प्रदूषण को देख फ्लैट की छत को बनाया गार्डन:कानपुर में गणेश जैन ने सब्जी-फलों के 1000 पौधे लगाए; 4000 स्क्वायर फीट में हरियाली

प्रदूषण को देख फ्लैट की छत को बनाया गार्डन:कानपुर में गणेश जैन ने सब्जी-फलों के 1000 पौधे लगाए; 4000 स्क्वायर फीट में हरियाली

बढ़ते प्रदूषण, खानपान में मिलावट से आजकल हर कोई परेशान है। यही कारण है कि हर घर में बीमारियों ने तेजी से जन्म लेना शुरू कर दिया है, लेकिन आपके अंदर अगर दृढ़ संकल्प है तो आप हर परिस्थितियों को बदल सकते हैं। यह बात कानपुर के स्वरूप नगर निवासी गणेश जैन पर बिल्कुल सटीक बैठती है। उन्होंने अपनी फ्लैट की छत को गार्डन बना रखा हैं। वर्तमान में इस गार्डन में हर प्रकार की औषधि, सब्जियां, फलों समेत करीब 1000 से अधिक पौधे लगे हैं। सेहत को ध्यान में रखते हुए गार्डन में पालक, तरोई, करेला, मेथी, टमाटर, लौकी, धनिया समेत कई सब्जियां होती हैं। बात करें औषधीय की तो वह भी इस गार्डन में मौजूद है। हर कोई गार्डन देखकर हो जाता है दीवाना
गार्डन ऐसा है कि जो कोई भी एक बार देखता है वो इसका दीवाना हो जाता हैं। गणेश जैन की बहू रश्मि जैन बताती है कि ससुर ने एक बार अपने दोस्त के घर पर राजस्थान में यह गार्डन देखा था। वहीं से उनके दिमाग में आया कि क्यों ना इस तरह का गार्डन अपने फ्लैट की छत पर बनाए और उसी से घर वाले शुद्ध और ताजी सब्जियां खाएं। लगभग 4000 स्क्वायर फीट में बना है गार्डन
रश्मि जैन बताती है कि ये गार्डन लगभग 4000 स्क्वायर फीट में बनाया गया है। इसमें अगर औषधि की बात करें तो तुलसी, गिलोय, मीठी नीम, एलोवेरा, बेलपत्री समेत लगभग 15 से 20 औषधि के पौधे लगे हुए हैं।
इसी तरह सब्जियों की बात करें तो सीजन के हिसाब से यहां पर सब्जियां भी लगाई जाती है। इस गार्डन में तरोई, लौकी, करेला, धनिया, मेथी, टमाटर, गाजर सभी प्रकार की सब्जियां होती हैं। इसी तरह अगर फूलों की बात करें तो गुलाब, गेंदा, सदाबहार, शमी पत्र, गुड़हल समेत कई पौधे लगे हैं। इसके अलावा फलों में अनार और संतरा भी लगा हुआ है।
रोजाना 2 घंटे गार्डन की देखभाल करते हैं
रश्मि जैन बताती है कि उनके ससुर गणेश जैन को इस गार्डन से इतना लगाव है कि वह रोज सुबह माली के होते हुए भी 7 बजे से 9 बजे तक इस गार्डन को अपना समय देते हैं।
खास बात तो यह है कि इस गार्डन को जो डिजाइन दिया गया है वह खुद गणेश जैन ने दिया है। गार्डन में बैठने के बाद आपको यह नहीं लगेगा कि आप किसी फ्लैट की छत पर बैठे हैं। यहां पर बैठने के लिए हट और नहाने के लिए स्विमिंग पूल भी बना है, जोकि गार्डन में चार चांद लगाता है।
सब्जियों में भी हो रही खूब मिलावट
रश्मि जैन कहती है कि आजकल सब्जियों में भी खूब मिलावट हो रही है। इंजेक्शन वाली सब्जियां जाने अनजाने में स्वास्थ्य को कितना नुकसान पहुंचा रही है ये किसी को नहीं मालूम, तो ऐसे में हम लोगों ने सोचा कि क्यों ना कुछ ऐसा करें कि घर पर ही अपने खाने भर के लिए कुछ सब्जियों हो जाए। आज हर सीजन में हम लोगों को एक न एक हरी सब्जियां मिलती रहती हैं, जैसे कि कभी पालक की खेती करते हैं तो कभी टमाटर की, तो कभी गाजर, मूली, भिंडी की।
हर माह खर्च होते है 10 से 15 हजार
