हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में मानसून पिछले कल दस्तक दे चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, आज सभी 12 जिलों में इसकी मानसून पहुंच सकता है। मगर एंट्री के साथ ही मानसून कमजोर पड़ने लगा है। हालांकि ऊना के भरवाई और शिमला में मानसून ने धमाकेदार एंट्री की है। भरवाई में बीते 24 घंटे के दौरान 70 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। शिमला में भी रात 10 बजे से तीन घंटे तक निरंतर तेज बारिश हुई। वहीं सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, मंडी व हमीरपुर में भी हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग (IMD) की माने तो अगले छह यानी 3 जुलाई तक प्रदेशभर में बारिश के आसार है। इसे देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि दो दिन पहले IMD ने 29 व 30 जून को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। मगर अब भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट हटाकर येलो अलर्ट दिया गया है। शिमला समेत प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में आज सुबह से ही मौसम साफ बना हुआ है। छह दिन येलो अलर्ट मौसम विभाग ने आज से अगले छह दिन के लिए किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य 10 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। आज बारिश के साथ-साथ कुछ जगहों पर 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का भी पूर्वानुमान हैं। IMD की माने तो, पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने की वजह से ऑरेंज की जगह अब येलो अलर्ट की चेतावनी दी गई है। शिमला में मूसलाधार बारिश IMD के अनुसार, बीते 24 घंटे के दौरान ऊना के भरवाई में 70 MM, अंब में 42 MM, मंडी के जोगेंद्रनगर में 7.2 MM, पालमपुर में 19.3 MM बारिश और सोलन, सिरमौर व हमीरपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में भी 2 से 15 MM तक बारिश हुई है। शिमला भी रात तीन घंटे तक मूसलाधार बारिश से रास्ते व सड़कें पानी से लबालब हो गई। कई शहरों का पारा 9 डिग्री तक लुढ़का प्रदेश में मानसून की एंट्री के साथ ही तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। ऊना जिला तापमान 39.2 डिग्री से कम होकर 33.8 डिग्री सेल्सियस रह गया है। बिलासपुर के तापमान में सबसे ज्यादा 8.8 डिग्री की कमी गिरावट आई है। इसके बाद बिलासपुर का पारा 38.3 डिग्री से कम होकर 29.5 डिग्री रह गया है। हमीरपुर के तापमान में भी 7.1 डिग्री की कमी आई है। हमीरपुर का पारा 36.6 डिग्री से कम होकर 29.5 डिग्री रह गया है। शिमला का पारा 23.2 डिग्री, धर्मशाला 30 डिग्री, नाहन 33.3 डिग्री, सोलन 27.5 डिग्री, मनाली 25.8 डिग्री, मंडी 30.8 डिग्री, बिलासपुर 29.5 डिग्री, कुफरी 19.6 डिग्री, रिकांगपियो 29.6 डिग्री, सियोबाग 29.1 डिग्री और नारकंडा का अधिकतम तापमान 23.7 डिग्री सेल्सियस रह गया है। दो दिन देरी से आया मानसून IMD की माने तो हिमाचल में अगले छह दिनों तक निरंतर बारिश होगी। इसे देखते हुए 1 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी किया गया है। अमूमन 22 से 25 जून के बीच मानसून दस्तक देता है। प्रदेश में इस बार नॉर्मल डेट से दो दिन देरी से मानसून पहुंचा है। साल 2002 में 4 जुलाई को पहुंचा मानसून प्रदेश में पहले भी कई बार मानसून देरी से आया है। साल 2002 में चार जुलाई को सबसे देरी से मानसून हिमाचल आया था। बीते साल की बात करें तो 24 जून को मानसून हिमाचल पहुंचा है। साल 2019, 2017 में भी जुलाई महीने में मानसून ने दस्तक दी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि आमतौर पर प्रदेश में मानसून 22 से 25 जून के बीच पहुंचता है। इस बार मई माह में ‘रेमल’ चक्रवात के कारण थोड़ी देरी हुई है। उन्होंने बताया कि हिंद महासागर और अरब सागर से चलने वाली हवाओं का दबाव भी नहीं बन पाया। इस कारण मानसून बीच में ही रुक गया था। पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों को एडवाइजरी हिमाचल में बारिश के येलो अलर्ट को देखते हुे मौसम विभाग ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को भी अधिक ऊंचाई वाले, लैंड स्लाइड संभावित क्षेत्रों और नदी-नालों के आसपास नहीं जाने की एडवाइजरी जारी की है। कई शहरों में प्री-मानसून की बौछारें