<p>उत्तर प्रदेश स्थित उन्नाव से भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हुई हिंसा पर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> की वजह से वहां के हिन्दुओं की जान बची. सांसद ने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ बहुत ही चिंता का विषय है. वहां की घटनाएं बहुत दर्दनाक हैं.</p>
<p>सांसद ने कहा कि अगर मैं एक शब्द ये कहूं कि तो बांग्लादेश के हिंदुओं को मोदी ने बचा लिया. दुर्भाग्यपूर्ण बात ये है कि अल्पसंख्यकों को लेकर दिन रात माथा छाती पीटने वाले चुप हैं.</p>
<p>बीजेपी नेता ने कहा कि अखिलेश यादव और राहुल गांधी समेत पूरा INDIA गठबंधन जो अल्पसंख्यक की चर्चा तो करता है लेकिन बंगलादेश के अल्पसंख्यक हिंदू समाज के पक्ष में आज तक इनका कोई खुला स्टेटमेंट नहीं आया.</p>
<p>साक्षी ने पूछा कि ये बात हिंदुस्तान की जनता को समझना चाहिए कि आखिरकार उनका पक्षधर उनकी रक्षा करने वाला कौन है.</p> <p>उत्तर प्रदेश स्थित उन्नाव से भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हुई हिंसा पर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> की वजह से वहां के हिन्दुओं की जान बची. सांसद ने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ बहुत ही चिंता का विषय है. वहां की घटनाएं बहुत दर्दनाक हैं.</p>
<p>सांसद ने कहा कि अगर मैं एक शब्द ये कहूं कि तो बांग्लादेश के हिंदुओं को मोदी ने बचा लिया. दुर्भाग्यपूर्ण बात ये है कि अल्पसंख्यकों को लेकर दिन रात माथा छाती पीटने वाले चुप हैं.</p>
<p>बीजेपी नेता ने कहा कि अखिलेश यादव और राहुल गांधी समेत पूरा INDIA गठबंधन जो अल्पसंख्यक की चर्चा तो करता है लेकिन बंगलादेश के अल्पसंख्यक हिंदू समाज के पक्ष में आज तक इनका कोई खुला स्टेटमेंट नहीं आया.</p>
<p>साक्षी ने पूछा कि ये बात हिंदुस्तान की जनता को समझना चाहिए कि आखिरकार उनका पक्षधर उनकी रक्षा करने वाला कौन है.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड संजय सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल की याचिका, अरविंद केजरीवाल को लेकर क्या है मांग?
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भाजपा के 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का पूरा एनालिसिस:परिवारवाद-दलबदलुओं से परहेज नहीं; एंटी इनकंबेंसी से बचने को टिकट काटे, नए चेहरे उतारे
भाजपा के 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का पूरा एनालिसिस:परिवारवाद-दलबदलुओं से परहेज नहीं; एंटी इनकंबेंसी से बचने को टिकट काटे, नए चेहरे उतारे हरियाणा में सरकार की हैट्रिक के लिए BJP ने 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में जीत के सारे दांव-पेंच खेल दिए हैं। कांग्रेस से पहले लिस्ट जारी कर भाजपा ने मनोवैज्ञानिक बढ़त पाने की कोशिश की है। वहीं जिस परिवारवाद को लेकर भाजपा लगातार विरोधी दलों को निशाना बनाती रही, उसी से खुद परहेज नहीं किया। जीत पक्की करने के लिए खुलकर नेताओं के बेटी-बेटों और पत्नी को टिकट दी गई। यह भाजपा की विधानसभा में जीत के लिए बड़े नेताओं से भी जोर लगवाने की प्लानिंग का हिस्सा है। यही नहीं दलबदलुओं पर भी दांव खेलते हुए चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में आए 9 नेताओं को टिकट बांट दी। भाजपा ने यहां पार्टी के वोट बैंक के साथ इन नेताओं के जनाधार को भी भुनाने की कोशिश की है। वहीं लिस्ट में भाजपा में राज्य में चलाई 10 साल की सरकार से एंटी इनकंबेंसी का डर भी साफ नजर आया। इसी वजह से 7 विधायकों के टिकट काट दी और 7 की ही टिकटें भी रोक लीं। 2 विधायकों की सीट बदलनी पड़ी। 25 नए चेहरों को उम्मीदवार बना दिया। भाजपा ने सीधा मैसेज दिया है कि जीत के लिए वह कुछ भी करेगी। वहीं पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के केंद्र में जाने के बाद भाजपा ने प्रदेश के दिग्गज नेताओं के कंधों पर सरकार लाने की जिम्मेदारी सौंप दी। इसी वजह से केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत और कुलदीप बिश्नोई की इच्छा से उनके परिवार और समर्थक नेताओं को टिकट बांटे गए। BJP की पहली लिस्ट की … अहम बातें 1. 2019 में हार चुके 5 नेताओं को फिर से टिकट
भाजपा की पहली लिस्ट में पांच चेहरे ऐसे हैं जो 2019 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे लेकिन इस बार इन्हें फिर टिकट मिला है। इनमें साढ़ौरा से बलवंत सिंह, नीलोखेड़ी (SC) से भगवानदास कबीरपंथी, इसराना (SC) से कृष्णलाल पंवार, नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु और बादली से ओमप्रकाश धनखड़ का नाम शामिल है। पार्टी ने इन पांचों को 2019 में टिकट दिया था लेकिन यह जीत नहीं पाए। अब पार्टी ने इन पांचों को दोबारा टिकट दिया है। कृष्णलाल पंवार एकमात्र ऐसे सांसद हैं, जिन्हें भाजपा ने विधानसभा चुनाव में उतारा है। पंवार पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर की अगुआई वाली 2014 से 2019 की सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके हैं। वह हरियाणा में भाजपा का बड़ा दलित चेहरा हैं। 2. 2019 में मंत्री रहते हार चुके वाले 2 जाट नेताओं को दोबारा मौका
भाजपा ने मंत्री रहते हुए 2019 का विधानसभा चुनाव हार जाने वाले दो जाट नेताओं को दोबारा टिकट दिया है। इनमें नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु और बादली से ओमप्रकाश धनखड़ शामिल हैं। यह दोनों नेता 2014 से 2019 तक मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री थे लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में दोनों ही अपनी सीट नहीं बचा पाए। अब पार्टी ने दोनों को फिर से मौका दिया है। भाजपा चूंकि गैर जाट पॉलिटिक्स करती है, ऐसे में जाट वोट बैंक खिलाफ न हो, इसलिए दोनों बड़े जाट चेहरों पर फोकस किया गया है। 3. 2019 में राव ने जिसका टिकट कटवाया, इस बार उसे टिकट
बादशाहपुर से 2014 का विधानसभा चुनाव जीतकर मनोहरलाल खट्टर की अगुवाई वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री बने राव नरबीर सिंह का टिकट 2019 के चुनाव में केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कटवा दिया था। अब पांच साल बाद, भाजपा ने राव नरबीर सिंह को बादशाहपुर सीट से ही दोबारा कैंडिडेट बनाया है। 4. 7 विधायकों के टिकट होल्ड
भाजपा ने अपने सात विधायकों के टिकट होल्ड कर लिए हैं। इनमें गन्नौर की विधायक निर्मल रानी, नारनौल से ओमप्रकाश यादव, बावल (SC) से बनवारी लाल, पटौदी (SC) से सत्यप्रकाश जारवाता, हथीन से परवीन डागर, होडल (SC) से जगदीश नैय्यर और बड़खल से सीमा त्रिखा शामिल हैं। प्रदेशाध्यक्ष बन चुके मोहन लाल बड़ौली की सीट राई से भी फिलहाल किसी को टिकट देने का ऐलान नहीं किया गया है। 5. सैनी के एक राज्यमंत्री का टिकट कटा, दो के टिकट होल्ड
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा हाईकमान ने मनोहर लाल खट्टर का इस्तीफा लेकर नायब सिंह सैनी को मंत्री बनाया था। उस समय उनके मंत्रिमंडल में बड़खल की विधायक सीमा त्रिखा, सोहना के विधायक संजय सिंह और बावल (SC) के विधायक बनवारी लाल को बतौर राज्यमंत्री शामिल किया गया था। बुधवार को पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 67 उम्मीदवारों की जो पहली लिस्ट जारी की, उनमें सोहना से संजय सिंह का टिकट काट दिया गया। इनके अलावा बड़खल की विधायक सीमा त्रिखा और बावल (SC) से बनवारी लाल का टिकट भी होल्ड कर लिया गया। 6. पलवल के उम्मीदवार ने चौंकाया
सबसे चौंकाने वाला नाम पलवल सीट से गौरव गौतम का है। गौतम हरियाणा में ज्यादा एक्टिव नहीं हैं। वह अभी भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव हैं। साथ ही महाराष्ट्र में युवा मोर्चा के प्रभारी की जिम्मेदारी देख रहे हैं। हालांकि वह केंद्रीय मंत्री अमित शाह के काफी करीबी माने जाते हैं। इस सीट पर उनका सीधा मुकाबला पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण सिंह दलाल से माना जा रहा है। 7. दीपक के जरिए खिलाड़ियों को साधा
महम से भारतीय कबड्डी टीम के कैप्टन दीपक हुड्डा को बीजेपी ने टिकट दिया है। इसके जरिए भाजपा ने खिलाड़ियों को साधने की कोशिश की है। खासकर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की कांग्रेस से लड़ने की चर्चाओं के बीच भाजपा ने खिलाड़ियों को साधने की कोशिश की है। वहीं दीपक के जाट चेहरे का भी भाजपा फायदा देख रही है। 8. दादरी सीट पर बबीता फोगाट को दूसरा मौका नहीं
भाजपा ने दंगल गर्ल के नाम से मशहूर बबीता फोगाट को इस बार टिकट नहीं दिया। उनकी जगह तीन दिन पहले ही जेल सुपरिंटेंडेंट की नौकरी छोड़कर पार्टी जॉइन करने वाले सुनील सांगवान को चुनाव मैदान में उतारा गया है। 2019 के चुनाव में BJP ने बबीता फोगाट को दादरी सीट से टिकट दिया था लेकिन वह मात्र 24786 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रही थीं। तब निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले सोमवीर सांगवान दादरी से जीते थे। दूसरे नंबर पर जेजेपी उम्मीदवार सतपाल सांगवान रहे थे। सुनील सांगवान सतपाल सांगवान के बेटे हैं। 9. योगेश्वर दत्त को पार्टी ने दिया झटका
भाजपा ने पहली लिस्ट में पूर्व ओलिंपियन रेसलर योगेश्वर दत्त को भी झटका दिया है। योगेश्वर सोनीपत जिले की गोहाना सीट से टिकट मांग रहे थे। इसके लिए वह पिछले दिनों दिल्ली जाकर भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मिले भी थे। हालांकि BJP ने योगेश्वर को खास महत्व नहीं दिया और कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट में गोहाना सीट से अपने पूर्व सांसद डॉ. अरविंद शर्मा को टिकट दे दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में रोहतक में दीपेंद्र हुड्डा को हराकर सांसद बने अरविंद शर्मा 2024 के लोकसभा चुनाव में रोहतक सीट पर दीपेंद्र से ही हार गए थे। योगेश्वर दत्त ने 2019 में भाजपा ज्वाइन कर ली थी। पार्टी ने उन्हें 2019 में सोनीपत की बरौदा सीट से टिकट दिया था लेकिन वह हार गए। उन्हें कांग्रेस के कृष्णा हुड्डा ने हराया था। 2020 में कृष्णा हुड्डा के निधन के बाद बरौदा सीट पर उपचुनाव हुआ। भाजपा ने योगेश्वर दत्त को दोबारा टिकट दिया लेकिन वह इस बार भी जीत नहीं पाए। उपचुनाव में वह कांग्रेस के इंदुराज नरवाल से हार गए। 10. रामबिलास मंत्री रहते हारे, टिकट रोकी
भाजपा ने पहली लिस्ट में महेंद्रगढ़ सीट से टिकट का ऐलान न करके चौंका दिया। इस सीट से पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामबिलास शर्मा चुनाव लड़ते रहे हैं। 2019 में रामबिलास शर्मा कैबिनेट मंत्री रहते हुए हार गए थे। इस बार वह महेंद्रगढ़ से अपने बेटे गौतम रामबिलास को टिकट दिलाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। हालांकि पार्टी ने पहली लिस्ट में उनका या उनके बेटे के नाम का ऐलान नहीं किया। 11. SP को धमकी देने वाले ग्रोवर की सीट का फैसला टाला
