<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> संभल जिले के चंदौसी में मिली 150 साल पुरानी ऐतिहासिक बावड़ी की खुदाई का काम जारी है. इस बीच मुरादाबाद के पूर्व सांसद चंद्र विजय सिंह ने बावड़ी पर मालिकाना हक जताया है. चंद्र विजय सिंह ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कौशल ने प्रशासन को बताया था कि चंदोसी में एक प्राचीन बावड़ी मिट्टी से दबी हुई है. प्रशासन ने उसको खोदना शुरू किया. बावड़ी उत्तर प्रदेश में एक अनोखी चीज है, क्योंकि इसका रिवाज अधिकांशत: राजस्थान, गुजरात आदि में होता है. जब खुदाई शुरू हुई तो पता चला कि वो तीन मंजिल जमीन के नीचे है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि बावड़ी पर भिन्न-भिन्न लोग दावा कर रहे हैं और कुछ उस पर काबिज हैं. मैं ये साफ करना चाहता हूं कि बावड़ी और वो भूमि हमारे परिवार, पुरखों की बनाई हुई है और परिवार की संपत्ति है. अब कौन उस पर काबिज है, कब से हुआ, ये हमें मालूम नहीं है, क्योंकि हम लोग छोटे थे. लेकिन यह हमारी अनुमति के अनुसार नहीं हुआ है. मैं और मेरा परिवार यही चाहेगा कि ये एक धरोहर है चंदौसी के लिए, हम चाहते हैं कि इसे या तो पुरातत्व विभाग ले या प्रदेश का पर्यटन विभाग ले. हालांकि, पुरातत्व विभाग इसका सर्वे कर रहा है. यह एक अच्छा अवसर हो सकता है यदि चंदौसी को एक प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी इसके लिए प्रशासन से बात नहीं हुई है. परंतु अगर प्रशासन चाहेगा तो हम लिख के देने को तैयार हैं. हमने अपने बुजुर्गों से सुना था कि 1700 ईसवी के आसपास ये बावड़ी बनी थी. 1898 के करीब हमारे दादा के दादा राजा कृष्ण कुमार सिंह ने इसी स्थान पर एक निवास बनाया था. जिसके प्रांगण में ये बावड़ी आती है. राजा कृष्ण कुमार सिंह का जन्म 1848 में हुआ और उनकी मृत्यु 1915 में हुई थी. उसका नाम था कृष्ण निवास. वो आज तक शायद खड़ा हुआ है, लेक‍िन किसके कब्जे है, हमें यह मालूम नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पर्यटन का एक आकर्षक स्थान बने</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रशासन आपसे दस्तावेज की मांग करते है तो उन्हें मुहैया कराएंगे. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दस्तावेज प्रशासन के पास होंगे. सब पुराने दस्तावेज़ तो प्रशासन के पास हैं. हम चाहते हैं कि वहां आम जनता के लिए पर्यटन का एक आकर्षक स्थान बने. चंदौसी और आसपास कोई ऐसी बावड़ी नहीं है. अच्छा रहेगा, वहां के लिए एक ऐसी प्राचीन चीज़ सुरक्षित रहे, और वहां की जनता के काम में आए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहली मंजिल तक हो चुकी है खुदाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि संभल के करीब चंदौसी में मिली 150 साल पुरानी ऐतिहासिक बावड़ी की खुदाई का काम जारी है. दूसरी बार एएसआई की टीम सर्वे के लिए यहां पहुंची. पहली मंजिल तक खुदाई हो चुकी है. बड़ी तादाद में मजदूरों को लगाया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/manmohan-singh-tomb-samajwadi-party-chief-akhilesh-yadav-reminded-bjp-its-tradition-says-never-forgive-2851336″>मनमोहन सिंह की समाधि कहां? अखिलेश यादव ने BJP को याद दिलाई परंपरा, कहा- ‘कभी माफ नहीं…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> संभल जिले के चंदौसी में