पानीपत जिले के थाना मतलौड़ा अंतर्गत गांव अदियाना में घर में अकेली महिलाओं को देखकर दो व्यक्तियों ने घर में घुस कर महिलाओं पर हमला किया। जिसमें से एक ने बर्फ तोड़ने का सुआ से महिला के कंधे पर वार किया, महिला घायल हो गई। उसी वक्त महिला की सास बीच बचाव करने आई, तो दूसरे व्यक्ति ने राड से हमला कर महिला के कंधे पर राड मार घायल किया। दोनों को घायल कर हमलावर भाग गए। पीड़ित ने थाना मतलौड़ा में आकर शिकायत दी। पुलिस ने घायल के बयान पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पति काम से गया था बाहर मामले के अनुसार कोमल पत्नी रविन्द्र वासी अदियाना ने बताया कि 28 नवंबर को मेरी सास सुलोचना देवी और मैं दोनों घर में अकेली थी, मेरा पति बाहर गया हुआ था। हम दोनों को अकेली देखकर गांव के ही दो व्यक्ति बाप बेटा सोनू पुत्र बलबीर बलबीर पुत्र रामकिशन घर में आए। हमारे साथ लड़ने झगड़ने लगे। लड़ते-लड़ते सोनू ने तैश में आकर मेरे ऊपर बर्फ तोड़ने के सूए से हमला कर दिया। जिससे सुआ मेरे कंधे में जा लगा। अस्पताल में पहुंची पुलिस वहीं बीच बचाव करने मेरी सास आई, तो बलबीर पुत्र रामकिशन ने मेरी सास पर राड से हमला किया। जिससे उसकी बाजू में राड लगी और बाजू टूट गई। हमें दोनों को लात घुसों से काफी मारा और चले गए। हमें सरकारी अस्पताल पानीपत ले जाया गया, जहां पर हमें दाखिल किया। अस्पताल में पुलिस ने पानीपत अस्पताल में आकर बयान लिए और मामला दर्ज किया। पुलिस बाप बेटे के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पानीपत जिले के थाना मतलौड़ा अंतर्गत गांव अदियाना में घर में अकेली महिलाओं को देखकर दो व्यक्तियों ने घर में घुस कर महिलाओं पर हमला किया। जिसमें से एक ने बर्फ तोड़ने का सुआ से महिला के कंधे पर वार किया, महिला घायल हो गई। उसी वक्त महिला की सास बीच बचाव करने आई, तो दूसरे व्यक्ति ने राड से हमला कर महिला के कंधे पर राड मार घायल किया। दोनों को घायल कर हमलावर भाग गए। पीड़ित ने थाना मतलौड़ा में आकर शिकायत दी। पुलिस ने घायल के बयान पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पति काम से गया था बाहर मामले के अनुसार कोमल पत्नी रविन्द्र वासी अदियाना ने बताया कि 28 नवंबर को मेरी सास सुलोचना देवी और मैं दोनों घर में अकेली थी, मेरा पति बाहर गया हुआ था। हम दोनों को अकेली देखकर गांव के ही दो व्यक्ति बाप बेटा सोनू पुत्र बलबीर बलबीर पुत्र रामकिशन घर में आए। हमारे साथ लड़ने झगड़ने लगे। लड़ते-लड़ते सोनू ने तैश में आकर मेरे ऊपर बर्फ तोड़ने के सूए से हमला कर दिया। जिससे सुआ मेरे कंधे में जा लगा। अस्पताल में पहुंची पुलिस वहीं बीच बचाव करने मेरी सास आई, तो बलबीर पुत्र रामकिशन ने मेरी सास पर राड से हमला किया। जिससे उसकी बाजू में राड लगी और बाजू टूट गई। हमें दोनों को लात घुसों से काफी मारा और चले गए। हमें सरकारी अस्पताल पानीपत ले जाया गया, जहां पर हमें दाखिल किया। अस्पताल में पुलिस ने पानीपत अस्पताल में आकर बयान लिए और मामला दर्ज किया। पुलिस बाप बेटे के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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महाकुंभ का IITian बाबा हरियाणा का रहने वाला:एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की, कनाडा में 3 लाख की नौकरी छोड़ी, 6 महीने पहले घरवालों से संपर्क तोड़ा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में IITian बाबा अभय सिंह खूब सुर्खियों में हैं। अभय ने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की। इसके बाद कनाडा जाकर एरोप्लेन बनाने वाली कंपनी में काम किया। हालांकि अचानक वह देश लौटे और कुछ समय बाद घर से गायब हो गए। अभय हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता कर्ण सिंह वकील हैं और झज्जर बार एसोसिएशन के प्रधान भी रह चुके हैं। महाकुंभ से जब उनकी वीडियो वायरल हुई तो परिवार को पता चला। हालांकि अब वे इस बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहते। अभय सिंह के इंजीनियर से संन्यासी बनने की कहानी… कोचिंग के लिए कोटा की जगह दिल्ली गया
अभय सिंह का जन्म झज्जर के गांव सासरौली में हुआ। वह ग्रेवाल गोत्र के जाट परिवार में जन्मे। अभय ने शुरुआती पढ़ाई झज्जर जिले से की। पढ़ाई में वह बहुत होनहार थे। इसके बाद परिवार उन्हें IIT की कोचिंग के लिए कोटा भेजना चाहता था। मगर अभय ने दिल्ली में कोचिंग लेने की बात कही। IIT बॉम्बे में पढ़ाई, कनाडा में काम किया
कोचिंग के बाद अभय ने IIT का एग्जाम क्रैक कर लिया। जिसके बाद उन्हें IIT बॉम्बे में एडमिशन मिल गया। अभय ने वहां से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री ली। इसके बाद डिजाइनिंग में मास्टर डिग्री की। अभय की छोटी बहन कनाडा में रहती है। पढ़ाई पूरी करने के बाद परिवार ने उन्हें अच्छे फ्यूचर के लिए कनाडा भेज दिया। कनाडा में अभय ने कुछ समय एरोप्लेन बनाने वाली कंपनी में काम भी किया। जहां उन्हें 3 लाख सेलरी मिलती थी। लॉकडाउन की वजह से कनाडा में फंसे
इसके बाद कनाडा में लॉकडाउन लग गया। जिस वजह से अभय भी कनाडा में ही फंस गए। परिवार का कहना है कि अभय का अध्यात्म में पहले से ही इंटरेस्ट था। लॉकडाउन के दौरान अभय जब अकेला पड़ा तो उसने अपनी जिंदगी के बारे में ज्यादा गंभीरता से सोचना शुरू कर दिया। घर लौटे तो ध्यान लगाने लगे
हालांकि जब लॉकडाउन हटा तो अभय भारत लौट आए। यहां आने के बाद वह अचानक फोटोग्राफी करने लगे। अभय सिंह को घूमने का भी शौक रहा, इसलिए वह केरल गए। उज्जैन कुंभ में भी गए थे। हरिद्वार भी गए। कनाडा से लौटने के बाद अभय घर में ध्यान भी लगाने लगे। परिवार जब उनकी शादी की बात करता तो उसे अच्छा नहीं लगता था। हालांकि उनके मन में क्या चल रहा था, इसका आभास परिवार में किसी को नहीं था। 11 महीने पहले अचानक घरवालों से संपर्क कटा
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इस मामले में मीडिया ने जब अभय सिंह से बात की थी तो उन्होंने कहा था कि मैं जो करना चाहता था, वह परिवार को पसंद नहीं था। घरवालों की शादी की बात में मेरी कोई रुचि नहीं थी। मैं हमेशा से ही घर छोड़ना चाहता था। इसीलिए मैंने IIT मुंबई से पढ़ाई की।
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