रश्मि जैन बताती है इस गार्डन को खूबसूरती देने के लिए हर माह करीब 10 से 15 हजार रुपए का खर्चा आता है। कभी खाद्य डालनी रहती है तो कभी समय-समय पर पानी देना रहता है। इसके अलावा माली का खर्च, बीच मिलाकर हर इतना खर्चा हो जाता है। बढ़ते प्रदूषण, खानपान में मिलावट से आजकल हर कोई परेशान है। यही कारण है कि हर घर में बीमारियों ने तेजी से जन्म लेना शुरू कर दिया है, लेकिन आपके अंदर अगर दृढ़ संकल्प है तो आप हर परिस्थितियों को बदल सकते हैं। यह बात कानपुर के स्वरूप नगर निवासी गणेश जैन पर बिल्कुल सटीक बैठती है। उन्होंने अपनी फ्लैट की छत को गार्डन बना रखा हैं। वर्तमान में इस गार्डन में हर प्रकार की औषधि, सब्जियां, फलों समेत करीब 1000 से अधिक पौधे लगे हैं। सेहत को ध्यान में रखते हुए गार्डन में पालक, तरोई, करेला, मेथी, टमाटर, लौकी, धनिया समेत कई सब्जियां होती हैं। बात करें औषधीय की तो वह भी इस गार्डन में मौजूद है। हर कोई गार्डन देखकर हो जाता है दीवाना
गार्डन ऐसा है कि जो कोई भी एक बार देखता है वो इसका दीवाना हो जाता हैं। गणेश जैन की बहू रश्मि जैन बताती है कि ससुर ने एक बार अपने दोस्त के घर पर राजस्थान में यह गार्डन देखा था। वहीं से उनके दिमाग में आया कि क्यों ना इस तरह का गार्डन अपने फ्लैट की छत पर बनाए और उसी से घर वाले शुद्ध और ताजी सब्जियां खाएं। लगभग 4000 स्क्वायर फीट में बना है गार्डन
रश्मि जैन बताती है कि ये गार्डन लगभग 4000 स्क्वायर फीट में बनाया गया है। इसमें अगर औषधि की बात करें तो तुलसी, गिलोय, मीठी नीम, एलोवेरा, बेलपत्री समेत लगभग 15 से 20 औषधि के पौधे लगे हुए हैं।
इसी तरह सब्जियों की बात करें तो सीजन के हिसाब से यहां पर सब्जियां भी लगाई जाती है। इस गार्डन में तरोई, लौकी, करेला, धनिया, मेथी, टमाटर, गाजर सभी प्रकार की सब्जियां होती हैं। इसी तरह अगर फूलों की बात करें तो गुलाब, गेंदा, सदाबहार, शमी पत्र, गुड़हल समेत कई पौधे लगे हैं। इसके अलावा फलों में अनार और संतरा भी लगा हुआ है।
रोजाना 2 घंटे गार्डन की देखभाल करते हैं
रश्मि जैन बताती है कि उनके ससुर गणेश जैन को इस गार्डन से इतना लगाव है कि वह रोज सुबह माली के होते हुए भी 7 बजे से 9 बजे तक इस गार्डन को अपना समय देते हैं।
खास बात तो यह है कि इस गार्डन को जो डिजाइन दिया गया है वह खुद गणेश जैन ने दिया है। गार्डन में बैठने के बाद आपको यह नहीं लगेगा कि आप किसी फ्लैट की छत पर बैठे हैं। यहां पर बैठने के लिए हट और नहाने के लिए स्विमिंग पूल भी बना है, जोकि गार्डन में चार चांद लगाता है।
सब्जियों में भी हो रही खूब मिलावट
रश्मि जैन कहती है कि आजकल सब्जियों में भी खूब मिलावट हो रही है। इंजेक्शन वाली सब्जियां जाने अनजाने में स्वास्थ्य को कितना नुकसान पहुंचा रही है ये किसी को नहीं मालूम, तो ऐसे में हम लोगों ने सोचा कि क्यों ना कुछ ऐसा करें कि घर पर ही अपने खाने भर के लिए कुछ सब्जियों हो जाए। आज हर सीजन में हम लोगों को एक न एक हरी सब्जियां मिलती रहती हैं, जैसे कि कभी पालक की खेती करते हैं तो कभी टमाटर की, तो कभी गाजर, मूली, भिंडी की।
हर माह खर्च होते है 10 से 15 हजार
रश्मि जैन बताती है इस गार्डन को खूबसूरती देने के लिए हर माह करीब 10 से 15 हजार रुपए का खर्चा आता है। कभी खाद्य डालनी रहती है तो कभी समय-समय पर पानी देना रहता है। इसके अलावा माली का खर्च, बीच मिलाकर हर इतना खर्चा हो जाता है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर