हरियाणा विधानसभा चुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि से एक रात पहले कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी की। इनमें पहली लिस्ट में पानीपत शहरी सीट से वरिंदर बुल्ले शाह और फिर दूसरी लिस्ट में ग्रामीण से सचिन कुंडू के नाम पर मोहर लगाई गई। दोनों सीटों पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा साफ तौर पर दिखा। इन दो सीटों के साथ पानीपत की चारों सीटों पर हुड्डा के ही नजदीकियों को टिकट मिला है। समालखा से धर्म सिंह छौक्कर और इसराना से बलबीर सिंह वाल्मीकि भी हुड्डा गुट के प्रत्याशी है। शहरी सीट पर सबसे उम्र दराज और ग्रामीण सीट पर यंगेस्ट चेहरे पर कांग्रेस ने दांव खेला है। पिछले 10 सालों से शहरी और ग्रामीण दोनों ही सीटों पर बीजेपी का राज है। शाह और विज परिवार का पहली बार आमना-सामना
पानीपत के 62 सालों के इतिहास में यह पहला मौका है, जब विज और शाह परिवार के बीच सीधा मुकाबला होगा। पानीपत से शाह परिवार 6 बार और विज परिवार 5 बार विधायक रह चुका है। लेकिन कभी दोनों परिवारों के बीच चुनावी मुकाबला नहीं हुआ था। इस सीट से बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में गईं रोहिता रेवड़ी भी टिकट की दावेदारी कर रही थी, लेकिन पार्टी ने हुड्डा की सिफारिश पर शाह को टिकट दी है। 2019 में बुल्ले शाह ने चुनाव लड़ने से किया था इनकार
2014 में हार के बाद बुल्लेशाह ने 2019 में भी भाजपा की लहर को देखते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। कांग्रेस ने यहां से संजय अग्रवाल को चुनाव में उतारा था। इस बार भी संजय अग्रवाल अपने पुराने प्रदर्शन व कांग्रेस के प्रति अपनी इमानदारी की गवाही देते हुए टिकट की मांग कर रहे थे। ग्रामीण सीट पर जाट Vs जाट
पानीपत की ग्रामीण सीट पर बीजेपी की ओर से लगातार दो बार के विधायक महिपाल ढांडा को तीसरी बार मैदान में उतारा गया है। जाट वोट बैंक वाले ढांडा के सामने कांग्रेस ने भी जाट कार्ड खेला है। यहां अपना पहला चुनाव लड़ रहे 34 वर्षीय युवा सचिन कुंडू को कांग्रेस ने टिकट दी है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि से एक रात पहले कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी की। इनमें पहली लिस्ट में पानीपत शहरी सीट से वरिंदर बुल्ले शाह और फिर दूसरी लिस्ट में ग्रामीण से सचिन कुंडू के नाम पर मोहर लगाई गई। दोनों सीटों पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा साफ तौर पर दिखा। इन दो सीटों के साथ पानीपत की चारों सीटों पर हुड्डा के ही नजदीकियों को टिकट मिला है। समालखा से धर्म सिंह छौक्कर और इसराना से बलबीर सिंह वाल्मीकि भी हुड्डा गुट के प्रत्याशी है। शहरी सीट पर सबसे उम्र दराज और ग्रामीण सीट पर यंगेस्ट चेहरे पर कांग्रेस ने दांव खेला है। पिछले 10 सालों से शहरी और ग्रामीण दोनों ही सीटों पर बीजेपी का राज है। शाह और विज परिवार का पहली बार आमना-सामना
पानीपत के 62 सालों के इतिहास में यह पहला मौका है, जब विज और शाह परिवार के बीच सीधा मुकाबला होगा। पानीपत से शाह परिवार 6 बार और विज परिवार 5 बार विधायक रह चुका है। लेकिन कभी दोनों परिवारों के बीच चुनावी मुकाबला नहीं हुआ था। इस सीट से बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में गईं रोहिता रेवड़ी भी टिकट की दावेदारी कर रही थी, लेकिन पार्टी ने हुड्डा की सिफारिश पर शाह को टिकट दी है। 2019 में बुल्ले शाह ने चुनाव लड़ने से किया था इनकार
2014 में हार के बाद बुल्लेशाह ने 2019 में भी भाजपा की लहर को देखते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। कांग्रेस ने यहां से संजय अग्रवाल को चुनाव में उतारा था। इस बार भी संजय अग्रवाल अपने पुराने प्रदर्शन व कांग्रेस के प्रति अपनी इमानदारी की गवाही देते हुए टिकट की मांग कर रहे थे। ग्रामीण सीट पर जाट Vs जाट
पानीपत की ग्रामीण सीट पर बीजेपी की ओर से लगातार दो बार के विधायक महिपाल ढांडा को तीसरी बार मैदान में उतारा गया है। जाट वोट बैंक वाले ढांडा के सामने कांग्रेस ने भी जाट कार्ड खेला है। यहां अपना पहला चुनाव लड़ रहे 34 वर्षीय युवा सचिन कुंडू को कांग्रेस ने टिकट दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर