<p style=”text-align: justify;”>अकाली दल के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींढसा का 89 साल की आयु में निधन हो गया. वो मोहाली के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती थे जहां बुधवार (28 मई) को उन्होंने आखिरी सांस ली. उन्हें तीन दिन पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वो खेल मंत्री का पद संभाल चुके थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2024 में किया था पार्टी का विलय</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पंजाब की संगरूर सीट से उन्होंने लोकसभा का चुनाव जीता था. मार्च 2024 में उन्होंने अपनी पार्टी शिरोमणी अकाली दल (संयुक्त) का सुखबीर सिंह बादल की नेतृत्व वाली पार्टी में विलय कर लिया था. साल 2020 में ढींढसा और उनके बेटे को पार्टी विरोधी गतिविधि के लिए अकाली दल से निकाल दिया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुखबीर सिंह बादल ने जताया शोक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल ने उनके निधन पर शोक जताया. अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने कहा, “सरदार सुखदेव सिंह जी ढींडसा साहब के निधन से मन बहुत दुखी है. ढींडसा साहब ने शिरोमणि अकाली दल में लंबे समय तक पंजाब और देश की सेवा की, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा. मैं व्यक्तिगत रूप से और शिरोमणि अकाली दल की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिख राजनीति पर थी मजबूत पकड़</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शिरोमणी अकाली दल के विस्तार में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. सिख राजनीति पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती थी. पिछले साल दिसंबर में तब उनकी चर्चा हुई जब उन्हें श्री अकाल तख्त से धार्मिक सजा सुनाई थी. पंजाब के पूर्व सीएम सुखबीर सिंह बादल सहित कई नेताओं को ‘तनखैया’ घोषित किया गया था. उन्होंने कहा था कि अकाल तख्त का हुक्म रब का हुक्म है. अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में उन्होंने सेवा की थी. </p> <p style=”text-align: justify;”>अकाली दल के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींढसा का 89 साल की आयु में निधन हो गया. वो मोहाली के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती थे जहां बुधवार (28 मई) को उन्होंने आखिरी सांस ली. उन्हें तीन दिन पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वो खेल मंत्री का पद संभाल चुके थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2024 में किया था पार्टी का विलय</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पंजाब की संगरूर सीट से उन्होंने लोकसभा का चुनाव जीता था. मार्च 2024 में उन्होंने अपनी पार्टी शिरोमणी अकाली दल (संयुक्त) का सुखबीर सिंह बादल की नेतृत्व वाली पार्टी में विलय कर लिया था. साल 2020 में ढींढसा और उनके बेटे को पार्टी विरोधी गतिविधि के लिए अकाली दल से निकाल दिया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुखबीर सिंह बादल ने जताया शोक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल ने उनके निधन पर शोक जताया. अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने कहा, “सरदार सुखदेव सिंह जी ढींडसा साहब के निधन से मन बहुत दुखी है. ढींडसा साहब ने शिरोमणि अकाली दल में लंबे समय तक पंजाब और देश की सेवा की, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा. मैं व्यक्तिगत रूप से और शिरोमणि अकाली दल की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिख राजनीति पर थी मजबूत पकड़</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शिरोमणी अकाली दल के विस्तार में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. सिख राजनीति पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती थी. पिछले साल दिसंबर में तब उनकी चर्चा हुई जब उन्हें श्री अकाल तख्त से धार्मिक सजा सुनाई थी. पंजाब के पूर्व सीएम सुखबीर सिंह बादल सहित कई नेताओं को ‘तनखैया’ घोषित किया गया था. उन्होंने कहा था कि अकाल तख्त का हुक्म रब का हुक्म है. अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में उन्होंने सेवा की थी. </p> पंजाब ब्रांडेड के नाम पर धोखा! नोएडा में नकली पानी के दो बड़े प्लांट सील, 13,000 से ज्यादा बोतलें जब्त
पूर्व केंद्रीय मंत्री और अकाली दल के नेता सुखदेव सिंह ढींढसा का निधन, अस्पताल में थे भर्ती