मिली 150 साल पुरानी ऐतिहासिक बावड़ी की खुदाई का काम जारी है. इस बीच मुरादाबाद के पूर्व सांसद चंद्र विजय सिंह ने बावड़ी पर मालिकाना हक जताया है. चंद्र विजय सिंह ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कौशल ने प्रशासन को बताया था कि चंदोसी में एक प्राचीन बावड़ी मिट्टी से दबी हुई है. प्रशासन ने उसको खोदना शुरू किया. बावड़ी उत्तर प्रदेश में एक अनोखी चीज है, क्योंकि इसका रिवाज अधिकांशत: राजस्थान, गुजरात आदि में होता है. जब खुदाई शुरू हुई तो पता चला कि वो तीन मंजिल जमीन के नीचे है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि बावड़ी पर भिन्न-भिन्न लोग दावा कर रहे हैं और कुछ उस पर काबिज हैं. मैं ये साफ करना चाहता हूं कि बावड़ी और वो भूमि हमारे परिवार, पुरखों की बनाई हुई है और परिवार की संपत्ति है. अब कौन उस पर काबिज है, कब से हुआ, ये हमें मालूम नहीं है, क्योंकि हम लोग छोटे थे. लेकिन यह हमारी अनुमति के अनुसार नहीं हुआ है. मैं और मेरा परिवार यही चाहेगा कि ये एक धरोहर है चंदौसी के लिए, हम चाहते हैं कि इसे या तो पुरातत्व विभाग ले या प्रदेश का पर्यटन विभाग ले. हालांकि, पुरातत्व विभाग इसका सर्वे कर रहा है. यह एक अच्छा अवसर हो सकता है यदि चंदौसी को एक प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी इसके लिए प्रशासन से बात नहीं हुई है. परंतु अगर प्रशासन चाहेगा तो हम लिख के देने को तैयार हैं. हमने अपने बुजुर्गों से सुना था कि 1700 ईसवी के आसपास ये बावड़ी बनी थी. 1898 के करीब हमारे दादा के दादा राजा कृष्ण कुमार सिंह ने इसी स्थान पर एक निवास बनाया था. जिसके प्रांगण में ये बावड़ी आती है. राजा कृष्ण कुमार सिंह का जन्म 1848 में हुआ और उनकी मृत्यु 1915 में हुई थी. उसका नाम था कृष्ण निवास. वो आज तक शायद खड़ा हुआ है, लेक‍िन किसके कब्जे है, हमें यह मालूम नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पर्यटन का एक आकर्षक स्थान बने</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रशासन आपसे दस्तावेज की मांग करते है तो उन्हें मुहैया कराएंगे. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दस्तावेज प्रशासन के पास होंगे. सब पुराने दस्तावेज़ तो प्रशासन के पास हैं. हम चाहते हैं कि वहां आम जनता के लिए पर्यटन का एक आकर्षक स्थान बने. चंदौसी और आसपास कोई ऐसी बावड़ी नहीं है. अच्छा रहेगा, वहां के लिए एक ऐसी प्राचीन चीज़ सुरक्षित रहे, और वहां की जनता के काम में आए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहली मंजिल तक हो चुकी है खुदाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि संभल के करीब चंदौसी में मिली 150 साल पुरानी ऐतिहासिक बावड़ी की खुदाई का काम जारी है. दूसरी बार एएसआई की टीम सर्वे के लिए यहां पहुंची. पहली मंजिल तक खुदाई हो चुकी है. बड़ी तादाद में मजदूरों को लगाया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/manmohan-singh-tomb-samajwadi-party-chief-akhilesh-yadav-reminded-bjp-its-tradition-says-never-forgive-2851336″>मनमोहन सिंह की समाधि कहां? अखिलेश यादव ने BJP को याद दिलाई परंपरा, कहा- ‘कभी माफ नहीं…'</a></strong></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड संभल: शाही जामा मस्जिद के ठीक सामने चला बुलडोजर, बन रही पुलिस चौकी, नाम होगा ‘सत्यव्रत’