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बांके बिहारी मंदिर के रास्तों पर 20 फीट तक कब्जा:हाईकोर्ट को कहना पड़ा- अतिक्रमण हटाओ; व्यापारी बोले-अफसर ही दुकानें लगवा रहे
बांके बिहारी मंदिर के रास्तों पर 20 फीट तक कब्जा:हाईकोर्ट को कहना पड़ा- अतिक्रमण हटाओ; व्यापारी बोले-अफसर ही दुकानें लगवा रहे बांके बिहारी मंदिर के लिए जाने वाले रास्तों पर अतिक्रमण को हटाइए। मंदिर की तरफ कितने रास्ते जाते हैं? यह रिपोर्ट मथुरा जिला प्रशासन सब्मिट करें। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश 4 सितंबर को बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर मामले में दाखिल याचिका पर दिया। मथुरा प्रशासन ने रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने के लिए तैयार करना शुरू कर दिया है। हकीकत देखने के लिए दैनिक भास्कर टीम ग्राउंड जीरो यानी बांके बिहारी मंदिर के लिए जाने वाले रास्तों पर पहुंची। जो कुछ सामने आया, वो कुछ ऐसा था… स्लाइड में मंदिर तक आने वाले 4 रास्ते की लंबाई-चौड़ाई को समझिए… विद्यापीठ चौराहा रोड: दुकानों के 10 फिट आगे तक सामान रखा, फिर कस्टमर खड़े
अब अतिक्रमण की सही स्थिति को समझने के लिए हम बांके बिहारी मंदिर की तरफ जाने वाले मुख्य रास्ते यानी विद्यापीठ चौराहा से आगे बढ़े। यह रोड करीब 40 फिट चौड़ी है। मगर, यहां सड़क किनारे नालियों से 10 फीट आगे तक दुकानदारों ने अपना सामान लगा रखा है। इसके आगे दुकानों से समान खरीदने वाले लोग खड़े मिले। मतलब- रास्ता महज 20 से 25 फीट का रह जाता है। इसी संकरे रास्ते पर लोग चल रहे थे। इस चौराहे पर हरि निकुंज की तरफ से आने पर रेलिंग लगा रखी है, जिसकी वजह से 60 फीट चौड़ा रास्ता महज 40 फीट का रह गया है। रेलिंग के अंदर जैसे ही गेट के पास पहुंचेंगे, वहां एक बैंक ने पानी का ATM लगा दिया है, जो रास्ते को और कम करता है। थोड़ा आगे बढ़ने पर हमे लोहे का गेट मिला। आस-पास के दुकानदारों ने बताया- ये प्रशासन की तरफ से लगवाया गया था। दावा है कि भीड़ ज्यादा होने पर इस गेट को बंद करके भीड़ का दबाव कम किया जाता है। हकीकत सामने आई कि यहां तैनात पुलिसकर्मी इस गेट को सामान्य स्थिति में भी बंद ही रखते हैं। इसकी वजह से श्रद्धालुओं को दिक्कत हो रही थी। सड़क पर कोई कपड़े बेच रहा, कोई बैग
यहां से आगे बढ़ने के साथ ही फुटपाथ पर स्ट्रीट वेंडर कब्जा जमाए मिले। कोई सड़क पर ही भगवान की पोशाक बेच रहा है, कोई बैग तो कोई कपड़े। यानी फुटपाथ कहां है? यह नजर ही नहीं आ रहा था। सड़क पर जगह कम होने की एक और वजह समझ में आई। जयपुरिया अतिथि भवन के बाहर बिजली विभाग के 4 पैनल बॉक्स लगे दिखे। 2 ट्रांसफॉर्मर भी रखे हुए हैं। जहां रास्ता करीब 25 से 30 फीट है, वहां चौड़ाई काफी कम रह जाती है। इन बॉक्स के आगे रेहड़ी वाले खड़े हैं। जो तरह-तरह के सामान बेच रहे हैं। विद्यापीठ चौराहा से करीब 120 मीटर चलने पर बांके बिहारी पुलिस चौकी है। यहां एक रास्ता गौतम पाड़ा होकर आता है। चौकी से चंद कदम आगे रोड के बीच में अस्थाई डिवाइडर लगा दिए गए हैं। यह डिवाइडर बांके बिहारी मंदिर की मुख्य गली तक लगे हुए हैं। जिसकी वजह से यहां भीड़ का दबाव बना रहता है। अब हम संकरे रास्तों से होते हुए मंदिर तक पहुंच गए। यहां पर भीड़ मैनेजमेंट और जगह की उपलब्धता समझिए… दो गेट मंदिर में आने के लिए, दो बाहर जाने के लिए
बांके बिहारी मंदिर पहुंचने पर गेट नंबर 2 और 3 से अंदर जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई। यहां पुलिस और निजी सुरक्षा कर्मचारी श्रद्धालुओं को रोक-रोककर मंदिर में प्रवेश करवा रहे थे। जो भक्त अंदर जा रहे थे, वह गेट नंबर 1 और 4 से बाहर आ रहे थे। मंदिर में कितनी जगह है, हमने यह भी देखा बांके बिहारी मंदिर करीब 2000 वर्ग गज में बना हुआ है। यहां का अधिकांश हिस्सा प्रयोग में ही नहीं आ रहा। मंदिर के चबूतरे पर रेलिंग इस तरीके से लगाई गई हैं कि श्रद्धालु सीधे मंदिर के अंदर जाएं और गेट नंबर 1 से बाहर आएं। यहां करीब 60% हिस्सा खाली पड़ा हुआ है। यही हाल मंदिर के अंदर का है, जहां रेलिंग और गुल्लक इस तरह रखे हैं कि मंदिर का केवल 40 से 50% जगह ही श्रद्धालुओं के लिए प्रयोग आ रही है। बाकी जगह में गोस्वामी के बैठने की जगह बनी है या जगह खाली पड़ी है। व्यापारी क्या कहते हैं… अब पढ़िए की प्रयागराज हाईकोर्ट ने क्या कहा… इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूछा- वृंदावन जाने के कितने रास्ते, मथुरा में जांच कर रिपोर्ट दाखिल करें, बांके बिहारी मंदिर मार्ग का अतिक्रमण हटाएं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर मामले को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने वृंदावन से बांके बिहारी मंदिर जाने वाले सभी रास्ते से अवैध अतिक्रमण को हटाने का निर्देश दिया। कहा कि सभी रास्तों से अवैध निर्माण हटाने के बाद मथुरा से वृंदावन जाने के कितने रास्ते हैं, इसकी जांच कर रिपोर्ट दाखिल करें। पढ़िए पूरी खबर…
अमृतसर में रिटायर्ड SHO ने की आत्महत्या:पिस्टल से खुद को मारी गोली; कुछ समय से डिप्रेशन में था; कई मामलों में चल रही जांच
अमृतसर में रिटायर्ड SHO ने की आत्महत्या:पिस्टल से खुद को मारी गोली; कुछ समय से डिप्रेशन में था; कई मामलों में चल रही जांच अमृतसर में रिटायर्ड SHO ने खुद को अपनी सर्विस पिस्टल से गोली मार कर आत्महत्या कर ली। वह कुछ समय से डिप्रेशन में चल रहे थे। इसके अलावा उनके खिलाफ कई मामलों में जांच चल रही है। मृतक की पहचान सुखविंदर रंधावा के तौर पर हुई है। सुखविंदर सिंह रंधावा पिछले कुछ समय से डिप्रेशन में थे। उन्होंने अपने माथे पर गोली मारी है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने मीडिया से बनाई दूरी पुलिस ने मीडिया से इस मामले में पूरी तरह दूरी बना रखी है। सुखविंदर रंधावा लंबे समय से अमृतसर में हैं। उन्होंने स्पेशल टास्क फोर्स में लंबे समय तक काम किया। जिसका गठन पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया था। बेटा भी पुलिस में तैनात सुखविंदर सिंह रंधावा के दो बेटे हैं। जिसमें से एक बेटा अमनदीप सिंह सीआईए स्टाफ में तैनात है। रंधावा के खिलाफ कई मामलों में विभागीय जांच चल रही थी। जिसके कारण वो दिमागी परेशान था।
बहराइच हिंसा, नेपाल बॉर्डर पर सरफराज और तालीम का एनकाउंटर:दोनों के पैर में गोली लगी; रामगोपाल की हत्या के 5 आरोपी गिरफ्तार
बहराइच हिंसा, नेपाल बॉर्डर पर सरफराज और तालीम का एनकाउंटर:दोनों के पैर में गोली लगी; रामगोपाल की हत्या के 5 आरोपी गिरफ्तार बहराइच हिंसा मामले में एनकाउंटर हुआ है। राम गोपाल मिश्रा की हत्या के आरोपी रिंकू उर्फ सरफराज खान और मोहम्मद तालीम एनकाउंटर में बुरी तरह जख्मी हो गए। दोनों के पैर में गोली लगी है। पुलिस ने बताया कि आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे। दोनों का बहराइच मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। जब एनकाउंटर स्पॉट से पुलिसकर्मी सरफराज को ला रहे थे तो वह कह रहा था- सर गलती हो गई, माफ कर दीजिए। नेपाल बॉर्डर से पहले एनकाउंटर, 3 और गिरफ्तार
एनकाउंटर नेपाल बॉर्डर से 20 किमी पहले नानपारा कोतवाली क्षेत्र में हांडा बसेहरी नहर के पास हुआ। STF और बहराइच पुलिस सरफराज और तालीम को साथ लेकर डबल बैरल बंदूक और तमंचा बरामद कराने ले गई थी। एसपी वृंदा शुक्ला के मुताबिक, आरोपियों ने बंदूक और तमंचा लोडेड रखा था। उन लोगों ने पुलिस पर फायर कर दिया। पुलिस ने पहले उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा। बाद में जवाबी कार्रवाई में सरफराज और तालीम को गोली लगी। यूपी पुलिस ने गुरुवार को सरफराज के भाई फहीम, पिता अब्दुल हमीद और मोहम्मद अफजल को भी पकड़ा था। अब जानिए बहराइच हिंसा के बारे में…
बहराइच से करीब 40 किमी दूर महराजगंज बाजार में रविवार, 13 अक्टूबर की शाम 6 बजे दुर्गा प्रतिमा का जुलूस निकाला जा रहा था। जुलूस में शामिल लोग नाचते-गाते और जयकारा लगाते जा रहे थे। इसी दौरान कुछ युवकों ने डीजे बंद करने को कहा तो विवाद हो गया। थोड़ी देर में हिंसा भड़क गई। पथराव-आगजनी के साथ 20 राउंड से ज्यादा फायरिंग हुई। इसमें 22 साल के राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई। परिजन और ग्रामीणों ने मेडिकल कॉलेज के सामने शव रखकर प्रदर्शन किया। अगले दिन 14 अक्टूबर को भी दोपहर तक हिंसा होती रही। 50 से ज्यादा घरों और अस्पताल, शोरुम में आग लगा दी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ग्राउंड पर उतरे। पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया। तब हिंसा बंद हुई। पुलिस ने 11 एफआईआर दर्ज की हैं। राम गोपाल मिश्रा की हत्या में 6 नामजद और 4 अज्ञात आरोपी बनाए गए। हत्याकांड से जुड़े 6 आरोपी अब तक पकड़े गए हैं। हिंसा-आगजनी में 50 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। पल-पल की अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…