प्रयागराज का शिवालय पार्क लोगों को खूब आ रहा पसंद, एंट्री के लिए देनी होगी 50 रुपये की फीस

प्रयागराज का शिवालय पार्क लोगों को खूब आ रहा पसंद, एंट्री के लिए देनी होगी 50 रुपये की फीस

<p style=”text-align: justify;”><strong>Prayagraj&nbsp;Shivalay Park:</strong> प्रयागराज के महाकुंभ क्षेत्र में एक ऐसा आध्यात्मिक पार्क बनाया गया है, जहां भारत के नक़्शे के भीतर देश के सभी प्रमुख मंदिर और 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों की रिप्लिका बनाई गई है. ख़ास बात ये है कि विशाल आकर के ये मंदिर पूरी तरह स्क्रैप के सामानों से बनाए गए है. ये मंदिर इतने खूबसूरत बने हैं कि लोग यहाँ आकर खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रयागराज के अरैल गंगा घाट के पास मुख्य मार्ग पर ये शिवालय पार्क बना है. इस पार्क में भगवान शिव से जुड़े सभी प्रमुख मंदिर और ज्योतिर्लिंग मंदिर के रिप्लिका बनाए गए हैं. इस पार्क में हर रिप्लिका मंदिर के सामने उस मंदिर का नाम भी लिखा है. सभी मंदिर स्क्रैप यानी कबाड़ में निकले लोहे से बने हुए हैं. बावजूद इसके ये हुबहू असली मंदिरों की प्रतिकृति लगते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्क में भीतर आते ही समुद्र मंथन का दृश्य दिखाई देता है जिसमें नागवासुकी को रस्सी बना कर देव और दानवों को समुद्र मंथन करते दिखाया गया है. इसके बाद विशालकाय नंदी विराजमान हैं. एक ओर विशाल त्रिशूल है. इसके बाद लोहे का एक पुल है. फिर सभी ज्योतिर्लिंग मंदिरों के दर्शन होते हैं. यहाँ आ कर बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों को एक साथ देखने का सुख मिलता है. इसके अलावा अलग अलग राज्यों के प्रसिद्ध मंदिर दिखते हैं. सभी मंदिर भारत के नक़्शे के ठीक उस स्थान पर बने हैं जहां ये वास्तव में स्थित हैं. <br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/12/21/05dc90cb1b832f2dcd2bbcfafa38a2b61734771870478898_original.jpg” width=”1061″ height=”597″ /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>50 रुपये देनी होगी एंट्री फीस</strong><br />शिवालय पार्क में भारत के नक़्शे के बॉर्डर पर एक नहर बनाई गई है जो नदी का प्रतीकात्मक रूप है. इस नदी में बोटिंग की भी सुविधा है जिससे आप भारत की परिक्रमा करने का अहसास कर सकते हैं. 10 एकड़ ज़मीन में 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों के साथ कुल 22 मंदिर बनाए गए हैं. कबाड़ से बनाए जाने के बावजूद इस पार्क को ये भव्य रूप देने में क़रीब 20 करोड़ रुपए की लागत आई है. इस पार्क में प्रवेश शुल्क 50 रूपए रखा गया है जो शनिवार और रविवार को 100 रुपए होता है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मान्यता है कि प्रयागराज में समुद्र मंथन से निकले अमृत की बूँद गिरी थी. इसी अमृत का पान करने के लिए प्रयागराज में महाकुंभ मेला आयोजित होता है. इसीलिए यहाँ समुद्र मंथन का दृश्य भी दर्शाया गया है. मान्यता है कि प्रयागराज में ही श्रष्टि का पहला यज्ञ हुआ था, इसलिए यहाँ एक यज्ञ शाला भी बनाई गई है. यहाँ आए प्रयागराज के लोगों का कहना है कि ये शिवालय पार्क प्रयागराज शहर के लिए एक अनूठी सौग़ात है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढे़ं: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/delhi-high-court-order-to-contact-ici-for-rti-question-shri-ram-janmabhoomi-teerth-kshetra-a-public-authority-2846936″><strong>क्या श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र एक पब्लिक ऑथरिटी है? RTI के सवाल पर HC ने दिया ये आदेश</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Prayagraj&nbsp;Shivalay Park:</strong> प्रयागराज के महाकुंभ क्षेत्र में एक ऐसा आध्यात्मिक पार्क बनाया गया है, जहां भारत के नक़्शे के भीतर देश के सभी प्रमुख मंदिर और 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों की रिप्लिका बनाई गई है. ख़ास बात ये है कि विशाल आकर के ये मंदिर पूरी तरह स्क्रैप के सामानों से बनाए गए है. ये मंदिर इतने खूबसूरत बने हैं कि लोग यहाँ आकर खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रयागराज के अरैल गंगा घाट के पास मुख्य मार्ग पर ये शिवालय पार्क बना है. इस पार्क में भगवान शिव से जुड़े सभी प्रमुख मंदिर और ज्योतिर्लिंग मंदिर के रिप्लिका बनाए गए हैं. इस पार्क में हर रिप्लिका मंदिर के सामने उस मंदिर का नाम भी लिखा है. सभी मंदिर स्क्रैप यानी कबाड़ में निकले लोहे से बने हुए हैं. बावजूद इसके ये हुबहू असली मंदिरों की प्रतिकृति लगते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्क में भीतर आते ही समुद्र मंथन का दृश्य दिखाई देता है जिसमें नागवासुकी को रस्सी बना कर देव और दानवों को समुद्र मंथन करते दिखाया गया है. इसके बाद विशालकाय नंदी विराजमान हैं. एक ओर विशाल त्रिशूल है. इसके बाद लोहे का एक पुल है. फिर सभी ज्योतिर्लिंग मंदिरों के दर्शन होते हैं. यहाँ आ कर बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों को एक साथ देखने का सुख मिलता है. इसके अलावा अलग अलग राज्यों के प्रसिद्ध मंदिर दिखते हैं. सभी मंदिर भारत के नक़्शे के ठीक उस स्थान पर बने हैं जहां ये वास्तव में स्थित हैं. <br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/12/21/05dc90cb1b832f2dcd2bbcfafa38a2b61734771870478898_original.jpg” width=”1061″ height=”597″ /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>50 रुपये देनी होगी एंट्री फीस</strong><br />शिवालय पार्क में भारत के नक़्शे के बॉर्डर पर एक नहर बनाई गई है जो नदी का प्रतीकात्मक रूप है. इस नदी में बोटिंग की भी सुविधा है जिससे आप भारत की परिक्रमा करने का अहसास कर सकते हैं. 10 एकड़ ज़मीन में 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों के साथ कुल 22 मंदिर बनाए गए हैं. कबाड़ से बनाए जाने के बावजूद इस पार्क को ये भव्य रूप देने में क़रीब 20 करोड़ रुपए की लागत आई है. इस पार्क में प्रवेश शुल्क 50 रूपए रखा गया है जो शनिवार और रविवार को 100 रुपए होता है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मान्यता है कि प्रयागराज में समुद्र मंथन से निकले अमृत की बूँद गिरी थी. इसी अमृत का पान करने के लिए प्रयागराज में महाकुंभ मेला आयोजित होता है. इसीलिए यहाँ समुद्र मंथन का दृश्य भी दर्शाया गया है. मान्यता है कि प्रयागराज में ही श्रष्टि का पहला यज्ञ हुआ था, इसलिए यहाँ एक यज्ञ शाला भी बनाई गई है. यहाँ आए प्रयागराज के लोगों का कहना है कि ये शिवालय पार्क प्रयागराज शहर के लिए एक अनूठी सौग़ात है.</p>
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