हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़कर गए हिसार के नेता पूर्व मेयर गौतम सरदाना और तरूण जैन का अब पार्टी में लौटना मुश्किल हो गया है। इन्होंने हिसार में पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता के खिलाफ चुनाव लड़ा था, इसलिए कमल गुप्ता ने ही इनकी रिजॉइनिंग में अड़ंगा लगा दिया। दोनों की पार्टी में रिजॉइनिंग की सूचना मिलने पर कमल गुप्ता ने भारी नाराजगी जताई थी। इसके बाद प्रदेश संगठन मंत्री फणींद्र नाथ शर्मा और जिलाध्यक्ष अशोक सैनी उनके घर मिलने पहुंचे। वहां, कमल गुप्ता की नाराजगी देख भाजपा को हिसार में CM नायब सैनी का दौरा रद्द करना पड़ा। इस दौरे पर ही दोनों को पार्टी जॉइन कराने की योजना थी। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं को पार्टी की ओर से हिदायत दी गई है कि पहले पूर्व मंत्री को मनाएं। जब तक पूर्व मंत्री को नहीं मना लेते, तब तक उनकी पार्टी में वापसी नहीं होगी। सोमवार को हिसार आने वाले थे CM
दरअसल, निकाय चुनाव के लिए प्रदेश नेतृत्व और जिला भाजपा ने मिलकर हिसार में सोमवार (24 फरवरी) को CM नायब सैनी के कार्यक्रम तय किए थे। इन कार्यक्रमों में CM की मौजूदगी में गौतम सरदाना की रिजॉइनिंग करवानी थी। इसके अलावा पूर्व सांसद रणबीर गंगवा की सिफारिश पर विधानसभा चुनाव में एक हजार वोट लाने वाले तरूण जैन की भी एंट्री करवाने की तैयारी चल रही थी। जब कमल गुप्ता को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने प्रदेश नेतृत्व के समक्ष कड़ी आपत्ति जताई। इसके बाद रविवार शाम को कमल गुप्ता के घर प्रदेश संगठन मंत्री फणींद्र नाथ शर्मा और जिलाध्यक्ष अशोक सैनी ने बैठक की। इस बैठक में कमल गुप्ता ने नाराजगी जाहिर की। इसके बाद CM का दौरा रद्द कर दिया गया और कार्यक्रम में दोनों की रिजॉइनिंग टाल दी गई। CM को डैमेज कंट्रोल करने के लिए दौरा रद्द करना पड़ा
CM सैनी को आज कार्यक्रम के संशोधित होने की सूचना दी गई। यह मामला केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर तक भी पहुंच गया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री को डैमेज कंट्रोल करने के लिए हिसार का प्रस्तावित दौरा रद्द करना पड़ा। हालांकि, दौरा रद्द होने को लेकर जिला भाजपा इकाई का कहना है कि मुख्यमंत्री को विवाह कार्यक्रम में जाने और बैठक के कारण दौरा रद्द करना पड़ा। जबकि, कमल गुप्ता के समर्थक खुलेआम गौतम और तरूण की एंट्री का विरोध कर रहे हैं। गुप्ता को मनाए बिना एंट्री नहीं
सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व ने दोनों बागी नेताओं से कहा कि पूर्व मंत्री कमल गुप्ता को जब तक एतराज रहेगा, दोनों की BJP में रिजॉइनिंग नहीं होगी। दोनों नेताओं को कहा गया है कि कमल गुप्ता के मनाए बिना भाजपा में वह नहीं आ सकेंगे। इसके बाद गौतम सरदाना के अन्य कार्यक्रम रद्द हो गए। गौतम ने कार्यक्रम को लेकर पोस्टर और बैनर छपवा लिए थे जो धरे के धरे ही रह गए। तरुण और सरदाना ने किए थे पर्सनल अटैक… डॉ. कमल गुप्ता को टिकट मिलने पर पार्टी छोड़ी
