पिता ने रिक्शा चलाया… सब्जी बेची, अब बेटी बनी वर्ल्ड चैंपियन, रुला देगी मोनिका के घर की कहानी

पिता ने रिक्शा चलाया… सब्जी बेची, अब बेटी बनी वर्ल्ड चैंपियन, रुला देगी मोनिका के घर की कहानी

<p style=”text-align: justify;”><strong>Kho Kho World Cup 2025: </strong><span style=”font-weight: 400;”>दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में 13 से 19 जनवरी तक खो-खो वर्ल्ड कप 2025 का आयोजन हुआ. इसमें बिहार की बेटी मोनिका का चयन भारतीय महिला टीम में हुआ था. फाइनल मैच इंडिया-नेपाल के बीच खेला गया जिसमें भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने मैच में नेपाल को वापसी करने का मौका नहीं दिया और विश्व खिताब को अपने नाम कर लिया. खो-खो का फाइनल मैच 19 जनवरी को खेला गया.&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>इस उपलब्धि से मोनिका के परिवार में खुशी की लहर है. एक तरफ खुशी है तो दूसरी परिवार आज भी संघर्ष से गुजर रहा है. मोनिका के घर की कहानी जानकर आप भी भावुक हो जाएंगे. मोनिका का घर भागलपुर के गोपालपुर प्रखंड के डिमाहा गांव में है. पिता बिनोद साह ने कभी रिक्शा चलाया तो कभी दिल्ली में सब्जी बेची. गांव में कच्चा मकान (मिट्टी का) है. आज भी इस घर में गैस चूल्हा नहीं है.&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जीतने के बाद बेटी ने की पिता से बात</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>इस मैच को जीतने के बाद मोनिका ने अपने पिता से फोन पर बात की. पिता ने पूछा कि खेल अच्छा से हुआ न? इस पर बेटी ने जवाब दिया हां पापा अच्छा हुआ. पिता ने कहा कि हम लोग को गर्व है. तुम लोगों ने अच्छा किया है. अब हमको भरोसा हो गया मेरी बेटी ने देश का नाम रोशन कर दिया है.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहते हैं मोनिका के पिता?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>मोनिका के पिता बिनोद साह कहते हैं कि उन्होंने कभी इसके बारे में सोचा नहीं था. वो तो अपनी बेटी को कहते थे कि पढ़ाई करती हो पढ़ाई करो. उन्होंने कहा कि वे पहले रिक्शा चलाते थे. 13 साल उन्होंने रिक्शा चलाया. बेटी को छोड़ने के लिए रिक्शा से स्कूल चले जाते थे. जब उसे होश हुआ तो खुद स्कूल चली जाती थी. दिल्ली में ही उन्होंने सब्जी भी बेची.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गैस कनेक्शन या आवास योजना का लाभ नहीं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>बिनोद साह ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन खटाल में नौकरी की. गांव में कच्चा मकान है. उन्होंने कहा कि बच्चे कुछ पैसे भेज देते हैं तो गुजारा हो जाता है. गैस कनेक्शन या प्रधानमंत्री आवास योजना का कोई लाभ नहीं मिला. माता-पिता ने कहा कि जिस दिन फाइनल मैच था उस दिन हम लोगों ने बगल में पड़ोसी के घर जाकर पर टीवी पर पूरा मैच देखा. मोनिका बहुत अच्छा खेल रही थी.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>बता दें कि 13 जनवरी से नई दिल्ली में खो खो वर्ल्ड कप चल रहा था. वीमेंस टीम इंडिया ने पहला मैच साउथ कोरिया के खिलाफ खेला था. भारत ने यह मुकाबला बहुत ही बड़े अंतर से जीता था. वीमेंस का फाइनल मैच भारत और नेपाल के बीच खेला गया. इस मुकाबले में भारत को नेपाल से टक्कर मिली. हालांकि टीम इंडिया ने बड़ी बढ़त के साथ मैच को जीत लिया. टीम इंडिया ने उसे 78-40 के अंतर से हराया.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/vehicle-in-bihar-challan-issued-in-up-owner-got-shocked-after-getting-message-of-rs-5000-rupees-ann-2867184″>है न गजब! बिहार में गाड़ी&hellip; UP में कटा चालान, 5000 का मैसेज आते ही वाहन मालिक को लगा झटका</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Kho Kho World Cup 2025: </strong><span style=”font-weight: 400;”>दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में 13 से 19 जनवरी तक खो-खो वर्ल्ड कप 2025 का आयोजन हुआ. इसमें बिहार की बेटी मोनिका का चयन भारतीय महिला टीम में हुआ था. फाइनल मैच इंडिया-नेपाल के बीच खेला गया जिसमें भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने मैच में नेपाल को वापसी करने का मौका नहीं दिया और विश्व खिताब को अपने नाम कर लिया. खो-खो का फाइनल मैच 19 जनवरी को खेला गया.&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>इस उपलब्धि से मोनिका के परिवार में खुशी की लहर है. एक तरफ खुशी है तो दूसरी परिवार आज भी संघर्ष से गुजर रहा है. मोनिका के घर की कहानी जानकर आप भी भावुक हो जाएंगे. मोनिका का घर भागलपुर के गोपालपुर प्रखंड के डिमाहा गांव में है. पिता बिनोद साह ने कभी रिक्शा चलाया तो कभी दिल्ली में सब्जी बेची. गांव में कच्चा मकान (मिट्टी का) है. आज भी इस घर में गैस चूल्हा नहीं है.&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जीतने के बाद बेटी ने की पिता से बात</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>इस मैच को जीतने के बाद मोनिका ने अपने पिता से फोन पर बात की. पिता ने पूछा कि खेल अच्छा से हुआ न? इस पर बेटी ने जवाब दिया हां पापा अच्छा हुआ. पिता ने कहा कि हम लोग को गर्व है. तुम लोगों ने अच्छा किया है. अब हमको भरोसा हो गया मेरी बेटी ने देश का नाम रोशन कर दिया है.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहते हैं मोनिका के पिता?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>मोनिका के पिता बिनोद साह कहते हैं कि उन्होंने कभी इसके बारे में सोचा नहीं था. वो तो अपनी बेटी को कहते थे कि पढ़ाई करती हो पढ़ाई करो. उन्होंने कहा कि वे पहले रिक्शा चलाते थे. 13 साल उन्होंने रिक्शा चलाया. बेटी को छोड़ने के लिए रिक्शा से स्कूल चले जाते थे. जब उसे होश हुआ तो खुद स्कूल चली जाती थी. दिल्ली में ही उन्होंने सब्जी भी बेची.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गैस कनेक्शन या आवास योजना का लाभ नहीं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>बिनोद साह ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन खटाल में नौकरी की. गांव में कच्चा मकान है. उन्होंने कहा कि बच्चे कुछ पैसे भेज देते हैं तो गुजारा हो जाता है. गैस कनेक्शन या प्रधानमंत्री आवास योजना का कोई लाभ नहीं मिला. माता-पिता ने कहा कि जिस दिन फाइनल मैच था उस दिन हम लोगों ने बगल में पड़ोसी के घर जाकर पर टीवी पर पूरा मैच देखा. मोनिका बहुत अच्छा खेल रही थी.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>बता दें कि 13 जनवरी से नई दिल्ली में खो खो वर्ल्ड कप चल रहा था. वीमेंस टीम इंडिया ने पहला मैच साउथ कोरिया के खिलाफ खेला था. भारत ने यह मुकाबला बहुत ही बड़े अंतर से जीता था. वीमेंस का फाइनल मैच भारत और नेपाल के बीच खेला गया. इस मुकाबले में भारत को नेपाल से टक्कर मिली. हालांकि टीम इंडिया ने बड़ी बढ़त के साथ मैच को जीत लिया. टीम इंडिया ने उसे 78-40 के अंतर से हराया.</span></p>
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