प्रयागराज में टीचर ने थप्पड़ मारा, छात्र की मौत:भाई बोला- जमीन पर गिरा, 10 मिनट तड़पा, पानी मांगते-मांगते जान निकल गई

प्रयागराज में टीचर ने थप्पड़ मारा, छात्र की मौत:भाई बोला- जमीन पर गिरा, 10 मिनट तड़पा, पानी मांगते-मांगते जान निकल गई

प्रयागराज में टीचर के थप्पड़ मारने से नर्सरी के साढ़े 3 साल के बच्चे की मौत हो गई। उसी स्कूल में सेकेंड क्लास में पढ़ने वाले छात्र के भाई ने बताया- मेरा भाई रो रहा था। दो टीचर उसे मेरे क्लास में लेकर आईं और बेंच पर बैठा दिया। भाई ने रोना बंद नहीं किया तो एक टीचर ने उसके गाल पर थप्पड़ जड़ दिया। इससे भाई का सिर बेंच से टकरा गया। वह जमीन पर गिर गया। उसके मुंह और नाक से खून निकलने लगा। भाई ने टीचर से पानी मांगा, लेकिन किसी ने पानी नहीं दिया। करीब 10 मिनट तक वह पानी मांगता रहा, फिर एकदम से शांत हो गया। एक टीचर ने भाई को हिलाया-डुलाया। जब वह कुछ नहीं बोला, तो टीचर भागकर बाहर गईं। मेरे घरवालों को फोन कर बुलाया। तुरंत मम्मी-पापा दीन दयाल जूनियर हाई स्कूल पहुंचे और भाई को अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पिता की शिकायत पर 2 महिला टीचर पर केस दर्ज किया गया है। घटना नैनी कोतवाली क्षेत्र की है। विस्तार से पढ़िए पूरा मामला स्कूल से कॉल आई, कहा- आपका बच्चा बेहोश हो गया
नैनी थाना क्षेत्र के महेवा पश्चिम पट्टी में रहने वाले किराना दुकानदार वीरेंद्र ने बताया कि मेरा साढ़े तीन साल का बेटा शिवाय नर्सरी में पढ़ता था। इसी स्कूल में उसकी बड़ी बहन पूर्वी कक्षा तीन और बड़ा भाई सुमित कक्षा दो में पढ़ते हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में छात्र की मां पूनम ने बताया- मैं गुरुवार सुबह साढ़े सात बजे शिवाय को स्कूल छोड़कर आई थी। करीब 9 बजे स्कूल से मेरे पति वीरेंद्र के पास एक मैडम का फोन आया। उन्होंने कहा- आपका बच्चा बेहोश हो गया है। यह सुनते ही मैं और मेरे पति भागकर स्कूल पहुंचे। वहां देखा कि बेटे के मुंह से खून आ रहा था। सिर के बाएं ओर चोट के निशान थे। हम लोग उसे चाका सीएचसी लेकर पहुंचे, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर वहां से एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया गया। हम लोग शिवाय को लेकर भागे, मगर रास्ते में ही उसकी जान निकल गई। चीख-चीखकर रोने लगे माता-पिता
बेटे की मौत होने से माता-पिता ट्रॉमा सेंटर में चीख-चीखकर रोने लगे। मौके पर मौजूद परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई को लेकर हंगामा किया। पुलिस ने माता-पिता को समझाकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया दिया। पिता वीरेंद्र की तहरीर पर दो टीचर आरती और शिवांगी के खिलाफ एग्रीकल्चर चौकी में तहरीर दी गई। इसके बाद दोनों महिला टीचर पर केस दर्ज किया गया। मां बोली- मेरा बेटा तड़प-तड़पकर प्यासा मर गया
मां पूनम ने बताया कि बेटे को जब छोड़ने जाती थी तो वह रोने लगता था। मैं उसके साथ एक-दो घंटे स्कूल में रुकती थी। जब मैं नहीं होती थी तो टीचर शिवाय को बडे़ भाई सुमित के पास क्लास में भेज देते थे। गुरुवार को शिवाय रो रहा था। तभी टीचर शिवांगी ने उसे चुप कराने का प्रयास किया। मगर वह चुप नहीं हुआ। वह उसे सुमित के पास लेकर गई। वहीं दूसरी टीचर आरती आ गई। बेटा जब चुप नहीं हुआ तो उसने शिवाय को पहले जोर से डांटा। फिर उसके गाल पर जोर से थप्पड़ मार दिया। मेरा बेटा प्यासा मर गया। वह पानी मांगता रहा, मगर टीचरों ने उसे पानी नहीं पिलाया। वह तड़प-तड़पकर बिना पानी के मर गया। भाई ने बताया- टीचर के थप्पड़ मारने से छोटा भाई गिर गया
शिवाय के बड़े भाई सुमित ने बताया कि जब छोटा भाई रो रहा था तो टीचर आरती ने उसे डांट दिया। फिर मैडम उसके गाल पर जोर से थप्पड़ मार दिया। वह जमीन गिर गया और रोते-रोते पानी मांगता रहा। मगर पानी नहीं दिया। इंस्पेक्टर नैनी बृज किशोर ने बताया, बच्चे के घरवालों से बातचीत कर शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया। दो डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। बिसरा सुरक्षित रखा गया है। मौत की वजह साफ नहीं है। परिवार ने दो टीचर के खिलाफ केस दर्ज कराया है। स्कूल में ताला लगा हुआ है। पूरा स्टाफ फरार है। शव को सीने से लगाए मां बेहोश हुई
गुरुवार दोपहर पुलिस जब मां की गोद से शव को लेने लगी तो उन्होंने बच्चे को सीने से चिपका लिया। मां रोते हुए बोली- मैंने सुबह ही बच्चे को दूध पिलाया। कलर बॉक्स उसके बैग में रखे। उसका लंच बॉक्स रखा। सुबह ही मैं स्कूटी से बच्चे को स्कूल छोड़ कर आई थी। मुझे क्या पता था कि मेरे कलेजे के टुकड़े के साथ ऐसा कुछ होगा। वह हमेशा के लिए मुझसे दूर हो जाएगा। रोते-रोते वह बेहोश होकर गिर पड़ीं। साथ की महिलाओं ने पानी के छीटें मारे, तब वह होश में आईं। स्कूल प्रबंधक बोले- परिजन गलत आरोप लगा रहे
दीन दयाल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक कृष्ण मोहन गुप्ता ने दैनिक भास्कर रिपोर्टर को फोन पर बताया- परिवार वालों के आरोप गलत हैं। बच्चा स्कूल में रोता रहता था। गुरुवार को भी वह रो रहा था। शांत न होने पर टीचर ने आरती मैडम को बुलाया। आरती उसे उसके भाई सुमित के क्लास रूम में लेकर गईं। बच्चा वहां पर अपने भाई से खींचातानी करने लगा। टीचर ने डांटकर उसे बेंच पर बैठाया। तभी वह बेंच से नीचे गिर गया। उसे अस्पताल लेकर गए, जहां उसकी मौत हो गई। स्कूल से कोई लेना-देना नहीं है। मैं घटना के वक्त नहीं था। मेरा सर गंगाराम अस्पताल दिल्ली में कैंसर का इलाज चल रहा है। इस मामले में आरोपी टीचर आरती ने कहा- मैंने बच्चे को मारा नहीं था। मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं। बच्चा रो रहा था, मुझे बुलाया गया था। मैंने बच्चे को डांटा जरूर था। उसके बाद वो स्टूल से गिरा और बेहोश हो गया। हम लोग उसे हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, मगर उसे बचा नहीं सके। …………………. ये खबर भी पढ़ें- कानपुर में डेंटिस्ट की जानलेवा क्लिनिक, 2 इंजीनियर की मौत:अनट्रेंड करते थे हेयर ट्रांसप्लांट, एक पेशेंट बोला- सिर पत्थर जैसा हुआ कानपुर में डेंटिस्ट डॉ. अनुष्का तिवारी से हेयर ट्रांसप्लांट कराने वाले 2 पेशेंट की मौत हो गई। पहली- पनकी पावर प्लांट के सहायक अभियंता विनीत दुबे की। दूसरी- फर्रुखाबाद के इंजीनियर मयंक कटियार की। पुलिस के एक्टिव होने के बाद महिला डॉक्टर ‘लापता’ हैं। शुरुआती छानबीन में हेयर ट्रांसप्लांट डेथ केस में 3 कॉमन पॉइंट मिले। पहला- ऑपरेशन के 24 घंटे के अंदर दोनों इंजीनियर की मौत हो गई। उनकी परिस्थितियां भी एक जैसी थीं। मतलब सिर में तेज दर्द, चेहरे पर सूजन, फिर तड़प-तड़पकर मौत। पढ़ें पूरी खबर प्रयागराज में टीचर के थप्पड़ मारने से नर्सरी के साढ़े 3 साल के बच्चे की मौत हो गई। उसी स्कूल में सेकेंड क्लास में पढ़ने वाले छात्र के भाई ने बताया- मेरा भाई रो रहा था। दो टीचर उसे मेरे क्लास में लेकर आईं और बेंच पर बैठा दिया। भाई ने रोना बंद नहीं किया तो एक टीचर ने उसके गाल पर थप्पड़ जड़ दिया। इससे भाई का सिर बेंच से टकरा गया। वह जमीन पर गिर गया। उसके मुंह और नाक से खून निकलने लगा। भाई ने टीचर से पानी मांगा, लेकिन किसी ने पानी नहीं दिया। करीब 10 मिनट तक वह पानी मांगता रहा, फिर एकदम से शांत हो गया। एक टीचर ने भाई को हिलाया-डुलाया। जब वह कुछ नहीं बोला, तो टीचर भागकर बाहर गईं। मेरे घरवालों को फोन कर बुलाया। तुरंत मम्मी-पापा दीन दयाल जूनियर हाई स्कूल पहुंचे और भाई को अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पिता की शिकायत पर 2 महिला टीचर पर केस दर्ज किया गया है। घटना नैनी कोतवाली क्षेत्र की है। विस्तार से पढ़िए पूरा मामला स्कूल से कॉल आई, कहा- आपका बच्चा बेहोश हो गया
नैनी थाना क्षेत्र के महेवा पश्चिम पट्टी में रहने वाले किराना दुकानदार वीरेंद्र ने बताया कि मेरा साढ़े तीन साल का बेटा शिवाय नर्सरी में पढ़ता था। इसी स्कूल में उसकी बड़ी बहन पूर्वी कक्षा तीन और बड़ा भाई सुमित कक्षा दो में पढ़ते हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में छात्र की मां पूनम ने बताया- मैं गुरुवार सुबह साढ़े सात बजे शिवाय को स्कूल छोड़कर आई थी। करीब 9 बजे स्कूल से मेरे पति वीरेंद्र के पास एक मैडम का फोन आया। उन्होंने कहा- आपका बच्चा बेहोश हो गया है। यह सुनते ही मैं और मेरे पति भागकर स्कूल पहुंचे। वहां देखा कि बेटे के मुंह से खून आ रहा था। सिर के बाएं ओर चोट के निशान थे। हम लोग उसे चाका सीएचसी लेकर पहुंचे, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर वहां से एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया गया। हम लोग शिवाय को लेकर भागे, मगर रास्ते में ही उसकी जान निकल गई। चीख-चीखकर रोने लगे माता-पिता
बेटे की मौत होने से माता-पिता ट्रॉमा सेंटर में चीख-चीखकर रोने लगे। मौके पर मौजूद परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई को लेकर हंगामा किया। पुलिस ने माता-पिता को समझाकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया दिया। पिता वीरेंद्र की तहरीर पर दो टीचर आरती और शिवांगी के खिलाफ एग्रीकल्चर चौकी में तहरीर दी गई। इसके बाद दोनों महिला टीचर पर केस दर्ज किया गया। मां बोली- मेरा बेटा तड़प-तड़पकर प्यासा मर गया
मां पूनम ने बताया कि बेटे को जब छोड़ने जाती थी तो वह रोने लगता था। मैं उसके साथ एक-दो घंटे स्कूल में रुकती थी। जब मैं नहीं होती थी तो टीचर शिवाय को बडे़ भाई सुमित के पास क्लास में भेज देते थे। गुरुवार को शिवाय रो रहा था। तभी टीचर शिवांगी ने उसे चुप कराने का प्रयास किया। मगर वह चुप नहीं हुआ। वह उसे सुमित के पास लेकर गई। वहीं दूसरी टीचर आरती आ गई। बेटा जब चुप नहीं हुआ तो उसने शिवाय को पहले जोर से डांटा। फिर उसके गाल पर जोर से थप्पड़ मार दिया। मेरा बेटा प्यासा मर गया। वह पानी मांगता रहा, मगर टीचरों ने उसे पानी नहीं पिलाया। वह तड़प-तड़पकर बिना पानी के मर गया। भाई ने बताया- टीचर के थप्पड़ मारने से छोटा भाई गिर गया