विधानसभा चुनाव के दौरान गौतम सरदाना हिसार सीट से भाजपा का टिकट मांग रहे थे, लेकिन टिकट डॉ. कमल गुप्ता को मिल गया। इससे नाराज होकर सरदाना ने पार्टी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव में उतरने का फैसला किया। जब चुनाव का रिजल्ट आया तो उन्हें करीब 6 हजार वोट मिले थे। वहीं, तरुण जैन भी डॉ. कमल गुप्ता को टिकट मिलने का विरोध कर रहे थे। इसी विरोध में उन्होंने भी पार्टी को छोड़ दिया था और निर्दलीय नामांकन कर दिया। जब चुनाव का रिजल्ट आया तो उन्हें मात्र एक हजार वोट मिले। इस दौरान दोनों नेताओं ने डॉ. कमल गुप्ता पर पर्सनल अटैक भी किए। तरुण जैन : हिसार से भाजपा जिला उपाध्यक्ष तरुण जैन ने कहा था कि डॉ. कमल गुप्ता हरियाणा के सबसे विफल विधायक हैं। इस चुनाव में वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएंगे। डॉ. कमल गुप्ता तो डमी नेता हैं, जिनके पास न कोई विजन है और न ही समस्याओं के समाधान की इच्छाशक्ति है। गौतम सरदाना : भाजपा की टिकट पर हिसार नगर निगम के मेयर बनने वाले गौतम सरदाना ने विधानसभा चुनाव में डॉ. कमल गुप्ता को प्रॉपर्टी सर्वे करने वाली याशी कंपनी का प्रत्याशी करार दिया था। गौतम ने आरोप लगाया था कि कमल गुप्ता ने शहर की जनता को परेशान करने वाली कंपनी को 18 करोड़ के बजाय 58 करोड़ रुपए का भुगतान करवाया। जबकि, कंपनी पर टेंडर राशि से 2 से 4 गुना जुर्माना लगना था। याशी कंपनी को जो भी भुगतान हुआ, उसकी फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय से होकर गुजरी। हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़कर गए हिसार के नेता पूर्व मेयर गौतम सरदाना और तरूण जैन का अब पार्टी में लौटना मुश्किल हो गया है। इन्होंने हिसार में पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता के खिलाफ चुनाव लड़ा था, इसलिए कमल गुप्ता ने ही इनकी रिजॉइनिंग में अड़ंगा लगा दिया। दोनों की पार्टी में रिजॉइनिंग की सूचना मिलने पर कमल गुप्ता ने भारी नाराजगी जताई थी। इसके बाद प्रदेश संगठन मंत्री फणींद्र नाथ शर्मा और जिलाध्यक्ष अशोक सैनी उनके घर मिलने पहुंचे। वहां, कमल गुप्ता की नाराजगी देख भाजपा को हिसार में CM नायब सैनी का दौरा रद्द करना पड़ा। इस दौरे पर ही दोनों को पार्टी जॉइन कराने की योजना थी। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं को पार्टी की ओर से हिदायत दी गई है कि पहले पूर्व मंत्री को मनाएं। जब तक पूर्व मंत्री को नहीं मना लेते, तब तक उनकी पार्टी में वापसी नहीं होगी। सोमवार को हिसार आने वाले थे CM
दरअसल, निकाय चुनाव के लिए प्रदेश नेतृत्व और जिला भाजपा ने मिलकर हिसार में सोमवार (24 फरवरी) को CM नायब सैनी के कार्यक्रम तय किए थे। इन कार्यक्रमों में CM की मौजूदगी में गौतम सरदाना की रिजॉइनिंग करवानी थी। इसके अलावा पूर्व सांसद रणबीर गंगवा की सिफारिश पर विधानसभा चुनाव में एक हजार वोट लाने वाले तरूण जैन की भी एंट्री करवाने की तैयारी चल रही थी। जब कमल गुप्ता को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने प्रदेश नेतृत्व के समक्ष कड़ी आपत्ति जताई। इसके बाद रविवार शाम को कमल गुप्ता के घर प्रदेश संगठन मंत्री फणींद्र नाथ शर्मा और जिलाध्यक्ष अशोक सैनी ने बैठक की। इस बैठक में कमल गुप्ता ने नाराजगी जाहिर की। इसके बाद CM का दौरा रद्द कर दिया गया और कार्यक्रम में दोनों की रिजॉइनिंग टाल दी गई। CM को डैमेज कंट्रोल करने के लिए दौरा रद्द करना पड़ा
CM सैनी को आज कार्यक्रम के संशोधित होने की सूचना दी गई। यह मामला केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर तक भी पहुंच गया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री को डैमेज कंट्रोल करने के लिए हिसार का प्रस्तावित दौरा रद्द करना पड़ा। हालांकि, दौरा रद्द होने को लेकर जिला भाजपा इकाई का कहना है कि मुख्यमंत्री को विवाह कार्यक्रम में जाने और बैठक के कारण दौरा रद्द करना पड़ा। जबकि, कमल गुप्ता के समर्थक खुलेआम गौतम और तरूण की एंट्री का विरोध कर रहे हैं। गुप्ता को मनाए बिना एंट्री नहीं
सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व ने दोनों बागी नेताओं से कहा कि पूर्व मंत्री कमल गुप्ता को जब तक एतराज रहेगा, दोनों की BJP में रिजॉइनिंग नहीं होगी। दोनों नेताओं को कहा गया है कि कमल गुप्ता के मनाए बिना भाजपा में वह नहीं आ सकेंगे। इसके बाद गौतम सरदाना के अन्य कार्यक्रम रद्द हो गए। गौतम ने कार्यक्रम को लेकर पोस्टर और बैनर छपवा लिए थे जो धरे के धरे ही रह गए। तरुण और सरदाना ने किए थे पर्सनल अटैक… डॉ. कमल गुप्ता को टिकट मिलने पर पार्टी छोड़ी
विधानसभा चुनाव के दौरान गौतम सरदाना हिसार सीट से भाजपा का टिकट मांग रहे थे, लेकिन टिकट डॉ. कमल गुप्ता को मिल गया। इससे नाराज होकर सरदाना ने पार्टी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव में उतरने का फैसला किया। जब चुनाव का रिजल्ट आया तो उन्हें करीब 6 हजार वोट मिले थे। वहीं, तरुण जैन भी डॉ. कमल गुप्ता को टिकट मिलने का विरोध कर रहे थे। इसी विरोध में उन्होंने भी पार्टी को छोड़ दिया था और निर्दलीय नामांकन कर दिया। जब चुनाव का रिजल्ट आया तो उन्हें मात्र एक हजार वोट मिले। इस दौरान दोनों नेताओं ने डॉ. कमल गुप्ता पर पर्सनल अटैक भी किए। तरुण जैन : हिसार से भाजपा जिला उपाध्यक्ष तरुण जैन ने कहा था कि डॉ. कमल गुप्ता हरियाणा के सबसे विफल विधायक हैं। इस चुनाव में वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएंगे। डॉ. कमल गुप्ता तो डमी नेता हैं, जिनके पास न कोई विजन है और न ही समस्याओं के समाधान की इच्छाशक्ति है। गौतम सरदाना : भाजपा की टिकट पर हिसार नगर निगम के मेयर बनने वाले गौतम सरदाना ने विधानसभा चुनाव में डॉ. कमल गुप्ता को प्रॉपर्टी सर्वे करने वाली याशी कंपनी का प्रत्याशी करार दिया था। गौतम ने आरोप लगाया था कि कमल गुप्ता ने शहर की जनता को परेशान करने वाली कंपनी को 18 करोड़ के बजाय 58 करोड़ रुपए का भुगतान करवाया। जबकि, कंपनी पर टेंडर राशि से 2 से 4 गुना जुर्माना लगना था। याशी कंपनी को जो भी भुगतान हुआ, उसकी फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय से होकर गुजरी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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