भाजपा ने पहली लिस्ट में रोहतक सीट के टिकट का ऐलान भी नहीं किया। यह सीट हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के खासमखास मनीष ग्रोवर की है जिन्हें रोहतक में सुपर सीएम भी कहा जाता है। कुछ दिनों से मनीष ग्रोवर के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं। वकीलों से विवाद के अलावा पुलिस की ओर से की गई एक FIR से भड़के ग्रोवर ने खुलेआम रोहतक के SP हिमांशु गर्ग को धमकी दे दी थी। सभी बड़े नेताओं को खुश किया मनोहर लाल खट्टर : भाजपा की पहली ही लिस्ट में देवेंद्र बबली को टोहाना, अनूप धानक को उकलाना और रामकुमार गौतम को सफीदों से टिकट मिल गई। इन तीनों को खट्टर ने ही JJP छुड़वाकर भाजपा जॉइन कराई थी। उन्हें भरोसा दिया था कि पार्टी में पूरा सम्मान मिलेगा। इसके अलावा राव नरबीर को बादशाहपुर और विपुल गोयल को फरीदाबाद से टिकट दिलाने में भी खट्टर का रोल रहा। वहीं सोहना से तेजपाल तंवर, गुरुग्राम से मुकेश शर्मा और नांगल चौधरी से डॉ. अभय सिंह यादव को टिकट दिलाने में भी खट्टर की चली। चूंकि खट्टर साढ़े 9 साल हरियाणा के सीएम रहे, इसलिए उन्हें भी नाराज नहीं किया। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा खट्टर की ही चली। राव इंद्रजीत: राव इंद्रजीत केंद्र में राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज थे। वहीं बेटी आरती राव को 2014 और 2019 में टिकट न देने पर भी उनकी नाराजगी बढ़ी हुई थी। इस बार भाजपा ने उनकी बेटी को पसंदीदा सीट अटेली से टिकट दे दी। इसके अलावा उनके खास समर्थक पूर्व जिला पार्षद अनिल डहीना को राव की पारिवारिक सीट कोसली से उम्मीदवार बनाया। हालांकि राव की मांग वाली बावल और पटौदी सीट को फिलहाल होल्ड कर दिया गया है। राव को बेटी की टिकट के सहारे भाजपा ने साधा लेकिन उनकी सारी मांगें नहीं मानीं। कुलदीप बिश्नोई: पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई को भाजपा ने 5 सीटें दे दी। जिनमें आदमपुर से बेटे भव्य बिश्नोई, नलवा से करीबी रणधीर पनिहार, फतेहाबाद से चचेरे भाई दुड़ाराम बिश्नोई, बरवाला से रणबीर गंगवा और समालखा से मनमोहन भडाणा की टिकट शामिल है। मनमोहन भडाणा प्रदेश के पूर्व मंत्री करतार सिंह भडाणा के बेटे हैं। कुलदीप बिश्नोई के जरिए भाजपा ने पूर्व सीएम भजनलाल के राजनीतिक रसूख को वोट बैंक में बदलने की कोशिश की है। जातीय समीकरण: झटका देने वाले वर्ग को सबसे ज्यादा टिकटें
भाजपा की पहली लिस्ट को जातीय लिहाज से देखें तो लोकसभा चुनाव में जिस वर्ग ने सबसे ज्यादा झटका दिया, उन्हीं को सबसे ज्यादा टिकटें बांटी हैं। भाजपा ने 90 सीटों को लेकर जारी 67 उम्मीदवारों की लिस्ट में सबसे ज्यादा 41 सीटें इन्हीं 3 वर्गों SC, OBC और जाटों में बांटी हैं। भाजपा ने 13 सीटों पर SC, 15 पर OBC और 13 सीटों पर जाट चेहरों को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि भाजपा के कोर वोट बैंक माने जाते ब्राह्मण, वैश्य और पंजाबी वर्ग को महज 24 सीटें ही दी गई हैं। हालांकि अभी भाजपा के 23 और उम्मीदवारों की घोषणा होनी बाकी है। उसमें इन चेहरों को ज्यादा तरजीह दी जा सकती है। लोकसभा चुनाव में जाट-एससी के अलावा ओबीसी वोट बैंक का भाजपा को पर्याप्त समर्थन नहीं मिला, जिसकी वजह से भाजपा हरियाणा की 10 में से 5 ही सीटें जीत पाई थी। क्षेत्रीय समीकरण: जीटी रोड बेल्ट रिपीट, दक्षिण हरियाणा में सबसे ज्यादा टिकट काटे
