हरियाणा के पानीपत जिले की समालखा बार एसोसिएशन के सेक्रेटरी के साथ चेन स्नेचिंग की वारदात को अंजाम दिया गया। यहां जिम छोड़ने की रंजिश में जिम के दो संचालकों ने वारदात को अंजाम दिया। वारदात स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे में वारदात कैद हो गई। जिसकी शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर धारा 115(2), 351(2), 126(2) भारतीय न्याय संहिता के तहत केस दर्ज कर लिया है। जिम से वर्क आउट कर निकले बाहर, तभी आरोपियों ने घेरा समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में एडवोकेट मुकेश ने बताया कि वह भोडवाल माजरी के रहने वाले है। वह पिछले करीब 6 माह से एक जिम में वर्क आउट करते थे। वहां ज्यादा रोक-टोक की वजह उन्होंने जीटी रोड समालखा स्थित जिम ज्वाइन कर ली। इसी बात को लेकर पहले वाली जिम के पार्टनर नितिन व सचिन उनसे रंजिश रखने लगे थे। 11 जुलाई की रात करीब पौने 11 बजे वह जिम में वर्क आउट कर अपनी कार की ओर जा रहे थे। इसी दौरान उक्त दोनों नितिन और सचिन ने उनका रास्ता रोका और गाली-गलौज करना शुरू कर दी। हाथापाई करते हुए नितिन ने सिर में कोई वजनदार चीज मारी। इसके बाद सचिन ने उनके गले से सोने की चेन तोड़ ली। मौके पर जिम के दो लड़के खड़े थे। जिनकी मदद से टूटी हुई चेन वापस ले ली, लेकिन करीब डेढ तोला वजनी शिव लोकेट सचिन पास रह गया और वह मौके से लेकर फरार हो गया। दोनों ने धमकी दी कि वकील आज तो बच गया, आइंदा फंस गया तो जान से मार देंगे। इसके बाद दोनों बाइक पर सवार होकर फरार हो गए। हरियाणा के पानीपत जिले की समालखा बार एसोसिएशन के सेक्रेटरी के साथ चेन स्नेचिंग की वारदात को अंजाम दिया गया। यहां जिम छोड़ने की रंजिश में जिम के दो संचालकों ने वारदात को अंजाम दिया। वारदात स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे में वारदात कैद हो गई। जिसकी शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर धारा 115(2), 351(2), 126(2) भारतीय न्याय संहिता के तहत केस दर्ज कर लिया है। जिम से वर्क आउट कर निकले बाहर, तभी आरोपियों ने घेरा समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में एडवोकेट मुकेश ने बताया कि वह भोडवाल माजरी के रहने वाले है। वह पिछले करीब 6 माह से एक जिम में वर्क आउट करते थे। वहां ज्यादा रोक-टोक की वजह उन्होंने जीटी रोड समालखा स्थित जिम ज्वाइन कर ली। इसी बात को लेकर पहले वाली जिम के पार्टनर नितिन व सचिन उनसे रंजिश रखने लगे थे। 11 जुलाई की रात करीब पौने 11 बजे वह जिम में वर्क आउट कर अपनी कार की ओर जा रहे थे। इसी दौरान उक्त दोनों नितिन और सचिन ने उनका रास्ता रोका और गाली-गलौज करना शुरू कर दी। हाथापाई करते हुए नितिन ने सिर में कोई वजनदार चीज मारी। इसके बाद सचिन ने उनके गले से सोने की चेन तोड़ ली। मौके पर जिम के दो लड़के खड़े थे। जिनकी मदद से टूटी हुई चेन वापस ले ली, लेकिन करीब डेढ तोला वजनी शिव लोकेट सचिन पास रह गया और वह मौके से लेकर फरार हो गया। दोनों ने धमकी दी कि वकील आज तो बच गया, आइंदा फंस गया तो जान से मार देंगे। इसके बाद दोनों बाइक पर सवार होकर फरार हो गए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस MP कुमारी सैलजा ने किया किरण चौधरी का समर्थन:कहा- श्रुति के साथ इंसाफ नहीं हुआ, खफा होना स्वभाविक; मां-बेटी पार्टी छोड़ चुकीं
कांग्रेस MP कुमारी सैलजा ने किया किरण चौधरी का समर्थन:कहा- श्रुति के साथ इंसाफ नहीं हुआ, खफा होना स्वभाविक; मां-बेटी पार्टी छोड़ चुकीं हरियाणा में कांग्रेस छोड़ आज BJP जॉइन करने जा रहीं पूर्व मंत्री किरण चौधरी के समर्थन में कांग्रेस की सीनियर लीडर सिरसा सीट से सांसद कुमारी सैलजा भी उतर आई हैं। सैलजा ने कहा है कि श्रुति के साथ इंसाफ नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘हम भिवानी हारे और गुरुग्राम भी हारे। गुरुग्राम जो अहीरवाल है, वहां कैप्टन अजय यादव लड़ लेते। यहां श्रुति लड़ लेती तो हम जीत जाते।’ सैलजा का कहना है, ‘टिकटों का वितरण ठीक होता तो और ज्यादा अच्छा रहता। उनका (किरण चौधरी) का खफा होना स्वाभाविक है। उनके परिवार का योगदान दशकों से रहा है। उनकी (किरण) बेटी (श्रुति) वहां से पहले भी MP रही है। मैंने खुद वहां जाकर देखा, क्योंकि जब हमने यात्रा निकाली थी तो वहां 3-4 दिन लगाए। श्रुति को टिकट मिलती तो जीतती।’ सैलजा ने आगे कहा, ‘मैं उनकी बात को सपोर्ट कर रही हूं। हमने यह बात पहले भी पार्टी प्लेटफॉर्म पर रखी और आगे भी रखेंगे। थोड़ा दुख होता है कि कहां हम 10 की 10 सीट जीत रहे थे और अब हम 5 पर आकर टिक गए। इसके पीछे का कारण टिकटों का सही वितरण न होना ही है।’ श्रुति का टिकट काटकर राव दान सिंह को मिला
लगातार 4 बार भिवानी की तोशाम सीट से MLA किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं। श्रुति पहले भी 2009 में इस सीट से सांसद रह चुकी है, लेकिन पिछले 2 चुनाव में लगातार हार के कारण पार्टी ने इस बार उनकी टिकट काटकर पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खास महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह को दे दी। बेटी की टिकट कटते ही किरण ने बगावती तेवर अपना लिए थे, लेकिन चुनाव के वक्त पार्टी नहीं छोड़ी। किरण और उनकी बेटी श्रुति ने प्रचार से पूरी तरह किनारा कर लिया। दोनों तरफ से खूब बयानबाजी हुई। आखिर में भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई। कांग्रेस केंडिडेट ने हार का कारण भितरघात बताया। इसके बाद किरण ने फिर से मीडिया के सामने आकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम लिए बगैर उन पर कई आरोप लगाए। इससे साफ होने लगा कि किरण अब बहुत जल्द पार्टी को अलविदा कह सकती है। सत्ता जाने के बाद हुड्डा से शुरू हुई अदावत
दरअसल, किरण चौधरी तत्कालीन हुड्डा सरकार के दोनों टर्म 2005 और 2009 में कैबिनेट मंत्री रहीं। उस समय राजनैतिक तौर पर किरण और हुड्डा की सही पटरी बैठ रही थी, लेकिन 2014 में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद कांग्रेस में गुटबाजी और ज्यादा उभरकर आ गई। पहले से हुड्डा विरोधी रही कुमारी सैलजा के बाद रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी के अलावा कैप्टन अजय सिंह की हुड्डा के साथ खटपट शुरू हो गई। हालांकि, पार्टी हाईकमान की तरफ से 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद किरण को CLP लीडर बनाया गया, लेकिन 2019 के चुनाव आते-आते किरण और भूपेंद्र हुड्डा के बीच तनातनी पूरी तरह जगजाहिर हो गई। पिछले 3 साल में तो ये और ज्यादा बढ़ गई। सैलजा, रणदीप के साथ किरण भी शामिल हो गईं और इन तीनों सीनियर नेताओं ने अपनी अलग राह चुन ली। हरियाणा में एक गुट भूपेंद्र हुड्डा तो दूसरा SRK (सैलजा, रणदीप, किरण) के नाम से जाना जाने लगा। लोकसभा चुनाव के दौरान भी किरण और श्रुति सिरसा में कैंडिडेट सैलजा के प्रचार में तो जरूर गई, लेकिन अपने खुद के गढ़ में एक दिन भी प्रचार नहीं किया। बंसीलाल की विरासत संभाल रहीं किरण
किरण चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू हैं। पति सुरेंद्र सिंह की मौत के बाद किरण ही 2005 से बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को संभाले हुए हैं। किरण ने कई बार खुले तौर पर यह बात कही कि पार्टी के भीतर ही उनकी अनदेखी की जा रही है। उनके गढ़ में कांग्रेस के कार्यक्रम हो जाते हैं और उन्हें बुलाया तक नहीं जाता। ऐसे में किरण के सामने चुनौती बंसीलाल की विरासत को बचाने की आ गई। क्योंकि, कांग्रेस में रहते हुए बंसीलाल के कोर वोटर को रोकना किरण चौधरी के लिए मुश्किल हो रहा था। इसे बचाने के लिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ BJP जॉइन करने का बड़ा फैसला लिया।
ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा का दूसरा दिन:गुरुग्राम से शुरू होगी, 7 जिलों से गुजरेगी, पानीपत में रात्रि ठहराव होगा
ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा का दूसरा दिन:गुरुग्राम से शुरू होगी, 7 जिलों से गुजरेगी, पानीपत में रात्रि ठहराव होगा हरियाणा के 5 बार CM रहे ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा का आज दूसरा दिन है। यह यात्रा गुरुग्राम से शुरू होकर 7 जिलों से होते हुए गुजरेगी। इसके बाद पानीपत में रात्रि ठहराव होगा। तीसरे और अंतिम दिन रविवार को यात्रा 8 जिलों को कवर करेगी। ओपी चौटाला का 20 दिसंबर को 89 साल की उम्र में गुरुग्राम में निधन हुआ था। उनकी रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि सभा 31 दिसंबर को चौधरी देवीलाल स्टेडियम, सिरसा में होगी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होने आ सकते हैं। पहले दिन यात्रा 6 जिलों से गुजरी
ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा पहले दिन फतेहाबाद से शुरू हुई। यहां उनके विधायक पोते अर्जुन चौटाला और विधायक भतीजे आदित्य देवीलाल चौटाला ने इसकी शुरुआत की। इसके बाद यात्रा हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ (नारनौल), रेवाड़ी से होते हुए गुरुग्राम पहुंची। गुरुग्राम में यात्रा का रात्रि ठहराव हुआ। इस दौरान रास्ते में भारी संख्या में इनेलो समर्थकों ने ओपी चौटाला को श्रद्धांजलि दी। पहले दिन यात्रा के 3 PHOTOS… चौटाला की अस्थि कलश यात्रा के 3 सियासी मायने भी
इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा का तर्क है कि यह यात्रा उन लोगों के लिए निकाली जा रही है, जो अंतिम संस्कार के वक्त श्रद्धांजलि नहीं दे सके थे। हालांकि, सियासी तौर पर भी इस यात्रा के 3 मायने निकाले जा रहे हैं। 1. कैडर वोट बैंक को एकजुट करना
इनमें सबसे पहले इनेलो के कैडर वोट बैंक को एकजुट करना है। दरअसल, 2018 में अजय चौटाला के अलग जननायक जनता पार्टी (JJP) बनाने के बाद इनेलो का वोट बैंक बंट गया। कुछ इनेलो के साथ रहे, लेकिन कुछ JJP के साथ चले गए। परिवार की लड़ाई में कई बड़े नेता भी पार्टी छोड़ गए। 2. कांग्रेस की हार में अवसर देख रही पार्टी
प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इसी साल कांग्रेस की लगातार तीसरी हार हुई। ऐसे में इनेलो को लगता है कि अब वोटर भाजपा के मुकाबले कांग्रेस को विकल्प नहीं मान रहा। ऐसे में इनेलो की वापसी हो सकती है। इसी साल चुनाव में जहां JJP जीरो सीट पर सिमट गई, वहीं इनेलो 2 सीटें जीतने में कामयाब रही। भले ही अभय चौटाला खुद चुनाव हार गए, लेकिन उनके उम्मीदवार ज्यादातर जगहों पर दूसरे या तीसरे स्थान पर रहे। 3. चुनाव चिन्ह छिनने का भी खतरा
इनेलो के ऊपर पार्टी का चुनाव चिन्ह चश्मा के छिनने का भी खतरा मंडरा रहा है। इस बार इनेलो को इसे बचाने के लिए विधानसभा चुनाव में 6% वोट की जरूरत थी, लेकिन वह सिर्फ 4.14% वोट ही पा सकी। अगर चुनाव चिन्ह ही छिन गया तो इनेलो के लिए अस्तित्व बचाना मुश्किल हो जाएगा।
सोनीपत में बाइक की टक्कर से व्यक्ति की मौत:एक घायल, पैदल ही जा रहा था, नहीं हो सकी मृतक की पहचान
सोनीपत में बाइक की टक्कर से व्यक्ति की मौत:एक घायल, पैदल ही जा रहा था, नहीं हो सकी मृतक की पहचान हरियाणा में सोनीपत के बड़ी गांव के पास स्थित हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रीयल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपारेशन (HSIDC) गेट नंबर 1 के पास देर शाम एक सड़क हादसे में एक पैदल यात्री की मौत हो गई, जबकि बाइक सवार घायल हो गया। घायल को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। देर शाम करीब 6:30 बजे समालखा निवासी नितिन अपनी मोटरसाइकिल पर सवार होकर जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शी और बड़ी गांव के सरपंच अरुण कुमार ने बताया कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पैदल यात्री की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में बाइक सवार नितिन को भी मामूली चोटें आईं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल सोनीपत भेज दिया गया। पुलिस ने इस मामले में धारा 106 और 281 BNS के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।