प्रदेश के कई क्षेत्रों में प्री-मानसून की बारिश बीते तीन दिन से हो रही है। इससे प्रदेशवासियों ने भीषम गर्मी से राहत की सांस जरूर ली है। मगर ऊना सहित दूसरे शहरों का तापमान अभी भी नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है। जाने कब जारी होता है येलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट IMD के मुताबिक, 24 घंटे में 0-64 मिलीमीटर (MM) बारिश का पूर्वानुमान होने पर येलो अलर्ट जारी किया जाता है, जबकि 65 से 114 MM बारिश होने पर ऑरेंज अलर्ट और 115 MM से ज्यादा बारिश 24 घंटे में होने के पूर्वानुमान पर रेड अलर्ट जारी किया जाता है। हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में मानसून पिछले कल दस्तक दे चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, आज सभी 12 जिलों में इसकी मानसून पहुंच सकता है। मगर एंट्री के साथ ही मानसून कमजोर पड़ने लगा है। हालांकि ऊना के भरवाई और शिमला में मानसून ने धमाकेदार एंट्री की है। भरवाई में बीते 24 घंटे के दौरान 70 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। शिमला में भी रात 10 बजे से तीन घंटे तक निरंतर तेज बारिश हुई। वहीं सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, मंडी व हमीरपुर में भी हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग (IMD) की माने तो अगले छह यानी 3 जुलाई तक प्रदेशभर में बारिश के आसार है। इसे देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि दो दिन पहले IMD ने 29 व 30 जून को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। मगर अब भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट हटाकर येलो अलर्ट दिया गया है। शिमला समेत प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में आज सुबह से ही मौसम साफ बना हुआ है। छह दिन येलो अलर्ट मौसम विभाग ने आज से अगले छह दिन के लिए किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य 10 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। आज बारिश के साथ-साथ कुछ जगहों पर 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का भी पूर्वानुमान हैं। IMD की माने तो, पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने की वजह से ऑरेंज की जगह अब येलो अलर्ट की चेतावनी दी गई है। शिमला में मूसलाधार बारिश IMD के अनुसार, बीते 24 घंटे के दौरान ऊना के भरवाई में 70 MM, अंब में 42 MM, मंडी के जोगेंद्रनगर में 7.2 MM, पालमपुर में 19.3 MM बारिश और सोलन, सिरमौर व हमीरपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में भी 2 से 15 MM तक बारिश हुई है। शिमला भी रात तीन घंटे तक मूसलाधार बारिश से रास्ते व सड़कें पानी से लबालब हो गई। कई शहरों का पारा 9 डिग्री तक लुढ़का प्रदेश में मानसून की एंट्री के साथ ही तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। ऊना जिला तापमान 39.2 डिग्री से कम होकर 33.8 डिग्री सेल्सियस रह गया है। बिलासपुर के तापमान में सबसे ज्यादा 8.8 डिग्री की कमी गिरावट आई है। इसके बाद बिलासपुर का पारा 38.3 डिग्री से कम होकर 29.5 डिग्री रह गया है। हमीरपुर के तापमान में भी 7.1 डिग्री की कमी आई है। हमीरपुर का पारा 36.6 डिग्री से कम होकर 29.5 डिग्री रह गया है। शिमला का पारा 23.2 डिग्री, धर्मशाला 30 डिग्री, नाहन 33.3 डिग्री, सोलन 27.5 डिग्री, मनाली 25.8 डिग्री, मंडी 30.8 डिग्री, बिलासपुर 29.5 डिग्री, कुफरी 19.6 डिग्री, रिकांगपियो 29.6 डिग्री, सियोबाग 29.1 डिग्री और नारकंडा का अधिकतम तापमान 23.7 डिग्री सेल्सियस रह गया है। दो दिन देरी से आया मानसून IMD की माने तो हिमाचल में अगले छह दिनों तक निरंतर बारिश होगी। इसे देखते हुए 1 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी किया गया है। अमूमन 22 से 25 जून के बीच मानसून दस्तक देता है। प्रदेश में इस बार नॉर्मल डेट से दो दिन देरी से मानसून पहुंचा है। साल 2002 में 4 जुलाई को पहुंचा मानसून प्रदेश में पहले भी कई बार मानसून देरी से आया है। साल 2002 में चार जुलाई को सबसे देरी से मानसून हिमाचल आया था। बीते साल की बात करें तो 24 जून को मानसून हिमाचल पहुंचा है। साल 2019, 2017 में भी जुलाई महीने में मानसून ने दस्तक दी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि आमतौर पर प्रदेश में मानसून 22 से 25 जून के बीच पहुंचता है। इस बार मई माह में ‘रेमल’ चक्रवात के कारण थोड़ी देरी हुई है। उन्होंने बताया कि हिंद महासागर और अरब सागर से चलने वाली हवाओं का दबाव भी नहीं बन पाया। इस कारण मानसून बीच में ही रुक गया था। पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों को एडवाइजरी हिमाचल में बारिश के येलो अलर्ट को देखते हुे मौसम विभाग ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को भी अधिक ऊंचाई वाले, लैंड स्लाइड संभावित क्षेत्रों और नदी-नालों के आसपास नहीं जाने की एडवाइजरी जारी की है। कई शहरों में प्री-मानसून की बौछारें प्रदेश के कई क्षेत्रों में प्री-मानसून की बारिश बीते तीन दिन से हो रही है। इससे प्रदेशवासियों ने भीषम गर्मी से राहत की सांस जरूर ली है। मगर ऊना सहित दूसरे शहरों का तापमान अभी भी नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है। जाने कब जारी होता है येलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट IMD के मुताबिक, 24 घंटे में 0-64 मिलीमीटर (MM) बारिश का पूर्वानुमान होने पर येलो अलर्ट जारी किया जाता है, जबकि 65 से 114 MM बारिश होने पर ऑरेंज अलर्ट और 115 MM से ज्यादा बारिश 24 घंटे में होने के पूर्वानुमान पर रेड अलर्ट जारी किया जाता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में सूखे जैसे हालात, बारिश की उम्मीद नहीं:हमीरपुर में तापमान 35 डिग्री के पार, अगले एक सप्ताह तक नहीं गिरेगा पारा
हिमाचल में सूखे जैसे हालात, बारिश की उम्मीद नहीं:हमीरपुर में तापमान 35 डिग्री के पार, अगले एक सप्ताह तक नहीं गिरेगा पारा हिमाचल प्रदेश में अक्टूबर माह में राज्य में 4 साल बाद बेहद कम बारिश हुई है, और नवंबर के पहले सप्ताह में भी बारिश की कोई संभावना नहीं है। आईएमडी ने पूर्वानुमान लगाया है कि अगले एक सप्ताह तक मौसम साफ रहेगा। अगर यही स्थिति रही तो राज्य में लंबे समय से जारी बारिश ना होने के कारण इस बार सूखे जैसे हालात बनने की संभावना है। 1 से 31 अक्टूबर तक राज्य में सामान्य बारिश 25.1 मिमी होती है, लेकिन इस बार सिर्फ 0.7 मिमी बारिश हुई है। 12 में से 6 जिलों में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई आईएमडी के अनुसार, राज्य के 6 जिलों चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई। ऊना में सबसे ज्यादा 8.6 मिमी बारिश हुई है, लेकिन यह भी सामान्य से 54 फीसदी कम है। कांगड़ा में पूरे महीने में सिर्फ 1.5 मिमी, लाहौल स्पीति में 0.1 मिमी और मंडी में 3.4 मिमी बारिश हुई। मानसून के दौरान सामान्य से कम बारिश इस बार मानसून सीजन में राज्य में सामान्य से 19 फीसदी कम बारिश हुई है। पोस्ट मानसून सीजन में भी पहाड़ों पर बादल नहीं बरस रहे हैं। अगले एक सप्ताह तक भी बारिश की संभावना नहीं है। यह राज्य की कृषि और बागवानी के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। इसके चलते जल स्रोतों में पानी का स्तर भी कम होने लगा है। सूखे के चलते किसान गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। 7 नवंबर तक मौसम साफ मौसम विभाग के अनुसार 7 नवंबर तक मौसम साफ रहेगा। बारिश या बर्फबारी न होने से तापमान सामान्य से अधिक है। इस कारण नवंबर का महीना शुरू होने के बावजूद ठंड का अहसास नहीं हो रहा है। हालात ये हैं कि कई जगहों पर तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री अधिक है। पारा 35 के पार मौसम विज्ञान के अनुसार, राज्य में न्यूनतम और अधिकतम तापमान भी सामान्य से अधिक है। इसके चलते दिन के साथ रातें भी गर्म हैं। दिन में लोगों को पसीना आ रहा है। खासकर मैदानी इलाकों में दिन में तापमान काफी अधिक बना हुआ है। ऊना में अभी भी तापमान 35.3 डिग्री सेल्सियस है।
नादौन छात्रा ने सहायक प्रोफेसर पर लगाया छेड़छाड़ का आरोप:बोली- प्रैक्टिकल की क्लास के दौरान की वारदात, परिजनों का हंगामा
नादौन छात्रा ने सहायक प्रोफेसर पर लगाया छेड़छाड़ का आरोप:बोली- प्रैक्टिकल की क्लास के दौरान की वारदात, परिजनों का हंगामा गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज नादौन में शनिवार को उस समय हंगामा हो गया जब कालेज की एक छात्रा ने कॉलेज के ही सहायक प्रोफेसर पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया। पीड़िता के परिजनों सहित अन्य लोग भी कॉलेज में पहुंच गए और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। कॉलेज की सेक्शुअल हैरेसमेंट कमेटी की रिपोर्ट पर कॉलेज के प्रिंसिपल अनिल गौतम ने इस मामले की शिकायत पुलिस को की। शिकायत मिलते ही नादौन पुलिस की एक टीम नादौन कॉलेज पहुंच गई और बयान दर्ज किए। हालांकि यह घटना वीरवार की बताई जा रही है। पीड़ित छात्रा का कहना है कि वह प्रैक्टिकल की क्लास अटेंड कर रही थी। इसी दौरान कॉलेज के एक सहायक प्रोफेसर ने पहले बार-बार पेन मांग कर परेशान कर रहा था और उसे गलत तरीके से छूने का प्रयास कर रहा था। कुछ देर बाद उक्त प्रोफेसर ने उसके साथ अश्लील हरकत की। छात्रा ने सहेलियों को बताई पूरी कहानी
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हिमाचल की डल झील एक साल से सूखी:क्लाइमेट चेंज वजह; संवारने को फंड मिला, लेकिन काम नहीं हुआ क्लाइमेट चेंज से तापमान बढ़ने के चलते हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला में मैक्लोडगंज स्थित डल झील सूख चुकी है। कभी शीशे जैसे निर्मल पानी में भरी रहने वाली झील का अस्तित्व आज खतरे में है। हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक मैक्लोडगंज की डल झील अनदेखी के चलते पूरी तरह से सूख गयी है। राजनीतिक और प्रशासनिक उदासीनता के चलते झील की ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। विभिन्न विभागों द्वारा करोड़ों रुपए का बजट खर्च करने के बावजूद भी इसका स्वरूप नहीं बदला गया। डल झील में 2011 से हो रहा रिसावडल झील से लगातार हो रहे पानी के रिसाव से कृत्रिम झील में पानी न के बराबर होने से गाद उभर आई है। पिछले कुछ वर्षों से सौंदर्यीकरण के लिए प्रशासन का मुंह ताक रही डल झील अंतिम सांसे ले रही है। सौंदर्यीकरण को लेकर ग्रामीण विकास विभाग भी विभागीय कार्यप्रणाली को कोस रहा है। मैक्लोडगंज आने वाले पर्यटकों के लिए भी ऐतिहासिक डल झील मात्र सफेद हाथी बनकर रह गई है। 2011 में निकाला गया था गाद
इससे पहले 2013, 2017, 2019, 2020, 2021 और नवंबर 2022 में भी झील में रिसाव हो चुका है। बता दें कि आसपास के पहाड़ों की गाद ने इसकी गहराई कम कर दी थी। झील का लगभग आधा क्षेत्र गाद से भरा हुआ है, जिसे घास के मैदान में बदल दिया गया है। झील से गाद निकालने के लिए 2011 में स्थानीय लोगों की मदद से एक बड़ा अभियान शुरू किया गया था। गाद का उपयोग मंदिर क्षेत्र के पास पार्किंग बनाने के लिए किया गया था। तब से झील तेजी से सूख रही है। क्लाइमेट चेंज झील के सूखने का मुख्य कारण
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काल्डेन चोफेल का कहना है कि दुनिया भर में ग्लेशियर, झीलें, नदियां सूख रही हैं और इसके परिणाम अकल्पनीय हैं। बचपन के दिनों से हम झील को उफनते और जीवन से भरपूर देखते थे। यह कल्पना करना दर्दनाक है कि यह पर्यटन स्थल नहीं बल्कि इसके आसपास के सभी वन्य जीवन के लिए है। तेंजिन थिनले का कहना है कि यह डल लेक नहीं अब यह सूखी लेक है। सोनम त्सेरिंग ने कहा कि अधिकारियों की उपस्थिति में शाहपुर के विधायक ने 12 सितंबर को सार्वजनिक रूप से कहा था कि डल महोत्सव के बाद त्वरित जीर्णोद्धार परियोजना शुरू होगी। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ और पानी छोड़ने और मछलियों को उसमें स्थानांतरित करने के लिए दो तालाब बनाने के अलावा कुछ भी नहीं किया। एक तरह से, ऐसा लगता है कि सभी बदकिस्मत मछलियां अपने पिछले जन्म में संचित अपने पाप कर्मों को पूरा करने या दूर करने के लिए इस डल झील में पैदा हुई हैं। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि ऐतिहासिक डल लेक के सौंदर्यीकरण तथा पानी के रिसाव को रोकने के लिए डेढ़ महीने के भीतर डीपीआर तैयार की जाएगी। इस के लिए लेक मैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगावाद ने निरीक्षण के दौरान डल लेक के पानी के रिसाव की समस्या गहनता से अध्ययन किया है तथा जिला प्रशासन, वन विभाग, आईपीएच विभाग के अधिकारियों को सुझाव भी दिए हैं। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डल लेक के सौंदर्यीकरण और संरक्षण के लिए कारगर कदम उठाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं जिसके चलते ही लेक मैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगावाद को डल लेक के निरीक्षण के लिए सरकार की ओर से आमंत्रित किया गया है।