रिकॉर्ड
रीना ने 20 घंटे 50 मिनट के अंतराल में में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट और दुनिया की सबसे ऊंची चौथी चोटी माउंट ल्होत्से को फतह किया था। रीना ने पिछली 21 मई को सुबह 10:10 बजे माउंट एवरेस्ट और 22 मई को सुबह 6:55 बजे माउंट ल्होत्से पर तिरंगा फहराया था। रीना मूलरूप से गांव बालक की रहने वाली हैं, वह हिसार के श्यामलाल बाग में रहती हैं। वहीं 2022 में रीना ने 70 घंटे में माउंट कांग यात्से और माउंट जोजंगो चोटी को फतह कर रिकॉर्ड बनाया था। 2 चोटी को एक साथ फतह करने वाली रीना हरियाणा की पहली पर्वतारोही बन गई थी। माउंट कांग यात्से लद्दाख में 6250 मीटर और माउंट जोजंगो 6240 मीटर ऊंची चोटी है। इससे पहले रीना माउंट किलिमंजारो और नन सहित विभिन्न चोटियों को फतह कर चुकी हैं। रीना के पिता बलवान सिंह ऑटो मार्केट में काम करते हैं जबकि माता बाला देवी गृहिणी हैं।