ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से जहां पूरा देश गौरवान्वित है। तो वहीं, सीमा पर कभी तैनात रहे पूर्व सैनिकों में भी गजब उत्साह भर गया है। देश सेवा में 30 वर्ष खपाने वाले सैनिकों का मानना है कि अब पाक अधिकृत कश्मीर (POK) को लेने में भारत को देर नहीं करनी चाहिए। पूर्व सैनिकों का यह भी कहना है कि यह सही मौका है…आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने का। मोतीझील स्थित कारगिल पार्क में तैनात सैनिकों ने कहा कि यदि हमारा मुख्यालय फिर से कॉल करे तो हमारा बोरिया-बिस्तरा अभी भी तैयार हैं। हम कूच करने में देरी नहीं करेंगे। दैनिक भास्कर ने पूर्व सैनिकों से बातचीत की। ओपी पराक्रम के बाद सबसे बड़ी कार्रवाई
पूर्व लांसनायक अरविंद सिंह ने बताया कि संसद हमले के बाद जो ओपी पराक्रम चला था उसके बाद यह बहुत बड़ी कार्रवाई की गई है। भारत सरकार ने उम्मीद से बड़ी कार्रवाई हुई है। बतौर सैनिक 6 वर्ष जेएंडके झेला है, राजस्थान और गंगा नगर झेला है। मुझे यह तो लग रहा था कि कुछ बड़ा होने वाला है। जेएंडके में एलओसी के इस पार घुसपैठियें आ रहे हैं। जो छोटी टुकड़ी में आते हैं। उनसे जो मुठभेड़ होती थी वो जंगलों में होती थी। ज्यादातर वहीं मार दिये जाते हैं। इस बार जो उन्होंने घटना कि उसके खिलाफ ऐसी की सख्त कार्रवाई होनी चाहिये थी। सीमा पर लड़ाई की स्थिति में हमेशा तैयार
एक्स ओनरेरी कैप्टन बलवान सिंह ने बताया कि श्रीनगर, जम्मू एंड कश्मीर में आतंकियों के इनपुट लगातार मिलते रहते हैं। पुलवामा अटैक से हम इंतजार कर रहे थे कि कब इस तरह की कार्रवाई होगी। पहलगाम हमले का जिस तरह जवाब सेना ने दिया उससे दिल खुश है। जरूरत पड़ी तो हम सारे पूर्व सैनिक सीमा पर लड़ाई करने के लिये तैयार हैं। 30 वर्ष में कई बार ऐसे हालात बने, लेकिन एक अफसोस है कि बड़ी लड़ाई में देश सेवा नहीं करने को मिली। हमारे देश के मासूम लोगों को आतंकियों ने मारा है। उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिये। सीमा पार फायरिंग से भारतीय सैनिकों का बढ़ता है जोश
एक्स आर्मी मैन बंसत लाल ने बताया कि कारगिल की लड़ाई के समय भागलपुर में हम लोग सर्विस के समय तैनात रहे। 24 घंटे में दो-तीन घंटे ही सोने को मिलता है। हम लोग उस समय घरों से कट जाते हैं। घर के बारे में सोचने का मौका नहीं मिलता है। सिक्किम और जेएंडके में काफी समय तैनात रहा। हम लोग जब तैनात थे तो इन्हीं गतिविधियों की वजह से हर दूसरे दिन गोलीबारी होती थी। वहां हम लोग अपने जवानों के बारे में और लड़ाई पर ही चर्चा होती है। अगर पाक सीमा से एक फायर होता था तो हम लोगों को अंदर से जोश आता था। पीओके को लेना का अच्छा मौका है
पूर्व लांसनायक सुरेश चंद्र यादव ने बताया कि सेना ने जो जवाब दिया इसके बाद अब पाक अधिकृत कश्मीर को भी वापस ले लेना चाहिए। हमारी आर्मी चाहे तो हम 24 घंटे के अंदर पीओके पर कब्जा कर सकते हैं। पहले हमारे पास उचित हथियार व टेक्नोलॉजी नहीं थी, लेकिन आज सब कुछ है। अगर सही कार्रवाई हो जाये तो जेएंडके में आतंकवादी गतिविधियां रुक जाएंगी। मेरी सरकार से मांग है कि जो आतंकी ठिकाने रह गये हैं उन्हें भी चुन-चुनकर तबाह करें। वहां का आम आदमी रोज-रोज की आतंकी गतिविधियों से परेशान हो चुका है। बार-बार मरने से अच्छा है, एक बार में ठोक दो
एक्स आर्मी मैन अमर सिंह ने बताया कि मैंने 24 वर्ष देश की सेवा की। पंजाब, राजस्थान, जेएंडके और लेह लद्दाक बार्डर पर ड्यूटी की। कई आतंकियों से सामने से लोहा लिया। पहलगाम हमले के खिलाफ भारत की कार्रवाई गर्व करने वाली है। पाकिस्तान बार-बार हमले करता है। यह हमारे पास मौका है। पाकिस्तान में घुसकर ठोको, और पीओके को चैलेंज देकर वापस लो। बार-बार मरने से अच्छा है एक बार में आतंकियों को समेट दो। मैं, रिटायर हूं, लेकिन मौका मिला को बिस्तर बांधने में देर नहीं करूंगा और अपने प्राणों को देश पर निछावर कर दूंगा। आम, निहत्थे लोगों को मारने वाले बचने नहीं चाहिये। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से जहां पूरा देश गौरवान्वित है। तो वहीं, सीमा पर कभी तैनात रहे पूर्व सैनिकों में भी गजब उत्साह भर गया है। देश सेवा में 30 वर्ष खपाने वाले सैनिकों का मानना है कि अब पाक अधिकृत कश्मीर (POK) को लेने में भारत को देर नहीं करनी चाहिए। पूर्व सैनिकों का यह भी कहना है कि यह सही मौका है…आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने का। मोतीझील स्थित कारगिल पार्क में तैनात सैनिकों ने कहा कि यदि हमारा मुख्यालय फिर से कॉल करे तो हमारा बोरिया-बिस्तरा अभी भी तैयार हैं। हम कूच करने में देरी नहीं करेंगे। दैनिक भास्कर ने पूर्व सैनिकों से बातचीत की। ओपी पराक्रम के बाद सबसे बड़ी कार्रवाई
पूर्व लांसनायक अरविंद सिंह ने बताया कि संसद हमले के बाद जो ओपी पराक्रम चला था उसके बाद यह बहुत बड़ी कार्रवाई की गई है। भारत सरकार ने उम्मीद से बड़ी कार्रवाई हुई है। बतौर सैनिक 6 वर्ष जेएंडके झेला है, राजस्थान और गंगा नगर झेला है। मुझे यह तो लग रहा था कि कुछ बड़ा होने वाला है। जेएंडके में एलओसी के इस पार घुसपैठियें आ रहे हैं। जो छोटी टुकड़ी में आते हैं। उनसे जो मुठभेड़ होती थी वो जंगलों में होती थी। ज्यादातर वहीं मार दिये जाते हैं। इस बार जो उन्होंने घटना कि उसके खिलाफ ऐसी की सख्त कार्रवाई होनी चाहिये थी। सीमा पर लड़ाई की स्थिति में हमेशा तैयार
एक्स ओनरेरी कैप्टन बलवान सिंह ने बताया कि श्रीनगर, जम्मू एंड कश्मीर में आतंकियों के इनपुट लगातार मिलते रहते हैं। पुलवामा अटैक से हम इंतजार कर रहे थे कि कब इस तरह की कार्रवाई होगी। पहलगाम हमले का जिस तरह जवाब सेना ने दिया उससे दिल खुश है। जरूरत पड़ी तो हम सारे पूर्व सैनिक सीमा पर लड़ाई करने के लिये तैयार हैं। 30 वर्ष में कई बार ऐसे हालात बने, लेकिन एक अफसोस है कि बड़ी लड़ाई में देश सेवा नहीं करने को मिली। हमारे देश के मासूम लोगों को आतंकियों ने मारा है। उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिये। सीमा पार फायरिंग से भारतीय सैनिकों का बढ़ता है जोश
एक्स आर्मी मैन बंसत लाल ने बताया कि कारगिल की लड़ाई के समय भागलपुर में हम लोग सर्विस के समय तैनात रहे। 24 घंटे में दो-तीन घंटे ही सोने को मिलता है। हम लोग उस समय घरों से कट जाते हैं। घर के बारे में सोचने का मौका नहीं मिलता है। सिक्किम और जेएंडके में काफी समय तैनात रहा। हम लोग जब तैनात थे तो इन्हीं गतिविधियों की वजह से हर दूसरे दिन गोलीबारी होती थी। वहां हम लोग अपने जवानों के बारे में और लड़ाई पर ही चर्चा होती है। अगर पाक सीमा से एक फायर होता था तो हम लोगों को अंदर से जोश आता था। पीओके को लेना का अच्छा मौका है
पूर्व लांसनायक सुरेश चंद्र यादव ने बताया कि सेना ने जो जवाब दिया इसके बाद अब पाक अधिकृत कश्मीर को भी वापस ले लेना चाहिए। हमारी आर्मी चाहे तो हम 24 घंटे के अंदर पीओके पर कब्जा कर सकते हैं। पहले हमारे पास उचित हथियार व टेक्नोलॉजी नहीं थी, लेकिन आज सब कुछ है। अगर सही कार्रवाई हो जाये तो जेएंडके में आतंकवादी गतिविधियां रुक जाएंगी। मेरी सरकार से मांग है कि जो आतंकी ठिकाने रह गये हैं उन्हें भी चुन-चुनकर तबाह करें। वहां का आम आदमी रोज-रोज की आतंकी गतिविधियों से परेशान हो चुका है। बार-बार मरने से अच्छा है, एक बार में ठोक दो
एक्स आर्मी मैन अमर सिंह ने बताया कि मैंने 24 वर्ष देश की सेवा की। पंजाब, राजस्थान, जेएंडके और लेह लद्दाक बार्डर पर ड्यूटी की। कई आतंकियों से सामने से लोहा लिया। पहलगाम हमले के खिलाफ भारत की कार्रवाई गर्व करने वाली है। पाकिस्तान बार-बार हमले करता है। यह हमारे पास मौका है। पाकिस्तान में घुसकर ठोको, और पीओके को चैलेंज देकर वापस लो। बार-बार मरने से अच्छा है एक बार में आतंकियों को समेट दो। मैं, रिटायर हूं, लेकिन मौका मिला को बिस्तर बांधने में देर नहीं करूंगा और अपने प्राणों को देश पर निछावर कर दूंगा। आम, निहत्थे लोगों को मारने वाले बचने नहीं चाहिये। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
पूर्व सैनिक बोले- फिर से बॉर्डर पर जाने को तैयार:ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर बोले जोश हाई; सेना ने उम्मीद से बड़ी कार्रवाई की