शिवाय के बड़े भाई सुमित ने बताया कि जब छोटा भाई रो रहा था तो टीचर आरती ने उसे डांट दिया। फिर मैडम उसके गाल पर जोर से थप्पड़ मार दिया। वह जमीन गिर गया और रोते-रोते पानी मांगता रहा। मगर पानी नहीं दिया। इंस्पेक्टर नैनी बृज किशोर ने बताया, बच्चे के घरवालों से बातचीत कर शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया। दो डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। बिसरा सुरक्षित रखा गया है। मौत की वजह साफ नहीं है। परिवार ने दो टीचर के खिलाफ केस दर्ज कराया है। स्कूल में ताला लगा हुआ है। पूरा स्टाफ फरार है। शव को सीने से लगाए मां बेहोश हुई
गुरुवार दोपहर पुलिस जब मां की गोद से शव को लेने लगी तो उन्होंने बच्चे को सीने से चिपका लिया। मां रोते हुए बोली- मैंने सुबह ही बच्चे को दूध पिलाया। कलर बॉक्स उसके बैग में रखे। उसका लंच बॉक्स रखा। सुबह ही मैं स्कूटी से बच्चे को स्कूल छोड़ कर आई थी। मुझे क्या पता था कि मेरे कलेजे के टुकड़े के साथ ऐसा कुछ होगा। वह हमेशा के लिए मुझसे दूर हो जाएगा। रोते-रोते वह बेहोश होकर गिर पड़ीं। साथ की महिलाओं ने पानी के छीटें मारे, तब वह होश में आईं। स्कूल प्रबंधक बोले- परिजन गलत आरोप लगा रहे
दीन दयाल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक कृष्ण मोहन गुप्ता ने दैनिक भास्कर रिपोर्टर को फोन पर बताया- परिवार वालों के आरोप गलत हैं। बच्चा स्कूल में रोता रहता था। गुरुवार को भी वह रो रहा था। शांत न होने पर टीचर ने आरती मैडम को बुलाया। आरती उसे उसके भाई सुमित के क्लास रूम में लेकर गईं। बच्चा वहां पर अपने भाई से खींचातानी करने लगा। टीचर ने डांटकर उसे बेंच पर बैठाया। तभी वह बेंच से नीचे गिर गया। उसे अस्पताल लेकर गए, जहां उसकी मौत हो गई। स्कूल से कोई लेना-देना नहीं है। मैं घटना के वक्त नहीं था। मेरा सर गंगाराम अस्पताल दिल्ली में कैंसर का इलाज चल रहा है। इस मामले में आरोपी टीचर आरती ने कहा- मैंने बच्चे को मारा नहीं था। मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं। बच्चा रो रहा था, मुझे बुलाया गया था। मैंने बच्चे को डांटा जरूर था। उसके बाद वो स्टूल से गिरा और बेहोश हो गया। हम लोग उसे हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, मगर उसे बचा नहीं सके। …………………. ये खबर भी पढ़ें- कानपुर में डेंटिस्ट की जानलेवा क्लिनिक, 2 इंजीनियर की मौत:अनट्रेंड करते थे हेयर ट्रांसप्लांट, एक पेशेंट बोला- सिर पत्थर जैसा हुआ कानपुर में डेंटिस्ट डॉ. अनुष्का तिवारी से हेयर ट्रांसप्लांट कराने वाले 2 पेशेंट की मौत हो गई। पहली- पनकी पावर प्लांट के सहायक अभियंता विनीत दुबे की। दूसरी- फर्रुखाबाद के इंजीनियर मयंक कटियार की। पुलिस के एक्टिव होने के बाद महिला डॉक्टर ‘लापता’ हैं। शुरुआती छानबीन में हेयर ट्रांसप्लांट डेथ केस में 3 कॉमन पॉइंट मिले। पहला- ऑपरेशन के 24 घंटे के अंदर दोनों इंजीनियर की मौत हो गई। उनकी परिस्थितियां भी एक जैसी थीं। मतलब सिर में तेज दर्द, चेहरे पर सूजन, फिर तड़प-तड़पकर मौत। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर