पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर मेंटेनेंस का काम किया जाएगा। इसके कारण लखनऊ से संचालित होने वाली ट्रेनें भी प्रभावित हो गई हैं। चौरी चौरा-गौरी बाजार-बैतालपुर स्टेशनों के बीच ऑटोमेटिक सिग्नलिंग के कमीशनिंग और नॉन-इंटरलॉकिंग काम के चलते 18 गाड़ियों का सोमवार और मंगलवार को मार्ग परिवर्तन रहेगा। इसके चलते कई ट्रेन प्रभावित भी हुई हैं। लखनऊ से चलने वाली ये ट्रेन प्रभावित कृषक एक्सप्रेस समेत कई ट्रेन चौरी चौरा स्टेशन पर नहीं रुकेंगी पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर मेंटेनेंस का काम किया जाएगा। इसके कारण लखनऊ से संचालित होने वाली ट्रेनें भी प्रभावित हो गई हैं। चौरी चौरा-गौरी बाजार-बैतालपुर स्टेशनों के बीच ऑटोमेटिक सिग्नलिंग के कमीशनिंग और नॉन-इंटरलॉकिंग काम के चलते 18 गाड़ियों का सोमवार और मंगलवार को मार्ग परिवर्तन रहेगा। इसके चलते कई ट्रेन प्रभावित भी हुई हैं। लखनऊ से चलने वाली ये ट्रेन प्रभावित कृषक एक्सप्रेस समेत कई ट्रेन चौरी चौरा स्टेशन पर नहीं रुकेंगी उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री के सामने 11 परिवारों ने अपनाया हिंदू धर्म, पैर धुलवाकर करवाई गई वापसी
बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री के सामने 11 परिवारों ने अपनाया हिंदू धर्म, पैर धुलवाकर करवाई गई वापसी <p style=”text-align: justify;”>छत्तीसगढ़ के कांकेर में बागेश्वर धाम सरकार के बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सामने 11 परिवारों ने धर्म वापसी की है. हिंदू धर्म को छोड़कर दूसरे धर्म को मानने वाले 11 परिवारों ने धीरेंद्र शास्त्री के सामने वापस हिंदू धर्म को अपना लिया है. इस दौरान डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी मौजूद रहे. कांकेर सासंद भोजराज नाग, विधायक आशाराम नेताम ने पैर धुलवाकर वापसी करवाई. नरहर देव मैदान में दरबार के दौरान पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने वापसी कराई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह ख़बर अपडेट की जा रही है…</strong></p>
UP News: यूपी में 27,764 स्कूलों को दूसरे स्कूल के साथ मर्ज की तैयारी, मायावती बोलीं- ‘ये फैसला उचित नहीं’
UP News: यूपी में 27,764 स्कूलों को दूसरे स्कूल के साथ मर्ज की तैयारी, मायावती बोलीं- ‘ये फैसला उचित नहीं’ <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश में 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं जहां 50 से भी कम छात्र हैं. इन स्कूलों को दूसरे स्कूलों के साथ विलय करने पर विचार हो रहा है. इनका विलय पंचायत के दूसरे स्कूल या फिर आसपास के स्कूलों में कर दिया जाएगा. इस पर बीएसपी चीफ मायावती ने प्रतिक्रिया दी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मायावती ने कहा, ‘यूपी सरकार द्वारा 50 से कम छात्रों वाले बदहाल 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जरूरी सुधार करके उन्हें बेहतर बनाने के उपाय करने के बजाय उनको बंद करके उनका दूसरे स्कूलों में विलय करने का फैसला उचित नहीं. ऐसे में गरीब बच्चे आखिर कहाँ और कैसे पढ़ेंगे?'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्कूलों को बंद करने का भी फैसला अनुचित- मायावती</strong><br />बसपा सुप्रीमो ने कहा, ‘यूपी व देश के अधिकतर राज्यों में खासकर प्राइमरी व सेकण्डरी शिक्षा का बहुत ही बुरा हाल है जिस कारण गरीब परिवार के करोड़ों बच्चे अच्छी शिक्षा तो दूर सही शिक्षा से भी लगातार वंचित हैं. ओडिसा सरकार द्वारा कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद करने का भी फैसला अनुचित.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, ‘सरकारों की इसी प्रकार की गरीब व जनविरोधी नीतियों का परिणाम है कि लोग प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हो रहे हैं, जैसाकि सर्वे से स्पष्ट है, किन्तु सरकार द्वारा शिक्षा पर समुचित धन व ध्यान देकर इनमें जरूरी सुधार करने के बजाय इनको बंद करना ठीक नहीं.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bareilly-news-maulana-shahabuddin-razvi-barelvi-reacted-on-asaduddin-owaisi-statement-ann-2815615″>’मुसलमानों को भड़काने का काम कर रहे असदुद्दीन ओवैसी’- मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या दिए गए हैं निर्देश</strong><br />अगले शैक्षणिक सत्र यानी 2025-26 के सत्र के लिए इन स्कूलों का विलय करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. 13 या 14 नवंबर को बैठक कर ऐसे स्कूलों की सूची तैयार की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निर्देश में कहा गया है कि पास के किस स्कूल में इसका विलय करना ठीक रहेगा इसके लिए रिपोर्ट तैयार की जाए. छात्रों को उन स्कूलों में जाने के लिए कितनी दूरी तय करनी होगी. इसके लिए कई मुद्दों को ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है.</p>
हिमाचल में अगले 4 दिन मौसम रहेगा साफ:बारिश-बर्फबारी के लिए तरसे लोग, 30 हजार हेक्टेयर जमीन पर हुई गेहूं की बुआई
हिमाचल में अगले 4 दिन मौसम रहेगा साफ:बारिश-बर्फबारी के लिए तरसे लोग, 30 हजार हेक्टेयर जमीन पर हुई गेहूं की बुआई हिमाचल प्रदेश में लोग बारिश-बर्फबारी के लिए तरस गए है। IMD द्वारा बारिश-बर्फबारी के पूर्वानुमान के बाद भी प्रदेश में बादल नहीं बरस रहे है। जिसके कारण प्रदेश में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए है। बारिश नही होने के बावजूद भी प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है। लाहौल स्पीति के ताबो में पहली बार न्यूनतम तापमान माइनस 7.6 डिग्री तक गिरा है। ताबो के साथ साथ कुकुमसैरी और समदो में भी तापमान माइनस में चला गया है। इसके साथ ही प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में भी तापमान में बीते दिनों के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश के ऊना जिले में अधिकतम तापमान भी गिरकर 27.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान भी नॉर्मल से 0.3 डिग्री सेल्सियस नीचे गिरा है। यानी बीती रात इस सीजन की सबसे ठंडी रात रिकॉर्ड की गई। IMD के अनुसार, एक अक्टूबर से 15 नवंबर के प्रदेश में 33.6 मिलीमीटर बारिश होती है। इस बार केवल 0.7 मिलीमीटर बादल बरसे है। यही मानसून में भी सामान्य से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक से 15 अक्टूबर तक प्रदेश में पानी की एक बूंद नहीं बरसी। खेतीबाड़ी के साथ साथ राज्य के पर्यटन के लिए भी यह अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा। 22 तक बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं अमूमन लाहौल स्पीति, कुल्लू और चंबा की ऊंची चोटियों पर 15 अक्टूबर के बाद बर्फबारी हो जाती थी। इससे पर्यटक भी काफी संख्या में इसे देखने पहुंचते थे। लेकिन इस बार मौसम मेहरबान नहीं हो रहा। IMD ने 22 तारीख को प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया है।
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के अधिकांश इलाकों में अगले चार दिन तक बारिश बर्फबारी के कोई आसार नहीं है। वहीं बिलासपुर और मंडी जिला में घनी धुंध का येलो अलर्ट जरूर जारी किया गया है। 46 दिन में 1 मिलीमीटर बारिश भी नहीं हुई वहीं प्रदेश में बीते 46 दिन से चला आ रहा ड्राइ स्पेल नहीं टूट पाया। मौसम विभाग (IMD) ने बीते 16 और 17 नवंबर को बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया था। लेकिन कहीं पर भी बारिश-बर्फबारी नहीं हुई। आज से आगामी 22 तारीख तक मौसम के पूरी तरह साफ बने रहने का पूर्वानुमान है। 30 हजार हेक्टेयर जमीन पर हुई गेहूं की बुआई प्रदेश में इससे सूखे के कारण हालात खराब होते जा रहे है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है। प्रदेश में गेंहू की बुआई का उचित समय बीत चुका है। मगर इस बार 10 फीसदी जमीन पर ही किसान गेंहू की बुआई कर पाए है। कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में बीते साल गेंहू की फसल 3.26 लाख हेक्टेयर भूमि पर थी। इस बार मुश्किल से 30 हजार हेक्टेयर जमीन पर ही इसकी बुआई हो पाई है। जिन किसानों ने गेंहू की बुआई की थी, उनकी फसल भी जमीन में नमी नहीं होने के कारण खराब होने लगी है। पानी के स्त्रोत सूखने लगे है। इससे किसान सिंचाई भी नहीं कर पा रहे है।