क्षेत्रीय समीकरण देखें तो भाजपा ने सरकार बनाने वाली 2 बेल्टों पर खास फोकस किया है। पहले जीटी रोड बेल्ट की बात करें तो भाजपा ने लगभग सभी चेहरे रिपीट किए हैं। यहां सिर्फ एक ही टिकट काटा है। यहां कुरूक्षेत्र के पिहोवा से संदीप सिंह का टिकट कटा। उन पर जूनियर महिला कोच के यौन शोषण का आरोप लगा था। यहां केंद्रीय मंत्री खट्टर की चलने के साथ आरएसएस का फीडबैक भी उम्मीदवारों के काम आया। वहीं अहीरवाल बेल्ट समेत दक्षिण हरियाणा में 23 सीटें हैं। यहां भाजपा ने 5 टिकट काट दिए। इसके अलावा 11 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है। यह बेल्ट भाजपा के लिहाज से इस वजह से महत्वपूर्ण है। इसकी वजह ये है कि 2014 में अहीरवाल बेल्ट से भाजपा 11 सीटें जीती थी तो पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। 2019 में भाजपा यहां सिर्फ 8 सीटें ही जीत पाई तो सरकार बहुमत के 46 के आंकड़े से दूर रह गई थी।
मुरादाबाद में UPS को लेकर कार्यशाला का आयोजन, रेलवे अधिकारी बताए एकीकृत पेंशन योजना के लाभ
मुरादाबाद में UPS को लेकर कार्यशाला का आयोजन, रेलवे अधिकारी बताए एकीकृत पेंशन योजना के लाभ <p style=”text-align: justify;”><strong>Moradabad News:</strong> उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में आज मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पर रेलवे के अधिकारियों ने भारत सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लायी गयी एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के बारे में जानकारी दी गई. मुरादाबाद मंडल रेल प्रबंधक राजकुमार सिंह ने कर्मचारियों ने एकीकृत पेशन स्कीम के बारे में कर्मचारियों को बताया है. इसे लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें रेलवे कर्मचारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुरादाबाद मण्डल रेल प्रबंधक राज कुमार सिंह ने बताया कि यह योजना न्यू पेंशन स्कीम से अलग है और इसमें लगभग 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, यह योजना एकीकृत पेंशन योजना 01 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएगी. अगर राज्य सरकारें भी इसे अपनाती हैं, तो इससे 90 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिल सकता है जो वर्तमान में नई पेंशन स्कीम पर हैं. इस योजना के तहत 25 वर्ष की न्यूनतम सेवा के लिए पेंशन की राशि सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50% मिलेगा और कम से कम 10 वर्ष की सेवा करने पर पेंशन की धनराशि आनुपातिक होगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रिटायर कर्मचारियों को मिलेगी हर महीने दस हजार पेंशन</strong><br />न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10000 प्रति माह पेंशन मिलेगी और 25 वर्ष से कम की सेवा पर यह आनुपातिक रहेगी. इसमें कर्मचारी का अंशदान नहीं बढ़ेगा और UPS लागू करने के लिए सरकार अतिरिक्त योगदान भी देगी. इसमें सरकार का योगदान 14% से बढ़ाकर 18.5% किया गया और यू.पी.एस. के प्रावधान एनपीएस के पिछले सेवानिवृत्त लोगों ( जो पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं ) पर लागू होंगे. इस योजना में निश्चित पारिवारिक पेंशन कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले उसकी पेंशन का 60% होगी और सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन पर और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन पर औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर महंगाई राहत, जैसा कि सेवारत कर्मचारियों के लिये है मिलेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसमें ग्रेच्युटी के अलावा सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान, सेवानिवृत्ति की तिथि पर, मासिक पारिश्रमिक (वेतन + डीए) का 1/10वां हिस्सा सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की मात्रा कम नहीं होगी. यू.पी.एस. की अन्य विशेषताएं में प्रावधान यह भी है की एनपीएस के पिछले सेवानिवृत्त लोगों पर लागू होंगे. पिछली अवधि के लिए बकाया राशि का भुगतान पीपीएफ दरों पर ब्याज के साथ किया जाएगा, यू.पी.एस. कर्मचारियों के लिए एक विकल्प के रूप में उपलब्ध होगा. मौजूदा और भावी कर्मचारियों के पास एन.पी.एस. या यू.पी.एस. में शामिल होने का विकल्प होगा एक बार चुने जाने के बाद, विकल्प अंतिम होगा, कर्मचारी का अंशदान नहीं बढ़ेगा और यू..पी.एस. लागू करने के लिए सरकार अतिरिक्त योगदान देगी. इस में सरकार का योगदान 14% से बढ़ाकर 18.5% किया गया. सहायता तंत्र और आवश्यक कानूनी, विनियामक और लेखा परिवर्तन तैयार किए जाएंगे UPS का कार्यान्वयन केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मण्डल रेल प्रबंधक कार्यालय मुरादाबाद के कांफ्रेंस रूम में पत्रकार वार्ता के दौरान मण्डल रेल प्रबंधक राज कुमार सिंह, वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक आदित्य गुप्ता, सहायक मण्डल कार्मिक अधिकारी अभिनव, सहायक मण्डल वित्त प्रबंधक विपिन शुक्ला ने पत्रकारों को केंद्र सरकार की यूनिफाइड पेंशन स्कीम के बारे में जानकारी दी. अधिकारियों से इस योजना के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की और कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ, एन.पी.एस. स्कीम से अंतर पर विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए मण्डल रेल प्रबंधक राज कुमार सिंह ने बताया की केंद्र सरकार का यह कदम केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए लाभदायक है. यह पुरानी पेंशन योजना की भांति ही है और न्यू पेंशन स्कीम वाले कर्मचारी इसे ले सकते हैं इसमें कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttarakhand-kedarnath-dham-movement-of-horses-and-mules-started-on-kedarnath-walking-route-2769713″><strong>Kedarnath: केदारनाथ के भक्तों के लिए खुशखबरी, पैदल मार्ग पर घोड़ों-खच्चरों की आवाजाही शुरू</strong></a></p>
‘इस सूबे में आंकड़े नहीं, इंसान बसते हैं सरकार’, अनुपूरक बजट पर शिवपाल सिंह यादव का प्रहार
‘इस सूबे में आंकड़े नहीं, इंसान बसते हैं सरकार’, अनुपूरक बजट पर शिवपाल सिंह यादव का प्रहार <p style=”text-align: justify;”><strong>Shivpal Singh Yadav On UP Budget: </strong>उत्तर प्रदेश विधानसभ का 29 जुलाई से मानसून सत्र चल रहा है. मानसून सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार (30 जुलाई) को <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> की सरकार अनुपूरक बजट पेश किया है. 2024-25 को यह पहला अनुपूरक बजट होगा. इस अनुपूरक बजट का आकार करीब 20000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है और ये पूरा खर्च विकास के मद्देनजर होना है, लेकिन योगी सरकार के इस बजट को लेकर सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने प्रहार किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सपा नेता शिवपाल सिंह ने बीजेपी को पर वार करते हुए एक्स पर लिखा, ”इस सूबे में आंकड़े नहीं इंसान बसते हैं सरकार. जनता को बजट के आंकड़े नहीं उनके हिस्से का असल समाधान चाहिए. अनुपूरक बजट लाने वाली<span class=”Apple-converted-space”> </span><a href=”https://x.com/UPGovt”>@UPGovt </a>पूर्ण बजट नहीं खर्च कर पा रही है. भाजपा सरकार के पिछले बजट की तरह इसबार भी आंकड़ों और अफसरों की फाइलों में सूबे का मौसम गुलाबी है.” [tw]</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>इस सूबे में आंकड़े नहीं इंसान बसते हैं सरकार। जनता को बजट के आंकड़े नहीं उनके हिस्से का असल समाधान चाहिए। अनुपूरक बजट लाने वाली <a href=”https://twitter.com/UPGovt?ref_src=twsrc%5Etfw”>@UPGovt</a> पूर्ण बजट नहीं खर्च कर पा रही है। भाजपा सरकार के पिछले बजट की तरह इसबार भी आंकड़ों और अफसरों की फाइलों में सूबे का मौसम गुलाबी है।<a href=”https://twitter.com/hashtag/%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%AA%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A4%95_%E0%A4%AC%E0%A4%9C%E0%A4%9F?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#अनुपूरक_बजट</a></p>
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) <a href=”https://twitter.com/shivpalsinghyad/status/1818240013378761079?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 30, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
[/tw]</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यूपी सरकार ने पेश किया अनुपूरक बजट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मानसून सत्र के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2024—25 के लिये 12,909 करोड़ रुपये से अधिक का अनुपूरक बजट पेश किया. प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने राज्य विधानसभा में 2024—25 के लिये अनुपूरक अनुदान मांगें प्रस्तुत कीं. उन्होंने बताया कि यह अनुपूरक बजट 12,909 करोड़ 93 लाख रुपये का है और यह इस साल फरवरी में पेश किये गये 7.36 लाख करोड़ रुपये के मूल बजट का 1.66 प्रतिशत है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने क्या बताया?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>खन्ना ने कहा कि अनुपूरक बजट में राजस्व लेखे का व्यय 4227.94 करोड़ रुपये और पूंजी लेखे का व्यय 7981.99 करोड़ रुपये है. उन्होंने बताया कि अनुपूरक बजट में खासतौर से 7500.18 करोड़ रुपये औद्योगिक विकास के लिये, 2000 करोड़ रुपये ऊर्जा विभाग के लिये, परिवहन विभाग को बसें खरीदने के लिये 1000 करोड़ रुपये, नगर विकास विभाग के तहत अमृत योजना के लिये 600 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश कौशल मिशन के तहत अल्पकालीन कार्यक्रमों के लिये 200 करोड़ रुपये, ग्रामीण स्टेडियम तथा ओपन जिम के लिये 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(एजेंसी इनपुट के साथ)</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के जेठ पर जानलेवा हमला, दबंगों ने घात लगाकर किया वार” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/union-minister-anupriya-patel-brother-in-law-arun-kumar-singh-deadly-attacked-in-chitrakoot-2749686″ target=”_self”>केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के जेठ पर जानलेवा हमला, दबंगों ने घात लगाकर किया वार</a></strong></p>